व्यक्ति क्या सोचकर दूसरों को अपनी व्यथा सुनाता है? - vyakti kya sochakar doosaron ko apanee vyatha sunaata hai?

विषयसूची

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  • 1 अपेक्षा और उपेक्षा का क्या अर्थ है *?
  • 2 उपेक्षा और अपेक्षा शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए?
  • 3 इच्छा और अपेक्षा में क्या अंतर है?
  • 4 अपेक्षा शब्द का क्या अर्थ होता है?
  • 5 अपेक्षा का विलोम शब्द क्या है?
  • 6 उपेक्षा का पर्यायवाची शब्द क्या है?
  • 7 व्यक्ति क्या सोचकर अपनी व्यथा पीड़ा दूसरों को सुनाता है?
  • 8 अपेक्षा का विलोम शब्द क्या होगा?

अपेक्षा और उपेक्षा का क्या अर्थ है *?

इसे सुनेंरोकेंअपेक्षा का मतलब तुलना करना जैसे -बस के अपेक्षा मेट्रो कम समय लेती हैं। उपेक्षा का मतलब हम किसी का निरादर / तिरस्कार कर रे हैं जैसे -किसी के गलती पर उसकी उपेक्षा हो री हैं। उपेक्षा– तिरष्कार , ध्यान न देना , नजरअंदाज करना।

उपेक्षा और अपेक्षा शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंExplanation: इसी प्रकार दिए गए शब्दों अपेक्षा का अर्थ “इच्छा, आवश्यकता, तुलना में” आदि होता है वही उपेक्षा का अर्थ निरादर होता है हिंदी भाषा में, ऐसे शब्द जिनका उच्चारण प्रायः समान होता हैं लेकिन उनके अर्थो में बहुत अधिक भिन्नता होती है को हम ‘युग्म शब्द’ के नाम से जानते है।

उपेक्षा का क्या अभिप्राय है?

इसे सुनेंरोकेंकिसी को अयोग्य या तुच्छ समझकर अथवा उसे नीचा दिखाने के लिए उसकी ओर ध्यान न देना। उचित ध्यान न देना। आदर या सम्मान न करना।

अपेक्षा उपेक्षा का सही श्रुतिसमभिन्नार्थक विकल्प कौन सा है?

इसे सुनेंरोकेंअपेक्षा और उपेक्षा दोनों शब्द श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द हैं। अपेक्षा का मतलब है इच्छा। उपेक्षा का मतलब है निरादर ,बेइज्जती।

इच्छा और अपेक्षा में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंअपेक्षा का अर्थ है इच्छा रखना । उपेक्षा का अर्थ है नफरत करना । अपेक्षा का मतलब उम्मीद करना है और उपेक्षा का इगनोर करना ध्यान न देना है। दोनो विलोम शब्द हैं।

अपेक्षा शब्द का क्या अर्थ होता है?

अपेक्षा उपेक्षा सही श्रुतिसमभिन्नार्थक कौन सा है?

विकिपीडिया:समरूप भिन्नार्थक शब्द

समरुप पहला शब्दपहले शब्द का अर्थसमरूप दूसरा शब्द
प्रसाद भगवान का भोग प्रासाद
सर तालाब शर
अन्न अनाज अन्यव
अपेक्षा उम्मीद उपेक्षा

हमें किसकी उपेक्षा नहीं करना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंहम जीवन की वास्तविकताओं की और उपेक्षा नहीं कर सकते, क्योंकि वही सच है। अगर इसकी उपेक्षा करते हैं तो खुदको ही धोखे में रख रहे हैं और एक अपने द्वारा बनाई एक झूठी खूबसूरत काल्पनिक दुनिया में जीते रहते हैं लेकिन एक दिन जब वास्तविकता से सामना होता है, तो वो वो सारा भ्रम चकनाचूर हो जाता है और हमें बहुत तकलीफ होती है।

अपेक्षा का विलोम शब्द क्या है?

इसे सुनेंरोकें’अपेक्षा’ का विलोम शब्द उपेक्षा होता है.

उपेक्षा का पर्यायवाची शब्द क्या है?

इसे सुनेंरोकेंउपेक्षा का पर्यायवाची अवहेलना, उपहास है.

उपेक्षा का उपसर्ग क्या है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर – अपेक्षा में ‘अप’ उपसर्ग है।

शिष्य कैसे रोकने के लिए खड़ा रहा?

शिष्य किसे रोकने के लिए खड़ा रहा? शिष्य प्यास से व्याकुल था, इसलिए वह किसी गाँववासी से पानी प्राप्त करने के लिए खड़ा रहा।…

  • पोटली
  • असभ्य
  • सुबह
  • अधीर
  • सिर
  • विश्राम।

व्यक्ति क्या सोचकर अपनी व्यथा पीड़ा दूसरों को सुनाता है?

इसे सुनेंरोकेंव्यक्ति क्या सोचकर अपनी व्यथा (पीड़ा) दूसरों को सुनाता है? कि लोग उस पर दया दिखाएँगे। 25. रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय।

अपेक्षा का विलोम शब्द क्या होगा?

अपेक्षा का विशेषण रूप क्या है?

इसे सुनेंरोकें’अपेक्षा’ का विशेषण रूप ‘अपेक्षित’ है।

MCQ’s For All Chapters – Sparsh Class 9th

1. मनुष्य धन के लिए क्या करता है?

अपने सम्मान को महत्त्व देता है

अपना सब कुछ दाँव पर लगा देता है

किसी की बात नहीं सुनताकिसी की बात नहीं सुनता

धन को ही तुच्छ समझने लगता है।

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Question 1 of 27

2. रहीम ने पशु और मनुष्य में से किसे अच्छा माना है?

मनुष्य को

पशु को

न मनुष्य को न पशु को

दोनों को ही

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Question 2 of 27

3. बिगड़ी बात क्या करने पर भी नहीं बनती?

लाख प्रयत्न करने पर भी

निवेदन करने पर भी

पूरा प्रयास करने पर भी

उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।

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Question 3 of 27

4. फटे दूध से क्या नहीं निकलता?

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Question 4 of 27

5. रहिमन देख बड़ेन ……… तरवारि। इस दोहे में किसका महत्त्व बताया गया है?

तलवार का

सुई का

छोटी से छोटी वस्तु का भी महत्त्व है

बड़ी वस्तु का ही महत्त्व है।

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Question 5 of 27

6. छोटी से छोटी वस्तु का भी अपना महत्त्व है रहीम ने किस उदाहरण द्वारा यह बात सिद्ध की है?

कमल और कीचड़ के

समुद्र और तालाब के

सुई और तलवार के

सुई और धागे के

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Question 6 of 27

7. विपत्ति में व्यक्ति का कौन सहायक होता है?

उसकी सम्पत्ति

उसके परिवार वाले

उसके मित्र

उसके रिश्तेदार

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Question 7 of 27

8. कमल की रक्षा कब होती है?

जब सूर्य निकले

जब नदी में बाढ़ आए

जब वर्षा हो

जब तालाब में पानी हो

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Question 8 of 27

9. बुरे समय के लिए हमें क्या करना चाहिए?

मित्रों पर भरोसा करना चाहिए

परिवार वालों को साथ लेकर चलना चाहिए

किसी की परवाह नहीं करनी चाहिए

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Question 9 of 27

10. रहिमन पानी राखिए ……… दोहे के आधार पर निम्न में से पानी का कौन-सा अर्थ नहीं है?

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Question 10 of 27

11. ‘पानी’ के न रहने पर इनमें से कौन नहीं उबरता?

चून

मोती

मनुष्य

उपर्युक्त सभी

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Question 11 of 27

12. पशु प्रसन्न होकर क्या कर देता है?

अपना शरीर दे देता है

भाग जाता है

मनुष्य पर उपकार करता है

इधर-उधर घूमता है।

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Question 12 of 27

13. लोग समुद्र की बड़ाई क्यों नहीं करते?

समुद्र का जल खारा होता है

समुद्र किसी की प्यास नहीं बुझा सकता

समुद्र को पार करना मुश्किल है

‘क’ और ‘ख’ कथन सत्य हैं।

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Question 13 of 27

14. कीचड़ के जल की क्या विशेषता है?

उसमें कमल खिलता है

उनके जीव जंतु उस जल से प्यास बुझाते हैं

किसान उस जल से खेत को सींचता है

वह जल पवित्र होता है

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Question 14 of 27

15. दोहे की महत्ता सिद्ध करने के लिए रहीम ने किसका उदाहरण दिया है?

नृत्यांगना का

समुद्र का

जल का

कुंडलीमार कर बैठे नट का।

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Question 15 of 27

16. दोहा अर्थ के आधार पर कैसा होता है?

बहुत अर्थवान

थोड़े अर्थ वाला

संकुचित अर्थ वाला

नीरस

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Question 16 of 27

17. रहीम के अनुसार दोहा देखने मे कैसा होता है?

अधिक शब्दों वाला

थोड़े शब्दों वाला

बहुत विशाल

बहुत लघु।

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18. अवध नरेश श्री राम चित्रकूट क्यों गए?

चित्रकूट अच्छा स्थान था

वे चित्रकूट में घर बनाना चाहते थे

चौदह वर्ष के वनवास के कारण वे वहाँ रहे

वे वहाँ अपनी राजधानी बनाना चाहते थे।

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Question 18 of 27

19. जिस पर विपदा आती है वह व्यक्ति कहाँ आता है?

अयोध्या

पंचमढ़ी

पंचवटी

चित्रकूट

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Question 19 of 27

20. ‘गाँठ पड़ना’ मुहावरे का अर्थ है?

मन में प्रेम बढ़ जाना

मन में भेद आ जाना

मन मजबूत हो जाना

मन स्वार्थी हो जाना

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21. एक बार प्रेम संबंध टूटने पर क्या होता है?

फिर रिश्ते पहले जैसे नहीं होते

रिश्ते पहले जैसे हो जाते हैं

रिश्तों में और प्रगाढ़ता आती है

रिश्ते कटु हो जाते हैं।

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22. प्रेम के संबंध को किस प्रकार निभाना चाहिए?

बहुत सावधानी के साथ

तटस्थता के साथ

दो टूक सच बोलकर

झूठ बोलकर

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Question 22 of 27

23. रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय।सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहैं कोय।।एकै साधे सब सधै, सब साधे सब जाय।।रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अघाय।।

हमें अपने मन की पीड़ा को मन में ही छिपाकर क्यों रखना चाहिए।

हमारी पीड़ा को कोई कम नहीं कर सकता

लोग सुनकर हँसी उड़ाते हैं

‘क’ और ‘ख’ दोनों ठीक हैं

लोग सहायता करना चाहते हैं।

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Question 23 of 27

24. रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय।सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहैं कोय।।एकै साधे सब सधै, सब साधे सब जाय।।रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अघाय।।

व्यक्ति क्या सोचकर अपनी व्यथा (पीड़ा) दूसरों को सुनाता है?

कि उसका दु:ख कम हो जाएगा

कि उसका दुःख बढ़ जाएगा

कि लोग उसकी सहायता करेंगे

कि लोग उस पर दया दिखाएँगे।

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Question 24 of 27

25. रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय।सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहैं कोय।।एकै साधे सब सधै, सब साधे सब जाय।।रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अघाय।।

एक साथ कई कार्य करने से क्या होता है?

सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं

कार्य करने की क्षमता बढ़ती है

कार्य करने वाले को यश मिलता है।

कोई भी कार्य पूरा नहीं होता।

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Question 25 of 27

26. रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय।सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहैं कोय।।एकै साधे सब सधै, सब साधे सब जाय।।रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अघाय।।

एक साथ एक कार्य करना चाहिए अपनी इस बात को सिद्ध करने के लिए रहीम ने किसका दृष्टांत दिया है।

वृक्ष का

धरती का

बादल का

कमल का

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Question 26 of 27

27. रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय।सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहैं कोय।।एकै साधे सब सधै, सब साधे सब जाय।।रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अघाय।।

समय पर कार्य पूरा करने के लिए हमें क्या करना चाहिए?

एक साथ कई कार्य करने चाहिए

धीरे-धीरे करना चाइए

अगर हम एक-एक कर कार्यों को पूरा करने का प्रयास करें तो हमारे सारे कार्य पूरे हो जाएंगे

‘ख’ और ‘ग’ कथन सत्य हैं।

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Question 27 of 27


व्यक्ति क्या सोच कर अपनी व्यथा दूसरों को सुनाता है?

( ख ) लघूत्तरात्मक प्रश्नोत्तर (ख) व्यक्ति क्या सोचकर दूसरों को अपनी व्यथा सुनाता है ? उत्तर : व्यक्ति दूसरों को अपना हमराज़ और सुख-दुख का साथी सोचकर अपनी व्यथा सुनाता है ताकि उसका दुख कुछ कम हो सके।

हमें अपना दुख दूसरों पर क्यों नहीं प्रकट करना चाहिए अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उनका व्यिहार कैसा हो जाता है?

(ख) हमें अपना दुख दूसरों पर क्यों नहीं प्रकट करना चाहिए? अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उनका व्यवहार कैसा हो जाता है? (ग) रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य क्यों कहा है? (घ) एक को साधने से सब कैसे सध जाता है?

अपने मन की पीड़ा को क्यों छुपा कर रखनी चाहिए?

रहीम का मानना है कि व्यक्ति को अपने मन की पीड़ा छिपाकर रखनी चाहिए, क्योंकि सहानुभूति और मदद पाने की अपेक्षा से हम अपनी पीड़ा दूसरों के सामने प्रकट तो कर देते हैं परंतु लोग हमारी मदद करने के बजाय हँसी उड़ाते हैं।

रहीम के अनुसार अपनी व्यथा दूसरों को क्यों नहीं बतानी चाहिए?

उत्तर: जब हम अपना दुख दूसरों को बताते हैं तो दूसरे हमारा दुख बाँटने की बजाय उसका मजाक ही उड़ाते हैं। इसलिए हमें अपना दुख दूसरों पर प्रकट नहीं करना चाहिए