Kashmir Tourism श्रीनगर में आज मंगलवार सुबह 7 बजे के आसपास बर्फबारी शुरू हो गई। बडगाम और पुलवामा जिलों में बर्फबारी अधिक हो रही है। इसके अलावा दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम और जिला अनंतनाग में भी बर्फबारी हो रही है परंतु कम। Show श्रीनगर, जेएनएन: कश्मीर घाटी सफेद चादर में लिपटी हुई है। पहाड़ हो या फिर शहर की सड़कें, पेड़ सभी बर्फ से ढक चुके हैं। प्राकृतिक जलाशयों का पानी भी बर्फ बन चुका है। जहां तक नजर जाती है, सब कुछ सफेद नजर आ रहा है। यह सब देख ऐसा लग रहा है कि जैसे हम धरती पर नहीं बल्कि स्वर्ग में आ गए हैं। यह नजारा बहुत खूबसूरत है। आज एहसास हुआ कि कश्मीर को धरती पर स्वर्ग क्यों कहा जाता है। घूमने-फिरने के शौकीन लोगों को यह एहसास करने के लिए एक बार कश्मीर जरूर आना चाहिए। गुलमर्ग में परिवार के साथ बर्फबारी का आनंद लेते हुए आनंद जैन ने यह बात कही। दिल्ली से अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ नववर्ष मनाने के लिए पहली बार कश्मीर घाटी पहुंचे जैन ने कहा कि उन्होंने अपने दोस्तो, रिश्तेदारों और सोशल मीडिया पर कश्मीर के बारे में काफी बार सुना है। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जब यहां सबकुछ ठीक लगा तो उन्होंने इस बार नववर्ष कश्मीर में मनाने का निर्णय लिया। वह रविवार को घाटी पहुंचे थे। श्रीनगर घुमने के बाद वह कल शाम को ही गुलमर्ग पहुंचे हैं।उत्तरी कश्मीर के गुलमर्ग के स्की-रिसॉर्ट में सात इंच तक बर्फ पड़ चुकी है। अभी भी बर्फबारी हो रही है। यह नजारा देख उनके बच्चे भी कह रहे हैं कि वह इससे पहले कश्मीर क्यों नहीं आए। वहीं आज मंगलवार को भी श्रीनगर शहर के साथ घाटी के अधिकांश इलाकों में हल्की बर्फबारी हो रही है। पर्यटन और व्यापार से जुड़े लोग खुश हैं। बर्फबारी के बीच कश्मीर की खूबसूरत वादियों में नजारा देखने के लिए इस समय भी काफी संख्या में यहां पर्यटक पहुंचे हुए है परंतु ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि नए साल की पूर्व संध्या पर इसमें और अधिक इजाफा होगा। श्रीनगर में आज मंगलवार सुबह 7 बजे के आसपास बर्फबारी शुरू हो गई। बडगाम और पुलवामा जिलों में बर्फबारी अधिक हो रही है। इसके अलावा दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम और जिला अनंतनाग में भी बर्फबारी हो रही है परंतु कम। दक्षिण में स्थित पहलगाम पर्यटन स्थल और मध्य कश्मीर में सोनमर्ग में तीन से चार इंच बर्फ दर्जं की गई है। उत्तरी कश्मीर में गुरेज में भी तीन इंच तक ताजा बर्फबारी दर्ज की गई है। घाटी के अन्य पहाड़ी इलाकों में भी बर्फबारी हो रही है। यानी पूरी घाटी बर्फ की सफेद चादर में लिपटी नजर आ रही है। नए साल से पहले हुई बर्फबारी के बाद गुलमर्ग और पहलगाम में दूसरे राज्यों के पर्यटकों के अलावा स्थानीय लोग काफी संख्या में पहुंचे हैं। पर्यटन विभाग के अनुसार गत सोमवार को गुलमर्ग में 1200 से अधिक घरेलू पर्यटक पहुंचे। जबकि बाहरी राज्यों के पर्यटकों की संख्या भी 800 से अधिक थी। घाटी के अन्य पर्यटन स्थलों में ये संख्या 2500 से अधिक थी। पर्यटन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अगले दो दिनों में ये संख्या बढ़ने की उम्मीद है। पहलगाम रिसोर्ट भी नए साल के जश्न की तैयारियां की जा रही हैं। Edited By: Rahul Sharma
जम्मू-कश्मीर की खूबसूरती के किस्से भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर हैं. शायद इसी वजह से लोग इसे धरती का स्वर्ग कहते हैं. आइए आपको जम्मू कश्मीर की उन खास जगहों के बारे में बताते हैं जिन्हें देखने हर साल यहां पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है.
डल झील
सोनमर्ग
जम्मू
करगिल
बेताब घाटी
नागिन झील नागिन झील जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर शहर की डल झील से लगभग 6 कि.मी. की दूरी पर स्थित है. यह झील आसपास के क्षेत्र में 'ज्वैल इन द रिंग' के नाम से काफ़ी विख्यात है, जो चारों तरफ से पेड़ों से घिरी हुई है. यहां पूरे साल पर्यटकों का तांता लगा रहता है.
पहलगाम
श्रीनगर
द्रास
जांस्कर जम्मू और कश्मीर को पृथ्वी का स्वर्ग क्यों कहा जाता है?धरती पर स्वर्ग
गुलमर्ग जम्मू और कश्मीर का एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। इसकी सुंदरता के कारण इसे धरती का स्वर्ग भी कहा जाता है। यह देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक हैं। फूलों के प्रदेश के नाम से मशहूर यह स्थान बारामूला जिले में स्थित है।
दुनिया का स्वर्ग कौन सा देश है?विश्व का स्वर्ग स्विट्जरलैंड को कहा जाता है। स्विट्ज़रलैंड यूरोप में बसा हुआ एक अत्यंत सुंदर देश है । स्विट्जरलैंड की राजधानी बर्न है । इस देश की तीन राष्ट्रभाषा है -जर्मन, फ्रेंच और इतालवी ।
भारत का स्वर्ग कौन सा देश है?कश्मीर को भारत के स्वर्ग के रूप में जाना जाता है।
कश्मीर को जन्नत क्यों कहा जाता है?कश्मीर को जन्नत यहां का मौसम और प्राकृतिक सुंदरता बनाती है. यहां हर मौसम में एक अलग रूप लिए नजर आती है. गर्मी में यहां हरियाली का आंचल फैला दिखता है, तो सेबों का मौसम आते ही लाल सेब बागान में झूलते नजर आने लगते हैं. सर्दियों में बर्फ की चादर होती है तो पतझड शुरू होते ही जर्द चिनार का सुनहरा सौंदर्य मन मोहने लगता है.
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