जापान में कितने हिंदू मंदिर है - jaapaan mein kitane hindoo mandir hai

जापान में घूमने के लिए एक से एक फेमस डेस्टिनेशंस हैं. हालांकि, अभी कोरोना वायरस के कारण टूरिस्टों का देश में प्रवेश प्रतिबंधित है. मार्च की पहली तारीख से इस देश के बॉर्डर खुल जाएंगे और सूबे में प्रवेश पर लगे प्रतिबंध को खत्म कर दिया जाएगा.

जापान में कितने हिंदू मंदिर है - jaapaan mein kitane hindoo mandir hai

किचिजोई मंदिर फोटो साभार- katashina.info

जापान में घूमने के लिए एक से एक फेमस डेस्टिनेशंस हैं. हालांकि, अभी कोरोना वायरस के कारण टूरिस्टों का देश में प्रवेश प्रतिबंधित है. मार्च की पहली तारीख से इस देश के बॉर्डर खुल जाएंगे और सूबे में प्रवेश पर लगे प्रतिबंध को खत्म कर दिया जाएगा. इससे बिजनेस ट्रेवलर और अंतरराष्ट्रीय छात्रों को फायदा मिलेगा. लेकिन अगर आप घूमने के लिए जापान जाने की सोच रहे हैं, तो आपको इंतजार करना पड़ेगा क्योंकि अभी पर्यटकों के प्रवेश पर रोक जारी रखी गई है.

माना जा रहा है कि जल्द ही सरकार इस प्रतिबंध को भी खत्म कर देगी और टूरिस्ट जापान की सैर पर जा सकेंगे. लेकिन यहां हम आपको जापान के एक ऐसे शहर के बारे में बता रहे हैं, जहां हिंदू देवी-देवताओं की पूजा होती है और शहर का नाम ही धन की देवी मां लक्ष्मी के नाम पर पड़ा हुआ है.

देवी लक्ष्मी के नाम पर ही है शहर का नाम

जापान पूर्वी एशिया में एक द्वीपीय देश है. यह उत्तर पश्चिमी प्रशांत महासागर में स्थित है. पर्यटक यहां माउंट फूजी, इम्पेरियल टोक्यो, हिरोशिमा पीस मेमोरियल पार्क और टेंपल सिटी इत्यादी पर्यटक स्थलों को देखने के लिए आते हैं. इसके अलावा, पर्यटक किचिजोई शहर को भी देखने के लिए आते हैं.

यही वह शहर है जिसका नाम हिंदू देवी लक्ष्मी के नाम पर है. दरअसल, किचिजोई का मतलब देवी लक्ष्मी होता है. यहां के लोग देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं और उनका मंदिर भी मौजूद है. जिस तरह से भारत में देवी लक्ष्मी को धन की देवी के रूप में पूजा जाता है, उसी तरह जापान के इस शहर में भी धन और वैभव के लिए देवी लक्ष्मी यानी कि किचिजाई की पूजा होती है.

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टोक्यो से 18 किलोमीटर दूर है किचिजोई शहर

किचिजोई, टोक्यो से 18 किलोमीटर दूर है. जापान की यात्रा पर जाने वाले पर्यटक किचिजोई मंदिर भी जरूर जाते हैं और लक्ष्मी देवी के दर्शन करते हैं. ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर के दर्शन करने से व्यक्ति की धन की मुश्किलें दूर होती हैं. मंदिर के साथ ही इस शहर में घूमने के लिए और भी कई चीजें हैं.

पर्यटक यहां शॉपिंग कर सकते हैं और रेस्टोरेंट में जापानी व्यंजनों का लुत्फ उठा सकते हैं. इसके अलावा,  इनोकाशीरा पार्क, गिल्बी म्यूजियम और नकामीची डोरी एवेन्यू देख सकते हैं. वैसे भी जापान में कई ऐसे मंदिर हैं जो कि हिंदू देवी-देवताओं को समर्पित हैं. जापानी भाषा में कई शब्द संस्कृत से लिए गए हैं. यही वजह है कि लक्ष्मी देवी को वहां किचिजोई कहा जाता है. बताया जाता है कि जापानी में संस्कृत और तमिल से करीब 500 शब्द लिए गए हैं.

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जापान में क्यूँ होती है भारतीय देवी देवताओं की पूजा?

Indian Deities Worshipped in Japan

How Hinduism Influenced Japanese Culture and Religion

भारत और जापान के बीच दोनों देशों की संस्कृति का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पुल है। जापान के पूर्व राजदूत यसुकुनी एनोकी के शब्दों में "यह जानना बहुत महत्वपूर्ण है कि जापानी संस्कृति के तल में भारतीय संस्कृति बहुत मजबूती से अंकित है"।

भारत के बौद्ध और हिंदू देवताओं की पूजा जापान के लोग बड़ी शिद्दत से करते हैं। 5 वीं शताब्दी की संस्कृत लिपि जापान में प्रतिष्ठित है और इसके पत्र अलग-अलग देवताओं को दर्शाते हैं, जिन्हें जापानियों द्वारा पवित्र माना जाता है।

जापान में कितने हिंदू मंदिर है - jaapaan mein kitane hindoo mandir hai
कैसे हिंदू धर्म ने जापानी संस्कृति और धर्म को प्रभावित किया? क्या आप जानते हैं कि जापान में 20 से अधिक हिंदू देवताओं की सक्रिय रूप से पूजा की जाती है? जापान में देवी सरस्वती के सैकड़ों तीर्थस्थल हैं, साथ ही लक्ष्मी, इंद्र, ब्रह्मा, गणेश, गरुड़, कुबेर और अन्य देवी देवताओं के भी मंदिर हैं, जापान में वायु और वरुण देवता को भी पूजा जाता है। भारत के देवी देवताओं को पूरे विश्व के कई देशों में माना जाता है, कई अन्य देशों के साथ जापान में भी हिंदू धर्म और अधिकांश हिंदू देवताओं की पूजा अर्चना की जाती है।
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आपको ये जानकर हैरत होगी कि 80% जापानी देवता हिंदू देवता हैं|

कई दक्षिण पूर्व एशियाई देशों और जापान में हिंदू धर्म का गहरा प्रभाव है। मदुरै के बोधिसेना ने बौद्ध धर्म की शुरुआत की और इसके साथ ही जापान में हिंदू धर्म का प्रभाव पड़ा, जो आज भी मौजूद है।

आपको शायद जानकर हैरानी हो रही होगी कि हिन्दू देवी-देवताओं की जापान में उतनी ही पूजा होती है जितनी की भारत में।

जापान में विद्या की देवी सरस्वती के सैकड़ों मंदिर हैं जिसमें 250 फुट ऊंचा मंदिर भी है| खास बात यह है कि भारत में सरस्वती मां के मंदिर भारत में देखने को  कम ही मिलते हैं। जापान में लक्ष्मी माता की यहां पूजा भी होती है। जापान में शिव, ब्रम्हा, और अन्य देवी-देवताओं के साथ यमराज का मंदिर  भी है। जापान में भारतीय संस्कृति की तरह हवन और होम भी किया जाता है, इसे जापानी भाषा में “गोमा” कहते है, जापान के 1200 से अधिक  देवालयों में प्रति दिन संस्कृत मंत्रोच्चार  के साथ “गोमा” किया जाता है, ज्यादातर मंदिरों में 1 दिन में दो बार होता है।

आपके मन में एक सवाल उठ रहा होगा कि जापान के पुजारी संस्कृत मंत्रोच्चार कैसे करते हैं? क्योंकि आपको लगता होगा कि उनमें से कई पुजारी संस्कृत नहीं पढ़ सकते। दरअसल जापानी वर्णमाला संस्कृत ध्वनि से मिलती जुलती है| आप जापान के किसी भी प्राइमरी स्कूल में जाएं वहां बच्चों को अ, आ, इ, ई, उ, ऊ बोल कर पढ़ते सुन सकते हैं जैसा भारत में होता है। जापानी पुजारियों के  पास पूजा की पुस्तकें होती हैं जिसमें संस्कृत के मंत्र होते हैं और उसी के साथ काना लिपि में ध्वन्यात्मक लिखा होता है और यदि संस्कृत के मंत्र ना पढ़ सकें तो वो काना में पढ़ कर संस्कृत में मंत्रोच्चार कर लेते हैं।

अब ये कौन सी संस्कृत है? ये पांचवीं छठीं शताब्दी की हस्तलिपि है, सिद्धम/'सिद्धमात्रिका' ।

सिद्धम/'सिद्धमात्रिका' जो भारत में भुलाई जा चुकी है और भारत में ऐसी कोई जगह नहीं जहां सिद्धम पढ़ाई जाती हो, लेकिन जापान में आज भी जीवित है। इस तरह जापान में “कोयासान” नाम का स्कूल है जहां अध्यापक सिद्धम/'सिद्धमात्रिका' लिपि में लिखते हैं। सिद्धम लिपि का प्रयोग पहले (लगभग ६०० ई - १२०० ई) संस्कृत लिखने के लिये होता था। यह लिपि, ब्राह्मी से व्युत्पन्न है। इसे 'सिद्धमात्रिका' भी कहते हैं।

क्या जापान में मस्जिद है?

जापान में हैं कई छोटी-बड़ी मस्जिदें वहां 60 से 80 सिंगल स्टोरी मस्जिदें हैं। इसके अलावा, वहां 100 के करीब फ्लैट्स या घरों के कमरे हैं, जहां सामूहिक रूप से नमाज या प्रार्थना होती है।

जापान में कितनी मस्जिद है?

आज जापान में जनसंख्या की संख्या २५०,००० है और ५०,००० मूल जापानी मुसलमान हैं। अब 130 से अधिक मस्जिदें हैं। जापान में मुसलमानों का प्रतिशत अब 0.5 प्रतिशत है।

क्या जापान में हिंदू लोग हैं?

निकट भविष्य से संबंधित बौद्ध धर्म के विपरीत हिंदू धर्म जापान में अल्पसंख्यक धर्म है। फिर भी, हिंदू धर्म ने जापानी संस्कृति में कुछ हद तक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

विश्व का एकमात्र हिंदू राष्ट्र देश कौन सा है?

2011 की जनगणना के अनुसार नेपाल में 81.3 प्रतिशत हिंदू हैं. विश्व के एकमात्र हिन्दू राष्ट्र रहे नेपाल को 2008 में धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बना दिया गया.