गुप्त वंश का शासन काल क्या था? - gupt vansh ka shaasan kaal kya tha?

गुप्त वंश 275 ई. के आसपास अस्तित्व में आया। इसकी स्थापना श्रीगुप्त ने की थी। लगभग 510 ई. तक यह वंश शासन में रहा। आरम्भ में इनका शासन केवल मगध पर था, पर बाद में गुप्त वंश के राजाओं ने संपूर्ण उत्तर भारत को अपने अधीन करके दक्षिण में कांजीवरम के राजा से भी अपनी अधीनता स्वीकार कराई। इस वंश में अनेक प्रतापी राजा हुए। कालिदास के संरक्षक सम्राट चन्द्रगुप्त द्वितीय (380-415 ई.) इसी वंश के थे। यही 'विक्रमादित्य' और 'शकारि' नाम से भी प्रसिद्ध हैं। नृसिंहगुप्त बालादित्य (463-473 ई.) को छोड़कर सभी गुप्तवंशी राजा वैदिक धर्मावलंबी थे। बालादित्य ने बौद्ध धर्म अपना लिया था।

गुप्त राजवंशों का इतिहास साहित्यिक तथा पुरातात्विक दोनों प्रमाणों से प्राप्त होता है। गुप्त राजवंश या गुप्त वंश प्राचीन भारत के प्रमुख राजवंशों में से एक था। इसे भारत का 'स्वर्ण युग' माना जाता है। गुप्त काल भारत के प्राचीन राजकुलों में से एक था। मौर्य चंद्रगुप्त ने गिरनार के प्रदेश में शासक के रूप में जिस 'राष्ट्रीय' (प्रान्तीय शासक) की नियुक्ति की थी, उसका नाम 'वैश्य पुष्यगुप्त' था। शुंग काल के प्रसिद्ध 'बरहुत स्तम्भ लेख' में एक राजा 'विसदेव' का उल्लेख है, जो 'गाप्तिपुत्र' (गुप्त काल की स्त्री का पुत्र) था। अन्य अनेक शिलालेखों में भी 'गोप्तिपुत्र' व्यक्तियों का उल्लेख है, जो राज्य में विविध उच्च पदों पर नियुक्त थे। इसी गुप्त कुल के एक वीर पुरुष श्रीगुप्त ने उस वंश का प्रारम्भ किया, जिसने आगे चलकर भारत के बहुत बड़े भाग में मगध साम्राज्य का फिर से विस्तार किया।

साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में इस अवधि का योगदान आज भी सम्मानपूर्वक स्मरण किया जाता है। कालिदास इसी युग की देन हैं। अमरकोश, रामायण, महाभारत, मनुस्मृति तथा अनेक पुराणों का वर्तमान रूप इसी काल की उपलब्धि है। महान् गणितज्ञ आर्यभट तथा वराहमिहिर गुप्त काल के ही उज्ज्वल नक्षत्र हैं। दशमलव प्रणाली का आविष्कार तथा वास्तुकला, मूर्तिकला, चित्रकला ओर धातु-विज्ञान के क्षेत्र की उपलब्धियों पर आज भी लोगों का आनंद और आश्चर्य होता है।

इस राजवंश में जिन शासकों ने शासन किया उनके नाम इस प्रकार है:-

  • श्रीगुप्त (240-280 ई.),
  • घटोत्कच (280-319 ई.),
  • चंद्रगुप्त प्रथम (319-335 ई.)
  • समुद्रगुप्त (335-375 ई.)
  • रामगुप्त (375 ई.)
  • चंद्रगुप्त द्वितीय (375-414 ई.)
  • कुमारगुप्त प्रथम महेन्द्रादित्य (415-454 ई.)
  • स्कन्दगुप्त (455-467 ई.)
पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

देखें  वार्ता  बदलें

गुप्त काल (280–550 ई.)

कुमारगुप्त द्वितीय · कुमारगुप्त प्रथम महेन्द्रादित्य · गढ़वा · गुप्त राजवंश · गुप्त साम्राज्य · गुप्तकालीन कला और स्थापत्य · गुप्तकालीन धार्मिक स्थिति · गुप्तकालीन प्रशासन · गुप्तकालीन राजस्व · गुप्तकालीन वाणिज्य और व्यापार · गुप्तकालीन सामाजिक स्थिति · घटोत्कच (गुप्त काल) · चंद्रगुप्त प्रथम · चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य · नरसिंह गुप्त · हस्तिवर्मा · कुमारगुप्त तृतीय · भानु गुप्त · नालन्दा विश्‍वविद्यालय · मिहिरकुल · तोरमाण · पुरुगुप्त · अंकोटक · यशोधर्मन · अंतर्वेद · बुधगुप्त · गोविंदगुप्त · भितरी · कुमारदेवी · रामगुप्त · वराहमिहिर · वैण्यगुप्त · श्रीगुप्त · समुद्रगुप्त · स्कन्दगुप्त · घटोत्कच · कृष्ण गुप्त · हर्ष गुप्त · कुट्टनी · ध्रुवदेवी · नरसिंहगुप्त · भूतिवर्मा · सनकानिक · अवमुक्त · आम्रकार्द्दव · गुप्तोत्तर काल · चंद्र · रूपक · पर्णदत्त · चक्रपालित

देखें  वार्ता  बदलें

भारत के राजवंश

आदिलशाही वंश · ख़िलजी वंश · ग़ुलाम वंश · सातवाहन वंश · गंग वंश · तुग़लक़ वंश · निज़ामशाही वंश · बहमनी राजवंश · पाल वंश · नंद वंश · मौखरि वंश · मौर्य वंश · सूर वंश · इल्बारी वंश · चालुक्य वंश · वर्धन वंश · कुषाण वंश · गुप्त वंश · शुंग वंश · चौहान वंश · गहड़वाल वंश · गुर्जर प्रतिहार वंश · पल्लव वंश · राष्ट्रकूट वंश · भोई वंश · नागवंश · गजपति वंश · शिशुनाग वंश · प्रद्योत राजवंश · त्रैकुटकर वंश · होयसल वंश · मुग़ल वंश · लोदी वंश · सेन वंश · चेर वंश · पूर्वी गंग वंश · पश्चिमी गंग वंश · उत्तर गुप्त राजवंश · कदम्ब वंश · काकतीय वंश · शैलेन्द्र वंश · चोल वंश · परमार वंश · चेदि वंश · तुलुव वंश · देवगिरि का यादव वंश · शिलाहार वंश · कछवाहा वंश · फणिनागवंश · वाकाटक वंश · भारशिव वंश · कर्कोटक वंश · उत्पल वंश · सिंधिया वंश · होल्कर वंश · लोहार वंश · हाड़ा · वर्मन वंश · हिन्दू शाही वंश · सोलंकी वंश · क़ुतुबशाही वंश · कलचुरी वंश · चन्देल वंश · कण्व वंश · हर्यक वंश · सैयद वंश · पाण्ड्य राजवंश · कुन्ति · मैत्रक वंश · पुष्यभूति वंश · गुर्जर प्रतिहार वंश · संगम वंश · सालुव वंश · अरविडु वंश · फ़ारूक़ी वंश · शर्की वंश · पाल साम्राज्य · गायकवाड़ · बरीदशाही राजवंश · हैहय वंश · भोंसले वंश · सिसोदिया राजवंश · किलकिल · कर्नाट वंश · नूहानी वंश · ब्रहद्रथ वंश · अलकप्प के बुलि · खयरवाल राजवंश · महामेघवाहन वंश · खांट राजवंश

गुप्त वंश ने कब तक शासन किया?

गुप्त साम्राज्य : गुप्त वंश के राजाओं की उत्पत्ति और कालक्रम से संबंधित प्राचीन इतिहास एनसीईआरटी नोट्स पढ़ें! प्राचीन भारतीय में, गुप्त साम्राज्य (Gupta Empire) तीसरी शताब्दी ईस्वी के मध्य में स्थापित हुआ था और इसका शासनकाल 543 ईस्वी तक चला।

गुप्त वंश में कितने शासक हुए?

इस वंश में तीन प्रमुख शासक थे – चन्द्रगुप्त प्रथम, समुद्रगुप्त और चन्द्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य).

गुप्त वंश के पहले शासक कौन थे?

चन्द्रगुप्त प्रथम (319-334 ई.) : गुप्तवंश का प्रथम महान् शासक चन्द्रगुप्त प्रथम था। उसने महाराजाधिराज की उपाधि धारण की। लिच्छवियों से वैवाहिक सम्बन्ध स्थापित कर उसने अपनी स्थिति सुदृढ़ की। उसने लिच्छवि राजकुमारी कुमारदेवी से विवाह किया,जिससे समुद्रगुप्त का जन्म हुआ।

गुप्त वंश की स्थापना कब और किसने की?

श्रीगुप्त (शासनकाल 240 – 280 ई) गुप्त साम्राज्यगुप्त वंश राजपूत का था तथा इसके संस्थापक श्री गुप्त थे। श्रीगुप्त के बाद उसका पुत्र घटोत्कच शासक बना। जिसका शासनकाल 280 से 319 सीई तक था। इस वंश का प्रथम प्रतापी राजा चंद्रगुप्त प्रथम था जिसने एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की।