न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मेरठ Published by: मेरठ ब्यूरो Updated Mon, 21 Sep 2020 12:33 PM IST
डॉ. निव्या विकल और डॉ. भावना गांधी - फोटो : अमर उजाला खाद्य पदार्थों में पोषक तत्वों की कमी का सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ रहा है। सेहत खराब करने में कीटनाशकों की भी बड़ी भूमिका है। वो जहर जो फल, सब्जियों और अनाज को कीड़े, रोग और खरपतवार से बचाने के लिए डाले जाते हैं। ऐसे में कीटनाशक का बड़ा हिस्सा उस फल और अनाज में समा जाता है। जो खाने वालों को बीमार कर रहा है। कीटनाशकों के प्रभाव से अस्थमा, ऑटिज्म,
डायबिटीज, अल्जाइमर, किडनी, हृदय, प्रजनन संबंधी अक्षमता और कई तरह का कैंसर होने का खतरा रहता है। किसी भी व्यक्ति के आहार में कार्बोहाईड्रेट, प्रोटीन, विटामिन, वसा और सूक्ष्म पोषण तत्व होने चाहिए। भोजन में पहले जैसी ताकत के लिए तो मिट्टी और खेती से सुधार करना होगा। डायटीशियन-न्यूट्रिशन एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि खाने और पकाने का तरीका बदलकर कुछ हद इसकी भरपाई की जा सकती है। पोषक तत्वों की कमी से होने वाली बीमारियां बढ़ रहे कैंसर का मामले यह भी पढ़ें: एक्सक्लूसिव: प्रशासन की बड़ी लापरवाही, सांठगांठ से लॉकडाउन के दौरान
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APP अपने मोबाइल पे| हमारे शरीर को स्वस्थ रहने और बेहतर तरीके से काम करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पोषण की जरूरत होती है। यह पोषण आपको वृहद पोषक तत्व (मैक्रोन्यूट्रिएंट्स) जैसे- वसा, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन से मिलता है जबकि सूक्ष्म पोषक तत्व (माइक्रोन्यूट्रिएंट्स) जैसे- विटामिन, मिनरल्स और एमिनो एसिड भी आपकी बेहतर सेहत बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। इन सूक्ष्म पोषक तत्वों का शरीर में प्राकृतिक रूप से उत्पादन नहीं होता इसलिए आपको अपने आहार के माध्यम से इन्हें लेना पड़ता है। जब शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषण नहीं मिल पाता या जब शरीर जरूरी मात्रा में पोषक तत्वों को सही तरीके से अवशोषित नहीं कर पाता तो ऐसी स्थिति को पोषण की कमी कहा जाता है। पोषण की कमी की वजह से सेहत से जुड़ी कई तरह की समस्याएं और बीमारियां हो सकती हैं। इसमें पाचन से जुड़ी बीमारी, त्वचा से जुड़ी बीमारी, हड्डियों का त्रुटिपूर्ण विकास और डिमेंशिया आदि। वैसे तो पोषण की कमी एक वैश्विक समस्या है लेकिन दुनियाभर की सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी वाली करीब आधी आबादी भारत में ही रहती है।
शरीर के लिए कुछ पोषक तत्व जरूरी माने जाते हैं. हालांकि, ये पोषक तत्व न्यूट्रीएंट्स बहुत आम हैं लेकिन फिर भी ज्यादातर लोगों में इसकी कमी पाई जाती है. आइए जानते कौन से हैं वो न्यूट्रीएंट्स जिनकी कमी अधिकांश लोगों में पाई जाती है और इसे कैसे पूरा किया जा सकता है.
आयरन की कमी- आयरन एक जरूरी मिनरल है. हीमोग्लोबिन और कोशिकाओं तक ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए ये बहुत जरूरी है. पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा (25%) लोगों में आयरन की ही कमी पाई जाती है. वहीं, छोटे बच्चों में 47 फीसदी तक आयरन की कमी पाई जाती है. पीरियड्स के दौरान 30 फीसदी महिलाओं में इसकी कमी हो जाती है. वहीं, 42 फीसदी युवाओं और प्रेग्नेंट महिलाओं में भी
इसकी कमी पाई जाती है.
आयरन की कमी से ज्यादतर लोगों को एनीमिया हो जाता है. शाकाहारी में इसका खतरा ज्यादा होता है क्योंकि वो केवल प्लांट बेस्ड आयरन का ही सेवन करते हैं. आयरन की कमी से हर वक्त थकान और कमजोरी बनी रहती है. इसके अलावा, इसकी कमी से इम्यून सिस्टम भी कमजोर होता है. इसके लिए डाइट में रेड मीट, सालमन मछली, बीन्स, सीड्स, ब्रोकली, हरी सब्जियां और साग शामिल करें.
आयोडीन की कमी- थायराइड को सामान्य रखने के लिए आयोडीन बहुत जरूरी है. मस्तिष्क और हड्डियों के विकास के लिए थायराइड हार्मोन आवश्यक होते हैं. आयोडीन की कमी सबसे आम पोषक तत्वों की कमी में से एक है. दुनिया के लगभग एक तिहाई लोगों में इसकी कमी पाई जाती है. आयोडीन की कमी का सबसे आम लक्षण थायराइड ग्लैंड का बढ़ जाना है.
आयोडीन की कमी की वजह से हृदय गति तेज होने लगती है और सांस लेने में भी दिक्कत आने लगती है.आयोडीन की कमी से गंभीर नुकसान से भी हो सकते हैं, खासतौर से बच्चों का विकास रूक सकता है. इसके लिए डाइट में मछली, डेयरी प्रोडक्ट और अंडे शामिल करें. कुछ देशों में आयोडीन वाला नमक लेना अनिवार्य है.
विटामिन डी की कमी- विटामिन डी वसा में घुलनशील विटामिन है जो शरीर में स्टेरॉयड हार्मोन की तरह काम करता है. शरीर की कोशिकाओं के लिए विटामिन डी बहुत जरूरी है. धूप की वजह से शरीर में विटामिन डी बनता है. जिन जगहों पर धूप नहीं होती है, वहां लोगों में इसकी बहुत कमी पाई जाती है. अमेरिका में, लगभग 42 फीसदी लोगों में इस विटामिन की कमी है. अधिकतर भारतीयों में भी विटामिन डी की कमी देखी गई है.
विटामिन डी की कमी से मांसपेशियों और हड्डियों में कमजोरी हो जाती है जिसकी वजह से फ्रैक्चर का खतरा बढ़ सकता है. इसकी कमी की वजह से बच्चों का विकास रुक जाता है. इसकी कमी से इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, साथ ही कैंसर का भी खतरा बढ़ जाता है. विटामिन डी के लिए कॉड लिवर ऑयल, फैटी फिश और अंडे की जर्दी लें. अगर आप धूप में नहीं जा पा रहे हैं तो विटामिन डी का सप्लिमेंट भी ले सकते हैं.
विटामिन बी12 की कमी- विटामिन बी12 पानी में घुलनशील विटामिन है. खून, दिमाग और नर्वस सिस्टम के लिए ये विटामिन बहुत जरूरी माना जाता है. विटामिन बी12 ज्यादातर एनीमल फूड में पाया जाता है. इसलिए शाकाहारी लोगों में इसकी कमी ज्यादा पाई जाती है. कुछ लोगों में इसकी इतनी कमी हो जाती है कि उन्हें B12 इंजेक्शन या फिर सप्लिमेंट लेना पड़ता है. इसकी कमी पूरा
करने के लिए मछली, मीट, अंडा और मिल्क प्रोडक्ट लेना जरूरी है.
कैल्शियम की कमी- शरीर की हर कोशिकाओं के लिए कैल्शियम जरूरी है. ये हड्डियों और दांतों को जरूरी पोषण देता है. कैल्शियम की कमी से दिल, मांसपेशियां और नसें सही से काम नहीं कर पाती हैं. कैल्शियम की कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है. इसकी कमी पूरी करने के लिए डाइट में हड्डी वाली मछली, डेयरी प्रोडक्ट और हरी सब्जियां शामिल करें.
विटामिन A की कमी- विटामिन A एक आवश्यक वसा में घुलनशील विटामिन है. स्वस्थ त्वचा, दांत, हड्डियों और कोशिका झिल्ली को बनाने रखने में ये विटामिन बहुत जरूरी है. आखों के लिए भी ये विटामिन बहुत जरूरी है. इसकी कमी से लोगों को कम दिखाई देने लगता है. विकासशील देश के लोगों में ये विटामिन बहुत कम पाया जाता है. इसकी कमी का असर इम्यून सिस्टम पर भी पड़ता है.
ऑर्गन मीट, फिश लिवर ऑयल, बीटा कैरोटीन, शकरकंद, गाजर और पत्तेदार सब्जियों में ये विटामिन भरपूर मात्रा में पाया जाता है.
मैग्नीशियम की कमी- मैग्नीशियम आपके शरीर में एक महत्वपूर्ण खनिज है. हड्डी और दांतों की संरचना के लिए ये बहुत जरूरी है. मैग्नीशियम की कमी से टाइप 2 डायबिटीज, मेटाबोलिक सिंड्रोम, हृदय रोग, बेचैनी, मांसपेशियों में दर्द और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं. मैग्नीशियम की कमी पूरी करने के लिए डाइट में साबुत अनाज, सूखे मेवे, डॉर्क चॉकलेट और हरी, पत्तेदार सब्जियां शामिल करें. कौन सा रोग पोषक तत्व की कमी से होता है?अगर शरीर को भरपूर मात्रा में पौष्टिक तत्व न मिले तो कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्यायें होने लगती हैं। इसकी कमी से त्वचा की समस्या, अपच, बालों का गिरना, कमजोरी, आंखों की रोशनी कम होना, भूलने की समस्या जैसी कई समस्यों होने लगती हैं। अगर इसकी कमी है तो शरीर खुद बता है।
पोषण की कमी से क्या होता है?शरीर में आवश्यक विटामिन और खनिजों की कमी शरीर के स्वस्थ कामकाज को प्रभावित कर सकती है जिसके परिणामस्वरूप एनीमिया, कम प्रतिरक्षा, कमजोरी, थकान, अस्वस्थ त्वचा, बालों का झड़ना और कमजोर नाखून जैसे लक्षण पोषण की कमी कहलाते हैं।
पोषक तत्व कितने प्रकार के होते हैं?पोषक तत्वों को पौधों की आवश्यकतानुसार निम्न प्रकार वगीकृत किया गया है। मुख्य पोषक तत्व- नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश। गौण पोषक तत्व- कैल्सियम, मैग्नीशियम एवं गन्धक। सूक्ष्म पोषक तत्व- लोहा, जिंक, कॉपर, मैग्नीज, है।
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