ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए आप क्या तीन उपयोग करेंगे? - dhvani pradooshan ko kam karane ke lie aap kya teen upayog karenge?

आज दुनिया की सबसे मुख्य चिंता प्रदुषण है. मुख्य प्रदूषणों में से एक है ध्वनि प्रदुषण. आज शोरगुल के कई स्त्रोत हो जाने से ये हमारे मुख्य चिंता का विषय बन गया है. इसमें परिवहन प्रणालियों, मोटर वाहन और वैमानिक शौर-शराबा तथा रेल से होने वाला शोर भी शामिल हैं. इसके साथ-साथ औद्योगिक और आवासीय इमारतें आवासीय क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण का कारण बन सकते हैं. इसके अन्य स्रोतों में कार्यालय के उपकरण, फैक्टरी मशीनरी, निर्माण कार्य, उपकरण, बिजली उपकरण, प्रकाश व्यवस्था गुनगुनाना एवं ऑडियो मनोरंजन सिस्टम आते है. आइए ध्वनि प्रदुषण के कारण और उपायों को जानें.

ध्वनि प्रदुषण के कारण - Dhwani Pradushan Ke Karan

  1. उद्योग
    लगभग सभी औद्योगिक क्षेत्र ध्वनि प्रदूषण से प्रभावित हैं कल-कारखानों में चलने वाली मशीनों से उत्पन्न आवाज/गड़गड़ाहट इसका प्रमुख कारण है. ताप विद्युत गृहों में लगे ब्यायलर, टरबाइन काफी शोर उत्पन्न करते हैं.
  2. परिवहन के साधन
    परिवहन के सभी साधन कम या अधिक मात्रा में ध्वनि उत्पन्न करते हैं. इनसे होने वाला प्रदूषण बहुत अधिक क्षेत्र में होता है. इससे ध्वनि प्रदूषण के साथ वायु प्रदूषण की कल्पना स्वतः की जा सकती है.
  3. मनोरंजन के साधन
    मनुष्य अपने मनोरंजन के लिए टी.वी., रेडियो, टेपरिकॉर्डर, म्यूजिक सिस्टम (डी.जे.) जैसे साधनों से अपना मनोरंजन करता है परन्तु इनसे उत्पन्न तीव्र ध्वनि शोर का कारण बन जाती है. विवाह, धार्मिक आयोजनों, मेंलों, पार्टियों में लाऊड स्पीकर का प्रयोग और डी.जे. के चलन भी ध्वनि प्रदूषण का मुख्य कारण है.
  4. निर्माण कार्य
    घर बनाने के लिए आजकल लगातार कंस्ट्रक्शन का काम चलता ही रहता है. विभिन्न निर्माण कार्यों में प्रयुक्त विभिन्न मशीनों और औजारों के प्रयोग से भी फलस्वरूप ध्वनि प्रदूषण बढ़ा है.
  5. आतिशबाजी
    हमारे देश में विभिन्न त्योहारों, उत्सवों, मेंलों, सांस्कृतिक/वैवाहिक समारोहों में आतिशबाजी एक आम बात है. इन आतिशबाजियों से वायु प्रदूषण तो होता ही है साथ ही ध्वनि तरंगों की तीव्रता भी इतनी अधिक होती है, जो ध्वनि प्रदूषण जैसी समस्या को जन्म देती है.
  6. अन्य कारण
    विभिन्न सामाजिक, धार्मिक, राजनैतिक रैलियों श्रमिक संगठनों की रैलियों का आयोजन इत्यादि अवसरों पर एकत्रित जनसमूहों के वार्तालाप से भी ध्वनि तरंग तीव्रता अपेक्षाकृत अधिक होती है. इसी प्रकार प्रशासनिक कार्यालयों, स्कूलों, कालेजों, बस स्टैण्डों, रेलवे स्टेशनों पर भी विशाल जनसंख्या के शोरगुल के फलस्वरूप भी ध्वनि प्रदूषण उत्पन्न होता है.

ध्वनि प्रदुषण से बचाव के उपाय - Dhwani Pradushan Se Bachne Ka Upay in Hindi

  1. सरकार और जनता के संयुक्त प्रयासों से ध्वनि तथा शोर की तीव्रता को कम करके हम ध्वनि प्रदुषण से निजात पा सकते हैं.
  2. ध्वनि प्रदुषण को नियंत्रित करने के लिए ये भी बेहद आवश्यक है कि हम ध्वनि एवं शोर को नियंत्रित करें. ताकि इसके प्रभाव को कम किया जा सके.
  3. विभिन्न क्षेत्रों में सड़कों के किनारे हरे वृक्षों की कतार खड़ी करके ध्वनि प्रदूषण से बचा जा सकता है क्योंकि हरे पौधे ध्वनि की तीव्रता को 10 से 15 डी.वी. तक कम कर सकते हैं. महानगरीय क्षेत्रों में हरित वनस्पतियों की पट्टी विकसित की जा सकती है.
  4. प्रेशर हार्न बंद किए जाएं, इंजन व मशीनों की मरम्मत लगातार हो. सही तरह से ट्रैफिक का संचालन हो एवं शहरों के नए इलाके बसाते समय सही योजना बने.
  5. इसके अतिरिक्त भी हम कई तरह के प्रयास जैसे कि सार्वजनिक वाहनों के इस्तेमाल और कई ऐसे अन्य तरीके अपनाकर इसे कम कर सकते हैं.

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