DisclaimerWe strive continuously to provide as precisely and as timely contents as possible, however, we do not guarantee the accuracy, completeness, correctness, timeliness, validity, non-obsolescence, non-infringement, non-omission, merchantability or fitness of the contents of this website for any particular purpose. Show Notify us by email if we have published any copyrighted material or incorrect informations. Alankar Kise Kahate Hain जो किसी वस्तु को अलंकृत करे वह अलंकार कहलाता है. हमारी website edumantra.net आपको देगी सभी विषयों पर जानकारी सरल भाषा में. Here we also provide Samvad Lekhan in Hindi for your high score. अलंकार का अर्थ है – आभूषण या श्रंगार. काव्य के अनुसार आभूषण अर्थात सौंदर्य – वर्धक गुण अलंकार कहलाते हैं. अलंकार स्वयं सौंदर्य नहीं होते, वे काव्य के सौंदर्य को बढ़ाने वाले सहायक तत्व होते हैं. अलंकार के योग से काव्य मनोहारी बन जाता है. Alankar Types with Examples in Hindiकाव्य में शब्द और अर्थ – दोनों के बराबर हो सत्ता रहती है. अतः कहीं शब्द – प्रयोग के कारण काव्य में सौंदर्य उत्पन्न होता है. तो कहीं अर्थ – चमत्कार के कारण. जहां शब्द के कारण चमत्कार उत्पन्न होता है वहां शब्दालंकार होते हैं. इसके विपरीत,
जहाँ अर्थ के कारण का आकर्षण आता है, वहां अर्थालंकार होते हैं. उदाहरणतया – Shabdalankar Ke Bhedशब्दों में पाए जाने वाले अलंकार अनेक हैं. उनमे से कुछ प्रमुख अलंकार इस प्रकार हैं – 1.अनुप्रासजहां व्यंजनों की आवृत्ति के कारण काव्य में चमत्कार उत्पन्न होता है, वहां अनुप्रास अलंकार होता है. उदाहरणतया – 2.यमक“वहै शब्द पुनि – पुनि परै अर्थ भिन्न – भिन्न.” 3.शैलेशश्लेष का अर्थ है – ‘चिपकना’. अतः जहां एक शब्द से अधिक अर्थ निकले, वहां श्लेष अलंकार होता है. उदाहरणतया – Arthalankar Ke Bhedअर्थालंकारों की लंबी सूची में से कुछ प्रमुख अलंकारों का परिचय निम्नलिखित है – 1. उपमाजब किसी वस्तु या व्यक्ति की विशेषता दर्शाने के लिए उसकी समानता उस गुण में बढ़ी हुई किसी अन्य वस्तु या व्यक्ति से की जाती है, वहां उपमा अलंकार होता है. जैसे –
उपमा के अंग –उपमा के निम्नलिखित चार अंग होते हैं. उपमेय – जिस व्यक्ति या वस्तु की समानता की जाती है, उसे उपमेय कहते हैं. जैसे – पूर्णोपमा – जिस उपमा में चारों अंग ऊपस्थित रहते हैं वहां पूर्णोपमा होती है. जैसे – (1)पीपर पात सरिस मन डोला . लुप्तोपमा – जिस उपमा अलंकार में चारों अंगों में से कोई एक अंग हो, वहां लुप्तोपमा अलंकार होता है. उदाहरणतया – 2.रूपक – 3.उत्प्रेक्षा 4.मानवीकरण 5.अतिशयोक्ति अतिरिक्त
अध्ययन के लिए अलंकारों में अंतरयमक और श्लेष में अंतर यमक अलंकार में एक शब्द दो बार आता है किंतु दोनों
जगह भिन्न-भिन्न अर्थ देता है जबकि श्लेष में एक ही शब्द एक साथ दो अलग-अलग अर्थ देता है. उदाहरणतः Hindi Alankar Worksheet with AnswersExercise-11.रती – रती सोभा सब रती के सरीर की. उत्तर – Exercise-21.सिर फट गया उसका वहीं मानो अरुण रंग का घड़ा. उत्तर 1.उत्प्रेक्षा Exercise-31.वही उठती उर्मियों – सी, शैलमालायें. उत्तर:- 1.उपमा Exercise – 41.मन कांचे नाचे वृथा
सांचे रांचे राम. उत्तर:- 1.अनुप्रास Exercise – 51.विमल वाणी ने वीणा ली. उत्तर:- 1.मानवीकरण, अनुप्रास Exercise – 61.क्षितिज अटारी गहराई दामिनी दमकी. उत्तर:- 1.अनुप्रास, रूपक |