कैल्शियम की अधिकता से क्या होता है? - kailshiyam kee adhikata se kya hota hai?

कैल्शि‍यम हमारे लिए बेहद जरूरी है, इसकी कमी से हड्ड‍ियां कमजोर हो सकती हैं और दांतों व नाखूनों का विकास भी प्रभावित होता है। यह सब तो आपमें से कई लोग जानते होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं, कि कैल्शि‍यम की अत्यधि‍क मात्रा भी आपके लिए हानिकार‍क हो सकती है? ले‍किन यह सच है। जानिए कैल्शि‍यम की अधि‍कता से होते हैं यह 5 नुकसान -  

1 रक्त में कैल्शि‍यम की अधि‍कता आपको कैल्सेमिया नामक बीमारी का शि‍कार बना सकती है। इस स्थि‍ति में पैराथाइरॉइड नामक ग्रंथि‍ प्रभावित होती है और उसके क्रियान्वयन में समस्या पैदा हो सकती है।

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कैल्शियम की ओवरडोज से भी किडनी हो सकती है ब्लॉक

हैल्थ रिपोर्टर जयपुर

कैल्शियम की अधिकता भी शरीर के लिए नुकसानदायक है। इसके बारे में अवेयरनैस नहीं होने की वजह से लोग मनमर्जी से इसे खा रहे हैं। जबकि बाजार में मिलने वाला कैल्शियम ज्यादा मात्रा में लेने से हार्ट और ब्रेन को नुकसान भी पहुंचा सकता है। इसके हार्ट की आर्टरीज में जमने से ये ब्लॉक हो जाती हैं। ब्लड में कैल्शियम की मात्रा ज्यादा होने पर हाइपरकैल्शियमिया कहलाता है। यह बीमारी पैरा थायराइड हॉर्मोन और विटामिन डी की अधिकता से होती है। ज्यादा कैल्शियम लेने से किडनी ब्लॉक हो जाती है। विटामिन डी ज्यादा खाने और हाइपर थॉयराइड भी बढ़ जाता है। सूजन की दवा लेने और विटामिन ए खाने से बढ़ता है। इसके अलावा किडनी में स्टोन हो सकते हैं। रिसर्च में इस बात का पता चला है कैल्शियम युक्त आहार के साथ कैल्शियम को अन्य माध्यम से लेने वाले लोगों में दिल का दौरा और स्ट्रोक होने की संभावना बढ़ जाती है। बॉडी में कैल्शियम एक से दो किलो मास हड्डियों में होता है। रोजाना 400 मिलिग्राम से डेढ़ ग्राम तक साधारण डाइट में लेते हैं। 300 ग्राम से एक ग्राम तक बाहर निकल जाता है। बहुत कम मात्रा बॉडी में ऐब्जॉर्व होता है।

दो तरह का कैल्शियम होता है : बाउंड, आयोनाइज्ड कैल्शियम। बॉडी में विटामिन डी-3 नहीं होने पर यह ऐब्जॉर्व नहीं होगा। पैरा थायराइड हॉर्मोन से ऐब्जॉर्व होगा। कैल्शियम की कमी होने पर यह बढ़ जाएगा।

जरूरत से ज्यादा कैल्शियम खाने से दिल की आर्टरीज के चैनल में जमा होता है, इससे हार्ट अटैक आने की संभावना बढ़ती है
कैल्शियम के स्त्रोत
एक कप सोयाबीन : 175

एक कप पकी हुई भिंडी : 175 मि.ग्राम

100 ग्राम बादाम : 264 मि.ग्राम

एक कप पालक : 250 एमजी,

150 ग्राम ब्रोकली : 63मि.ग्राम,

100 ग्राम दूध व दही : 125 मि.ग्राम

चिकन और अंडे : भरपूर कैल्शियम

कैल्शियम की कमी से होने वाली बीमारियां
एक युवा को प्रतिदिन लगभग 1000 एमजी कैल्शियम की जरूरत है। इसकी कमी से हड्डियां और दांत कमजोर हो जाते हैं। मांसपेशियों में ऐठन, ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रेक्चर का खतरा बढ़ता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के साथ साथ डिप्रेशन, अनिद्रा, डिमेंशिया और पर्सनेलिटी में कई तरह के बदलाव हो सकते हैं। हार्ट रेट स्लो और हार्ट बंद भी हो सकता है।

किसी दवा से दो घंटे पहले खाएं कैल्शियम
किसी भी बीमारी की दवाई लेने के करीब एक से दो घंटे पहले कैल्शियम लेना चाहिए। एक ही समय में अन्य दवाइयां और कैल्शियम खाने से यह दवाई के तत्वों को अवशोषित नहीं होने देता है। ज्यादा कैल्शियम से पेट दर्द, दिल की धड़कन का अनियमित होना और भ्रम आदि प्रॉब्लम हो सकती हैं। कैल्शियम को सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए विटामिन डी -3 और पैराथायराइड हाॅर्मोन की जरूरत होती है।

-डॉ. सीएल नवल, फिजिशियन, एसएमएस हॉस्पिटल, जयपुर

कैल्शियम की अधिकता क्या है?

कैल्शियम की अधिकता या हाइपरकैल्सीमिया (Hypercalcemia) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें खून में कैल्शियम का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है। खून में कैल्शियम की अत्याधिक मात्रा के कारण हड्डियों में कमजोरी और किडनी में पथरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं जो कि आपके हृदय या मस्तिष्क के कार्यों को प्रभावित कर सकती हैं।

कैल्शियम की अधिकता आमतौर पर पैराथायराइड ग्रंथि के अतिसक्रिय होने के परिणामस्वरूप होती है। बता दें, ये छोटी-छोटी चार ग्रंथियां होती हैं, जो कि थायराइड ग्रंथि के पीछे होती हैं। कैल्शियम की अधिकता होने के अन्य कारणों में कैंसर, कुछ अन्य मेडिकल डिसऑर्डर, कुछ दवाएं और कैल्शियम या विटामिन डी सप्लीमेंट्स का सामान्य से ज्यादा उपभोग करना शामिल है।

ऐसा हो सकता है कि कैल्शियम की अधिकता के लक्षण ना दिखाई दें या ऐसा भी हो सकता है लक्षण गंभीर रूप से दिखाई दें। वास्तव में, लक्षण इसके कारणों पर निर्भर करते हैं।

कैल्शियम की अधिकता सामान्य आबादी में 0.5% से 1% तक लोगों को प्रभावित करती है।

(और पढ़ें - कैल्शियम ब्लड टेस्ट क्या है)

कैल्शियम शरीर में कम होता है तो उसके बहुत से लक्षण को आप पहचान जाते हैं, लेकिन कैल्शियम जब अधिक होता है तो उसके लक्षण पहचान पाना मुश्किल होता है। बता दें कि कैल्शियम की अधिकता न केवल जानलेवा होती है, बल्कि ये किडनी और हडि्डयों की समस्याएं भी पैदा करती है।

कैल्शियम की कमी का जिस तरह से शरीर संकेत देता है, वैसा संकेत बहुत कम कैल्शियम की अधिकता पर मिलता है, लेकिन कुछ लक्षणों के आधार पर यह आसानी से समझा जा सकता है कि शरीर में कैल्शियम बढ़ रहा है। कैल्शियम अधिक होने से हार्ट से लेकर किडनी तक पर असर होता है और इन पर जब खतरा बढ़ता है तो जानलेवा साबित होता है। तो चलिए जानें कि कैल्शियम ज्यादा होने से किस तरह के नुकसान होते हैं।

कैल्शिमय की अधिकता की पहचान

अगर बार-बार स्टोन बनने लगे तो समझ लें कैल्शियम शरीर में ज्यादा हो रहा है। हालांंकि कैल्शियम अधिक होने के संकेत कई बार ऐसे होते हैं, जो कई अन्य बीमारियों का भी लक्षण होते हैं। सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, सीने में भारीपन, पैरों में दर्द, स्टोन बनना, फैक्चर की अधिकता, हडि्डयों का कमजोर होना, जोड़ों में दर्द आदि।

ज्यादा कैल्शियम हाइपरकैल्शिमिया का कारण बन जाता है। इसके पीछे की वजह सिर्फ कैल्शियम कैप्सुल या फूड आइटम्स ही नहीं होते, बल्कि शरीर से जुड़ी अन्य चीजें जैसे थायरॉइड ग्लैंड के पीछे स्थित पैराथायरॉइड ग्लैंड का ज्यादा ऐक्टिव होना या जेनेटिक बीमारी, कैंसर, हाइड्रेशन की कमी भी जिम्मेदार हो सकती हैं।

कैल्शियम की अधिकता से इन बीमारियों का रहता है खतरा

ऑस्टियोपोरोसिस - अगर आपको लगता है कि हडि्डयों को कमजोर कर देने वाला ऑस्टियोपोरोसिस सिर्फ कैल्शियम की कमी से ही होता है तो जान लें कि जब शरीर में कैल्शिमय अधिक होता है तब भी ये बीमारी होती है। असल में जब खून में ज्यादा कैल्शियम रिलीज होने लगता है तो हड्डियां धीरे-धीरे खोखली होने लगती हैं और व्यक्ति को छींकने - खांसने तक से भी फ्रैक्चर हो सकता है।

किडनी फंक्शन-ज्यादा कैल्शियम स्टोन में बदलने लगता है। गॉल ब्लैडरर और किडनी में स्टोन का होना कैल्शियम की अधिकता को ही बताता है। इतना ही नहीं कैल्शियम का अधिक होना किडनी के फंक्शन पर भी बुरा असर डालता है, जिससे बॉडी को फिल्टर करने में दिक्कत होती है और शरीर में कई बीमारियां जन्म लेने लगती हैं। इतना ही नहीं इससे किडनी फेलियर तक हो सकता है।

दिमाग पर असर-कैल्शियम की अधिक मात्रा से न सिर्फ हाइपरकैल्शिमिया होता है बल्कि यह दिमाग की सोचने समझने की क्षमता पर भी असर डालता है। इससे व्यक्ति को भ्रम और डिमेंशिया हो सकता है। इतना ही नहीं वह कोमा में भी जा सकता है।

दिल के लिए बुरा- कैल्शियम की ज्यादा मात्रा दिल की धमनियों पर भी असर डालती है। इससे न सिर्फ ब्लॉकेज का डर होता है बल्कि अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है।

(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सभी जानकारियां सूचनात्मक उद्देश्य से लिखी गई हैं। इनमें से किसी भी सलाह पर अमल करने या किसी तरीके को अपनाने का फैसला आपका व्यक्तिगत निर्णय होगा। किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचने से पहले कृपया किसी विशेषज्ञ से परामर्श जरूर करें।)

शरीर में कैल्शियम बढ़ जाने पर क्या होता है?

ब्लड में कैल्शियम की मात्रा ज्यादा होने पर हाइपरकैल्शियमिया कहलाता है। यह बीमारी पैरा थायराइड हॉर्मोन और विटामिन डी की अधिकता से होती है। ज्यादा कैल्शियम लेने से किडनी ब्लॉक हो जाती है। विटामिन डी ज्यादा खाने और हाइपर थॉयराइड भी बढ़ जाता है।

कैल्शियम की वजह से कौन सी बीमारी होती है?

ऑस्टियोपोरोसिस - अगर आपको लगता है कि हडि्डयों को कमजोर कर देने वाला ऑस्टियोपोरोसिस सिर्फ कैल्शियम की कमी से ही होता है तो जान लें कि जब शरीर में कैल्शिमय अधिक होता है तब भी ये बीमारी होती है

शरीर में कैल्शियम की मात्रा कितनी होनी चाहिए?

शरीर में कैल्शियम की मात्रा प्रतिदिन कितनी होनी चाहिए महिलाओं में कैल्शियम की मात्रा लगभग 1200 से लेकर 1500 मिलीग्राम तक होनी चाहिए। बुजुर्गों में कैल्शियम की मात्रा वहीं 1200 से लेकर 1500 मिलीग्राम होनी चाहिए और पुरषों में 1000 से लेकर 1200 मिलीग्राम प्रतिदिन होनी चाहिए

कैल्शियम को कम करने के लिए क्या करना चाहिए?

डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करें कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए रोजाना डेयरी प्रोडक्ट्स का अधिक से अधिक सेवन करें। इसके लिए दूध, दही, पनीर, मक्खन आदि चीजों को डाइट में शामिल करें। वहीं, बच्चों को रोजाना एक गिलास दूध पीने की सलाह दें।