हिन्दू धर्म के अनुसार जन्मदिन मनाने का सही और उचित तरीका | Right way to celebrate birthday according to hindunism in hindi | Janmdin Kaise Manaye जन्मदिन पर ज्यादातर लोग तारीख को याद रखते हैं कि हम इस दिन पैदा हुए. थोड़े बहुत लोग इससे आगे जाकर उनको याद कर लेते हैं जिनके कारण पैदा हुए, यानी अपने माता-पिता के प्रति आभारी होना. पर बहुत कम लोग ऐसे
हैं जो अपने जन्मदिन पर एक और बात याद रखते होंगे. दरअसल हमें पैदा किया है परमात्मा ने और केवल उन्होंने जन्म दिया है ऐसा नहीं है. उस दिन हमारे भीतर परमात्मा भी पैदा हुआ. इस बात को अपने हर जन्मदिन पर जरूर याद रखें. हमारे साथ वह भी उतरा है इस संसार में. गंगा की लहरों को देखते हुए हम महसूस कर सकते हैं कि पानी और लहर अलग-अलग हैं, लेकिन फिर भी दोनों एक हैं. ऐसे ही हम और परमात्मा हैं. भीतर के परमात्मा से परिचित होने के लिए हमें बाहर एक सुविधा दी गई है जिसका नाम है प्रकृति. बाहर जितना हम
प्रकृति से परिचित होंगे, भीतर हमें परमात्मा से मिलने में उतनी ही सुविधा होगी. यह शरीर पंच तत्वों से बना है. आज अग्नि तत्व की बात करें. हमारी संस्कृति में यज्ञ का विधान इसीलिए है कि समूचे जीवन को यज्ञमय बना दें. इसका अर्थ है अनुशासनमय जीवन. यज्ञ में जब समिधा डाली जाती है तो अग्नि अपने व्यवहार में पूरी तरह से निष्पक्ष रहती है. यज्ञ से गुजरकर हम प्रकृति के प्रति अत्यधिक अनुशासित हो जाएंगे और यहीं से हम परमात्मा के सही स्वरूप को जान सकेंगे. गौतमबुद्ध ने यही कहा था कि जिस दिन मैं आध्यात्मिक
अनुशासन से भीतर उतरा उसी दिन मुझे पता लगा कि दृष्टि निर्मल हो चुकी है. अब परमात्मा दिख नहीं रहा, अनुभव हो रहा है और इस अनुभव का नाम समाधि है. तो वापस अच्छी तरह समझ लें अपने जन्मदिन पर हमारे भीतर, हमारे साथ जिसने जन्म लिया है उसकी अनुभूति का सुंदर अवसर गंवाए न. भीतर उतरने की एक सीढ़ी ऐसी भी है जरा मुस्कराइए….
Hindu parampara ke anusar janma din kaise manaye । हिन्दू जन्मदिन कैसे मनायेहिन्दू परंपरा के अनुसार जन्म दिन कैसे मनायें ? आजकल जन्मदिन मनाना फैशन हो गया है भलेही उसको जन्म तिथि याद न हो लेकिन डेट ऑफ बर्थ इंग्लिश वाली याद रहती है। अगर कोई पूछे तुम्हरा जन्म दिन कौन सा है तो फट से जवाब मिलता है मेरा जन्म दिन मार्च महीने के 17 तारिक को है वगेरा-वगेरा। उसीसे यदि पुछलिया जाये आपका जन्म तिथि कौन सा है ? जवाब मिलेगा मुझे पता नही । हम लोग वेस्टर्न सभ्यता में इतने डूब गये है कि हमे अपना कल्चर याद नहीं, हिन्दू होकर हिन्दू धर्म को भूल जाना सबसे बड़ी लज्जा की बात है। अरे अब तो जाग जाओ अब भी नही संभलोगे तो आने वाली पीढ़ी का क्या होगा! आपकी जानकारी के लिये बतादूँ सनातन धर्म मे बताई हरेक बात सत्य है इसमें कोई शंका नही होनी चाहिये पहले सनातन धर्म को पहचानो भगवत गीता को रोज पढ़ा करो , संतो के संग करो पहले खुद धार्मिक बनने का प्रयास करो फिर आपको सारे प्रश्नों के उत्तर मिल जाएँगे। मुझे माफ करना दोस्तों में भटक गया था आजका हमारा विषय है हिन्दू परंपरा के अनुसार जन्म दिन कैसे मनायें( hindu parampara ke anusar janma din kaise manaye ) बहुत काटलिया बरथड़े का केक बहुत मोमबत्तिया बुझाई बहुत इनविटेशन दिया अपने फ्रेंड को , ढेर सारा गिफ्ट मिलगया अब बहुत हुआ । बिरथड़े में दोस्तों को बुलाकर मोमबत्तिया बुझाया ये बताने के लिये की आजतक जीवन मे अंधेरा ही छाया रहा अब आने वाला जीवन अंधकार में ही बीतेगा। क्या इसीको हैप्पी बर्थडे कहा जाता है ? हिन्दू परंपरा के अनुसार जन्म दिन कैसे मनाये । hindu parampara k anusar happy birthday kaise manayeहिन्दू धर्म के अनुसार जन्म दिन मनाना सबसे आसान और सरल है इसमें ज्यादा कुछ नही करना पड़ता और खर्चा भी ना के बराबर है। सबसे पहले जन्म दिन के दिन सुबह नाहा धोकर भगवान की पूजा करे जो आप रोज करते हो फिर अपने माँ बाप बढ़े भाई बहन से अपने गुरु से आशीर्वाद लो , एक पंडित जी को बुलाकर घर मे अष्टचिरंजीवी की पूजा कराये। जन्म दिन में अष्टचिरंजीवी की पूजा क्यों करते है । janma din me sath chiranjiwi ki puja kyu karte hai हमे जिस व्यक्ति से प्रेरणा मिलती है हम उसको जीवन मे कभी नही भुलते हर परिथिति में हम उनका सम्मान करते है ठीक इसी प्रकार से ये अष्ट चिरंजीवी (8 महापुरुष) भी हमारे मार्गदर्शक है हमे इनके जैसा बनना है इसलिये जन्म दिन में इन्ही अष्टचिरंजीवी की पूजा होती । इनके नाम इस प्रकार हैं- अश्वत्थामा बलिव्र्यासो हनूमांश्च विभीषण: कृपा परशुरामश्च सप्तएतै चिरजीविन: सप्तैतान् संस्मरेन्नित्यं मार्कण्डेयमथाष्टमम् जीवेद्वर्षशतं सोपि सर्वव्याधिविवर्जित।
जन्म दिन में कैसे करे अष्टचिरंजीवीयों की पूजा । janma din me kaise kare asth chiranjiwiyo ki pujaइस कार्य के लिये आपको एक पंडित जी को बुलाना पड़ेगा घर मे मन्त्रों का उच्चारण होगा मंत्रो के उच्चारण से घर पवित्र हो जायेगा अगर आपके घर मे कोई वास्तु दोष होगा भी तो वो खत्म होगा, भाई भाई में प्यार बढेगा , सास बहू में झगड़ा नही होगा । अब बताइये जन्म दिन में सिर्फ एक छोटी सी पूजा करने से इतने सारे फायदे होते है तो क्या आप पूजा नही करोगे । हम यहाँ पर अष्टचिरंजीवी की पूजा कैसे करे बता रहे है । Hindu parampara ke anusar janma din manane ka aasan tarika । हिन्दू परमपरा में जन्म दिन किसे मनाये
जन्म दिन में आपको ये सारे कार्य करना होगा स्नानसङ्कल्पः( सुबह नहाते समय अपने नाम और गोत्र का उच्चारण करते हुए ये 👇बोले) अद्येहेत्याधुच्चार्य अमुकगोत्रोऽमुकराशिरमुकशाहं आयुरभिवृद्धये संवत्सरावच्छिन्न सुखप्राप्तिकामस्तिलकल्कीमिश्रिततिलोदकेन स्नानं करिष्ये । नवीनवस्त्रधारणम्- ॐ (नहाने के बाद नया कपड़ा पहनते समय ये👇 मंत्र बोले) परिधास्यैयशोधास्यै दीर्घायुत्वायजरदष्टिरस्मि । शतंचजीवामिशरदः पुरूचीरायस्पोषम भिसंळ्ययिष्ये ।। प्रधानसङ्कल्पः (जन्म दिन में बोला जाने वाला सङ्कल्पः) अद्येहेत्यादि अमुकगोत्रोऽमुकराशिरमुकशाहं मम जन्मदिवसे वर्षवृद्धौ जन्मोत्सवकर्मणि दीर्घायुरारोग्यैश्वर्योदयाद्यभिवृद्ध्यर्थं दीपकलशगणेशपूजनपूर्वकं मार्कण्डेयाद्यष्टचिरजीविनां महाषष्टिकायाश्च यथासंपादितोपचारैः पूजनमहं करिष्ये । सङ्कल्पः करने के बाद दीपक जलाकर उसकी पूजा करे ,कलश की पूजा करे भगवान गणेश की पूजा करे। फिर एक थाली में चंदन से अष्टदल बनाकर उसमें अष्ट चिरंजीवियों की पूजा करे। जानकारी के लिये उपर वाली फोटो देखे अष्टदल में इस प्रकार से पूजा करे
Hindu parampara ke anusar janma din kaise manaye पुरे अष्टदल में निचे दिये गये नाम बोलकर चन्दन अक्षत फूल प्रसाद चढ़ाये
पोटलीधारण - आधा मीटर पिले वस्त्र में सरसों ,दुर्बा ,मौली ,जौ,तिल आदि सामग्री डालकर निचे दिये गये शोलोक को पढकर भुजा में बाधे मार्कण्डेय महाभाग सप्तकल्पान्तजीविन। आयुरारोग्यसिद्ध्यर्थं प्रसीद भगवन् मुने । चिरञ्जीवी यथा त्वं भो भविष्याम तथा मुने । रूपवान्वित्तवाश्चैव श्रिया युक्तश्च सर्वदा ।। चिरञ्जीवी यथा त्वं तु मुनीनां प्रवरो द्विज । कुरुष्व मुनिशार्दूल तथा मां चिरजीविनम् । निचे दिये गये शोलोक को पढकर षष्ठीकादेवी की प्राथना करे जय देवि जगन्मात र्जगदानन्दकारिणि । प्रसीद मम कल्याणि महाषष्टि मनोऽस्तुते । रूपं देहि यशो देहि भद्रं भवति देहि मे । त्रैलोक्ये यानि भूतानि स्थावराणि चराणि च । ब्रह्मविष्णुशिवैः साद्धं रक्षां कुर्वन्तु तानि मे ।। अंत में जन्म दिन जिसका हो उसको पंचामृत का पाच बार निचे दिये गये शोलोक को पढ़ते हुये पान कराये सतिलगुडसम्मिश्रमजल्यर्द्धमिदं पयः मार्कण्डेयाद्वरं लब्ध्वा पिबाम्यायुर्विवृद्धये ।। इतना सब करने के बाद ब्राह्मण को उचित दक्षिणा देकर भोजन प्रसाद कराकर विदा कराये एसे मनाया जाता हैं हिन्दू परंपरा के अनुसार जन्म दिन सभी से निवेदन अपना जन्म दिन सनातन परंपरा के अनुसार ही मनाये आपका पूरा साल खुशियों से भर जायेगा । सम्बंधित पोस्ट Tag-Hindu parampara ke anusar janma din kaise manaye,sanatan dharma ke anusar janma din kaise manaye,Hindu dharma ke anusar janmadin manane ka tarika,janma din kaise manaye,happybirthday kaise manaye, हिन्दू जन्मदिन कैसे मनाएं?हिंदू धर्म में प्रत्येक कृति आनंद प्राप्ति के लिए की जाती है।. जन्मदिन पर अभ्यंग स्नान कर नए वस्त्र पहनें- जन्मदिन पर अभ्यंग स्नान वस्त्र पहने हुए ही करें। ... . जिसका जन्मदिन है उसकी आरती उतारें। ... . भेंट वस्तु स्वीकारते समय यह ईश्वर से मिला हुआ प्रसाद है ऐसा भाव रखें - जिसका जन्मदिन है,उसे कुछ भेंट वस्तु देनी चाहिए।. जन्मदिन पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए?देवी-देवताओं का रहता है आशीर्वाद
जन्मदिन के दिन सुबह अपने ईष्ट देवी-देवताओं, गुरू और अपने माता-पिता के चरण स्पर्श करना चाहिए। ऐसा करने से आप देवी-देवताओं का आशीर्वाद बना रहता है। साथ ही भगवान को भोग भी जरूर लगाएं और नाखून काटने और शेविंग से बचना चाहिए।
जन्मदिन कैसे मनाएं जाते हैं?जन्मदिन मनाने का ये तरीका सरासर गलत है. आपको धार्मिक तरीके से इस दिन को मनाना चाहिए. जन्मदिन मनाने का एक शुभ मुहर्त भी होता है जिसे ध्यान में रखना जरुरी है. (6) जन्मदिन के दिन खुद को तैयार करें – अगर आपके घर में किसी का जन्मदिन है तो परिवार के सभी सदस्य सुबह सुबह ही नहा धोकर नए कपडें पहनें.
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