जब चश्मा वाला मर गया तो मूर्ति पर कौन सा चश्मा लगा था? - jab chashma vaala mar gaya to moorti par kaun sa chashma laga tha?

हिंदी के इस ब्लॉग में कक्षा 10 के Netaji ka chashma Class 10 की कहानी के लेखक परिचय और NCERT की पुस्तक के अनुसार प्रश्नों के उत्तर के बारे में जानेंगे। छात्रों के लिए 10वीं क्लास सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है, इसलिए NCERT अपने सिलेबस में उन टॉपिक को जरूर कवर करती है जो परीक्षा के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण होती है। चलिए विस्तार से जानते हैं Netaji ka chashma Class 10 के बारे में।

जब चश्मा वाला मर गया तो मूर्ति पर कौन सा चश्मा लगा था? - jab chashma vaala mar gaya to moorti par kaun sa chashma laga tha?

जब चश्मा वाला मर गया तो मूर्ति पर कौन सा चश्मा लगा था? - jab chashma vaala mar gaya to moorti par kaun sa chashma laga tha?

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बोर्ड CBSE
टेक्स्टबुक NCERT
क्लास क्लास 10
चैप्टर चैप्टर 10
चैप्टर नाम Netaji ka Chashma (नेताजी का चश्मा)
विषय हिंदी क्षितिज

पाठ सारांश

Netaji ka Chashma Class 10 के लिए पाठ सारांश नीचे दिया गया है-

  • हालदार साहब को हर पन्द्रहवें दिन कम्पनी के काम से एक छोटे कस्बे से गुजरना पड़ता था। उस कस्बे में एक लड़कों का स्कूल, एक लड़कियों का स्कूल, एक सीमेंट का कारखाना, दो ओपन सिनेमा घर तथा एक नगरपालिका थी।
  • नगरपालिका थी तो कुछ ना कुछ करती रहती थी, कभी सड़के पक्की करवाने का काम तो कभी शौचालय तो कभी कवि सम्मेलन करवा दिया।
  • एक बार नगरपालिका के एक उत्साही अधिकारी ने मुख्य बाज़ार के चैराहे पर सुभाषचन्द्र बोस की संगमरमर की प्रतिमा लगवा दी। चूँकि बजट ज्यादा नही था इसलिए मूर्ति बनाने का काम कस्बे के इकलौते हाई स्कूल के शिक्षक को सौंपा गया।
  • मूर्ति सुन्दर बनी थी बस एक चीज़ की कमी थी, नेताजी की आँख पर चश्मा नहीं था। एक सचमुच के चश्मे का चौड़ा काला फ्रेम मूर्ति को पहना दिया गया। जब हालदार साहब आये तो उन्होंने सोचा वाह भई! यह आईडिया ठीक है। मूर्ति पत्थर की पर चश्मा रियल।
  • दूसरी बार जब हालदार साहब आये तो उन्हें मूर्ति पर तार का फ्रेम वाले गोल चश्मा लगा था। तीसरी बार फिर उन्होंने नया चश्मा पाया। इस बार वे पान वाले से पूछ बैठे कि नेताजी का चश्मा हरदम बदल कैसे जाता है।
  • पानवाले ने बताया की यह काम कैप्टन चश्मेवाला करता है। हालदार साहब को समझते देर न लगी की बिना चश्मे वाली मूर्ति कैप्टन को ख़राब लगती होगी इसलिए अपने उपलब्ध फ्रेम में से एक को वह नेताजी के मूर्ति पर फिट कर देता होगा।
  • जब कोई ग्राहक वैसे ही फ्रेम की मांग करता जैसा मूर्ति पर लगा है तो वह उसे मूर्ति से उतारकर ग्राहक को दे देता और मूर्ति पर नया फ्रेम लगा देता चूँकि मूर्ति बनाने वाला मास्टर चश्मा भूल गया।
  • हालदार साहब ने पान वाले जानना चाहा कि कैप्टन चश्मेवाला नेताजी का साथी है या आजाद हिन्द फ़ौज का कोई भूतपूर्व सिपाही? पान वाले बोला कि वह लंगड़ा क्या फ़ौज में जाएगा, वह पागल है इसलिए ऐसा करता है।
  • हालदार साहब को एक देशभक्त का मजाक बनते देखना अच्छा नही लगा। कैप्टन को देखकर उन्हें आश्चर्य हुआ चूँकि वह एक बूढ़ा मरियल- लंगड़ा सा आदमी था जिसके सिर पर गांधी टोपी तथा चश्मा था, उसके एक हाथ में एक छोटी-सी संदूकची और दूसरे में एक बांस में टंगे ढेटों चश्मे थे।
  • वह उसका वास्तविक नाम जानना चाहते थे परन्तु पानवाले ने इससे ज्यादा बताने से मना कर दिया दो साल के भीतर हालदार साहब ने नेताजी की मूर्ति पर कई चश्मे लगते हुए देखे।
  • एक बार जब हालदार साहब कस्बे से गुजरे तो मूर्ति पर कोई चश्मा नही था।
  • पूछने पर पता चला की कैप्टन मर गया, उन्हें बहुत दुःख हुआ।
  • पंद्रह दिन बाद कस्बे से गुजरे तो सोचा की वहाँ नही रुकेंगे, पान भी नही खायेंगे, मूर्ति की ओर देखेंगे भी नहीं। परन्तु आदत से मजबूर हालदार साहब की नजर चौराहे पर आते ही आँखे मूर्ति की ओर उठ गयीं।
  • वे जीप से उतरे और मूर्ति के सामने जाकर खड़े हो गए। मूर्ति की आँखों पर सरकंडे से बना हुआ छोटा सा चश्मा रखा था, जैसा बच्चे बना लेते हैं। यह देखकर हालदार साहब की आँखे नम हो गयीं।

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Source: SRIJAN

लेखक परिचय

जब चश्मा वाला मर गया तो मूर्ति पर कौन सा चश्मा लगा था? - jab chashma vaala mar gaya to moorti par kaun sa chashma laga tha?
Source – Jagran

इस पाठ के लेखक स्वयं प्रकाश हैं। इनका जन्म सन 1947 में इंदौर (मध्य प्रदेश) में हुआ। मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढाई कर एक औद्योगिक प्रतिष्ठान में नौकरी करने वाले स्वंय प्रकाश का बचपन और नौकरी का बड़ा हिस्सा राजस्थान में बिता। फिलहाल वे स्वैछिक सेवानिवृत के बाद भोपाल में रहते हैं और वसुधा सम्पादन से जुड़े हैं। कहानी संग्रह – सूरज कब निकलेगा, आएँगे अच्छे दिन भी, आदमी जात का आदमी, संधान, Netaji ka chashma Class 10 आदि | उपन्यास – बीच में विनय और ईंधन।

कठिन शब्दों के अर्थ

Netaji ka Chashma Class 10 के लिए कठिन शब्दों के अर्थ इस प्रकार हैं:

  • कस्बा – छोटा शहर
  • लागत – खर्च
  • उहापोह क्या करें, क्या ना करें की स्थिति
  • शासनाविधि – शासन की अविधि
  • कमसिन – कम उम्र का
  • सराहनीय प्रशंसा के योग्य
  • लक्षित करना – देखना
  • कौतुक – आश्चर्य
  • दुर्दमनीय – जिसको दबाना मुश्किल हो
  • गिराक- ग्राहक
  • किदर – किधर
  • उदर- उधर
  • आहत – घायल
  • दरकार आवश्यकता
  • द्रवित – अभिभूत होना
  • अवाक् – चुप
  • प्रफुल्लता- ख़ुशी
  • हृदयस्थली- विशेष महत्व रखने वाला स्थान

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Netaji ka chashma Class 10 पाठ के लिए प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं-

प्रश्न 1 .Netaji ka chashma Class 10 पाठ में सेनानी न होते हुए भी चश्मेवाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे?
उत्तर –चश्मेवाला स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने वाले सैनिकों व नेताओं का अपने हृदय से सम्मान करता था और उसे नेताजी को बिना चश्मे के देखना कतई पसंद नहीं था। वह खुद भी देशप्रेम की भावना से ओत-प्रोत था। उसके अंदर देशभक्ति की इसी भावना को देख लोग उसे ” कैप्टन” बुलाते थे।

प्रश्न 2. हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले चौराहे पर गाड़ी रोकने के लिए मना किया था। लेकिन बाद में तुरंत रोकने को कहा —

(क)  हालदार साहब पहले मायूस क्यों हो गए थे ?
उत्तर- हालदार साहब सोच रहे थे कि कस्बे की हृदयस्थली में नेताजी की मूर्ति तो अवश्य होगी , मगर उनकी आँखों पर चश्मा नही होगा। क्योंकि नेताजी की मूर्ति पर चश्मा लगाने वाला कैप्टन तो मर चुका है। और किसी को कहां भला इतनी फुर्सत हैं कि वह नेताजी की मूर्ति पर चश्मा लगाए।बस यही सोचकर हालदार साहब मायूस हो गए थे। 

(ख)  मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा क्या उम्मीद जगाता है ?
उत्तर- मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा यह उम्मीद जगाता है कि हमारे देश के लोगों खासकर युवा और बच्चों के अंदर देशभक्ति की भावना अभी भी बरकरार है। और यही युवा और बच्चे किसी भी देश का भविष्य होते हैं। अगर इनके अंदर अपने देश के लिए प्रेम व सम्मान है , तो हमारे देश का भविष्य उज्जवल व सुरक्षित है। 

(ग)  हालदार साहब इतनी-सी बात पर भावुक क्यों हो उठे ?
उत्तर- हालदार साहब को बिलकुल भी उम्मीद नहीं थी कि कैप्टन के मर जाने के बाद नेताजी की मूर्ति पर कोई चश्मा लगा सकता। वो इस बात से काफी दुखी थे लेकिन जैसे ही उन्होंने नेताजी की मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा लगा देखा। तो उनकी आंखों से खुशी के आंसू बह निकले और उन्हें यह सोचकर काफी संतोष हुआ कि अभी भी हमारे देश के लोगों के दिलों में अपने देश के प्रति देशभक्ति की भावना हिलोरे मारती है। 

प्रश्न 3. आशय स्पष्ट कीजिए
‘‘बार-बार सोचते , क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी ,जवानी , जिंदगी सब कुछ होम देने वालों पर भी हँसती है और अपने लिए बिकने के मौके ढूँढ़ती है “।
उत्तर- जिन लोगों ने देश के खातिर अपनी घर-गृहस्थी , जवानी यहाँ तक कि जिंदगी भी दाँव पर लगा दी। और सिर्फ देश सेवा को ही अपना कर्तव्य समझा। आज लोग उन पर भी हंसते हैं। देशभक्तों को लोग मूर्ख से ज्यादा कुछ और नहीं समझते हैं। ऐसे लोग देश के प्रति अपने कर्तव्यों को भूल कर हर वक्त सिर्फ अपने स्वार्थ के बारे में ही सोचते रहते हैं। और अपना काम सिद्ध करने के लिए वे किसी भी सीमा को पार कर सकते हैं। तो ऐसे में इस देश का भविष्य क्या होगा , यही सोचकर हालदार साहब दुखी हो जाते थे। 

प्रश्न 4 .पानवाले का एक रेखाचित्र प्रस्तुत कीजिए ।
उत्तर- पानवाला काला , मोटा व खुशमिज़ाज व्यक्ति था। उसकी तोंद निकली हुई थी और वह हर वक्त पान खाता रहता था जिससे उसके दाँत लाल-काले हो गये थे। वह अपनी दुकान में आने वाले ग्राहकों से खूब बातें किया करता था। 

प्रश्न 5.“वो लँगड़ा क्या जाएगा फ़ौज में। पागल है पागल!” कैप्टन के प्रति पानवाले की इस टिप्पणी पर अपनी प्रतिक्रिया लिखिए।
उत्तर- “वह लँगड़ा क्या जाएगा फ़ौज में , पागल है पागल”। यह बात हालदार साहब द्वारा चश्मेवाले यानि कैप्टन के बारे में पूछने पर पानवाले ने कही , जो सर्वथा अनुचित है। भले ही कैप्टन शारीरिक रूप से विकलांग था जिस कारण वह सेना में भर्ती होने के योग्य नहीं था। पर उसका नेताजी की मूर्ति पर चश्मा लगाना देशभक्ति व स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान की भावना को प्रकट करता है। लेकिन पानवाला उसे पागल समझता हैं।जो उसकी मूर्खता को दर्शाता हैं।  जो लोग अपने देश के प्रति पागलपन की हद तक प्रेम व सम्मान की भावना रखते हैं। वो सम्मानीय हैं। उन्हें पागल कहना सर्वथा अनुचित है। 

प्रश्न 6. निम्नलिखित वाक्य,  पात्रों की कौन-सी विशेषता की ओर संकेत करते हैं ?
(क)  हालदार साहब हमेशा चौराहे पर रुकते और नेताजी को निहारते।
उत्तर- हालदार साहब का चौराहे पर रुकना और नेताजी की मूर्ति को निहारना दर्शाता है कि उनके दिल में भी देशप्रेम का जज्बा प्रबल था और वो अपने देश के स्वतंत्रता सेनानियों का दिल से सम्मान करते थे। उन्हें नेताजी की मूर्ति पर चश्मा देखना अच्छा लगता था। वो नेताजी की मूर्ति पर चश्मा लगाने वाले कैप्टन की देशभक्ति से बहुत प्रभावित थे और वो उसका व उसकी देशभक्ति का दिल से सम्मान करते थे।

(ख)  पानवाला उदास हो गया। उसने पीछे मुड़कर मुँह का पान नीचे थूका और सिर झुकाकर अपनी धोती के सिरे से आँखें पोंछता हुआ बोला “साहब ! कैप्टन मर गया”।
उत्तर- कैप्टन की मृत्यु पर पानवाले का उदास हो जाना और उसकी आंखों में आंसू का आ जाना , इस बात का संकेत देता है कि पानवाला भी कहीं न कहीं कैप्टन और उसकी देशभक्ति का सम्मान करता था। इसीलिए वह कैप्टन के मर जाने से अत्यंत दुखी हो गया था। यह बात पानवाले की कैप्टन के प्रति आत्मीयता , संवेदनशीलता व देशप्रेम की भावना को दर्शाता है।

(ग)  कैप्टन बार-बार मूर्ति पर चश्मा लगा देता था।
उत्तर- कैप्टन का नेताजी की मूर्ति पर बार-बार चश्मा लगाना , उसके दिल में नेताजी व अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान की भावना को प्रकट करता है।और उसका अपने देश के प्रति प्रेम को भी दर्शाता हैं।

प्रश्न 7.जब तक हालदार साहब ने कैप्टन को साक्षात देखा नहीं था , तब तक उनके मानस पटल पर उसका कौन-सा चित्र रहा होगा , अपनी कल्पना से लिखिए।
उत्तर- जब तक हालदार साहब ने कैप्टन को साक्षात रूप से नहीं देखा था। तब तक उनके मानस पटल पर कैप्टन की छवि बिल्कुल फ़ौज के एक कैप्टन की जैसी रही होगी। लंबी व मजबूत कद-काठी , रौबदार चेहरा , हट्टा-कट्टा सा दिखने वाला किसी फौज का कैप्टन। वैसे भी हालदार साहब उन्हें फ़ौजी ही समझते थे। 

प्रश्न 8. कस्बों , शहरों , महानगरों के चौराहों पर किसी न किसी क्षेत्र के प्रसिद्ध व्यक्ति की मूर्ति लगाने का प्रचलन सा हो गया है। 
(क)  इस तरह की मूर्ति लगाने के क्या उद्देश्य हो सकते हैं ?
उत्तर- इस तरह की मूर्तियां को लगाने का मुख्य उद्देश्य यह होता है कि सभी लोग खासकर युवा पीढ़ी व बच्चे उस व्यक्ति के महान कार्यों के बारे में जानें और समझें । हमेशा उन्हें सम्मान के साथ याद करें और उनसे प्रेरणा लेकर समाजहित और राष्ट्रहित में कार्य करें। 

(ख)  आप अपने इलाके के चौराहे पर किस व्यक्ति की मूर्ति स्थापित करवाना चाहेंगे और क्यों ?
उत्तर- मैं अपने इलाके के चौराहे पर सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगवाना चाहूँगा। ताकि हमारी युवा पीढ़ी उनके महान कार्यों व विचारों से प्रेरित हो।और भारत माँ की आजादी के लिए हर क्षण अपने प्राणों की बाजी लगाने को तैयार रहने वाले इस वीर सपूत के नक्शे कदम पर चलें। क्योंकि आजाद भारत में भी सुभाष चंद्र बोस जैसे सच्चे वीर व देशभक्त सपूतों की आवश्यकता हैं।  

(ग)  उस मूर्ति के प्रति आपके एवं दूसरे लोगों के क्या उत्तरदायित्व होने चाहिए ?
उत्तर- मूर्ति की गरिमा व सम्मान का सदैव ध्यान रखा जाना चाहिए। किसी भी हालत में मूर्ति का अपमान नहीं करना चाहिए। मूर्ति को किसी प्रकार की क्षति ना हो , इस बात का भी ध्यान दिया जाना आवश्यक है।
मूर्ति की नियमित साफ-सफाई होनी चाहिए और विशेष अवसरों में मूर्ति पर माल्यार्पण अवश्य होना चाहिए। जिस महापुरुष की मूर्ति है , उनके विचारों को आदर्श मानकर उन्हें अपने जीवन में उतारने की कोशिश करनी चाहिए।  

प्रश्न 9. सीमा पर तैनात फ़ौजी ही देश प्रेम का परिचय नहीं देते। हम सभी अपने दैनिक कार्यों में किसी न किसी रूप में देश-प्रेम प्रकट करते हैं। जैसे-सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न पहुँचाना , पर्यावरण संरक्षण आदि। अपने जीवन जगत से जुड़े ऐसे और कार्यों का उल्लेख कीजिए और उन पर अमल भी कीजिए।
उत्तर- हमने जिस माटी में जन्म लिया हैं। उस माटी की सुरक्षा के लिए हमें अपने कर्तव्यों को कभी नहीं भूलना चाहिए।फिर चाहे वो एक फौजी हो या आम इंसान। जिस तरह फ़ौजी देश की सीमा की रक्षा कर अपना फर्ज निभाते हैं। ठीक उसी तरह हम भी अपने दैनिक कार्यों में कुछ बातों को ध्यान में  रख कर देश सेवा कर सकते हैं। जैसे शहीदों एवं देशभक्तों का सम्मान करना  , सरकारी संपत्ति को क्षति न पहुँचाना , वनों व पेड़ों को कटने से रोकना , अधिक से अधिक पेड़-पौधों को लगाना , पर्यावरण की सुरक्षा करना , प्रदूषण को कम करने के लिए कार्य करना ,  आसपास की साफ़-सफ़ाई का ध्यान रखना , नदियों व तालाबों को प्रदूषण मुक्त बनाए रखना , लोगों को शिक्षित करना , एकता व भाईचारे की भावना को बनाये रखना , सभी धर्मों , जाति समुदाय के लोगों का सम्मान करना , समय पर टैक्स अदा करना , देश विरोधी कामों से दूर रहना आदि। 

प्रश्न 10. निम्नलिखित पंक्तियों में स्थानीय बोली का प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है।आप इन पंक्तियों को मानक हिंदी में लिखिए कोई गिराक आ गया समझो। उसको चौड़े चौखट चाहिए। तो कैप्टन किदर से लाएगा ? तो उसको मूर्तिवाला दे दिया। उदर दूसरा बिठा दिया।
उत्तर- समझ लो अगर कोई ग्राहक आ गया और उसे चौड़ा चौखट (फ्रेम) चाहिए। तो कैप्टन कहाँ से लाएगा ? तो उसे (ग्राहक को ) मूर्ति वाला चौखट दे देता है और मूर्ति पर दूसरा फ्रेम लगा देता है।

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प्रश्न 11. “भई खूब ! क्या आइडिया है “। इस वाक्य को ध्यान में रखते हुए बताइए कि एक भाषा में दूसरी भाषा के शब्दों के आने से क्या लाभ होते हैं ?

उत्तर- एक भाषा में दूसरी भाषा के शब्दों के आने से भाषा अधिक सरल , सहज व रुचिकर बन जाती हैं जो जल्दी समझ में आ जाती है। इससे भाव अभिव्यक्ति बढ़ जाती हैं और साथ में भाषा का शब्द भण्डार भी बढ़ जाता है। भाषा की लोकप्रियता में भी बढ़ोत्तरी होती हैं। 

प्रश्न 12 .निम्नलिखित वाक्यों से निपात छाँटिए और उनसे नए वाक्य बनाइए। 
(क)  नगरपालिका थी तो कुछ ना कुछ करती भी रहती थी।
उत्तर – कुछ ना कुछ, वाक्य – कभी भी खाली नहीं बैठना चाहिए। हमेशा कुछ ना कुछ करते रहना चाहिए। 
(ख) किसी स्थानीय कलाकार को ही अवसर देने का निर्णय किया गया होगा। 
उत्तर – को ही, वाक्य –  कठिन मेहनत करने वाले को ही सफलता मिलती हैं। 
(ग)  यानी चश्मा तो था लेकिन संगमरमर का नहीं था। 
उत्तर – तो था, वाक्य –  जीवन में सब कुछ तो था , लेकिन शांति नहीं थी। 
(घ) हालदार साहब अब भी नहीं समझ पाए। 
उत्तर – अब भी वाक्य –  अब भी वक्त है संभल जाओ , वरना जीवन भर खून के आंसू रोना पड़ेगा । 
(ड) दो साल तक हालदार साहब अपने काम के सिलसिले में उस कस्बे से गुजरते रहे। 
उत्तर – में, वाक्य –  हर बात में आपकी दखलअंदाजी मुझे पसंद नहीं है। 

प्रश्न 13 . निम्नलिखित वाक्यों को कर्मवाच्य में बदलिए। 
(क)  वह अपनी छोटी सी दुकान में उपलब्ध गिने-चुने फ्रेमों में से नेताजी की मूर्ति पर फिट कर देता है।
उत्तर- उसके द्वारा अपनी छोटी सी दुकान में उपलब्ध गिने-चुने फ्रेमों में से नेताजी की मूर्ति पर एक फिट कर दिया जाता है।
(ख) पानवाला नया पान खा रहा था।
उत्तर- पानवाले से नया पान खाया जा रहा था।
(ग) पान वाले ने साफ बता दिया था।
उत्तर- पानवाले द्वारा साफ़ बता दिया गया था।
(घ) ड्राइवर ने जोर से ब्रेक मारे।
उत्तर- ड्राईवर द्वारा जोर से ब्रेक मारा गया।
(ड)  नेताजी ने देश के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया। 
उत्तर-  नेताजी द्वारा देश के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया गया।
च) हालदार साहब ने चश्मे वाले की देशभक्ति का सम्मान किया
उत्तर- हालदार साहब द्वारा चश्मेवाले की देशभक्ति का सम्मान किया गया।

प्रश्न 14 . नीचे लिखे वाक्यों को भाववाच्य में बदलिए।
(क)  मां बैठ नहीं सकती। 
उत्तर-  मां से बैठा नहीं जाता। 
(ख) मैं देख नहीं सकती। 
उत्तर- मुझसे देखा नहीं जाता। 
(ग) चलो अब सोते हैं। 
उत्तर- चलो अब सोया जाए। 
(घ) माँ रो भी नहीं सकती। 
उत्तर-  मां से रोया भी नहीं जाता

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Netaji ka Chashma MCQs

नेताजी की मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा किसने लगाया होगा?
(a) पानवाले ने
(b) लेखक ने
(c) हवलदार ने
(d) किसी बच्चे ने

Answer: (d) किसी बच्चे ने

चश्मेवाले के प्रति पानवाले के मन में कैसी भावना थी?
(a) घृणा
(b) उत्साह
(c) उपेक्षा
(d) इनमें से कोई नहीं

Answer: (c) उपेक्षा

किसे देखकर हवलदार के चेहरे पर कौतुकभरी मुस्कान फ़ैल गई?

(a) पानवाले को
(b) बच्चे को
(c) मूर्ति के चेहरे को
(d) इनमें से कोई नहीं

Answer: (c) मूर्ति के चेहरे को

चश्मेवाले को पानवाला क्या समझता था?
(a) कैप्टन
(b) पागल
(c) ईमानदार
(d) गरीब

Answer: (b) पागल

एक बार कस्बे से गुजरते समय हवलदार को मूर्ति में क्या अंतर दिखाई दिया?
(a) मूर्ति पर चश्मा नहीं था|
(b) मूर्ति टूटी हुई थी|
(c) मूर्ति गंदी थी|
(d) इनमें से कोई नहीं

Answer: (a) मूर्ति पर चश्मा नहीं था|

नेताजी की बगैर चश्मे वाली मूर्ति किसे बुरी लगती थी?
(a) हवल्दार को
(b) क्स्बेवालों को
(c) पानवाले को
(d) चश्मे वाले को

Answer: (d) चश्मे वाले को

पहली बार कस्बे से गुजरने पर हवलदार मूर्ति पर क्या देखकर चौंके?
(a) टोपी
(b) छाता
(c) चश्मा
(d) इनमें से कोई नहीं

Answer: (c) चश्मा

हवलदार का स्वभाव कैसा था?
(a) सनकी
(b) पागल
(c) भावुक
(d) देशभक्त

Answer: (d) देशभक्त

हवलदार साहब किस बात पर दुखी हो गए?
(a) दुनिया के स्वार्थी स्वभाव पर
(b) नेताजी की मूर्ति को देखकर
(c) पानवाले को देखकर
(d) इनमें से कोई नहीं

Answer: (a) दुनिया के स्वार्थी स्वभाव पर

नेताजी की मूर्ति की ऊँचाई कितनी थी?
(a) 4 फुट
(b) 3 फुट
(c) 5 फुट
(d) 2 फुट

Answer: (d) 2 फुट

नेताजी की प्रतिमा किस वर्दी में थी?
 A. नेता की वर्दी में
 B. फौजी वर्दी में
 C. अंग्रेज़ों जैसी वर्दी में
 D. पुलिस की वर्दी में

Answer B. फौजी वर्दी में

हालदार साहब क्या देखकर दुखी हुए थे?
 A. देश को
 B. देश भक्तों को
 C. देश भक्तों के प्रति अनादर भाव रखने वालों को
 D. देशद्रोही को

Answer C. देश भक्तों के प्रति अनादर भाव रखने वालों को

‘नेताजी का चश्मा’ नामक कहानी में देशभक्तों का अनादर करने वाले पात्र कौन हैं?
 A. हालदार
 B. हालदार का ड्राइवर
 C. कैप्टन
 D. पानवाला

Answer D. पानवाला

‘नेताजी का चश्मा’ शीर्षक पाठ का मूल भाव क्या है?
 A. देश भक्ति
 B. सामाजिक भाव
 C. राजनीतिक जागृति
 D. मूर्ति कला की प्रशंसा

Answer A. देश भक्ति

नेताजी की मूर्ति पर सरकंडे के चश्मे को देखकर क्या उम्मीद जगती है?
 A. ज्ञान प्राप्ति की उम्मीद
 B. नए लोगों में देश भक्ति की उम्मीद
 C. धन-दौलत प्राप्त करने की उम्मीद
 D. देश की तरक्की की उम्मीद

Answer B. नए लोगों में देश भक्ति की उम्मीद

इस पाठ में पानवाले के चरित्र की प्रमुख विशेषता क्या दिखाई गई है?
 A. धोखेबाज़ है
 B. चालाक है
 C. बातों का धनी है
 D. गरीब और ईमानदार है

Answer C. बातों का धनी है

‘वो लँगड़ा क्या जाएगा फ़ौज में। पागल है पागल!’-ये शब्द किसने कहे हैं?
 A. पानवाले ने 1st
 B. हालदार ने
 C. ड्राइवर ने
 D. नगरपालिका के अध्यक्ष ने

Answer A. पानवाले ने

‘नेताजी का चश्मा’ पाठ के लेखक का क्या नाम है?
 A. रामवृक्ष बेनीपुरी
 B. मन्नू भंडारी
 C. स्वयं प्रकाश
 D. यशपाल

Answer C. स्वयं प्रकाश

हालदार साहब कस्बे में क्यों रुकते थे?
 A. आराम करने के लिए
 B. पान खाने के लिए
 C. किसी से मिलने के लिए
 D. कंपनी के काम के लिए

Answer B. पान खाने के लिए

नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा किसने बनाई थी?
 A. कस्बे के नेता ने
 B. कस्बे के मूर्तिकार ने
 C. स्कूल के ड्राइंग मास्टर ने
 D. स्कूल के हैडमास्टर ने

Answer C. स्कूल के ड्राइंग मास्टर ने

ड्राइंग मास्टर का क्या नाम था?
 A. मोतीलाल
 B. किशनलाल
 C. प्रेमपाल
 D. सोहनलाल

Answer A. मोतीलाल

कस्बे में कितने स्कूल थे?
 A. पाँच
 B. चार
 C. तीन
 D. दो

Answer D. दो

सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा किस वस्तु की बनी थी?
 A. लोहे की
 B. संगमरमर की
 C. मिट्टी की
 D. काँसे की

Answer B. संगमरमर की

मूर्ति-निर्माण में नगरपालिका को देर क्यों लगी होगी?
 A. धन के अभाव के कारण
 B. मूर्तिकार न मिलने के कारण
 C. मूर्ति स्थापना के स्थान का निर्णय न कर पाने के कारण
 D. संगमरमर न मिलने के कारण

Answer A. धन के अभाव के कारण

‘मूर्ति बनाकर पटक देने’ का क्या भाव है?
 A. मूर्ति बनाकर तोड़ देना
 B. मूर्ति बनाना
 C. मूर्ति समय पर बनाना
 D. मूर्ति को फेंक देना

Answer C. मूर्ति समय पर बनाना

मूर्ति की ऊँचाई कितनी थी?
 A. दो फुट
 B. चार फुट
 C. छह फुट
 D. आठ फुट

Answer A. दो फुट

‘तुम मुझे खून दो’ नेताजी का यह नारा हमें क्या प्रेरणा देता है?
 A. तरक्की करने की
 B. खूनदान देने की
 C. देश के लिए बलिदान देने की
 D. देश से प्रेम करने की

Answer C. देश के लिए बलिदान देने की

सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा में क्या कमी रह गई थी?
 A. टोपी नहीं थी
 B. चश्मा नहीं था
 C. प्रतिमा की ऊँचाई कम थी
 D. रंग उचित नहीं था

Answer B. चश्मा नहीं था

सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा पर चश्मा किसने लगाया था?
 A. मोतीलाल ने
 B. हालदार साहब ने
 C. कैप्टन चश्मे वाले ने
 D. पानवाले ने

Answer C. कैप्टन चश्मे वाले ने

अंतिम बार हालदार साहब ने नेताजी की मूर्ति पर कौन-सा चश्मा देखा था?
 A. सोने का चश्मा
 B. लोहे का चश्मा
 C. प्लास्टिक का चश्मा
 D. सरकंडे का बना चश्मा

Answer D. सरकंडे का बना चश्मा

हालदार साहब पहले मायूस क्यों हुए थे?
A. देशभक्तों के अनादर के कारण
B. मूर्ति पर चश्मा न होने के कारण
C. मँहगाई के कारण
D. बेरोजगारी के कारण

Answer B. मूर्ति पर चश्मा न होने के कारण

हालदार साहब किसे देखकर आवाक् रह गए थे?
A. मूर्ति को
B. चश्में को
C. कस्बे को
D. चश्मेवाले कैप्टन को

Answer D. चश्मेवाले कैप्टन को

जब चश्मा वाला मर गया तो मूर्ति पर कौन सा चश्मा लगा था? - jab chashma vaala mar gaya to moorti par kaun sa chashma laga tha?

जब चश्मा वाला मर गया तो मूर्ति पर कौन सा चश्मा लगा था? - jab chashma vaala mar gaya to moorti par kaun sa chashma laga tha?

FAQs

नेताजी की मूर्ति पर दूसरी बार किस आकार का चश्मा था?

दूसरी बार जब हालदार साहब आये तो उन्हें मूर्ति पर तार का फ्रेम वाले गोल चश्मा लगा था।

कैप्टन क्या कार्य करता था?

कैप्टन फेरी लगाकर चश्मे बेचने वाला एक मरियल और लंगड़ा-सा व्यक्ति था, जो हाथ में संदूकची और एक बांस में चश्मे के फ्रेम टाँगे घूमा करता था।

हालदार साहब कैसे थे?

हालदार साहब एक जिज्ञासु प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। यहाँ तक पानवाले ने चश्मे वाले कैप्टन के प्रति उपेक्षापूर्ण व्यवहार प्रकट किया तब उन्हें यह भी बिलकुल भी अच्छा नहीं लगा। वह समाज के हर वर्ग तथा सभी लोगों से सभ्य व्यवहार, प्रेम तथा सद्व्यवहार की अपेक्षा करते हैं। वह स्वभाव से संदेंशील तथा भावुक हैं।

Netaji ka Chashma Class 10 पाठ किसने लिखा है?

इस पाठ को लिखा है भारत के लोकप्रिय लेखक स्वयं प्रकाश जी ने।

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मूर्ति को चश्मा कौन पहनाता है?

मूर्ति को चश्मा पहनाने का काम चश्मा बेचने वाला एक बूढ़ा मरियल-सा लँगड़ा आदमी करता था जिसे कैप्टन कहते थे जो घूम-घूमकर चश्में बेचा करता था। वह अपने चश्मों में से एक चश्मा मूर्ति पर लगा देता था। जब किसी ग्राहक को मूर्ति पर लगे चश्मे को खरीदने की इच्छा होती तो वह मूर्ति से चश्मा हटाकर वहाँ कोई दूसरा फ्रेम लगा देता था।

हालदार साहब ने कैप्टन की मृत्यु के बाद मूर्ति पर कौन सा चश्मा देखा?

हालदार साहब निराश थे कि सुभाष की मूर्ति पर चश्मा नहीं होगा। परंतु मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा देखकर उनकी निराशा आशा में परिवर्तित हो गई कि बच्चों में भी देशभक्तों के प्रति श्रद्धा विद्यमान है। वे बच्चों में देशभक्ति की भावना देखते हैं। इस बात से वे भावुक हो उठे।

नेता जी की मूर्ति पर कौन चश्मा लगाता था?

पूछने पर पान वाले ने हालदार साहब को बताया कि मूर्ति का चश्मा कैप्टन बदलता है। कैप्टन को बिना चश्मे वाली नेताजी की मूर्ति आहत करती थी इसलिए उसने उस मूर्ति पर चश्मा लगा दिया। अब यदि कोई ग्राहक उससे नेता जी की मूर्ति पर लगे चश्मे जैसा चश्मा मांगता तो वह मूर्ति पर से चश्मा उतार कर ग्राहक को दे देता था

मूर्ति के चेहरे पर चश्मा क्यों नहीं था?

Explanation: उत्तरः पानवाला एक हँसोड़ स्वभाव वाला व्यक्ति है परन्तु उसके हृदय में संवेदना भी है क्योंकि हालदार साहब ने जब मूर्ति के चेहरे पर कोई चश्मा नहीं देखा तो उसके बारे में पान वाले से पूछा तो उसने उदास होकर अपनी आँखों को पौंछते हुए कैप्टन की मृत्यु की सूचना दी।