CBSE Class 8 Hindi Grammar वर्ण विचार Pdf free download is part of NCERT Solutions for Class 8 Hindi. Here we have given NCERT Class 8 Hindi Grammar वर्ण विचार. भाषा की सबसे छोटी इकाई वर्ण है। इसके और टुकड़े नहीं हो सकते। बोलने-सुनने में जो ध्वनि है, लिखने-पढ़ने में वह वर्ण है। वर्ण वह ध्वनि है जिसके और खंड नहीं किए जा सकते। व्यंजन
अन्य अंतस्थ – य, र, ल, व संयुक्त व्यंजन क्ष, त्र, ज्ञ, श्र। (ड़ और ढ़ मान्य स्वर) स्वर – जिन वर्गों के उच्चारण में हवा बिना किसी रुकावट के मुँह से बाहर आती है, वे स्वर कहलाते हैं; जैसे-अ, आ, इ, ई आदि। स्वरों की मात्राएँ ‘अ’ को छोड़कर प्रत्येक स्वर की मात्रा होती है। जब स्वरों को व्यंजनों के साथ प्रयोग किया जाता है, तो उनकी मात्राओं का ही प्रयोग किया जाता है। ‘र’ पर ‘उ’ तथा ‘ऊ’ की मात्रा अनुस्वार और अनुनासिक में अंतर उच्चारण करते समय जब वायु मुख के साथ-साथ नासिका से भी बाहर निकले, तो ऐसे स्वर अनुनासिक कहलाते हैं, जैसे-पाँच। गृहीत ध्वनियाँ ऑ – इसका प्रयोग केवल अंग्रेजी के शब्दों में किया जाता है। यह ‘आ’ और ‘ओ’ के बीच की ध्वनि है। स्वर के भेद स्वर के तीन भेद होते हैं-
अनुनासिक – जो स्वर मुखे और नाक से बोले जाते हैं, वे अनुनासिक स्वर कहलाते हैं। इनके ऊपर चंद्र-बिंदु (ँ) लगाया जाता है। नाक की सहायता से बोले जाने के कारण इन्हें ‘अनुनासिक’ कहा जाता है; जैसे-गाँव, पाँच। अनुस्वार – जिस स्वर का उच्चारण करते समय हवा नाक से निकलती है और उच्चारण कुछ जोर से किया जाता है तथा लिखते समय व्यंजन के ऊपर (‘) लगाया जाता है, उसे अनुस्वार कहते हैं। जैसे- कंठ, चंचल, मंच, अंधा, बंदर, कंधा। अयोगवाह – अनुस्वार (‘) और विसर्ग (:) दोनों ध्वनियाँ न स्वर हैं और न व्यंजन। इन दोनों के साथ योग नहीं है; अतः ये अयोगवाह कहलाती है। ये केवल दो हैं- अं और अः । व्यंजन के भेद व्यंजन के तीन भेद हैं-
संयुक्त व्यंजन – एक से अधिक व्यंजनों के मेल से बने व्यंजनों को संयुक्त व्यंजन कहते हैं। इनमें चार मुख्य हैं जब एक वर्ण दो बार मिलता है तो उसे व्यंजन वित्व कहते हैं। स्वर-यंत्रों में कंपन के आधार पर वर्गों के भेद- 1.
सघोष वर्ण – जिस वर्ण के उच्चारण में हवा स्वर यंत्रिका से टकराकर बाहर निकलती है और घर्षण पैदा होता है, उसे सघोष वर्ण कहते हैं। 2. अघोष वर्ण – जिस वर्ण के उच्चारण में स्वर-यंत्रिका में कंपन नहीं होता है, उसे अघोष वर्ण कहते हैं। 1. अल्पप्राण व्यंजन – अल्प (थोड़ा) + प्राण (वायु) जिन व्यंजनों के उच्चारण में कम समय तथा कम वायु की आवश्यकता होती है, वे अल्पप्राण व्यंजन कहलाते है। 2.
महाप्राण व्यंजन – जिन व्यंजन के उच्चारण में समय तथा वायु अधिक मात्रा में व्यय होती है, वे महाप्राण व्यंजन कहलाते हैं। वर्ण विच्छेद – शब्द के वर्गों को अलग-अलग करना वर्ण-विच्छेद कहलाता है। इसके ज्ञान द्वारा वर्तनी व उच्चारण की अशुद्धियों से बचा जा सकता है; जैसे बहुविकल्पी प्रश्न सही उत्तर के सामने का चिह्न लगाएँ 2. वर्णमाला का अभिप्राय है 3. व्यंजन के उच्चारण में सहायता लेनी पड़ती है 4. विसर्ग का चिह्न है 5. (ँ) चिह्न है 6. दीर्घ स्वरों की कुल संख्या है 7. उच्चारण के आधार पर स्वर के भेद होते हैं? 8. एक से अधिक व्यंजन जब जोड़कर बोले या लिखे जाते हैं, तो वे कहलाते हैं उत्तर- More CBSE Class 8 Study Material
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किसका उच्चारण नाक और मुंह दोनों से होता है?जिस ध्वनि के उच्चारण में हवा नाक और मुख दोनों से निकलती है उसे अनुनासिक कहते हैं। अनुनासिक वाले अन्य शब्द हैं -'आँख, माँ, गाँव, बाँसुरी आदि'।
जिन वर्णों के उच्चारण में वायु बिना किसी रूकावट के मुंह से निकले वे क्या कहलाते हैं?हिंदी वर्णमाला हिंदी वर्णमाला में वर्ण दो प्रकार के होते हैं। स्वर – जिन वर्गों के उच्चारण में हवा बिना किसी रुकावट के मुँह से बाहर आती है, वे स्वर कहलाते हैं; जैसे-अ, आ, इ, ई आदि।
किसका उच्चारण नाक से होता है?हिन्दी में ङ, ञ, ण, न, म व्यंजन नासिक्य हैं। इनके उच्चारण में श्वासवायु नाक से होकर निकलती है, जिससे ध्वनि का नासिकीकरण होता है। इन्हें 'पंचमाक्षर' भी कहा जाता है। इनके स्थान पर अनुस्वार का प्रयोग सुविधजनक माना जाता है।
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