PDF डाउनलोड करें। Show PDF डाउनलोड करें। हमारे शरीर के आंतरिक अंगों को अपनी जगह पर थामे रखने वाले मसल-वाल (muscle wall), मेम्ब्रेन (membrane) या टिशू जब कहीं से कमजोर हो जाते हैं या उनमें कहीं छेद हो जाता है तो उसे हर्निया कहते हैं। एक बार जब कमजोर हिस्सा या छेद बड़ा हो जाता है तो आंतरिक अंग का कोई हिस्सा बाहर की ओर निकलने लगता है। इस तरह हर्निया एक ऐसे थैले जैसा होता है जिसमे एक छोटा छेद हो जाता है और जिसके कारण थैले के अंदर की चीजें जैसे खाना, डिब्बे आदि बाहर निकलने लगते हैं। चूंकि हर्निया कई कारणों से हो सकता है इसलिए उसकी जांच कैसे की जाये यह जानना महत्वपूर्ण हो जाता ताकि आगे हो सकने वाले जटिलताओं से बचा जा सके। (hernia ke baare me jane, hernia ki jaanch kaise kare)
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विकीहाउ के बारे मेंसभी लेखकों को यह पृष्ठ बनाने के लिए धन्यवाद दें जो १,१४,२७७ बार पढ़ा गया है। यह लेख ने कैसे आपकी मदद की?हर्निया पता कैसे लगाएं?दर्द होने पर तो जाना ही पड़ेगा लेकिन दर्द आमतौर पर बाद की स्टेज में होता है और तब तक स्थिति खराब होने लगती है। - आमतौर पर डॉक्टर फिजिकल जांच से ही पता लगा लेते हैं। मांस का एक लोथड़ा बाहर निकलता है और फिर अंदर जाता है। खांसी आने पर यह महसूस होता है।
हर्निया का दर्द कहाँ होता है?हार्निया की समस्या तब होती है जब शरीर का कोई हिस्सा अपनी जगह से बाहर निकल आता है। हार्निया के लक्षणों में वजन उठाते हुए दर्द का अनुभव, पेट में भारीपन, चक्कर और कब्ज आदि शामिल हैं। कई बार हार्निया के लक्षण महसूस हो भी सकते हैं और नहीं भी हो सकते हैं, जिसमें हल्के से तीव्र दर्द तक शामिल है।
हर्निया का कौन सा टेस्ट होता है?लक्षणों की जांच जहां दर्द हो रहा हो वहाँ सूजन को देखें। सूजन आम तौर पर उस एरिया, जैसे कि जांघ, ऐब्डामेन या ग्रोइन, के सतह पर होता है। आमतौर पर हर्निया का उभार बिना दर्द के होता है जबकि सूजन में दर्द हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता है।
हर्निया होने का मुख्य कारण क्या है?देहगुहा चमड़े की झिल्ली से ढकी रहती है। इन गुहाओं की झिल्लियाँ कभी-कभी फट जाती हैं और अंग का कुछ भाग बाहर निकल आता है। ऐसी विकृति को हर्निया (Hernia) कहते हैं।
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