लेखक माने श्रेणी का नाम बौद्धों के माने मंत्र के नाम पर करने के पक्ष में क्यों हैं? Show
स्पीति बारालाचा पर्वत श्रेणी में दो चोटियाँ हैं। दक्षिण में जो श्रेणी है वह माने श्रेणी कहलाती है। लेखक ‘माने’ का अर्थ जानना चाहता है। उसे लगता है कि यह बौद्धों के माने मंत्र के नाम पर है- ‘ओं मणि पक्षमें हुँ’। लेखक का कहना है कि यहाँ की पहाड़ियों में माने मंत्र का इतना जाप हुआ है कि इस श्रेणी का नाम माने मंत्र के नाम पर ही रख देना उचित है। 403 Views ये माने की चोटियाँ बूढ़े लामाओं के जाप से उदास हो गई हैं - इस पंक्ति के माध्यम से लेखक ने युवा वर्ग से क्या आग्रह किया है? इस पंक्ति के माध्यम से लेखक ने युवा वर्ग से यह आग्रह किया है कि वे माने की चोटियों के मध्य किलोल करें तो यहाँ की नीरसता में सरसता का संचार हो सके। बूढ़े लामा मंत्र का जाप चुपचाप करते रहते हैं। जिससे यहाँ उदासी छाई रहती है। युवक-युवतियों की मुक्त हँसी से यहाँ के वातावरण में ताजगी तथा उत्साह का संचार होगा। इस प्रकार लेखक ने युवा वर्ग से यहाँ आने का आग्रह किया है। 434 Views स्पीति में बारिश एक यात्रा वृतांत है। इसमें यात्रा के दौरान किए गए अनुभवों, यात्रा-स्थल से जुड़ी विभिन्न जानकारियों का बारीकी से वर्णन किया गया है। आप भी अपनी किसी यात्रा का वर्णन लगभग 200 शब्दों में कीजिए। मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर्वतों पर जाने को मेरा मन ललकत। रहता है। इस ग्रीष्मावकाश में हमारे परिवार ने कश्मीर यात्रा का कार्यक्रम बनाया। रात -को नौ बजे दिल्ली जंक्शन से हम कश्मीर मेल में सवार हुए। गाड़ी खचाखच भरी हुई थी। हमने सीट आरक्षित करवा रखी थी। अत: कोई कष्ट न हुआ। हम अगले दिन जम्मू पहुँच गए। प्रात:काल हमने चाय पीने के बाद अपने बिस्तर कस लिये। टैक्सी में सामान रखकर हम बैठ गए और बस अड्डे की ओर बढे। बस अड्डा पहुँचकर हम बस में सवार हुए और बस चल पड़ी। बस में बैठे हुए पर्वतों का मनोहर दृश्य दिखाई दे रहा था, स्वर्गभूमि कश्मीर पहुँचने के लिए हम लालायित थे। हमारे हृदय में प्रसन्नता की लहरें ठाठें मार रही थीं। हमारी बस रात को एक स्थान पर ठहरी; सवेरे बस फिर श्रीनगर की ओर बढ़ी। श्रीनगर पहुँचने पर हमें लगा कि हम वास्तव में स्वर्ग के एक कोने में पहुँच गए हैं। मुझे श्रीधर पाठक की वह कविता रह-रहकर स्मरण हो आती थी, जिसमें उन्होंने कश्मीर की सुषमा का अत्यंत मनोहारी वर्णन किया है। श्रीनगर में हम नाव पर सवार होकर बद्रिकाश्रम में ठहरे। यहाँ अनेक प्रदेशों के लोग ठहरे हुए थे-कहीं पंजाबी युवती गर्व से उन्नत मस्तक किए, कहीं उत्तर प्रदेश की प्राचीन घूँघट काई, कहीं कोई महाराष्ट्रीयन सज्जन शिखा धारण किए, कहीं चंचल युवतियाँ और शरारती नवयुवक। कश्मीर में वास्तविक जीवन का परिचय तो हमें हाउसबोट में ही आकर मिला। नीले आकाश की छाया से नील वर्ण हुए झेलम के जल में तैरते हुए वे रंग-बिरंगे जलयान (जिन्हें हाउसबोट कहा जाता है) वर्षा में घुले आकाश में इंद्रधनुष की स्मृति दिलाते थे। हम जिस हाउसबोट में ठहरे, उसमें सब सुख-साधनों से युक्त दो शयनागार, एक स्नानागार तथा एक भोजनालय था। हमारा माझी सुलाना, उसकी पत्नी तथा उसके दो बच्चे फूल की तरह खिले हुए चेहरे वाले भले प्रतीत हुए। कश्मीर में हजारों प्रकार के फूल खिलते हैं। उनमें मजारपोश तथा लालपोश बहुत ही प्रिय दिखाई देते हैं। चारों ओर ऊँचे पहाड़ खड़े हैं और बीच में मैदान हैं, जिसमें श्रीनगर बसा हुआ है। इसके बीचों-बीच झेलम (जेहलम) नदी बहती है, जिस पर से जाने लिए कई पुल बने हुए हैं। कश्मीर के बालकों की आँखें मजारपोश जैसी, होठ लालपोश जैसे और रंग बर्फ जैसा है। सामने आते ही वे ‘सलाम जनाब पासा’ कहकर अभिवादन करते हैं। कश्मीरी स्त्रियाँ भी हँसती-हँसती मिलती हैं। कश्मीर में सफाई की कमी है। छोटे-छोटे घर हैं, परंतु चित्रलिखित जैसे हैं। कश्मीर में हमने शालीमार बाग और निशात बाग देखने का आनंद भी लिया। शालीमार के चिनार के पेड़, ऊँचे उठते फव्वारे, मखमल जैसी घास के ढके ‘लान’ एक समाँ बाँध रहे थे। डल झील के दूसरी ओर निशात बाग है। डल झील में शिकारे में बैठकर हमने वहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य का भरपूर आनंद लिया। झील में विहार करने के पश्चात् हमने निशात बाग की सैर की। यदि पृथ्वी पर कहीं स्वर्ग है तो वह यहीं पर है। यहाँ अनेक फलों के वृक्ष थे। बाग के बीचों-बीच नहर बह रही थी। यह एक अनोखा दृश्य था। एक सप्ताह की यात्रा कब समाप्त हो गई, इसका कुछ पता ही नहीं चला। वहाँ से लौटना भला किसे अच्छा लगता है, पर समय की विवशता थी। हम बस द्वारा पहले जम्मु आए और वहाँ से रेलगाड़ी में बैठकर दिल्ली आ गए। 643 Views स्पीति के लोग जीवनयापन के लिए किन कठिनाइयों का सामना करते हैं? स्पीति के लोगों को जीवन-यापन के लिए अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। पहली कठिनाई तो आवागमन को लेकर ही है। दूसरी कठिनाई यहाँ लंबे समय तक ‘अत्यधिक ठंड पड़ने की है। यहाँ के लोग वर्ष में 8 -9 महीने तक शेष दुनिया से कटे रहते हैं। यहाँ लकड़ियों की भी कमी है, जिसके कारण घरों को गरम रखने में कठिनाई होती है। यहाँ व्यवसाय का भी अभाव है। बल्कि न के बराबर है। यहाँ वर्षा भी नाममात्र को होती है। फसल भी साल भर में एक ही होती है । 458 Views
CBSE, NCERT, JEE Main, NEET-UG, NDA, Exam Papers, Question Bank, NCERT Solutions, Exemplars, Revision Notes, Free Videos, MCQ Tests & more. Install NowNCERT solutions for class 11 Hindi Core Krishnanath Class 11 Hindi Core book solutions are available in PDF format for free download. These ncert book chapter wise questions and answers are very helpful for CBSE exam. CBSE recommends NCERT books and most of the questions in CBSE exam are asked from NCERT text books. Class 11 Hindi Core chapter wise NCERT solution for Class 11 Hindi Core part 1 and Hindi Core part 2 for all the chapters can be downloaded from our website and myCBSEguide mobile app for free. Download NCERT solutions for Krishnanath as PDF. NCERT Class 11 Hindi Core Chapter wise SolutionsAroh Poem
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NCERT solutions for class 11 Hindi Core Chapter 16 Krishnanath1. इतिहास में स्पीति का वर्णन नहीं मिलता। क्यों?उत्तर:- उँचे दर्रों और कठिन रास्तों के कारण इतिहास में स्पीति का वर्णन कम रहा है। अलंघ्य भूगोल यहाँ इतिहास का एक बड़ा कारक है। यहाँ आवागमन के साधन नहीं हैं। यह पर्वत श्रेणियों से घिरा हुआ है। साल में आठ-नौ महीने बर्फ रहती है तथा यह क्षेत्र शेष संसार से कटा रहता है। कठिनता से तीन-चार महीने बसंत ऋतु आती है। इतने कम समय में स्पीति का जन-जीवन सामान्य नहीं हो पाता। मानवीय गतिविधियों के अभाव में वहाँ इतिहास का निर्माण नहीं हो पाया। 2. स्पीति के लोग जीवनयापन के लिए किन कठिनाइयों का सामना करते हैं? उत्तर:- स्पीति के लोग जीवनयापन के लिए सब प्रकार की कठिनाइयों का सामना करते हैं। स्पीति में साल के आठ-नौ महीने बर्फ रहती है तथा यह क्षेत्र शेष संसार से कटा रहता है।कठिनता से तीन-चार महीने बसंत ऋतु आती है। यहाँ न हरियाली है, न पेड़। यहाँ वर्ष में एक बार बाजरा, गेहूँ, मटर, सरसों की फसल होती है। यहाँ रोजगार के साधन नहीं हैं। 3. लेखक माने श्रेणी का नाम बौद्धों के माने मंत्र के नाम पर करने के पक्ष में क्यों है? उत्तर:- बौद्धों के माने मंत्र की बहुत महिमा है। ‘ओं मणि पद्मे हुं’ इनका बीज मंत्र है। लेखक के अनुसार पहाडि़यों में माने का इतना जाप हुआ है कि यह नाम उन श्रेणियों को दे डालना ही सहज है। NCERT solutions for class 11 Hindi Core Krishnanath 4. ये माने की चोटियाँ बूढ़े लामाओं के जाप से उदास हो गई हैं – इस पंक्ति के माध्यम से लेखक ने युवा वर्ग से क्या आग्रह किया है?उत्तर:- ये माने की चोटियाँ बूढ़े लामाओं के जाप से उदास हो गई हैं – इस पंक्ति के माध्यम से लेखक ने युवा वर्ग से आग्रह किया है कि देश और दुनिया के मैदानों से और पहाड़ों से युवक-युवतियाँ आएँ और पहले तो स्वयं अपने अहंकार को गलाएँ फिर इन चोटियों के अहंकार को चूर करें। बूढ़े लामाओं के जाप से उदास हो गई चोटियों को अपने क्रीड़ा-कौतुक, नाच-कूद, प्रेम के खेल आदि से आनंदमय बना दो। NCERT solutions for class 11 Hindi Core Krishnanath 5. वर्षा यहाँ एक घटना है, एक सुखद संयोग है – लेखक ने ऐसा क्यों कहा है?उत्तर:- लेखक के अनुसार, स्पीति में वर्षा बहुत कम होती है। वर्षा के बिना यहाँ की धरती सूखी, ठंडी व बंजर होती है। इसलिए जब कभी वर्षा हो जाए तो लोग इसे अपना सुखद सौभाग्य मानते हैं। NCERT solutions for class 11 Hindi Core Krishnanath 6. स्पीति अन्य पर्वतीय स्थलों से किस प्रकार भिन्न है?उत्तर:-
स्पीति अन्य पर्वतीय स्थलों से इस प्रकार भिन्न है – NCERT solutions for class 11 Hindi Core Krishnanath 7. स्पीति में बारिश का वर्णन एक अलग तरीके से किया गया है। आप अपने यहाँ होने वाली बारिश का वर्णन कीजिए।उत्तर:- बारिश का मौसम तपती गर्मी से राहत दिलाता है। चारों तरफ़ खुशी का माहौल छा जाता है। छोटे बच्चें बारिश में भीगने ओर खेलने लगते है। तालाब, नदी, तालाब सब भर जाते है। हरियाली से धरती हरी हरी मखमल सी लगने लगती है। चारों तरफ मेंढक टर्रटर्राने लगते हैं। वृक्षों पर नये पत्ते फिर से निकलने लगते हैं। खेत फूले नहीं समाते। NCERT solutions for class 11 Hindi Core Krishnanath 8. स्पीति के लोगों और मैदानी भागों में रहने वाले लोगों के जीवन की तुलना कीजिए। किनका जीवन आपको ज्यादा अच्छा लगता है और क्यों?उत्तर:- • स्पीति में परिवहन व संचार के साधन नहीं है। मैदानी भागों में रहने वाले लोगों के पास परिवहन व संचार के साधन है। NCERT solutions for class 11 Hindi Core Krishnanath 9. स्पीति में बारिश एक यात्रा-वृत्तांत है। इसमें यात्रा के दौरान किए गए अनुभवों, यात्रा-स्थल से जुड़ी विभिन्न जानकारियों का बारीकी से वर्णन किया गया है। आप भी अपनी किसी यात्रा का वर्णन लगभग 200 शब्दों में कीजिए।उत्तर:- ग्रीष्मावकाश में मैंने अपने माता-पिता, बहन और दो मित्रों के साथ वैष्णो देवी घूमने जाने की योजना बनार्इ। सबको मेरा प्रस्ताव पसंद आया और हम सब त्रिकूट
पर्वत पर गुफा में विराजित माता वैष्णो देवी के दर्शनों को निकल पड़े। पॉइंट पर इंट्री करानी पड़ती है और वहाँ सामान की चैकिंग कराने के बाद ही आप चढ़ाई प्रारंभ कर सकते हैं। माता के भवन में पहुँचने वाले यात्रियों के लिए जम्मू, कटरा, भवन के आसपास आदि स्थानों पर माँ वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की कई धर्मशालाएँ व होटले हैं, जिनमें विश्राम करके आप अपनी यात्रा की थकान को मिटा सकते हैं। 10. लेखक ने स्पीति की यात्रा लगभग तीस वर्ष पहले की थी। इन तीस वर्षों में क्या स्पीति में कुछ परिवर्तन आया है? जानें, सोचें और लिखें। उत्तर:- लेखक ने स्पीति की यात्रा लगभग तीस वर्ष पहले की थी। इन तीस वर्षों में स्पीति में यातायात, दूर संचार व्यवस्था तथा रोजगार के साधन आदि में परिवर्तन आया है परंतु प्राकृतिक समस्याएँ वैसी ही हैं। NCERT solutions for class 11 Hindi Core Krishnanath • भाषा की बात1. पाठ में से दिए गए अनुच्छेद में क्योंकि, और, बल्कि, जैसे ही, वैसे ही, मानो, ऐसे, शब्दों का प्रयोग करते हुए उसे दोबारा लिखिए –लैंप की लौ तेज़ की। खिड़की का एक पल्ला खोला तो तेज़ हवा का झोंका मुँह और हाथ को जैसे छीलने लगा। मैंने पल्ला भिड़ा दिया। उसकी आड़ से देखने लगा। देखा कि बारिश हो रही थी। मैं उसे देख नहीं रहा था। सुन रहा था। अँधेरा, ठंड और हवा का झोंका आ रहा था। जैसे बरफ़ का अंश लिए तुषार जैसी बूँदें पड़ रही थीं। उत्तर:- लैंप की लौ तेज़ की। जैसे ही खिड़की का एक पल्ला खोला तो तेज़ हवा का झोंका मुँह और हाथ को जैसे छीलने लगा। मैंने पल्ला भिड़ा दिया और उसकी आड़ से देखने लगा। देखा कि बारिश हो रही थी। मैं उसे देख नहीं रहा था बल्कि सुन रहा था। अँधेरा, ठंड और हवा का झोंका ऐसे आ रहा था मानो बरफ़ का अंश लिए तुषार जैसी बूँदें पड़ रही थीं। NCERT solutions for class 11 Hindi Core KrishnanathNCERT Solutions Class 11 Hindi Core PDF (Download) Free from myCBSEguide app and myCBSEguide website. Ncert solution class 11 Hindi Core includes text book solutions from both part 1 and part 2. NCERT Solutions for CBSE Class 11 Hindi Core have total 15 chapters. 11 Hindi Core NCERT Solutions in PDF for free Download on our website. Ncert Hindi Core class 11 solutions PDF and physics ncert class 11 PDF solutions with latest modifications and as per the latest CBSE syllabus are only available in myCBSEguide CBSE app for Class 11To download NCERT Solutions for class 11 Physics, Chemistry, Biology, History, Political Science, Economics, Geography, Computer Science, Home Science, Accountancy, Business Studies and Home Science; do check myCBSEguide app or website. myCBSEguide provides sample papers with solution, test papers for chapter-wise practice, NCERT solutions, NCERT Exemplar solutions, quick revision notes for ready reference, CBSE guess papers and CBSE important question papers. Sample Paper all are made available through the best app for CBSE students and myCBSEguide website. Test Generator Create question papers online with solution using our databank of 5,00,000+ questions and download as PDF with your own name & logo in minutes. Create Nowइतिहास में स्पीति का वर्णन नहीं मिलने के क्या कारण है?इतिहास में स्पीति का वर्णन नहीं मिलता क्योंकि यहाँ जाना आज बहुत कठिन रहा। ऊँचे दर्रों और कठिन रास्तों के कारण इतिहास में इसकी ओर ध्यान नहीं जा सका। इसमें न लाँघे जाने वाले भूगोल की भी बड़ी भूमिका रही है। वहीं का वर्णन इतिहास में मिलता है जहाँ की घटनाओं की जानकारी मिलती रहे।
स्मृति में इतिहास क्यों कम रहा है?Solution : ऊँचे दर्रो और कठिन रास्तों के कारण इतिहास में स्पीति का वर्णन कम रहा है।
इतिहास में स्थिति का वर्णन मिलता है क्यों?यहाँ पर पहुँचना बहुत ही कठिन है। यहाँ की भौगोलिक परिस्थितियाँ ही ऐसी है कि यह सबसे कटा रहा है। हमारे इतिहास के बारे में उसी के बारे में जानकारी मिलती है, जहाँ पर आना-जाना संभव हो। जहाँ से जानकारियाँ सरलता से मिल सके।
लेखक को स्पीति में लोगों के रहने पर आश्चर्य क्यों है?लेखक कहता है कि यहाँ भयंकर ठंड होती है। यहाँ लकड़ी, रोजगार नहीं है। फसल भी एक ही होती है। ऐसी दुर्गम स्थितियों में भी लोग यहाँ रहते हैं।
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