Show ओलंपिक और भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन17 जनवरी 2012 अपडेटेड 18 जनवरी 2012 इमेज स्रोत, इमेज कैप्शन, अभिनव बिंद्रा ने बीजिंग ओलंपिक में स्वर्ण जीता था ओलंपिक आंदोलन से भारत का रिश्ता 1920 के एंटवर्प ओलंपिक से जुड़ा जहां पहली बार चार भारतीय खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया. वर्ष 1900 के पेरिस ओलंपिक में एक एंग्लो-इंडियन नॉर्मन प्रिचार्ड ने एथलेटिक्स में दो रजत पदक हासिल किए थे और कई वर्षों तक तालिका में ये पदक भारत के नाम दर्ज़ रहे. प्रिचार्ड कोलकाता में जन्मे थे, लेकिन उनके जीते गए पदक भारतीय पदकों में गिने जाएँ या नहीं ये काफी विवाद का विषय रहा है. आइए नज़र डालते हैं अब तक के ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर. केडी जाधवस्वतंत्र भारत में व्यक्तिगत तौर पर ओलंपिक में पदक जीतने वाले पहले खिलाड़ी थे केडी जाधव. 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक में जाधव ने फ़्री स्टाइल कुश्ती में काँस्य पदक हासिल किया था. उस साल भारत को दो पदक मिले थे. पहला हॉकी में स्वर्ण और दूसरा कुश्ती में काँस्य. महाराष्ट्र के एक छोटे से गाँव गोलेश्वर में रहते थे केडी जाधव. वे बचपन से ही खेलों में काफ़ी रुचि रखते थे. भारत को आज़ादी मिलने के बाद पहला ओलंपिक लंदन में 1948 में हुआ था. जिसमें जाधव को निराशा ही हाथ लगी. 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक में उन्होंने फ़्री स्टाइल कुश्ती में तीसरा स्थान हासिल किया. 14 अगस्त 1984 को एक सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई. भारतीय हॉकी टीम
इमेज स्रोत, ihf इमेज कैप्शन, एक समय था जब ओलंपिक में भारतीय हॉकी की तूती बोलती थी सन् 1928 के एम्स्टर्डम ओलंपिक से शुरू हुआ भारतीय हॉकी का सुनहरा सफर 1956 के मेलबोर्न ओलंपिक तक बेरोकटोक चला. 112 वर्षों के ओलंपिक इतिहास में भारत के खाते में सिर्फ़ 15 पदक आए हैं और इनमें से 11 पदक भारत ने हॉकी में जीते हैं. भारत ने हॉकी में आठ स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य पदक जीते हैं. वर्ष 1928 के एम्सटर्डम ओलंपिक में भारत ने पहली बार स्वर्ण पदक हासिल किया. 1928 से लेकर 1956 तक भारतीय हॉकी ने लगातार छह स्वर्ण पदक जीते. उस दौरान ओलंपिक में भारत ने 24 मैच खेले और 24 में जीत भी हासिल की. भारत ने 1964 के टोक्यो और 1980 के मॉस्को ओलंपिक में भी स्वर्ण पदक हासिल किया था. लिएंडर पेस
इमेज स्रोत, Getty इमेज कैप्शन, लिएंडर पेस और महेश भूपति की जोड़ी बाद में बेहद मशहूर हुई लिएंडर पेस ने वर्ष 1996 के अटलांटा ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर भारतीय ख़ेमे में ख़ुशी की लहर दौड़ा दी थी. अटलांटा ओलंपिक में उन्हें वाइल्ड कार्ड से प्रवेश मिला था. अटलांटा में पेस ने अपने सिंगल्स अभियान की शुरुआत ही शानदार अंदाज़ में की और पहले दौर में अमरीका के जाने माने खिलाड़ी रिची रेनबर्ग को पटखनी दे दी. क्वार्टर फ़ाइनल जीत कर तो उन्होंने कमाल ही कर दिया. सेमी फ़ाइनल में अगासी ने पेस को कोई मौक़ा नहीं दिया और 7-6, 6-3 से मैच जीत कर पेस के साथ साथ उनके करोड़ों समर्थकों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. लेकिन पेस ने ब्राज़ील के फ़र्नैंडो मेलीजेनी को हराकर कांस्य पदक जीत लिया. कर्णम मल्लेश्वरीवर्ष 2000 के सिडनी ओलंपिक में भारत की कर्णम मल्लेश्वरी ने भारोत्तोलन में कांस्य पदक जीतकर पदक तालिका में भारत का नाम जुड़वाया. कर्णम मल्लेश्वरी भारत की पहली और अभी तक एकमात्र महिला खिलाड़ी हैं, जिन्हें ओलंपिक में कोई पदक मिला है. मल्लेश्वरी ने सिडनी ओलंपिक के 69 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीता था. आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में पैदा हुईं कर्णम मल्लेश्वरी ने 12 साल की उम्र से ही भारोत्तोलन का अभ्यास शुरू कर दिया था. भारतीय खेल प्राधिकरण की एक योजना के तहत मल्लेश्वरी को प्रशिक्षण मिला. मल्लेश्वरी को अर्जुन पुरस्कार, खेल रत्न पुरस्कार और पद्म श्री सम्मान भी मिल चुका है. राज्यवर्धन सिंह राठौरवर्ष 2004 के एथेंस ओलंपिक में भारत की ओर से एकमात्र पदक जीतने में सफलता पाई निशानेबाज़ राज्यवर्धन सिंह राठौर ने. वर्ष 1998 में ही राठौर ने निशानेबाज़ी मुक़ाबले में भाग लेना शुरू किया था. जल्द ही उन्होंने इन मुक़ाबलों में अपना दमख़म दिखाना शुरू कर दिया. साइप्रस के विश्व चैंपियनशिप में काँस्य पदक जीतने के बाद ही उन्हें एथेंस ओलंपिक में खेलने का अवसर मिला. उन्हें वरीयता क्रम में तीसरा स्थान भी मिला. सिडनी विश्व कप में भी राठौर ने स्वर्ण पदक जीता था. वर्ष 2004 में ही राज्यवर्धन सिंह राठौर को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया. अभिनव बिंद्राइमेज कैप्शन, अभिनव बिंद्रा के जीतने से भारतीय राष्ट्रीय ध्वज चीन में लहराया गया भारत के शूटिंग स्टार अभिनव बिंद्रा ने बीजिंग ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर नया इतिहास रचा. उन्होंने 10 मीटर एयर राइफ़ल में स्वर्ण पदक हासिल किया. बिंद्रा की ये उपलब्धि किसी करिश्मे से कम नहीं थी क्योंकि ओलंपिक के 112 वर्षों के इतिहास में पहली बार भारत की ओर से किसी व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल किया. खेल रत्न से सम्मानित बिंद्रा क्वॉलिफाइंग राउंड में चौथे स्थान पर रहे थे. उन्होंने 596 के स्कोर के साथ फ़ाइनल के लिए क्वॉलिफ़ाई किया था. लेकिन अंतिम मुक़ाबले में उन्होंने सबको पीछे छोड़ दिया था. सुशील कुमारइमेज कैप्शन, सुशील कुमार विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय भी हैं. वर्ष 2008 के बीजिंग ओलंपिक में काँस्य पदक जीत कर पहलवान सुशील कुमार ने भारत में कुश्ती जैसे पारंपरिक और ओलंपिक खेल को एक नई पहचान दी. भारत के सुशील कुमार ने 66 किलोग्राम वर्ग कुश्ती प्रतियोगिता में कज़ाखस्तान के पहलवान को हराकर कांस्य पदक जीता था. दिल्ली के नजफ़गढ़ में 26 मई, 1983 को जन्मे सुशील कुमार के दादा, पिता और बड़े भाई कुश्ती करते थे. इसलिए वो भी सातवीं कक्षा से पहलवानी करने लगे. सुशील ने अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित गुरू सतपाल, यशबीर और रामफल से पहलवानी के गुर सीखे हैं. विजेंदर सिंहइमेज कैप्शन, इटली के मिलान शहर में हुई विश्व मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप में भी विजेंदर को काँस्य पदक मिला बीजिंग ओलंपिक में भारत को पदक दिलाने वाले तीसरे खिलाड़ी विजेंदर सिंह थे जिन्होंने 75 किलोग्राम वर्ग में इक्वेडोर के मुक्केबाज़ कार्लोस गोंगोरा को 9-4 से हराकर पदक अपने नाम किया था. हरियाणा के भिवानी जिले के काणुवास गाँव से निकलकर विश्वभर में पहचान बनाने वाले विजेंदर सिंह का जन्म 29 अक्तूबर 1985 को हुआ. उनके पिता महिपाल सिंह बैनिवाल हरियाणा रोडवेज़ में ड्राईवर का काम करते हैं और उनकी माँ कृष्णा गृहिणी हैं. ओलंपिक में भारत का पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक विजेता कौन है?सही उत्तर अभिनव बिंद्रा है। अभिनव बिंद्रा ने पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग प्रतियोगिता में भारत के लिए स्वर्ण पदक एकत्र किया। बिंद्रा ने निशानेबाजी में 10 मीटर एयर राइफल फाइनल मेन - बीजिंग में भारत का पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीता।
ओलंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले भारतीय कौन थे?अभिनव बिंद्रा ओलंपिक खेलों में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हैं। उन्होंने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता। खाशाबा दादा साहेब जाधव व्यक्तिगत ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय थे।
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