हिंदी के इस ब्लॉग में कक्षा 10 के Netaji ka chashma Class 10 की कहानी के लेखक परिचय और NCERT की पुस्तक के अनुसार प्रश्नों के उत्तर के बारे में जानेंगे। छात्रों के लिए 10वीं क्लास सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है, इसलिए NCERT अपने सिलेबस में उन टॉपिक को जरूर कवर करती है जो परीक्षा के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण होती है। चलिए विस्तार से जानते हैं Netaji ka chashma Class 10 के बारे में। Show यह भी पढ़ें : CBSE Class 10 Hindi Syllabus
पाठ सारांशNetaji ka Chashma Class 10 के लिए पाठ सारांश नीचे दिया गया है-
यह भी पढ़ें : Bade Bhai Sahab Class 10 Source: SRIJANलेखक परिचयSource – Jagranइस पाठ के लेखक स्वयं प्रकाश हैं। इनका जन्म सन 1947 में इंदौर (मध्य प्रदेश) में हुआ। मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढाई कर एक औद्योगिक प्रतिष्ठान में नौकरी करने वाले स्वंय प्रकाश का बचपन और नौकरी का बड़ा हिस्सा राजस्थान में बिता। फिलहाल वे स्वैछिक सेवानिवृत के बाद भोपाल में रहते हैं और वसुधा सम्पादन से जुड़े हैं। कहानी संग्रह – सूरज कब निकलेगा, आएँगे अच्छे दिन भी, आदमी जात का आदमी, संधान, Netaji ka chashma Class 10 आदि | उपन्यास – बीच में विनय और ईंधन। कठिन शब्दों के अर्थNetaji ka Chashma Class 10 के लिए कठिन शब्दों के अर्थ इस प्रकार हैं:
यह भी पढ़ें : मैं क्यों लिखता हूं Class 10th Solutions Netaji ka chashma Class 10 पाठ के लिए प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं- प्रश्न 1 .Netaji ka chashma Class 10 पाठ में सेनानी न होते हुए भी चश्मेवाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे? प्रश्न 2. हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले चौराहे पर गाड़ी रोकने के लिए मना किया था। लेकिन बाद में तुरंत रोकने को कहा — (क) हालदार साहब पहले मायूस क्यों हो गए थे ? (ख) मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा क्या उम्मीद जगाता है ? (ग) हालदार साहब इतनी-सी बात पर भावुक क्यों हो उठे ? प्रश्न 3. आशय स्पष्ट कीजिए प्रश्न 4 .पानवाले का एक रेखाचित्र प्रस्तुत कीजिए । प्रश्न 5.“वो लँगड़ा क्या जाएगा फ़ौज में। पागल है पागल!” कैप्टन के प्रति पानवाले की इस टिप्पणी पर अपनी प्रतिक्रिया लिखिए। प्रश्न 6. निम्नलिखित वाक्य, पात्रों की कौन-सी विशेषता की ओर संकेत करते हैं ? (ख) पानवाला उदास हो गया। उसने पीछे मुड़कर मुँह का पान नीचे थूका और सिर झुकाकर अपनी
धोती के सिरे से आँखें पोंछता हुआ बोला “साहब ! कैप्टन मर गया”। (ग) कैप्टन बार-बार मूर्ति पर चश्मा लगा देता था। प्रश्न 7.जब तक हालदार साहब ने कैप्टन को साक्षात देखा नहीं था , तब तक उनके मानस पटल पर उसका कौन-सा चित्र रहा होगा , अपनी कल्पना से लिखिए। प्रश्न 8. कस्बों , शहरों , महानगरों के चौराहों पर किसी न किसी क्षेत्र के प्रसिद्ध व्यक्ति की मूर्ति लगाने का प्रचलन सा हो गया है। (ख) आप अपने इलाके के चौराहे पर किस व्यक्ति की मूर्ति स्थापित करवाना चाहेंगे और क्यों ? (ग) उस मूर्ति के प्रति आपके एवं दूसरे लोगों के क्या उत्तरदायित्व होने चाहिए ? प्रश्न 9. सीमा पर तैनात फ़ौजी ही देश प्रेम का परिचय नहीं देते। हम सभी अपने दैनिक कार्यों में किसी न किसी रूप में देश-प्रेम प्रकट करते हैं। जैसे-सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न पहुँचाना , पर्यावरण संरक्षण आदि। अपने जीवन जगत से जुड़े ऐसे और कार्यों का उल्लेख कीजिए और उन पर अमल भी कीजिए। प्रश्न 10. निम्नलिखित पंक्तियों में स्थानीय बोली का प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है।आप इन पंक्तियों को मानक हिंदी में लिखिए कोई गिराक आ गया समझो। उसको चौड़े चौखट चाहिए। तो कैप्टन किदर से लाएगा ? तो उसको मूर्तिवाला दे दिया। उदर दूसरा बिठा दिया। यह भी पढ़ें : Balgobin Bhagat Class 10 प्रश्न 11. “भई खूब ! क्या आइडिया है “। इस वाक्य को ध्यान में रखते हुए बताइए कि एक भाषा में दूसरी भाषा के शब्दों के आने से क्या लाभ होते हैं ? उत्तर- एक भाषा में दूसरी भाषा के शब्दों के आने से भाषा अधिक सरल , सहज व रुचिकर बन जाती हैं जो जल्दी समझ में आ जाती है। इससे भाव अभिव्यक्ति बढ़ जाती हैं और साथ में भाषा का शब्द भण्डार भी बढ़ जाता है। भाषा की लोकप्रियता में भी बढ़ोत्तरी होती हैं। प्रश्न 12 .निम्नलिखित वाक्यों से निपात छाँटिए और उनसे नए वाक्य बनाइए। प्रश्न 13 . निम्नलिखित वाक्यों को कर्मवाच्य में बदलिए। प्रश्न 14 . नीचे लिखे वाक्यों को भाववाच्य में बदलिए। यह भी पढ़ें : Sapno Ke se Din Class 10 Netaji ka Chashma MCQsनेताजी की मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा किसने लगाया होगा? Answer: (d) किसी बच्चे ने चश्मेवाले के प्रति पानवाले के मन में कैसी भावना थी? Answer: (c) उपेक्षा किसे देखकर हवलदार के चेहरे पर कौतुकभरी मुस्कान फ़ैल गई? (a) पानवाले को चश्मेवाले को पानवाला क्या समझता था? Answer: (b) पागल एक बार कस्बे से गुजरते समय हवलदार को मूर्ति में क्या अंतर दिखाई दिया? Answer: (a) मूर्ति पर चश्मा नहीं था| नेताजी की बगैर चश्मे वाली मूर्ति किसे बुरी लगती थी? Answer: (d) चश्मे वाले को पहली बार कस्बे से गुजरने पर हवलदार मूर्ति पर क्या देखकर चौंके? Answer: (c) चश्मा हवलदार का
स्वभाव कैसा था? Answer: (d) देशभक्त हवलदार साहब किस बात पर दुखी हो गए? Answer: (a) दुनिया के स्वार्थी स्वभाव पर नेताजी की मूर्ति की ऊँचाई कितनी थी? Answer: (d) 2 फुट नेताजी की प्रतिमा किस वर्दी में थी? Answer B. फौजी वर्दी में हालदार साहब क्या देखकर दुखी हुए थे? Answer C. देश भक्तों के प्रति अनादर भाव रखने वालों को ‘नेताजी का चश्मा’ नामक कहानी में देशभक्तों का अनादर करने वाले पात्र कौन हैं? Answer D. पानवाला ‘नेताजी का चश्मा’ शीर्षक पाठ का मूल भाव क्या है? Answer A. देश भक्ति नेताजी की मूर्ति पर सरकंडे के चश्मे को देखकर क्या उम्मीद जगती है? Answer B. नए लोगों में देश भक्ति की उम्मीद इस
पाठ में पानवाले के चरित्र की प्रमुख विशेषता क्या दिखाई गई है? Answer C. बातों का धनी है ‘वो लँगड़ा क्या जाएगा फ़ौज में। पागल है पागल!’-ये शब्द किसने कहे हैं? Answer A. पानवाले ने ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ के लेखक का क्या नाम है? Answer C. स्वयं प्रकाश हालदार
साहब कस्बे में क्यों रुकते थे? Answer B. पान खाने के लिए नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा किसने बनाई थी? Answer C. स्कूल के ड्राइंग मास्टर ने ड्राइंग मास्टर का क्या नाम था? Answer A. मोतीलाल कस्बे में कितने स्कूल थे? Answer D. दो सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा किस वस्तु की बनी थी? Answer B. संगमरमर की मूर्ति-निर्माण में नगरपालिका को देर क्यों लगी होगी? Answer A. धन के अभाव के कारण ‘मूर्ति बनाकर पटक देने’ का क्या
भाव है? Answer C. मूर्ति समय पर बनाना मूर्ति की ऊँचाई कितनी थी? Answer A. दो फुट ‘तुम मुझे खून दो’ नेताजी का यह नारा हमें क्या प्रेरणा देता है? Answer C. देश के लिए बलिदान देने की सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा में क्या कमी रह गई थी? Answer B. चश्मा नहीं था सुभाषचंद्र बोस की
प्रतिमा पर चश्मा किसने लगाया था? Answer C. कैप्टन चश्मे वाले ने अंतिम बार हालदार साहब ने नेताजी की मूर्ति पर कौन-सा चश्मा देखा था? Answer D. सरकंडे का बना चश्मा हालदार साहब पहले मायूस क्यों हुए थे? Answer B. मूर्ति पर चश्मा न होने के कारण हालदार साहब किसे देखकर आवाक् रह गए थे? Answer D. चश्मेवाले कैप्टन को FAQsनेताजी की मूर्ति पर दूसरी बार किस आकार का चश्मा था? दूसरी बार जब हालदार साहब आये तो उन्हें मूर्ति पर तार का फ्रेम वाले गोल चश्मा लगा था। कैप्टन क्या कार्य करता था? कैप्टन फेरी लगाकर चश्मे बेचने वाला एक मरियल और लंगड़ा-सा व्यक्ति था, जो हाथ में संदूकची और एक बांस में चश्मे के फ्रेम टाँगे घूमा करता था। हालदार साहब कैसे थे? हालदार साहब एक जिज्ञासु प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। यहाँ तक पानवाले ने चश्मे वाले कैप्टन के प्रति उपेक्षापूर्ण व्यवहार प्रकट किया तब उन्हें यह भी बिलकुल भी अच्छा नहीं लगा। वह समाज के हर वर्ग तथा सभी लोगों से सभ्य व्यवहार, प्रेम तथा सद्व्यवहार की अपेक्षा करते हैं। वह स्वभाव से संदेंशील तथा भावुक हैं। Netaji ka Chashma Class 10 पाठ किसने लिखा है? इस पाठ को लिखा है भारत के लोकप्रिय लेखक स्वयं प्रकाश जी ने। उम्मीद है, netaji ka chashma class 10 पाठ है आपको समझ आया होगा। यदि आप विदेश में पढ़ना चाहते हैं तो आज ही Leverage Edu एक्सपर्ट्स के साथ फ्री सेशन बुक सेशन करने के लिए 1800 572 000 पर कॉल करें और सही गाइडेंस पाएं। मूर्ति को चश्मा कौन पहनाता है?मूर्ति को चश्मा पहनाने का काम चश्मा बेचने वाला एक बूढ़ा मरियल-सा लँगड़ा आदमी करता था जिसे कैप्टन कहते थे जो घूम-घूमकर चश्में बेचा करता था। वह अपने चश्मों में से एक चश्मा मूर्ति पर लगा देता था। जब किसी ग्राहक को मूर्ति पर लगे चश्मे को खरीदने की इच्छा होती तो वह मूर्ति से चश्मा हटाकर वहाँ कोई दूसरा फ्रेम लगा देता था।
हालदार साहब ने कैप्टन की मृत्यु के बाद मूर्ति पर कौन सा चश्मा देखा?हालदार साहब निराश थे कि सुभाष की मूर्ति पर चश्मा नहीं होगा। परंतु मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा देखकर उनकी निराशा आशा में परिवर्तित हो गई कि बच्चों में भी देशभक्तों के प्रति श्रद्धा विद्यमान है। वे बच्चों में देशभक्ति की भावना देखते हैं। इस बात से वे भावुक हो उठे।
नेता जी की मूर्ति पर कौन चश्मा लगाता था?पूछने पर पान वाले ने हालदार साहब को बताया कि मूर्ति का चश्मा कैप्टन बदलता है। कैप्टन को बिना चश्मे वाली नेताजी की मूर्ति आहत करती थी इसलिए उसने उस मूर्ति पर चश्मा लगा दिया। अब यदि कोई ग्राहक उससे नेता जी की मूर्ति पर लगे चश्मे जैसा चश्मा मांगता तो वह मूर्ति पर से चश्मा उतार कर ग्राहक को दे देता था।
मूर्ति के चेहरे पर चश्मा क्यों नहीं था?Explanation: उत्तरः पानवाला एक हँसोड़ स्वभाव वाला व्यक्ति है परन्तु उसके हृदय में संवेदना भी है क्योंकि हालदार साहब ने जब मूर्ति के चेहरे पर कोई चश्मा नहीं देखा तो उसके बारे में पान वाले से पूछा तो उसने उदास होकर अपनी आँखों को पौंछते हुए कैप्टन की मृत्यु की सूचना दी।
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