इस्तमरारी बंदोबस्त के बाद बहुत-सी जमींदारियाँ क्यों नीलाम कर दी गईं? Show गवर्नर जनरल लॉर्ड कार्नवालिस ने 1793 ई० में भू-राजस्व वसूली की एक नयी पद्धति प्रचलित की जिसे ‘स्थायी बंदोबस्त’, ‘ज़मींदारी प्रथा’ अथवा ‘इस्तमरारी बंदोबस्त’ के नाम से जाना जाता है। इस बंदोबस्त के अंतर्गत ज़मींदारों द्वारा सरकार को दिया जाने वाला वार्षिक लगान स्थायी रूप से निश्चित कर दिया गया। जमींदार द्वारा लगान की निर्धारित धनराशि का भुगतान न किए जाने पर सरकार उसकी भूमि का कुछ भाग बेचकर लगान की वसूली कर सकती थी। इस्तमरारी बंदोबस्त के बाद बहुत-सी ज़मींदारियाँ नीलाम की जाने लगीं।
Concept: बंगाल और वहाँ के ज़मींदार Is there an error in this question or solution? स्थाई बंदोबस्त के तहत बंगाल में जमींदारों को अंग्रेजों द्वारा क्या कहा जाता था?स्थायी बंदोबस्त अथवा इस्तमरारी बंदोबस्त ईस्ट इण्डिया कंपनी और बंगाल के जमींदारों के बीच कर वसूलने से सम्बंधित एक स्थाई व्यवस्था हेतु सहमति समझौता था जिसे बंगाल में लार्ड कार्नवालिस द्वारा 22 मार्च, 1793 को लागू किया गया।
इस्तमरारी बंदोबस्त क्यों लागू की गई इसके महत्व तथा दुष्परिणामों पर प्रकाश डालिए अथवा?इस्तमरारी बन्दोबस्त ब्रिटिश शासन काल में भारत में प्रचलित थी। यह व्यवस्था भूमि तथा लगान की वसूली से सम्बन्धित थी। लॉर्ड कॉर्नवॉलिस की इस व्यवस्था से सर्वाधिक लाभ जमींदारों को हुआ। उनकी अंग्रेज़ों के प्रति राजभक्ति बढ़ गई और इससे भारत में अंग्रेज़ी शासन को दृढ़ होने में मदद मिली और उनकी जड़ें मजबूत हुईं।
स्थाई बंदोबस्त के बाद से बहुत जमींदारों को क्यों नीलाम कर दिया गया?कभी कम मूल्यों और फ़सल अच्छी न होने के कारण किसान अपने राजस्व का भुगतान करने में असमर्थ हो जाते थे, तो कभी रैयत जानबूझकरे ठीक समय पर राजस्व का भुगतान नहीं करते थे। इस प्रकार जमींदार ठीक समय पर राजस्व का भुगतान नहीं कर पाता था और उसकी जमींदारी नीलाम कर दी जाती थी।
स्थाई बंदोबस्त के कारण क्या क्या थे?स्थायी बंदोबस्त से सबसे ज्यादा लाभ जमींदारों को हुआ. वे जमीन के वास्तविक स्वामी बन गए और उनका यह अधिकार वंशानुगत था. यह वर्ग भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की जड़ को मजबूत करने में सहयोग करने लगे. दूसरी ओर भूमि पर स्थाई स्वामित्व ही जाने से वे कृषि विकास के कार्य में रूचि लेने लगे जिससे उत्पादन में वृद्धि होने लगी.
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