Benefits of eating soaked moong soybean and moth: जब कभी हमें भूख लगती है हम बाजार से कुछ तला हुआ, मसालेदार और अनहेल्दी ऑर्डर कर लेते हैं खा भी लेते हैं। बाजार में मिलने वाले बर्गर, पिज़्ज़ा, सैंडविच और डोनट खाने में तो टेस्टी लगते हैं, लेकिन स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक माने जाते हैं। लोग समझ नहीं पाते हैं कि आखिरकार छोटी-छोटी भूख को मिटाने के लिए हेल्दी ऑप्शन क्या है? Show
अगर आप भी ऐसी भूख के लिए हेल्दी खाने की तलाश कर रहे हैं तो भीगी हुई मूंग, मोठ और सोयाबीन को ट्राई कर सकते हैं। मूंग, मोठ और सोयाबीन पोषक तत्वों से भरपूर होती है जो हड्डियों को मजबूत बनाने, शारीरिक विकास और मानसिक विकास के लिए बेहतर मानी जाती है। इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं भीगी हुई मूंग, मोठ और सोयाबीन खाने के फायदे। मूंग, मोठ और सोयाबीन के पोषक तत्व - Nutrients of Moong, Moth and Soyabeanभीगी हुई या अंकुरित मूंग, मोठ और सोयाबीन में प्रचुर मात्रा में विटामिन ए, बी, सी, के, डी पाया जाता है। इसके अंकुरित मूंग, मोठ और सोयाबीन कैल्शियम, फास्फोरस, पोटेशियम, मैग्नीशियम, आयरन का भी अच्छा सोर्स माना जाता है। इन चीजों को भूख लगने पर खाने से शरीर की इम्यूनिटी स्ट्रांग बनती है। इसे भी पढ़ेंः बालों में लगाएं अंडे का पीला हिस्सा, रुकेगा हेयर फॉल और बढ़ेंगे बाल भीगी हुई मूंग, मोठ और सोयाबीन खाने के फायदेकब्ज से दिलाता है राहतमूंग, मोठ और सोयाबीन में फाइबर, पोटेशियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, आयरन पाया जाता है। फाइबर और पोटेशियम कब्ज से राहत दिलाने में मदद करता है। जिन लोगों को पाचन संबंधी समस्याएं होती हैं उन्हें भी अंकुरित मूंग खाने की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही फाइबर पेट को लंबे समय तक भरे हुए होने का एहसास करवाता है। वजन घटाने में मददगारजो लोग वजन घटाने के लिए प्लानिंग कर रहे हैं उनके लिए अंकुरित मूंग, मोठ और सोयाबीन काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। मूंग में मौजूद विटामिन बी6, प्रोटीन और सोयाबीन का फाइबर पेट को लंबे समय तक भरा हुआ होने का एहसास कराता है। पेट के लंबे समय तक भरे रहने से ओवरइटिंग की आदत बचा जा सकता है और वजन को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। इसे भी पढ़ेंः युवा महिलाओं में बढ़ते पीठ दर्द का कारण, बचाव और उपाय इम्यूनिटी को बढ़ाता है मजबूतअंकुरित मूंग, मोठ और सोयाबीन में प्रचुर मात्रा में विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं, जो इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद करती है। जो लोग मौसम में बदलाव, सर्दी या गर्मी में बार-बार बीमार पड़ते हैं उन्हें रोजाना खाली पेट अंकुरित मोठ, मूंग और सोयाबीन खाने की सलाह दी जाती है। मांसपेशियों को करता है मजबूतभीगी हुई मूंग, मोठ और सोयाबीन खाने से शरीर तो मिनरल्स प्रचुर मात्रा मिलते हैं, जिससे मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। नियमित तौर पर मूंग, मोठ और सोयाबीन खाने से मांसपेशियों का तनाव कम होता है और वो मजबूत बनती हैं। स्किन के लिए बेहतरचेहरे पर पिंपल्स, एक्ने और झुर्रियों की समस्या से राहत दिलाने में भी मूंग, मोठ और सोयाबीन काफी मदद कर सकता है। मूंग और मोठ में पाए जाने वाले पोषक तत्व शरीर के टिशू, सेल्स को बेहतर करने में मदद कर सकते हैं। सोया प्रोटीन और आइसोफ्लेवोंस से भरपूर डाइट महिलाओं में हड्डियों को कमजोर होने की ओस्टियोपोरोसिस के खतरे से बचा सकता है. एक अध्ययन में यह दावा किया गया है. इंग्लैंड के हुल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन के मुताबिक, सोयाबीन से बनी चीजों में आइसोफ्लेवोंस नामक रसायन होता है जो कि इस्ट्रोजन हार्मोन जैसा होता है और महिलाओं को ओस्टियोपोरोसिस के खतरे से बचा सकता है. अध्ययन के दौरान प्रारंभिक रजोनिवृत्ति की अवस्था वाली 200 महिलाओं को छह महीनों तक आइसोफ्लेवोंस सहित सोया प्रोटीन युक्त डाइट दी गई. उसके बाद शोधकर्ताओं ने महिलाओं के ब्लड में कुछ प्रोटीनों की जांच करके हड्डियों में हुए परिवर्तन का अध्ययन किया. शोधकर्ताओं ने पाया कि केवल सोया प्रोटीन लेने वाली महिलाओं की तुलना में आइसोफ्लेवोंस युक्त सोया आहार लेने वाली महिलाओं में हड्डियों के कमजोर होने की रफ्तार धीमी पड़ गई और उनमें ओस्टियोपोरोसिस का खतरा कम हो गया. केवल सोया लेने वाली महिलाओं की तुलना में आइसोफ्लेवोंस के साथ सोया लेने वाली महिलाओं में हृदय रोग का खतरा भी कम पाया गया. आइए जानें, सोयाबीन खाने के ये 5 और फायदे... 1. यदि आपको कोई मानसिक रोग है तो आप सोयाबीन को अपनी डाइट में शामिल करें. सोयाबीन मानसिक संतुलन को ठीक करके दिमाग को तेज करता है. 2. दिल के रोग होने पर सोयाबीन खाने की सलाह दी जाती है. आप ऐसे भी सोयाबिन खाना शुरू कर देंगे तो आपको दिल की बीमारियां नहीं होगी. 3. यदि आपको हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत रहती है तो रोजाना सोयाबीन खाएं. यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में सहायक होता है. 4. सोयाबीन में लेसीथिन पाया जाता है जो लीवर के लिए फायदेमंद है. 5. सोयाबीन की छाछ पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं. नोट: गर्भधारण करने वाली स्त्रियों को सोयाबीन का उपयोग डॉक्टर की सलाह ले कर ही करना चाहिए. सोयाबीन पानी में भिगोकर खाने से क्या होता है?...B SanEntrepreneur | Management | Consultant | Advisor1:31 चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। राजस्थान सोयाबीन पानी में भिगोकर खाने से क्या होता है देखें तो सोयाबीन है उस में प्रोटीन का लेबल उठाए रहता है बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है सोयाबीन में यदि आप पानी में भिगोकर सोयाबीन खाते हैं तो आपको इस लेवल पर वर्कआउट करना पड़ेगा कि आप उसको डाइजेस्ट कर पानी आली पानी में भिगो कर सकते हैं तो डाइजेस्ट होने में दिक्कत करेगा तो अगर आप सोयाबीन पानी में भिगोकर खाते हैं तो वैसा ही वर्कआउट कीजिए आपकी बॉडी इतनी हंगरी हो कि उस प्रोटीन को जूम कर पर ओके खाने में कोई इसमें दिक्कत नहीं है क्योंकि इसमें प्रोटीन का लेबल अत्यधिक मात्रा में होता है बहुत अच्छा सोचा होता है सब प्रोटीन का शो ह्यूमन बॉडी के लिए रिक्वायर्ड है तो आप सोयाबीन का तो खाने में प्रयोग करेंगे ठीक भीगे हुए सोयाबीन ओका उसको आपने तेजस करने के लिए उस लेवल का वर्कआउट करना थैंक यू Romanized Version 6 जवाब Vokal App bridges the knowledge gap in India in Indian languages by getting the best minds to answer 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सोयाबीन भिगोकर कैसे खाएं?सोयाबीन खाने का सही तरीका?. रात को सोने से पहले एक बर्तन में पानी लें.. उसमें 100 ग्राम सोयाबीन भिगो दें.. सुबह उठकर नाश्ते में आप इसका सेवन कर सकते हैं.. इसके अलावा आप सोयाबीन की सब्जी बनाकर भी खा सकते हैं.. खाली पेट सोयाबीन खाने से क्या होता है?सोयाबीन खाने से हड्डियां मजबूत होती है। यह एस्ट्रोजन हार्मोन (इसे फीमेल हार्मोन भी कहते है) और हड्डियों के सुरक्षा में भी सहायक होता है। सोयाबीन में फाइटोएस्ट्रोजेन्स (phytoestrogens) पाए जाते हैं, जो हड्डियों को कमजोर होने से बचा सकते हैं (3)।
चना और सोयाबीन भिगोकर खाने से क्या होता है?वजन बढ़ाने के लिए सोया,चने और दूध
चने में प्रोटीन और आयरन भरपूर मात्रा में होता है। फाइबर होने के कारण यह बॉडी की ग्रोथ करने में भी मददगार है। सोया प्रोटीन की कमी को पूरा करने का काम करता है। रोजाना इसका सेवन लाभकारी है।
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