कौन से देश में सबसे अच्छी पढ़ाई होती है? - kaun se desh mein sabase achchhee padhaee hotee hai?

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।

पढ़ाई के लिए आप इंग्लैंड जा सकते हैं यूके जहां पर बहुत अच्छी पढ़ाई होती है तथा अमेरिका कनाडा और यूरोप में जर्मनी यह काफी अच्छे माने जाते हैं पढ़ाई की दृष्टि से

Romanized Version

किस देश में लोग पढ़ाई पर सबसे ज़्यादा खर्च करते हैं?

  • पीटर रूबिनस्टेन
  • बीबीसी फ्यूचर

31 अगस्त 2018

कौन से देश में सबसे अच्छी पढ़ाई होती है? - kaun se desh mein sabase achchhee padhaee hotee hai?

इमेज स्रोत, Getty Images

बहुत से देशों में पतझड़ का मौसम स्कूल में नए साल की शुरुआत का वक़्त होता है. लेकिन, अगर कोई अमरीका, रूस, आइसलैंड या चिली में रहता है, तो बात एकदम अलग हो जाती है.

पहले कुछ सवाल.

किस देश में बच्चे सब से कम घंटे स्कूल जाते हैं ?

किस देश के परिवार बच्चों के स्कूल के सामान पर सब से ज़्यादा ख़र्च करते हैं ?

किस देश में बच्चे औसतन ज़िंदगी के 23 साल पढ़ने में ख़र्च करते हैं ?

अगर आप सोचते हैं कि भारत में ही पढ़ाई बहुत महंगी है, तो दुनिया भर की शिक्षा व्यवस्था के इन आंकड़ों पर ग़ौर फ़रमाएं.

27.5 अरब डॉलर से कितना पेपर और गोंद ख़रीदा जा सकता है ?

अमरीका में किसी बच्चे के केजी से लेकर सेकेंडरी स्कूल तक की पढ़ाई में मां-बाप 685 डॉलर की स्टेशनरी ख़रीदते हैं. मतलब हर अमरीकी बच्चे की इंटरमीडियेट तक की पढ़ाई में क़रीब 50 हज़ार रुपए की सिर्फ़ स्टेशनरी का ख़र्च होता है. ये 2005 में इस मद में होने वाले ख़र्च से 250 डॉलर ज़्यादा है. पूरे देश की बात करें तो अमरीका ने 2018 में 27.5 अरब डॉलर की स्कूली बच्चों की स्टेशनरी ख़रीदी.

इस में अगर हम यूनिवर्सिटी का ख़र्च भी जोड दें, तो ये ख़र्च बढ़कर 83 अरब डॉलर यानी क़रीब 6 ख़रब रुपए होता है. इनमें सबसे महंगी चीज़ होती है कंप्यूटर. हर अमरीकी परिवार औसतन 299 डॉलर यानी 21 हज़ार रुपए का कंप्यूटर ख़रीदता है. इसके बाद सबसे बड़ा ख़र्च होता है कपड़ों का, जो 286 डॉलर प्रति बच्चा बैठता है. इसके बाद टैबलेट और कैलकुलेटर जैसी चीज़ों पर औसतन 271 डॉलर यानी 19 हज़ार रुपए औसत अमरीकी बच्चे का ख़र्च है. बाइंडर्स, फोल्डर, किताबों और दूसरी ऐसी ही चीज़ों पर 112 डॉलर प्रति बच्चा ख़र्च आता है.

अमरीका में बच्चों की स्कूल की ऐसी ज़रूरतों पर ख़र्च लगातार बढ़ता जा रहा है (स्रोत-डेलॉय)

  • यह भी पढ़ें | चीन में सख़्ती हटते ही दनादन बढ़ी आबादी

डेनमार्क के बच्चे बाक़ी देशों के बच्चों से 200 घंटे ज़्यादा स्कूल में रहते हैं

33 विकसित देशों में से रूस के बच्चे सब से कम वक़्त स्कूल में बिताते हैं. वो साल में केवल 500 घंटे स्कूल में रहते हैं, जबकि दुनिया का औसत है 800 घंटे. रूस के बच्चों को हर क्लास के बाद ब्रेक भी मिलता है. यानी औसत रूसी बच्चा स्कूल में पांच घंटे रोज़ाना बिताता है. वो कुल आठ महीने ही स्कूल जाता है. इसके बावजूद रूस की साक्षरता 100 फ़ीसद है.

वहीं, दूसरी तरफ़ डेनमार्क है. यहां प्राइमरी में पढ़ने वाले बच्चों को साल में 1000 घंटे स्कूल में बिताने होते हैं. ये रूस के मुक़ाबले दो महीने ज़्यादा है. डेनमार्क में स्कूल के दिन भी बड़े होते हैं. शिक्षा के मामले में डेनमार्क दुनिया के टॉप के 5 देशों में लगातार शुमार होता रहा है. साफ़ है कि स्कूल में ज़्यादा वक़्त बिताने के फ़ायदे तो हैं. (स्रोत-ओईसीडी)

  • यह भी पढ़ें | आने वाली सदी में आबादी बढ़ेगी या घटेगी?

सस्ती पढ़ाई चाहिए, तो हांगकांग के बारे में बिल्कुल न सोचें!

विकसित देशों की बात करें तो स्कूल की पढ़ाई में एक लाख डॉलर तक के ख़र्च का फ़र्क़ हो सकता है. क्लास फ़ीस, किताबों, आने-जाने का ख़र्च, रहने का खर्च जोड़ लें, तो प्राइमरी से अंडरग्रेजुएट तक की पढ़ाई में हांगकांग सबसे महंगा बैठता है.

यहां के अभिभावकों को औसतन 1 लाख 31 हज़ार 161 डॉलर यानी 92 लाख रुपए से ज़्यादा की रक़म एक बच्चे की पढ़ाई में ख़र्च करनी पड़ती है. और बच्चे की पढ़ाई का ये ख़र्च वहां बच्चों को मिलने वाले वज़ीफ़े, क़र्ज़ और सरकारी मदद के अलावा है.

महंगी पढ़ाई के मामले में दूसरा नंबर संयुक्त अरब अमीरात का है. यहां एक बच्चे की पढ़ाई में औसतन 99 हज़ार डॉलर यानी क़रीब 70 लाख रुपए का ख़र्च आता है. वहीं सिंगापुर में एक बच्चे की अंडरग्रेजुएट तक की पढ़ाई का ख़र्च 71 हज़ार डॉलर तो अमरीका में औसतन 58 हज़ार डॉलर या 41 लाख रुपए पड़ता है. अमरीका में महंगी होती पढ़ाई के बावजूद बच्चों के अभिभावकों को कुल ख़र्च का 23 फ़ीसद बोझ ही उठाना पड़ता है. फ्रांस में एक बच्चे की पूरी पढ़ाई के लिए मां-बाप औसतन 16 हज़ार डॉलर या 11 लाख रुपए ही खर्च करते हैं. (स्रोत-एचएसबीसी/सैली मे)

  • यह भी पढ़ें | 'आपको आपकी बादशाहत मुबारक, हमें हमारा लोकतंत्र'

पेड़ भी उठाते हैं बच्चों की पढ़ाई का बोझ!

डिजिटल होती दुनिया के बारे में ये बात सुनकर हैरान रह जएंगे. आज भी दुनिया भर में बड़ी तादाद में पेंसिल का इस्तेमाल पढ़ाई करने में होता है. पेंसिल ईजाद होने के चार सौ साल बाद भी आज हर साल 15 से 20 अरब पेंसिलें दुनिया में बनाई जाती हैं.

इसके लिए अमरीका में उत्तर-पश्चिम प्रशांत महासागर के तट पर उगने वाले सेडार के पेड़ की लकड़ी का इस्तेमाल होताा है. जबकि पेंसिल में इस्तेमाल होने वाली ग्रेफाइट चीन या श्रीलंका से आती है. दुनिया को भरपूर तादाद में पेंसिलें मिलती रहें, इसके लिए हर साल 60 हज़ार से 80 हज़ार के बीच पेड़ काटे जाते हैं. (स्रोत-द इकोनॉमिस्ट)

  • यह भी पढ़ें | भारत में कभी चल पाएंगी ऑटोमैटिक कारें?

ऑस्ट्रेलिया के बच्चों की एक चौथाई उम्र स्कूल में गुज़र जाती है!

उम्र का एक दौर ऐसा आता है, जब पढ़ाई ख़त्म हो जाती है. लेकिन, न्यूज़ीलैंड और आइसलैंड में क़रीब दो दशक तक पढ़ना पड़ता है. किसी भी देश में बच्चों की पढ़ाई के औसत साल उसके प्राइमरी में दाखिले से लेकर यूनिवर्सिटी तक की पढ़ाई के साल को जोड़ कर निकाला जाता है.

इसके लिहाज़ से सब से ज़्यादा 22.9 साल तक ऑस्ट्रेलिया के बच्चे पढ़ते रहते हैं. वो 6 साल की उम्र से पढ़ना शुरू करते हैं, तो 28-29 साल के होने तक पढ़ते रहते हैं.

सबसे कम वक़्त पढ़ाई में गुज़ारने के मामले में अफ्रीकी देश नाइजर अव्वल है. यहां के बच्चे 7 साल की उम्र में स्कूल जाना शुरू करते हैं. नाइजर में बच्चे औसतन 5.3 साल स्कूल में गुज़ारते हैं. ये ऑस्ट्रेलिया के मुक़ाबले 17 साल कम है. (स्रोत-ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स)

  • आने वाली सदी में आबादी बढ़ेगी या घटेगी?
  • क्या युद्ध में भी जेट हाइवे पर उतर सकते हैं?
  • इसलिए पूरी दुनिया को बदलनी होंगी खाने की आदतें
  • क्या इसलिए भारत में बेरोज़गारी बढ़ रही है?

पढ़ाई के लिए कौन सा देश सबसे अच्छा है?

जर्मनी स्टडी अब्रॉड के लिए जर्मनी हमेशा से बेहतर विकल्प के तौर पर स्टूडेंट्स के लिए पहली पसंद रहा है। जर्मनी में पढ़ाई करने के लिए सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स इसलिए भी जाते हैं, क्योंकि यहाँ पढ़ाई का खर्च सबसे कम होता है।

भारत में सबसे अच्छी पढ़ाई कौन से राज्य में है?

केरल : केरल भारत के सबसे शिक्षित राज्य हैं। यहां की साक्षरता दर 93.9 1% है।.
लक्षद्वीप : शिक्षित राज्य के इस लिस्ट में लक्षद्वीप दूसरे नंबर पर हैं। यहां की साक्षरता दर 92.28% है।.
मिजोरम : आपको बता दें की इस लिस्ट में मिजोरम तीसरे नंबर पर हैं।.

शिक्षा के मामले में कौन सा देश नंबर वन है?

शिक्षा पर खर्च में भारत दुनिया में 136वें नंबर पर, लेकिन होमवर्क कराने में भारतीय नंबर वन | indians are number one in homework - Dainik Bhaskar.

ऐसा कौन सा देश है जिसमें पढ़ाई नहीं होती?

भारत में इस कार्य के लिए अधिकतर हिंदी का उपयोग हो रहा है