जब रावण माता सीता का हरण करके ले जा रहा था, तब किस पक्षी ने उसे रोकने की कोशिश की थी ? - jab raavan maata seeta ka haran karake le ja raha tha, tab kis pakshee ne use rokane kee koshish kee thee ?

रामायण के सभी पात्रों की भूमिकाओं का अपना-अपना महत्‍व है और सभी से किसी न किसी रोचक कथा का भी संबंध है। इन्‍हीं में से एक हैं जटायु और संपाती। कहने को तो ये दोनों सगे भाई पक्षी गरुड़ के वंशज कहलाते हैं, लेकिन ये कोई साधारण पक्षी नहीं, बल्कि दिव्‍य शक्तियों से परिपूर्ण थे। अमिताभ बच्‍चन के शो कौन बनेगा करोड़पति में इनसे जुड़ा एक सवाल पूछा गया। सवाल यह था कि दूरदृष्टि रखने वाले कौन से पक्षी ने हनुमानजी को यह जानकारी दी थी कि रावण ने सीता को बंदी बनाकर लंका में रखा है। इस प्रश्‍न का जवाब प्रतियोगी को नहीं पता था। क्या आपको पता है इस सवाल का जवाब। आइए जानें इस पक्षी के बारे में रोचक बातें...

भगवान राम की अर्धांगिनी मां सीता का पंचवटी के पास लंकाधिपति रावण ने अपहरण करके 2 वर्ष तक अपनी कैद में रखा था। लेकिन इस कैद के दौरान रावण ने माता सीता को छुआ तक नहीं था। तो ऐसा क्या कारण था कि रावण ने सीता माता को छुआ तक नहीं? क्या माता सीता में सतीत्व की शक्ति थी या कि रावण डरता था भगवान राम से। कहीं ऐसा तो नहीं कि रावण ने कोई वचन धारण कर रखा हो या वह किसी शाप से बंधा हो?

रावण जब सीता के पास विवाह प्रस्ताव लेकर गया तो माता ने घास के एक टुकड़े को अपने और रावण के बीच रखा और कहा, 'हे रावण! सूरज और किरण की तरह राम-सीता अभिन्न हैं। राम व लक्ष्मण की अनुपस्थिति में मेरा अपहरण कर तुमने अपनी कायरता का परिचय और राक्षस जा‍ति के विनाश को आमंत्रित कर दिया है। तुम्हारे को श्रीरामजी की शरण में जाना इस विनाश से बचने का एकमात्र उपाय है अन्यथा लंका का विनाश निश्चित है।'

सीता माता की इस बात से निराश रावण ने राम को लंका आकर सीता को मुक्त करने को दो माह की अवधि दी। इसके बाद रावण या तो सीता से विवाह करेगा या उसका अंत।

रावण ने सीता को हर तरह के प्रलोभन दिए कि वह उसकी पत्नी बन जाए। यदि वह ऐसा करती है तो वह अपनी सभी पत्नियों को उसकी दासी बना देगा और उसे लंका की राजरानी। लेकिन सीता माता रावण के किसी भी तरह के प्रलोभन में नहीं आईं। तब रावण ने सीता को जान से मारने की धमकी दी लेकिन यह धमकी भी काम नहीं कर पाई। रावण चाहता तो सीता के साथ जोर-जबरदस्ती कर सकता था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। आखिर इसके क्या कारण थे। जानेंगे अगले पन्नों पर।

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रावण ने सीता का हरण कैसे किया और उसे किसने रोका?

तब रावण ने अपने मामा मारीच के साथ मिलकर सीता अपहरण की योजना रची। इसके अनुसार मारीच का सोने के हिरण का रूप धारण करके राम व लक्ष्मण को वन में ले जाने और उनकी अनुपस्थिति में रावण द्वारा सीता का अपहरण करने की योजना थी।

पक्षीराज जटायु को किसने और कब मारा था?

जटायु का बलिदान : रावण जब सीताजी का हरण कर लेकर आकाश में उड़ गया तब सीताजी का विलाप सुनकर जटायु ने रावण को रोकने का प्रयास किया लेकिन अन्त में रावण ने तलवार से उनके पंख काट डाले। जटायु मरणासन्न होकर भूमि पर गिर पड़े और रावण सीताजी को लेकर लंका की ओर चला गया।

सीता हरण के लिए रावण ने किसका रूप धारण किया था?

रावण आया साधु का वेश बनाकर (Ravan ne Sita ka haran kiya) जब राम व लक्ष्मण दोनों कुटिया से दूर चले गए तब रावण माता सीता को अकेले पाकर साधु का वेश बनाकर उनकी कुटिया के बाहर के प्रांगन में आया व भिक्षा मांगने लगा।

रावण सीता का हरण करके कहाँ ले गया?

रामायण के अनुसार, जब रावण सीता को हरण करके लंका ले गया, तब उसने माता सीता को अशोक वाटिका में ही रखा था। हनुमानजी माता सीता की खोज में अशोक वाटिका पहुंचे थे।