Show घाटे का बजट क्या है? परिभाषा – यह सरकार के राजस्व और पूंजी खाते दोनों में सरकारी प्राप्तियों और सरकारी व्यय के बीच का अंतर है। सरल शब्दों में, जब सरकार का व्यय सरकार की आय से अधिक हो जाता है, तो हम इसे बजट घाटा कहते हैं। बजट घाटा जीडीपी के प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है। बजट घाटा हर साल सरकार पर कर्ज बढ़ाता है। जैसे-जैसे कर्ज बढ़ता है, यह घाटे को दो तरह से और बढ़ाता है, पहला सरकार को कर्ज पर ब्याज देना पड़ता है, दूसरा कर्ज ज्यादा होने पर सरकार को बांड के जरिए ज्यादा फंड जुटाने के लिए ज्यादा ब्याज देना पड़ता है। बजट घाटे के कारण (Causes of Budget Deficit in Hindi)बजट घाटे के कई कारण हो सकते हैं जैसे मंदी, महामारी, युद्ध और अन्य प्राकृतिक आपदाएँ। मंदी के दौरान कई लोगों की नौकरी चली जाती है, उत्पादों की बिक्री कम हो जाती है, सरकार को टैक्स कम मिलता है और अर्थव्यवस्था को मंदी से उबारने के लिए सरकार कर्ज लेकर ज्यादा खर्च करती है, जिससे बजट घाटा बढ़ जाता है।
बजट घाटे के प्रभाव
2- सरकार को धन उधार लेने के लिए उच्च ब्याज देना पड़ता है। 3- विश्व बैंक के अनुसार, जब किसी देश का जीडीपी के अनुपात में ऋण 77% या उससे अधिक होता है, तो जोखिम बढ़ जाता है। आसान शब्दों में कहें तो बजट घाटे से कर्ज बढ़ता है, कर्ज ज्यादा होने से उस देश की रेटिंग नीचे चली जाती है जिससे सरकार को फंड जुटाने के लिए ज्यादा ब्याज देना पड़ता है और उस देश पर से निवेशकों का भरोसा भी उठ जाता है। बजट घाटे को कैसे कम किया जा सकता है?टैक्स बढ़ाकर ही सरकार राजस्व बढ़ा सकती है। लेकिन कर वृद्धि मुश्किल है क्योंकि उच्च करों से निवेश प्रभावित होगा। इसलिए इसके दो ही उपाय है कि उन क्षेत्रों पर अधिक ध्यान दिया जाए जो अधिक रोजगार पैदा करते हैं और अनावश्यक खर्चों को कम किया जाए। दूसरा, कर प्रणाली को मजबूत करके कर चोरी को कम करना। 1. रेवेन्यू रिसीट (राजस्व प्राप्तियां)13742032. टैक्स रेवेन्यू11013723. नॉन-टैक्स रेवेन्यू2728314. कैपिटल रिसीट6009915. लोन की रिकवरी176306. अन्य रिसीट477437. उधारी और अन्य देनदारी5356188. कुल रिसीट (1+4)19751949. कुल खर्च (10+13)197519410. रेवेन्यू अकाउंट जिसमें से169058411. ब्याज भुगतान48071412. ग्रांट में कैपिटल एसेट बनाने के लिए एड16573313. ऑन कैपिटल अकाउंट28461014. राजस्व घाटा (10-1)31638115. राजकोषीय घाटा [9-(1+5+6)]53561816. प्राथमिक घाटा (15-11)54904
भारत का बजट आजादी के बाद से घाटे का ही पेश होता रहा है. आमतौर दुनियाभर के देश घाटे का बजट ही पेश करते हैं. दुनिया के बहुत नाममात्र के देश हैं, जिनका बजट घाटे की बजाए मुनाफे का होता है. 2022-23 के भारत के बजट में राजस्व घाटा जीडीपी का 6.4 फीसदी रहने का अनुमान है. 2021-22 में संशोधित राजस्व घाटा जीडीपी का 6.9% बताया गया है. भारत का पहला बजट सिर्फ साढ़े सात महीने 15 अगस्त 1947 से 31 मार्च 1948 तक के लिए पेश किया गया था. इसमें करीब 171 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा गया, जबकि अनुमानित खर्च करीब 197 करोड़ रुपये का था. क्या होता है ये लेकिन घाटे का क्यों आम आदमी पर क्या होता है असर और बाजार पर असर और ये वाला बाजार क्या कोई खतरा भी है घाटे के बजट से Tags: Budget, Finance minister Nirmala Sitharaman, Fiscal Deficit, Nirmala Sitaraman घाटे के बजट से आप क्या समझते हैं समझाइए?Solution : घाटे के बजट से अभिप्राय सरकार के कुल व्यय का कुल प्राप्तियों से अधिक होना। दूसरे शब्दों में, जब सरकार की राजस्व प्राप्तियाँ और पूँजी प्राप्तियों का जोड़ राजस्व व्यय और पूंजीगत व्यय के जोड़ से कम होता है तो उसे घाटे का बजट कहते हैं।
घाटे के बजट के उद्देश्य क्या हैं?(1) अर्थव्यवस्था में फैली मंदी को दूर करना, घाटे के बजट का मुख्य उद्देश्य होता है। (2) युद्धकालीन समय में युद्ध के लिए अतिरिक्त संसाधनों की व्यवस्था करना घाटे के बजट के उद्देश्यों में शामिल किया जाता है। (3) अल्पविकसित देशों में आर्थिक विकास करना। (4) अर्थव्यवस्था में अतिरेक एवं अप्रयुक्त संसाधनों को गतिशील बनाना।
घाटे से आप क्या समझते हैं?जब सरकार को किसी वित्त वर्ष में आमदनी कम हो और उसका खर्च अधिक हो तो इसे घाटा कहते हैं. इन्हें समझना बहुत आसान है.
बजटीय घाटा क्या है और इसके प्रकार?बजट घाटा (BUDGET DEFICIT) :
बजट घाटा कुल व्यय और राजस्व प्राप्तियों, ऋणों और अग्रिमों तथा अन्य गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियों की वसूली के बीच का अंतर होता है. सरल शब्दों में कहें तो जब सरकार का कुल खर्च कुल आमदनी से ज्यादा होता है तो इसे बजट घाटा कहते हैं. यह किसी देश की वित्तीय स्थिति को दर्शाता है.
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