4. बुंदेली - बुंदेलखंड में बोली जाने के कारण इसे बुंदेली बोली की संज्ञा दी गयी हैं इसके प्रयोग क्षेत्र में झांसी, छतरपुर ग्वालियर, भोपाल, जालौन का भाग आता है। इसमें और ब्रज बोली में पर्याप्त समानता है। Show
By admin- 0 13081 हिंदी भाषा की उपभाषाएँ एवं बोलियाँहिंदी भाषा का विकास शौरसेनी, मागधी और अर्धमागधी अपभ्रंशों से पाँच उपभाषाओं- पश्चिमी हिंदी, पहाड़ी, राजस्थानी, बिहारी और पूर्वी हिंदी के रूप में हुआ है। इन उपभाषाओं से विभिन्न बोलियाँ विकसित हुईं। अमूमन यह प्रश्न पूछ लिया जाता है की हिंदी की उपभाषाएँ कितनी है? आपका सीधा उत्तर होना चाहिए की hindi ki 5 upabhaashaen हैं। भाषा वैज्ञानिक दृष्टि से जार्ज ग्रियर्सन ने केवल पश्चिमी हिंदी और पूर्वी हिंदी को ही हिंदी के अन्तर्गत माना है। इस दृष्टि से विचार करने पर हिंदी आठ बोलियों का समूह है- ब्रजभाषा, कन्नौजी, बुन्देली हरियाणवी, खड़ी बोली, अवधी, बघेली और छत्तीसगढ़ी। सुनीति कुमार चटर्जी ने भी पहाड़ी भाषाओं को छोड़ दिया है, उसे हिंदी की बोलियाँ नहीं मानते। वहीं दूसरे भाषा वैज्ञानिक धीरेन्द्र वर्मा ने पहाड़ी भाषाओं को भी हिंदी की बोलियों के अंतर्गत माना है। प्रायः एक प्रश्न पूछा जाता है की हिंदी भाषा की कितनी बोलियाँ हैं? या हिंदी भाषा में बोलियों की संख्या कितनी है? इसका सर्वमान्य उत्तर यह है की हिंदी की बोलियों की संख्या सत्रह मानी जाती है, परन्तु कुछ विद्वान इसकी संख्या अठारह अथवा उन्नीस मानते हैं। एक बात और आपको ध्यान रखना है की किस उपभाषा (hindi ki upabhaashaen) के अंतर्गत कौन-कौन सी बोली आती है? जैसे पूर्वी हिंदी की बोलियाँ कौन-कौन हैं?, पश्चिमी हिंदी की बोलियाँ कौन-कौन हैं?, राजस्थानी हिंदी की बोलियाँ कौन-कौन हैं? या बिहारी हिंदी की बोलियाँ कौन-कौन हैं? इस तरह के प्रश्न पूछे जाते रहते हैं। पश्चिमी हिंदी की बोलियों के अंतर्गत- हरियाणी, खड़ी बोली, ब्रजभाषा, बुन्देली, कन्नौजी, निमाड़ी आती हैं। राजस्थानी हिंदी की बोलियों के अंतर्गत- मारवाड़ी, जयपुरी, मेवाती, मालवी आती हैं। पहाड़ी हिंदी की बोलियों के अंतर्गत- पश्चिमी पहाड़ी (नेपाली), मध्यवर्ती पहाड़ी (कुमाऊँनी और गढ़वाली) आती हैं। बिहारी हिंदी की बोलियों के अंतर्गत- भोजपुरी, मगही, मैथिली आती हैं। पूर्वी हिंदी हिंदी की बोलियों के अंतर्गत- अवधी, बघेली, छत्तीसगढ़ी आती हैं।आइए अपभ्रंश और हिंदी की उपभाषाओं से विकसित बोलियों को चार्ट के रूप में देखते हैं- अपभ्रंशउपभाषाबोलियाँशौरसेनीपश्चिमी हिंदी1. हरियाणी, 2. खड़ी बोली, 3. ब्रजभाषा, 4. बुन्देली, 5. कन्नौजी, 6. निमाड़ीराजस्थानी1. मारवाड़ी, 2. जयपुरी, 3. मेवाती, 4. मालवीपहाड़ी1. पश्चिमी पहाड़ी (नेपाली), 2. मध्यवर्ती पहाड़ी (कुमाऊँनी- गढ़वाली)मागधीबिहारी1. भोजपुरी, 2. मगही, 3. मैथिलीअर्धमागधीपूर्वी हिंदी1. अवधी, 2. बघेली, 3. छत्तीसगढ़ीहिंदी की उपभाषा और बोलियाँयहाँ पर हिंदी की उपभाषाओं से विकसित बोलियों को संक्षेप में दिया गया है यदि आप विस्तार से इन बोलियों के बारे में पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गये लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं-
हिंदी भाषा की बोलियों के अन्य नाम एवं उसकी उपबोलियाँहिंदी भाषा की बोलियों के कई नाम प्रचलन में हैं जिसे यहाँ एक साथ दिया गया है, ताकि याद करने में सहूलियत हो। जिस प्रकार हिंदी की उपभाषाओँ से कई बोलिओं का विकास हुआ उसी तरह इन बोलियों से कई उपबोलियों का विकास होता है। यहाँ पर हिंदी के बोलियों के अन्य नाम और उनकी उपबोलियों को आप यहाँ पढ़ सकते हैं। हिंदी भाषा की बोलियों के अन्य नाम एवं उसकी उपबोलियाँ निम्नांकित हैं- हिंदी की प्रमुख बोलियों के नामकरण कर्ताआपने उपर देखा होगा की हिंदी की बोलियों के लिए कई नाम प्रचलित हैं। यहाँ पर उन बोलियों के नामों की सूची दी गई है जिसे विशिष्ट विद्वानों ने दिए हैं। हिंदी की प्रमुख बोलियों के नामकरण कर्ता निम्नलिखित हैं- बोलीनामकरण कर्ताकौरवीराहुल सांकृत्यायनब्रजबुलीईश्वरचन्द्र गुप्तराजस्थानीग्रियर्सनडिंगलबाँकीदासबिहारीग्रियर्सनभोजपुरीरेमण्डमैथिलीकोलबुकहिंदी बोलियों के नामकरण कर्ताहिंदी की प्रमुख बोलियों का क्षेत्रहिंदी की बोलियों का अपना-अपना क्षेत्र हैं, प्रत्येक बोली विशेष क्षेत्र में ही बोली जाती हैं। हिन्दी भाषी क्षेत्र, हिन्दी क्षेत्र या हिन्दी पट्टी क्षेत्र पश्चिम में अम्बाला (हरियाणा) से लेकर पूर्व में पूर्णिया (बिहार) तक तथा उत्तर में बद्रीनाथ–केदारनाथ (उत्तराखंड) से लेकर दक्षिण में खंडवा (मध्य प्रदेश) तक बोली जाती है। इसे ही हिन्दी भाषी क्षेत्र या हिन्दी क्षेत्र के नाम से जाना जाता है। इस क्षेत्र के अंतर्गत 9 राज्य क्रमशः उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हरियाणा व हिमाचल प्रदेश तथा 1 केन्द्र शासित प्रदेश (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) दिल्ली आता है। यहाँ पर हिंदी की बोलियों का क्षेत्रवार विवरण दिया जा रहा है। हिंदी की प्रमुख बोलियों का क्षेत्र निम्नलिखित है- बोलीक्षेत्रहरियाणीकरनाल, रोहतक, पानीपत, कुरुक्षेत्र, जींद, हिसार, दिल्ली का देहाती भागखड़ी बोलीबिजनौर, रामपुर, मुरादाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, दिल्ली, गाजियाबादब्रजभाषामथुरा, आगरा, अलीगढ़, बरेली, बदायूँ, हाथरस, एटा, मैनपुरी, गुड़गाँव, भरतपुर, धौलपुर, करौलीकन्नौजीफर्रुखाबाद, इटावा, हरदोई, पीलीभीत, शाहजहाँपुर, कानपुरबुंदेलीझाँसी, उरई, जालौन, हमीरपुर, बाँदा, सागर, ओरछा, दतिया, होशंगाबाद, नृसिंहपुर, सिवनी, ग्वालियर, दमोह, जबलपुरअवधीअयोध्या, लखीमपुर खीरी, बहराइच, गोंडा, बाराबंकी, लखनऊ, सीतापुर, बस्ती, हरदोई, उन्नाव, फैजाबाद, सुल्तानपुर, रायबरेली, फतेहपुर, इलाहाबाद, प्रतापगढ़बघेलीरीवाँ, दमोह, शहडोल, सतना, मैहर, नागौर कोठी, जबलपुर, मण्डला, मिर्जापुर, बालाघाट, बाँदा, फतेहपुर, हमीरपुरछत्तीसगढ़ीरायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, संभलपुर, कांकेर, नंदगाँव, कोरबा, खैरागढ़, चुइखदान, कवर्धा, सुरगुजा, बालाघाट, सारंगढ़, जशपुर, बस्तरभोजपुरीभोजपुर, शाहाबाद, सारन, छपरा- चम्पारण, रांची, जशपुर, पलामू, मुजफ्फरपुर जौनपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, गोरखपुर, देवरिया, गाजीपुर, बलिया, वाराणसीमगहीगया, पटना, हजारीबाग, मुंगेर, पालामाऊ, भागलपुर, रांची, सारनमैथिलीपूर्वी चम्पारण, मुजफ्फरपुर, उत्तरी मुंगेर, उत्तरी भागलपुर, दरभंगा, पूर्णिया के कुछ भाग, नेपाल- रौताहट, सरलारी, सप्तरी, मोहतरी, मोरंगमारवाड़ीमारवाड़, मेवाड़, जोधपुर, अजमेर, किशनगढ़, मेवाड जैसलमेर, बीकानेरजयपुरीजयपुर, किशनगढ़, इंदौर, अलवर, अजमेर, मेरवाड़ामेवातीमेवात, अलवर, भारतपुर, हरियाणा, गुड़गाँवमालवीइंदौर, उज्जैन, देवास, रतलाम, भोपाल, होशंगाबाद, प्रतापगढ़पश्चिमी पहाड़ी (नेपाली)शिमला, मण्डी, चम्बा, जौनसार, सिरमौरकुमायूँनीकुमायूँ, नैनीताल, अल्मोड़ा, रानीखेत, पिथौड़गढ़, चमोली, उत्तर-काशी गढ़वालीटिहरी, अल्मोड़ा, देहरादून, उत्तरकाशी, बदरीनाथ, श्रीनगर (गढ़वाल)दक्खिनीदक्षिण भारत (बीजापुर, गोलकुण्डा, अहमद नगर, हैदराबाद)हिंदी बोली क्षेत्रयदि आप हिंदी की बोलियों का क्षेत्र विस्तार से जानना चाहते हैं तो नीचे दिए गये लिंक जाएँ- हिंदी की प्रमुख बोलियों का भौगोलिक क्षेत्र हिंदी की प्रमुख बोलियों की विशिष्टताहिंदी की बोलियों की कुछ अपनी विशिष्टता है जो उन्हें एक दूसरे से अलग करती है, उनकी अपनी अलग पहचान निर्धारित करती है। यहाँ पर उन्हीं विशिष्टताओं की चर्चा की गई है। जैसे आकार, ओकार, इकार या उदासीन बाहुल कौन-कौन सी बोलियाँ है? या ट वर्ग प्रधान कौन-सी बोली है? हिंदी की प्रमुख बोलियों की विशिष्टता निम्नलिखित है- हिंदी को कितने उपभाषा में बांटा गया है?इसका सही उत्तर '5' है। भाषावैज्ञानिकों ने हिंदी भाषा को 5 उपभाषाओं में बॉंटा है। हिंदी की उपभाषाएँ - राजस्थानी, पश्चिमी हिंदी, पूर्वी हिंदी, बिहारी और पहाड़ी।
हिंदी भाषा की कितनी भाषाएं हैं?हिन्दी भाषा में 18 बोलियाँ है। सही विकल्प '18' है। संविधान कि आठवीं अनुसूची में कुल 22 भाषाएँ सम्मिलित हैं।
हिंदी भाषा के विकास क्रम को कितने भागों में बांटा गया है?हिन्दी भारोपीय परिवार की आधुनिक काल की प्रमुख भाषाओं में से एक है। भारतीय आर्य भाषाओं का विकास क्रम इस प्रकार है:- संस्कृत >> पालि >> प्राकृत >> अपभ्रंश >> हिन्दी व अन्य आधुनिक भारतीय आर्य भाषाएँ !
उपभाषा से क्या अभिप्राय है किन्हीं चार उपभाषाओं के नाम लिखिए?उपभाषा किसी भाषा के ऐसे विशेष रूप को बोलते हैं जिसे उस भाषा के बोलने वाले लोगों में एक भिन्न समुदाय प्रयोग करता हो। अक्सर 'उपभाषा' किसी भाषा के क्षेत्रीय प्रकारों को कहा जाता है, उदाहरण के लिए छत्तीसगढ़ी, अवधी, हरयाणवी, मारवाड़ी, ब्रजभाषा और खड़ीबोली हिन्दी की कुछ क्षेत्रीय उपभाषाएँ हैं।
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