पेट्रोल और डीजल ऐसी चीजें हैं, जिसके दाम लगातार बढ़ते ही रहते हैं। अगर कभी कम होते भी हैं, तो हमारी जेब पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ता। अक्सर लोग कहते हैं कि इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल यानी कच्चे तेल की कीमत कम हो रही हैं, तब भी हमारे देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम नहीं होतीं। आखिर क्या कारण है इसका? और कैसे आप तक पहुंचते-पहुंचते पेट्रोल-डीजल की कीमत 3 गुना बढ़ जाती है? इससे सरकारों को कितना फायदा होता है? आइए समझते हैं... Show
पहले बात, आप तक कैसे पहुंचता है पेट्रोल-डीजल
25 रुपये में 1 लीटर पेट्रोल मिलता है सरकार को, हम तक आते-आते 80 से ज्यादा का हो जाता है होता ये है कि सरकार विदेश से कच्चा तेल खरीदती है। ये कच्चा तेल सरकार बैरल में खरीदती है। एक बैरल यानी तकरीबन 159 लीटर। इस साल 16 नवंबर को दिल्ली में 1 लीटर पेट्रोल की कीमत थी 81.06 रुपए। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के हिसाब से 1 लीटर पेट्रोल की बेस प्राइस 25.37 रुपये थी। इसके बाद इसमें 32.98 रुपये एक्साइज ड्यूटी, 18.71 रुपये वैट, उसके बाद 3.64 रुपये पेट्रोल पंप के मालिक ने कमीशन बनाया और दूसरे टैक्स लगकर उसकी कीमत पहुंच गई 81 रुपये 6 पैसे। 1 लीटर डीजल भी 25 रुपये का होता है, आप तक आते-आते 70 से ज्यादा का हो जाता है अब जानते हैं आपके पैसे से कैसे कमाती हैं सरकार? केंद्र सरकारः एक्साइज ड्यूटी से वसूलती है सरकार केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमत पर एक्साइज ड्यूटी लगाती है। इसी साल मई में केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी को बढ़ाया था। इस समय एक लीटर पेट्रोल पर 32.98 रुपये और डीजल पर 31.83 रुपये एक्साइज ड्यूटी लगती है। जब मई 2014 में मोदी सरकार आई थी, तब एक लीटर पेट्रोल पर 9.48 रुपये और डीजल पर 3.56 रुपये एक्साइज ड्यूटी लगती थी। यही वजह है कि कच्चे तेल की कीमतें कम होने के बाद भी पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम नहीं होतीं। मई 2014 में मोदी सरकार आने के बाद से अब तक 16 बार एक्साइज ड्यूटी घट-बढ़ चुकी है। हालांकि, घटी सिर्फ 3 बार ही। ऐसा इसलिए भी, क्योंकि सरकार को इससे अच्छी-खासी कमाई भी होती है। पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल यानी PPAC के मुताबिक, इसी साल पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून के बीच सरकार ने पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी और अलग-अलग टैक्स के जरिए 49,914 करोड़ रुपये कमाई की है। ये कमाई और ज्यादा होती, अगर कोरोना नहीं आया होता और लॉकडाउन न लगा होता। राज्य सरकारें : वैट लगाकर कमाती हैं (2020-21 के आंकड़े पहली तिमाही के) (सोर्सः ppac.gov.in) केंद्र सरकार ने तो एक्साइज ड्यूटी और अलग-अलग टैक्स लगाकर कमा लिया। अब राज्य सरकारें भी वैट यानी वैल्यू एडेड टैक्स लगाकर आपसे कमाती हैं। केंद्र सरकार तो एक ही है, इसलिए पूरे देश में एक ही एक्साइज ड्यूटी लगेगी। लेकिन, राज्य अलग-अलग हैं, तो वैट का रेट भी अलग-अलग होता है। PPAC के मुताबिक, वैट, सेल्स और अलग-अलग टैक्स के जरिए राज्य सरकारों ने इस साल की पहली तिमाही में 29,812 करोड़ रुपये की कमाई की। पूरे देश में सबसे ज्यादा वैट तेलंगाना सरकार वसूलती है। यहां 35.20% टैक्स पेट्रोल पर और 27% वैट डीजल पर लगता है। उसके बाद तमिलनाडु और तीसरे नंबर पर मध्य प्रदेश सरकार है। पेट्रोल और डीजल कैसे बनते हैं? – आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको पेट्रोल और डीजल कैसे बनते है इसके बारे में बताने जा रहें है। जैसा की आप सभी जानते है पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छू रहें है। अगर ऐसा ही हाल रहा तो आने वाले समय में पेट्रोल खरीदने के लिए लोन लेना पड़ेगा। आजकल दुनिया में ऐसी बहुत सी मशीन प्रचलित है जो पेट्रोल और डीजल से चलती है। यहाँ हम आपको बताएंगे पेट्रोल और डीजल कैसे बनते है ? भारत में पेट्रोल कहाँ से आता है? पेट्रोल की खोज कैसे करते है ? इन सभी के विषय में हम आपको विस्तारपूर्वक जानकारी देंगे। How is petrol-diesel made in Hindi से जुडी अधिक जानकाई प्राप्त करने के लिए इस लेख को ध्यानपूर्वक अंत तक पढ़िए – one nation one ration card apply online | Download ration card पेट्रोल और डीजल कैसे बनते हैं?अगर आप भी जानना चाहते है कि भारत में पेट्रोल और डीजल कहाँ से आता है ? पेट्रोल और डीजल कैसे बनाए जाते है ? तो ये सभी जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको हमारे द्वारा बतायी गई जानकारी को पूरा पढ़ना होगा। आगे दी गई जानकारी में आपको पेट्रोल और डीजल कैसे बनते है इसके बारे में सम्पूर्ण सूचना दी गई है। Contents hide 1 पेट्रोल और डीजल कैसे बनते हैं? 1.1 How is petrol-diesel made in Hindi 2022 Highlights 1.2 पेट्रोलियम क्या है ? 1.3 डीजल क्या है ? 2 दुनिया के तेल उत्पादक देशों की सूची 2.1 पेट्रोल की खोज कैसे होती है ? 2.2 भारत में पेट्रोल कहाँ से आता है ? 3 भारत में पेट्रोलियम संसाधन कौन से है ? 3.1 भारत में प्रमुख तेल क्षेत्र 3.1.1 Petrol-diesel made in Hindi 2022 से सम्बन्धित कुछ प्रश्न और उत्तर पेट्रोल और डीजल कैसे बनते हैं?सबसे पहले जमीन के नीचे या समुद्र की सतह से पेट्रोलियम निकाला जाता है। जानकारी के लिए बता दें पेट्रोलियम पेट्रोल नहीं होता है। बल्कि पेट्रोलियम में कई चीजे पायी जाती है। पेट्रोलियम का डिस्टिलेशन करने के बाद उसमें से सभी चीजों को अलग-अलग कर लिया जाता है जिसमें – पेट्रोल, डीजल, केरोसीन आदि पाया जाता है। इस प्रकार कहा जा सकता है की पेट्रोल और डीजल जमीन या समद्र की निचली सतह से प्राप्त किया जाता है। How is petrol-diesel made in Hindi 2022 Highlightsउम्मीदवार ध्यान दें यहाँ हम आपको पेट्रोल और डीजल कैसे बनते है ? से सम्बंधित आपको कुछ विशेष जानकारी देने जा रहें है। जिनके बारे में आप नीचे दी गई सारणी के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर सकते है। ये सारणी निम्न प्रकार है – आर्टिकल का नामपेट्रोल और डीजल कैसे बनते हैं?साल2022देश का नामभारतप्रधानमंत्रीनरेन्द्र मोदीकैटेगरीपेट्रोल और डीजलपेट्रोल और डीजलपेट्रोलियम क्या है ?जानकारी के लिए बता दें पेट्रोलियम एक जीवाश्म ईंधन है जो हजारो साल पहले मरे हुए जीव-जन्तुओ, पेड़-पौधों के जमीन के नीचे दबने और उनके ऑक्सीकरण होने से जो जमीन खोदने पर जमीन से जो द्रव्य प्राप्त होता है वह पेट्रोलियम होता है। इसे जलाने पर ऊर्जा की प्राप्ति होती है। पेट्रोलियम एक खनिज तेल है। पेट्रोलियम से पेट्रोल, डीजल और केरोसिन जैसी कई सारी चीजे बनाई जाती है। पेट्रोलियम जमीन के नीचे और समुद्र के नीचे दोनों जगह पाया जाता है लेकिन यह केवल कुछ ख़ास स्थानों पर ही पाया जाता है। डीजल क्या है ?डीजल भी एक प्रकार का ईंधन तेल है। डीजल की आवश्यकता इंजन युक्त मशीनों के लिए होती है। डीजल भी पेट्रोलियम से ही बनाया जाता है। जैसे कि अभी हमने आपको बताया पेट्रोलियम जमीन के नीचे और समुद्र के नीचे दोनों जगह पाया जाता है लेकिन यह केवल कुछ ख़ास स्थानों पर ही पाया जाता है। इस पेट्रोलियम को रिफाइनरी प्रोसेस से इसमें से कई चीजे निकाली जाती है जिसमें से डीजल भी एक है। दुनिया के तेल उत्पादक देशों की सूचीउम्मीदवार ध्यान दें क्या आप भी जानना चाहते है दुनिया के तेल उत्पादक देश कौन-कौन से है। यहाँ हम आपको तेल उत्पादक देशों के नाम नीचे दी गई सूची के माध्यम से बताने जा रहें है। तेल उत्पादक देशों की सूची निम्न प्रकार है –
पेट्रोल की खोज कैसे होती है ?हजारो साल पहले जो जीव जंतु जमीन के नीचे दबकर ऑक्सीजन की कमी से गलने लगी और और वह गलने के बाद पेट्रोलियम में परिवर्तित हो गई। जानकारी के लिए पेट्रोलियम को क्रुएड आयल या कच्चा तेल भी कहा जाता है। लेकिन पेट्रोलियम पेटोल नहीं है बल्कि पेट्रोलियम से पेट्रोल, डीजल और केरोसीन कई सारी चीजे बनाई जाती है। पेट्रोलियम जमीन के नीचे और समुद्र के नीचे दोनों जगह पाया जाता है लेकिन यह केवल कुछ ख़ास स्थानों पर ही पाया जाता है। समुद्र के नीचे से पेट्रोलियम निकालने के लिए फॉसिल फ्यूल रेडिएटर मशीन को धरती के एक स्पेशिफिक स्थान पर ले जाते है जहां से पेट्रोलियम निकालना होता है और इसके बाद इसे समुद्री चट्टानों से स्टील के तारो के द्वारा बाँध दिया जाता है। ताकि यह प्लेटफार्म यहां वहां न हिले। और इस प्लेटफॉर्म पर बहुत बड़ी ड्रिलिंग या बोरिंग मशीन लगा देते है। इसी की मदद से समुद्र की सतह तब तक तक ड्रिलिंग या बोरिंग किया जाता है जब तक की पेट्रोलियम प्राप्त नहीं हो जाता है। जैसे ही पेट्रोलियम मिल जाता है तो पेट्रोलियम मिलने के बाद उसमे पाइप का सिस्टम फिट कर दिया जाता है। जिसकी मदद से पेट्रोलियम एकत्रित किया जाता है जमीन से पेट्रोलियम निकालने के लिए भी यही प्रक्रिया अपनाई जाती है। पेट्रोलियम प्राप्त करने के बाद इसमें से डीजल और पेट्रोल निकालने के लिए पेट्रोलियम को रेफाइनरी में भेजा जाता है और इसका डिस्टिलेशन किया जाता है। डिस्टिलेशन करके पेट्रोलियम में से पेट्रोल और डीजल अलग-अलग किया जाता है। पेट्रोलियम का डिस्टिलेशन करने के लिए पेट्रोलियम को बड़े बड़े कॉलम में भर लिया जाता है। इस कॉलम में अलग-अलग चैम्बर होते है जिनमे अलग-अलग चीजों को इकट्ठा किया जाता है ताकि कोई भी चीज आपस में मिक्स न हो जाए। उसके बाद इस कॉलम को नीचे से गर्म किया जाता है। इसके बाद अलग-अलग चीजों की भाप निकलना शुरू हो जाती है। जिसका बोइलिंग पॉइंट कम होता है उसकी भाप पहले निकलती है। पेट्रोल का बोइलिंग पॉइंट कम होता है इसलिए पेट्रोल की भाप पहले निकलती है। उसके बाद इन्हें अलग-अलग चैम्बर्स में इकठ्ठा कर लिया जाता है। इस प्रक्रिया को फ्रॅक्शनल डिस्टिलेशन कहा जाता है। इसके बाद इन सभी चीजों को अलग-अलग टैंक में भर लिया जाता है और पंप पर भेज दिया जाता है। भारत में पेट्रोल कहाँ से आता है ?जानकारी के लिए बता दें भारत में पेट्रोल अलग-अलग देश से मंगवाया जाता है। क्योंकि भारत में प्राकृतिक संसाधनों का भण्डार काफी सीमित है लेकिन आवश्यकता अधिक है। इसलिए पेट्रोल की आवश्यकता पूरी करने के लिए भारत दुनिया के दर्जनों देशों से कच्चे तेल का आयात करता है। भारत अधिकतर देशों से कच्चा तेल खरीदता है। कच्चे तेल से ही पेट्रोल, डीजल। केरोसीन और अन्य ईंधन तैयार किये जाते है। 2018 के आंकड़ों के अनुसार भारत ने सबसे अधिक कच्चा तेल ईराक से आयात किया था। इससे चार साल पहले भारत को सबसे अधिक कच्चा तेल निर्यात करने में सऊदी अरब हुआ करता था। साल 2018-19 में भारत ने सबसे अधिक कच्चा तेल चीन से खरीदा है। भारत में पेट्रोलियम संसाधन कौन से है ?यहाँ हम आपको बताएंगे भारत में पेट्रोलियम संसाधन कौन- से है। कहाँ से भारत को पेट्रोलियम प्राप्त होता है। इसके बारे में हम आपको नीचे दिए गए पॉइंट्स के माध्यम से जानकारी देने जा रहें है। इन जानकारियों को आप नीचे दिए गए पॉइंट्स के माध्यम से प्राप्त कर सकते है। जानिए भारत में पेट्रोलियम के संसाधन कौन-से है –
भारत में प्रमुख तेल क्षेत्रउम्मीदवार ध्यान दें जानकारी के लिए बता दें भारत में केवल चार प्रमुख तेल क्षेत्र है। जिनके बारे में हम आपको नीचे दिए गए पॉइंट्स के माध्यम से बताने जा रहें है। जानिए भारत के प्रमुख तेल क्षेत्र कौन से है –
Petrol-diesel made in Hindi 2022 से सम्बन्धित कुछ प्रश्न और उत्तरपेट्रोलियम क्या है ? पेट्रोलियम (Petroleum) एक जीवाश्म ईंधन है जो हजारो साल पहले मरे हुए जीव-जन्तुओ, पेड़-पौधों के जमीन के नीचे दबने और उनके ऑक्सीकरण होने से जो जमीन खोदने पर जमीन से जो द्रव्य प्राप्त होता है वह पेट्रोलियम होता है। इसे जलाने पर ऊर्जा की प्राप्ति होती है। पेट्रोलियम एक खनिज तेल है। पेट्रोलियम से पेट्रोल, डीजल और केरोसिन जैसी कई सारी चीजे बनाई जाती है। डीजल क्या है ? डीजल भी एक प्रकार का ईंधन तेल है। डीजल की आवश्यकता इंजन युक्त मशीनों के लिए होती है। साल 2018-19 में भारत ने सबसे अधिक कच्चा तेल किस देश से खरीदा है ? साल 2018-19 में भारत ने सबसे अधिक कच्चा तेल चीन से खरीदा है। भारत में पेट्रोल कहाँ से आता है ? अलग-अलग देशों से भारत में कच्चा तेल मंगवाया जाता है जैसे -ईराक, चीन, अमेरिका नाइजीरिया और साउदी अरब। उसके बाद कच्चे तेल से रिफाइनरी प्रोसेस के बाद पेट्रोल तैयार किया जाता है। पेट्रोलियम कहाँ पाया जाता है ? पेट्रोलियम जमीन के नीचे और समुद्र के नीचे दोनों जगह पाया जाता है लेकिन यह केवल कुछ ख़ास स्थानों पर ही पाया जाता है। भारत में कौन-कौन से तेल क्षेत्र है ? भारत में केवल चार प्रमुख तेल क्षेत्र है। जिनके नाम – असम या ब्रह्मपुत्र घाटी तेल क्षेत्र, पश्चिमी अपतटीय क्षेत्र, पूर्वी अपतटीय तेल क्षेत्र, गुजरात तट तेल क्षेत्र है। जैसे की इस लेख में हमने आपसे पेट्रोल और डीजल कैसे बनता है ? और भारत में पेट्रोल कहाँ से आता है ? से सम्बंधित जानकारी साझा की है। अगर आपको हमारे द्वारा दी गई इन जानकारियों के अलावा अन्य कोई भी जानकारी चाहिए तो आप नीचे दिए गए कमेंट सेक्शन में जाकर मैसेज करके पूछ सकते है। आपके सभी प्रश्नों के उत्तर अवश्य दिए जाएंगे। आशा करते है आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी से सहायता मिलेगी। भारत में पेट्रोल कैसे आता है?भारत में पेट्रोल कहाँ से आता है ? अलग-अलग देशों से भारत में कच्चा तेल मंगवाया जाता है जैसे -ईराक, चीन, अमेरिका नाइजीरिया और साउदी अरब। उसके बाद कच्चे तेल से रिफाइनरी प्रोसेस के बाद पेट्रोल तैयार किया जाता है।
पेट्रोल कहां से आता है कैसे आता है?भारत में कच्चा तेल मुख्यतः चार देश – इराक, संयुक्त राज्य अमेरिका, नाइजीरिया और सऊदी अरबिया से आता है. भारत में पहुंचने के बाद refiners द्वारा कच्चे तेल से पेट्रोल तैयार किया जाता है.
पेट्रोल कैसे निकलती है?पेट्रोलियम के कुएं होते है इनमे से कच्चा तेल यानी कि क्रूड ऑयल निकाला जाता है। इस तेल में पेट्रोल, नैपथ, कैरोसिन, डीज़ल, मोम, पिच जैसी चीजें होती हैं। इसके बाद इस कच्चे तेल यानी कि क्रूड ऑयल को साफ करने के लिए कारखानों में लाया जाता है जिन्हें पेट्रोल रिफ़ाइनरीज़ (Petrol Refineries) कहा जाता हैं।
कच्चे तेल से पेट्रोल कैसे बनता है?जैसे कि कच्चे तेल को 260 डिग्री सेल्सियस तापमान पर उबाला जाता है तो उससे डीजल मिलता है। जबकि 180 डिग्री सेल्सियस में हमें मिट्टी का तेल यानि केरोसीन प्राप्त होता है और 110 डिग्री सेल्सियस में हमें पेट्रोल प्राप्त होता है जो आज के समय में हमारे लिये बहुत जरूरी है।
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