kachra, lalitpur news - फोटो : demo Show ललितपुर। विश्व पर्यावरण दिवस से नगरीय इलाकों में रहने वाले परिवारों को सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग कूड़ेदान में रखना होगा। गीले कचरा के लिए कूड़ेदान का रंग हरा होगा तो सूखे कूड़ा के लिए नीले रंग का कूड़ेदान रखा जाएगा। नगर को साफ-सुथरा रखने के लिए यह नगर पालिका परिषद की यह अनूठी पहल मानी जा रही है। नगरवासियों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के मकसद से अमृत योजना चलाई जा रही है, जिसमें पार्कों का निर्माण, पेयजल व सड़कों का विस्तारीकरण शामिल है। अब अमृत नगरों में घरेलू कूड़ेे के स्रोत (घर) पर ही पृथक करने का निश्चय किया गया है, जिसके तहत प्रत्येक परिवार को हरे व नीले कूड़ादान में कचरा रखना होगा। प्लास्टिक, कांच, पन्नी आदि कचरा नीले कूड़ादान में एवं भोजन, सब्जी, फल के छिलके हरे कूड़ेदान में डालना होगा। नगर पालिका परिषद प्रत्येक परिवार को कूड़ेदान उपलब्ध कराएगी। इससे पहले नपा के अधिकारियों को भारत सरकार से केंद्रांश 35 प्रतिशत प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव भेजना होगा। इस संबंध में राज्य मिशन निदेशक राकेश कुमार मिश्र ने नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी को पत्र लिखा है। जिसमें कहा गया कि आवासीय स्तर पर ही घरेलू कूड़े को पृथक करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। उन्होंने एक सप्ताह के अंदर प्रगति का विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। तैयार नहीं नपा किए जा रहे प्रारंभिक प्रयास सूखे व गीले कचरे के लिए अलग-अलग कूड़ेदानजागरण संवाददाता, हापुड़ : नगर में रहने वाले परिवारों को सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग कूड़ेदान में र जागरण संवाददाता, हापुड़ : नगर में रहने वाले परिवारों को सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग कूड़ेदान में रखना होगा। गीले कचरा के लिए कूड़ेदान का रंग हरा होगा तो सूखे कूड़े के लिए नीले रंग का कूड़ेदान रखा जाएगा। नगर को साफ-सुथरा रखने के लिए यह नगर पालिका की एक अनूठी पहल होगी। इसके लिए पालिका कुछ लोगों को अमृत योजना के तहत डस्टबिन भी वितरित करेगी। शहर के लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के मकसद से अमृत योजना चलाई जा रही है। जिसमें पार्कों का निर्माण, पेयजल, सीवर व्यवस्था को दुरुस्त करने का काम चल रहा है तो बिजली की बचत के लिए भी अधिकारी काम कर रहे हैं। परंतु अब प्रत्येक परिवार को हरे व नीले कूड़ेदान में कचरा रखना होगा। प्लास्टिक, कांच, पन्नी आदि कचरा नीले कूड़ादान में तो भोजन, सब्जी, फल के छिलके हरे कूड़ेदान में डलवाएं जाएंगे। जिससे लोगों को इनमें अंतर समझ आ सके और लोग खाने पीने की चीजों को बर्बाद ना करें। क्योंकि खाने पीने की चीजों में प्लास्टिक, कांच आदि मिल जाता है और फिर पशु इन्हें भी खा लेते हैं। इसलिए इन वस्तुओं से बचाव जरूरी है। इस अभियान में कोई दिक्कत ना आए, इसके लिए पालिका कुछ परिवारों को कूड़ेदान उपलब्ध कराएगी। इससे लिए अधिकारी भारत सरकार को पत्र भी लिखने जा रहे हैं। वहीं, पालिका अधिकारियों का मानना है कि लोगों को अभी से ही इस ओर जागरूक करना होगा। इसलिए उपलब्ध स्त्रोत पर ही कूड़े को पृथक करने का प्रारंभिक प्रयास किया जा रहा है। क्योंकि अभी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की स्थापना नहीं हो पायी है, ऐसे में लोगों को कूड़े के महत्व और इसकी उपयोगिता को समझाना बेहद जरूरी है। कूड़े को भी हम किस प्रकार इस्तेमाल कर सकते हैं, यह लोगों को बताना होगा। लोगों को जागरूक करने के लिए नगर पालिका सभी कदम उठाएगी। संजय कुमार मिश्रा, अधिशासी अधिकारी Edited By: Jagran घर में जरूरी है कूड़ादानआमतौर पर घरों में कूड़ादान के नाम पर टूटी-फूटी बाल्टी या पुराना, गंदा सा डिब्बा रख दिया जाता है। आजकल जबकि घर के
इंटीरियर डेकोरेशन पर बहुत ध्यान दिया जा रहा है, घर की अन्य वस्तुओं की तरह इस पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। आजकल बाजार में एक से एक खूबसूरत डिजाइन एवं रंगों वाले कूड़ादान उपलब्ध हैं।
और भी पढ़ें :घर मे दो तरह का कूड़ेदान क्यों रखना चाहिए?नगर में रहने वाले परिवारों को सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग कूड़ेदान में रखना होगा। गीले कचरा के लिए कूड़ेदान का रंग हरा होगा तो सूखे कूड़े के लिए नीले रंग का कूड़ेदान रखा जाएगा। नगर को साफ-सुथरा रखने के लिए यह नगर पालिका की एक अनूठी पहल होगी।
अलग अलग रंगों के कूड़ेदान का उपयोग क्यों किया जाता है?कटे हुए मानव अंग, मांस के टुकड़े, मवाद और खून आदि की बदबू वातावरण को बुरी तरह से दूषित करती है। इसीलिए अब अस्पतालों में कचरा प्रबंधन करने के लिए अलग-अलग रंग के कचरे के डिब्बे इस्तेमाल किए जाते हैं।
घरों से निकलने वाला कूड़ा कितने प्रकार का होता है?सार्वजनिक स्थानों पर तीन तरह के डस्टबिन रखे होते है। 1- हरे डस्टबिन :- रसोई घर से निकलने वाला सभी तरह का गीला कचरा इसमें डालें।. हरा डस्टबिन. नीला डस्टबिन. लाल डस्टबिन. पीला डस्टबिन. काला डस्टबिन. हरे कूड़ेदान में क्या डालना चाहिए?Solution : पादप अपशिष्ट, कागज़, जंतु अपशिष्ट (विगलित होने वाले पदार्थ)।
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