Solution : कबीर ईश्वरीय ज्ञान की प्राप्ति हेतु साथ चलने वाले लोगों के घरों को जलाना चाहते हैं, क्योंकि घर सांसारिक मोह, माया, बंधन का निमित्त होता है। ये सब ईश्वर प्राप्ति के मार्ग के बाधक होते हैं। इन बंधनों को तोड़कर ही ईश्वर में मन लगाया जा सकता है। Show प्रिय मित्र! कबीर अपना घर रूपी अहंकार जलाने की बात कर रहे है। कबीर मोह- माया और अहंकार रूपी घर को जलाकर ज्ञान की मशाल जलाना चाहते हैं। कबीर कहते हैं कि इस ज्ञान की मशाल के प्रकाश से मैं सारे जग को रोशन करूँगा। जो अपना घर जलाना चाहे अर्थात जो व्यक्ति अपना अहंकार और माया-मोह त्याग कर ज्ञान पाना चाहे, इस ज्ञान की मशाल को जला सकता है। कबीर अपने साथ चलने वालों का घर जलाने की बात कहकर क्या कहना चाहते हैं 25 से 30 शब्दों में समझाइए उत्तर?Solution : कबीर ईश्वरीय ज्ञान की प्राप्ति हेतु साथ चलने वाले लोगों के घरों को जलाना चाहते हैं, क्योंकि घर सांसारिक मोह, माया, बंधन का निमित्त होता है। ये सब ईश्वर प्राप्ति के मार्ग के बाधक होते हैं। इन बंधनों को तोड़कर ही ईश्वर में मन लगाया जा सकता है।
अपना घर जलाकर कबीर क्या आह्वान करते हैं भक्ति की दृष्टि से स्पष्ट कीजिए?'भक्ति' माने भागीदारी कहने का अर्थ भक्ति के वास्तविक मर्म को जानने का है, भक्ति का वास्तविक मर्म राजसत्ता के सामने या प्रभु सत्ता के सामने झुकना नहीं है बल्कि यह तो बराबरी का समर्पण है जिसके मूल में प्रेम है। पर भक्ति के रास्ते बहुत कठिन है जिसके बारे में कबीर कहते हैं कि - कबीर यह घर प्रेम का, खाला का घर नाहिं ।
महिमा में कबीर के प्रतिस्पर्धी थे?कबीर के मतानुसार प्रेम किसी, खेत में नहीं उपजता। कबीर जिज्ञासु थे सत्य के। प्रस्तुत परिच्छेद में कबीर के व्यक्तित्व से यह प्रेरणा मिलती है कि हमें अपने कार्य को करते रहना चाहिए।
कबीर के अनुसार योग के लिए आवश्यक तत्व?इस तरह संत कबीर भी अपनी साधना के माध्यम से परमानंद को प्राप्त करना चाहते हैं। कबीर मानते हैं कि वह ब्रह्म नाद स्वरूप है और वह उनका साध्य है। उस साध्य को प्राप्त करना हर जीव का अन्तिम लक्ष्य होना चाहिए।
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