कौन सा द्वीप प्रवाल ओ से बना है? - kaun sa dveep pravaal o se bana hai?

“लक्षद्वीप, 36 द्वीपों के समूह, अपने सुंदर और सूरज-चुंबन वाले समुद्र तटों और हरे भरे हुए परिदृश्य के लिए जाना जाता है। मलयालम और संस्कृत में लक्षद्वीप का अर्थ है ‘एक सौ हजार द्वीप’ “

भारत का सबसे छोटा संघ राज्यक्षेत्र लक्षद्वीप एक द्वीपसमूह है जिसमें 32 किलोमीटर के क्षेत्र वाले 36 द्वीप हैं। यह एक यूनी-जिला संघ राज्य क्षेत्र है और इसमें 12 एटोल, तीन रीफ, पांच जलमग्न बैंक और दस बसे हुए द्वीप हैं। द्वीपों में 32 वर्ग किमी शामिल हैं राजधानी कवरत्ती है और यह यूटी के प्रमुख शहर भी है। सभी द्वीपों को केरल के तटीय शहर कोच्चि से 220 से 440 किमी दूर, पन्ना अरब सागर में स्थित हैं। प्राकृतिक परिदृश्य, रेतीले समुद्र तट, वनस्पतियों और जीवों की बहुतायत और एक जल्दी से जीवन शैली के अभाव में लक्षद्वीप की मिस्टिक को बढ़ाती है।

लक्षद्वीप द्वीपों में प्रवेश सीमित है। लक्षद्वीप प्रशासन द्वारा इन द्वीपों की यात्रा के लिए एक को एक प्रवेश परमिट जारी करने की आवश्यकता है।

निम्नलिखित में से कौन सा एक प्रवाल द्वीप है?

  1. लक्षद्वीप
  2. व्हीलर द्वीप
  3. अंडमान और निकोबार
  4. श्रीलंका

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : लक्षद्वीप

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CT : GK (Ancient History)

10 Questions 10 Marks 6 Mins

  • लक्षद्वीप एक प्रवाल द्वीप है, जो अरब सागर में स्थित है।
  • यह समुद्री जानवरों के कंकाल से बना है जिसे पॉलीप्स के नाम से जाना जाता है।
  • प्रवाल द्वीप मूल रूप से उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में होते हैं।

Last updated on Jan 2, 2023

The SSC MTS exam 2022 is scheduled to be held in the month of April 2023. Recently, the staff selection commission has released the SSC Annual Calendar. Accordingly, the board has released the application dates and exam dates for the MTS examination. The board is going to release the notification on 17th January 2023 and the candidates can apply till 17th February 2023. Selection of the candidates is based on the two stages Tier I and Tier II. 

प्रवाल क्या है? उस द्वीप का नाम बताये और वर्णन करे जो प्रवालों से बना है?


प्रवाल सुक्ष्मतम जीव है जो एक आवरण के अन्दर रहते हैं । इनका विकास छिछले, स्वच्छ और गर्म जल में होता है। यह कैल्सियम कार्बोनेट से बना है। प्रवाल के कंकाल से ही प्रवाल अवसाद का निर्माण हुआ। लक्षदीप एक प्रवाल द्वीप है जो केरल के मालावार तट के समीप प्रवालों से बना एक छोटा सा द्वीप था।


अपसारी तथा अभिसारी भुगर्भीय प्लेटें


अपसारी प्लेटें - दो प्लेटें एक-दूसरे से दूर जाती है तब अपसारी परिसीमा का निर्माण होता हैं। जब प्लेटें एक दूसरे से दूर जाती है, तब समुंद्री सतह का निर्माण हो सकता हैं।

अभिसारी भुगर्भीय प्लेटें - दो प्लेटें एक दूसरे के करीब आने पर अपसारी परिसीमा का निर्माण करती है। जब दो प्लेटें एक दूसरे के करीब आती है तो या तो वे टूट सकती है या फिर एक प्लेट फिलसलकर दूसरी प्लेट के नीचे आ सकती है।

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आज के कौन-से महाद्वीप गोंडवाना लैंड के भाग थे?


आज के निम्नलिखित महाद्वीप गोंडवाना लैंड के भाग थे-
i) ऑस्ट्रेलिया
ii) अफ्रीका
iii) दक्षिण अमेरिका
iv) एशिया

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'भाबर' क्या है?


नदियाँ पर्वतों से नीचे उतारते समय शिवालिक की ढल पर 8 से 16 कि.मी.कि चौड़ी पट्टी में गुटिका का निरीक्षण करती हैl इसे भाबर के नाम से जाना जाता हैl

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हिमाचल के तीन प्रमुख विभागों के नाम से उत्तर में दक्षिण के क्रम में बताइए।


हिमाचल के तीन प्रमुख विभागों के नाम से उत्तर में दक्षिण के क्रम में इस प्रकार है-

(i) आंतरिक हिमालय या हिमांद्री

(ii) निम्न हिमालय या हिमाचल

(iii) बाहरी हिमालचल या शिवालिक

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भूगर्भीय प्लेटें क्या है?


जो सघन अर्धतरल चट्टानों के ऊपर तैरती रहती है। उन्हें भूगर्भीय प्लेटें कहते है। इसके दो प्रकार होते है-महाद्वीप और महासागरीय प्लेटें।

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कौन सा द्वीप प्रवाल ओ से बना है? - kaun sa dveep pravaal o se bana hai?

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भारत के द्वीप, प्रवाल द्वीप एवं प्रवाल जीव

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भारत के द्वीप

  • हिमालय नवीन वलित पर्वत है | यह भारत के पूर्वोत्तर राज्यों से होकर दक्षिण की ओर मुड़ जाता है, हिमालय म्यांमार में आराकानयोमा के नाम से जाना जाता है |
  • बंगाल की खाड़ी में आराकानयोमा पर्वत के ऊपर उठे हुए शीर्ष भाग एक टापू के समान दिखाई देते हैं, इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि बंगाल की खाड़ी में स्थित अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह हिमालय पर्वत (आराकानयोमा) का ही बंगाल की खाड़ी में विस्तार है |
  • भारतीय उपमहाद्वीप के अंतर्गत बंगाल की खाड़ी, मन्नार की खाड़ी एवं अरब सागर में छोटे-बड़े मिलाकर कुल लगभग 222 द्वीप समूह शामिल हैं, जिसमें लगभग 204 द्वीप केवल बंगाल की खाड़ी में एवं शेष मन्नार की खाड़ी एवं अरब सागर में स्थित हैं |
  • भारत के दो प्रमुख केंद्र शासित प्रदेश अंडमान एवं निकोबार द्वीप तथा लक्षद्वीप कई द्वीपों का समूह है | अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह आराकानयोमा पर्वत का ही दक्षिणी भाग है | ये द्वीप समूह एक संकरी श्रृंखला के रूप में उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर फैले हैं |
  • अंडमान एवं निकोबार द्वीप 6º39′ उत्तरी अक्षांश तथा 13º34′ उत्तरी अक्षांशों के मध्य में स्थित है, इसका कुल क्षेत्रफल लगभग 8249 वर्ग किलोमीटर है|
  • अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के अंतर्गत 4 मुख्य द्वीप शामिल हैं-
  1. उत्तरी अंडमान द्वीप – अंडमान के सबसे उत्तर में उत्तरी अंडमान द्वीप है, इसकी सबसे ऊंची चोटी सैडल पीक है, जिसकी ऊंचाई 738 मीटर है |
  2. मध्य अंडमान द्वीप – मध्य अंडमान, अंडमान द्वीप का सबसे बड़ा द्वीप है |
  3. दक्षिणी अंडमान द्वीप – अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्टब्लेयर दक्षिणी अंडमान द्वीप पर स्थित है |
  4. लिटिल अंडमान द्वीप – अंडमान द्वीप का सबसे उत्तरी द्वीप उत्तरी अंडमान द्वीप तथा सबसे दक्षिणी द्वीप लिटिल अंडमान द्वीप है | लिटिल अंडमान के दक्षिण में ही 100 चैनल का विस्तार पाया जाता है |
  • अंडमान द्वीप समूह का सर्वोच्च शिखर सैडल पीक (Saddle peak) है | सैडल पीक (732 मी.) उत्तरी अंडमान द्वीप पर दिग्लीपुर के निकट स्थित है| अंडमान द्वीप समूह के उत्तर में एक अन्य द्वीप कोको (COCO) द्वीप स्थित है, जो कि म्यांमार के नियंत्रण में है |
  • अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूहों की स्थिति बंगाल की खाड़ी में हैं, किंतु इन दोनों द्वीप समूहों के मध्य एक संकरा सागर दिखाई देता है, जिसे 100 चैनल कहते हैं |
  • 100 चैनल के दक्षिण में कार निकोबार द्वीप समूह स्थित है |
  • भारत का दक्षिणतम बिंदु इंदिरा प्वाइंट ग्रेट निकोबार द्वीप पर ही स्थित है, इंदिरा प्वाइंट को ‘पिग्मेलियन’ भी कहा जाता है |
  • निकोबार द्वीप समूह का सर्वोच्च शिखर माउंट थुलियर (642 मी.) ग्रेट निकोबार द्वीप पर स्थित है |
  • नारकोंडम द्वीप एक सुषुप्त ज्वालामुखी द्वीप है | सुषुप्त ज्वालामुखी से तात्पर्य है कि पहले कभी यहां ज्वालामुखी का उद्गार हुआ था, किंतु अब लंबे समय से यहां ज्वालामुखी उद्गार की घटना नहीं हुई है |
  • बैरन द्वीप एक सक्रिय ज्वालामुखी द्वीप है, अर्थात् यहां समय-समय पर ज्वालामुखी उद्गार होता रहता है |
  • गंगा नदी के बांग्लादेश में प्रवेश से पूर्व इसकी एक धारा पश्चिम बंगाल में दक्षिण की ओर मुड़ जाती है, जिसे हुगली नदी के नाम से जानते हैं |
  • हुगली नदी के तट पर गंगासागर एवं न्यू मूर नामक दो द्वीप हैं |
  • कोलकाता एक बंदरगाह है, किंतु यह समुद्र तट पर स्थित ना होकर हुगली नदी के तट पर स्थित है |
  • उड़ीसा राज्य में ब्राह्मणी नदी का प्रवाह है, व्हीलर द्वीप इसी नदी के मुहाने पर स्थित है |
  • आंध्रप्रदेश के तट पर श्रीहरिकोटा द्वीप स्थित है, यहीं पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान का लांचिंग पैड है, इसे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र भी कहते हैं |
  • भारत के पूर्वी तट पर श्रीहरिकोटा द्वीप आंध्रप्रदेश को पुलिकट झील से पृथक करता है|
  • तमिलनाडु राज्य के तट पर पंबन द्वीप स्थित है, पंबन द्वीप तमिलनाडु एवं श्रीलंका के बीच मन्नार की खाड़ी में स्थित है |
  • पंबन द्वीप पर ही रामेश्वरम है, इस द्वीप का सबसे पूर्वी हिस्सा धनुष्कोडि कहलाता है | रामसेतु यहीं से प्रारंभ होता है, जो श्रीलंका के तलाईमन्नार तक जाता है | इस प्रकार धनुष्कोडि, पंबन, रामेश्वरम और रामसेतु यह सभी मन्नार की खाड़ी में स्थित हैं |
  • खंभात की खाड़ी में नर्मदा नदी के मुहाने पर अलियाबेट द्वीप स्थित है, यहां पर पेट्रोलियम का प्रचुर भंडारण है, किन्तु इसका दोहन अभी तक प्रारंभ नहीं हो सका है|
  • महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के पास एक द्वीप स्थित है, जिसे एलिफेंटा द्वीप कहते हैं |
  • मुम्बई भारत के मुख्य भाग पर स्थित है, किंतु यह मुख्य भाग से आगे समुद्र की ओर निकला हुआ है, जिसके कारण यह द्वीप के समान दिखाई देता है, इसका नाम सालसीट द्वीप है | इस प्रकार कहा जा सकता है कि मुंबई सालसीट द्वीप पर ही स्थित है |
  • प्रवाल जीवों से निर्मित लक्षद्वीप भारत का सबसे छोटा केंद्र शासित प्रदेश है, जिसकी राजधानी कवारत्ती है | इसका विस्तार 8º उत्तरी अक्षांश एवं 11º उत्तरी अक्षांश के मध्य लगभग 32 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में है |

भारत में द्वीपों की स्थिति

कौन सा द्वीप प्रवाल ओ से बना है? - kaun sa dveep pravaal o se bana hai?

प्रवाल जीव

  • प्रवालों का विकास उथले सागरों तथा महाद्वीपीय शेल्फ (Continental Shelf) में होता है | प्रवाल जीव गहरे पानी में नहीं पाए जाते हैं |
  • प्रवालों की उत्पत्ति उष्णकटिबंधीय सागरों में 30º उत्तरी तथा 30º दक्षिणी अक्षांश रेखा के मध्य होती है |
  • प्रवाल सिलेन्ट्रेट वर्ग का प्राणी होता है, जो चूने पर निर्वाह करता है। इसकी लम्बाई लगभग 1 सेमी० तक होती है। प्रवाल तट के समीप छिछले समुद्र में पाये जाते हैं |
  • छिछले सागरों में, जिनकी गहराई लगभग 50-60 मीटर होती है, यहां सूर्य का प्रकाश एवं आक्सीजन प्रचुर मात्रा में होता है, अतः यह प्रवालों के लिए अनुकूल दशा होती है।
  • प्रवाल एक साथ लाखों की संख्या में होते हैं, इनकी एक विशेषता होती है कि ये अपनें शरीर से चूने का निष्कर्षण करते हैं, जिसके कारण प्रवाल भित्तियों का निर्माण होता है।
  • प्रवाल जीव को पालिप कहते हैं। प्रवाल के शरीर पर कैल्शियम कार्बोनेट की खोल पायी जाती है, इसके खोल को सेप्टा कहते हैं।
  • प्रवालों की खोल पर एक शैवाल जूक्सैन्थेली का विकास होता है, इन शैवालों के कारण ही प्रवाल रंग-बिरंगे दिखाई देते हैं | इस प्रकार कह सकते हैं, कि प्रवालों एवं जूक्सैन्थेली के मध्य एक सहजीवी संबंध होता है।
  • जूक्सैन्थेली प्रवालों को रंग, भोजन एवं सुरक्षा प्रदान करता है, जबकि प्रवाल जूक्सैन्थेली को आवास प्रदान करता है क्योंकि जूक्सैन्थेली इनके आवरण पर निवास करता है।
  • जूक्सैन्थेली प्रकाश संश्लेषण की क्रिया से शर्करा का निर्माण करता है और यही शर्करा प्रवालों के भोजन का 98% भाग पूरा करता है।
  • तट के समीप छिछले सागर में जब प्रवालों की मृत्यु हो जाती है, तो इनके खोल के ऊपर दूसरे प्रवाल अपने खोल का निर्माण करते हैं। इस प्रक्रिया से एक के ऊपर एक स्तर का निर्माण करते हुए प्रवाल समुद्र के सतह से ऊपर आ जाते हैं, तो ये वृक्ष के शाखाओं के समान दिखाई देते हैं| इसे ही हम प्रवाल भित्ति कहते हैं |
  • प्रवाल भित्ति छिछले सागरों में एक दिवारनुमा संरचना होती है, जिसका निर्माण चूना प्रधान जीवों के स्तरीकरण से होता है। इन प्रवाल भित्तियों को मूंगा की चट्टान भी कहते हैं ।

प्रवाल विरंजन

  • प्रवाल विरंजन को कोरल ब्लीचिंग कहते हैं। प्रवालों के ऊपर एक प्रकार का शैवाल जूक्सैन्थेली पाया जाता है, जिसके कारण प्रवाल रंग-बिरंगे दिखाई देते हैं। जूक्सैन्थेली जब अपना रंग खो देते हैं तब सफेद रंग के दिखाई देने लगते हैं जिससे प्रवालों का रंग भी सफेद प्रतीत होने लगता है इस प्रक्रिया को विरंजन कहते हैं।
  • जूक्सैन्थेली के सफेद हो जाने के कारण प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया बाधित होने लगती है क्योंकि उसमें क्लोरोफिल अनुपस्थित हो जाती है। प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया बाधित हो जाने के कारण जूक्सैन्थेली धीरे-धीरे समाप्त होने लगते हैं, चूंकि प्रवाल इन्हीं जूक्सैन्थेली पर निर्भर रहते हैं इसलिए ये भी धीरे-धीरे समाप्त होने लगते हैं।
  • प्रवालों को सबसे ज्यादा खतरा अलनीनों नामक मौसमी परिस्थिति से है। अलनीनों पेरू तट पर प्रवाहित होने वाली गर्म जलधारा है, इसका आविर्भाव दिसंबर महीने में होता है। अल नीनों के प्रभाव के कारण दुनियाभर में तापमान में वृद्धि देखी जाती है, जिससे मौसम में भी काफी उलट-फेर देखा जाता है, जिसका प्रभाव इन प्रवाल भित्तियों पर भी पड़ता है।
  • विरंजित प्रवाल पुनः अपनी पुर्वावस्था को प्राप्त कर सकता है लेकिन इसके लिए आवश्यक है कि जल का तापमान सामान्य हो जाये और जूक्सैन्थेली प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया करने में सक्षम हो जाये। जब तक जूक्सैन्थेली वृद्धि नहीं करेगा प्रवाल भित्तियां सामान्य अवस्था को प्राप्त नहीं कर पायेंगी।

महत्वपूर्ण तथ्य:

  • अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के तीन द्वीपों के नाम बदले गए हैं जो निम्नलिखित हैं –

पुराना नाम              –       परिवर्तित नाम

रॉस द्वीप                      –        नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप

नील द्वीप                      –        शहीद द्वीप

हैवलॉक                       –        स्वराज द्वीप

  • (हैवलॉक द्वीप का नाम ब्रिटिश जनरल सर हेनरी हैवलॉक के नाम पर रखा गया था जिन्होंने ब्रिटिश प्रशासन के दौरान भारत में सेवाएं दी थी।)
  • पंबन द्वीप को रामेश्वरम द्वीप भी कहा जाता है |
  • रामसेतु को ही आदम का पुल भी कहते हैं |
  • अंडमान द्वीप समूहों का सबसे दक्षिणी द्वीप लिटिल अंडमान है न की दक्षिणी अंडमान
  • अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह को मरकत द्वीप भी कहते हैं |
  • 100चैनल लिटिल अंडमान एवं कार निकोबार के बीच स्थित हैं |
  • माउंट थुलियर (642 मीटर) ग्रेट निकोबार की सबसे ऊंची चोटी है |
  • दस डिग्री चैनल (Ten Degree Channel) अंडमान द्वीपसमूह (लघु अंडमान द्वीप) को निकोबार द्वीपसमूह (कार निकोबार द्वीप) से अलग करता है |
  • दक्षिण अंडमान एवं ग्रेट निकोबार द्वीप समूहों  में स्थित बांडूर  समुद्री जैव मंडलीय प्रारक्षित क्षेत्र विश्व के सबसे बड़े और दुर्लभ बृहत्काय रॉबर केकड़े (Giant Robber Crab) के लिए विश्व प्रसिद्ध है |

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कौन सा द्वीप प्रवाल ओं से बना है?

लक्षद्वीप एक प्रवाल द्वीप है, जो अरब सागर में स्थित है। यह समुद्री जानवरों के कंकाल से बना है जिसे पॉलीप्स के नाम से जाना जाता है।

भारत का कौन सा द्वीप प्रवाल दीप है?

Q: कौन-सा द्वीप प्रवाल द्वीप है? Ans: 'लक्षद्वीप' भारत के दक्षिण-पश्चिम किनारे पर स्थित हैं। यह भारत का एकमात्र मूँगा द्वीप हैं।

पृथ्वी का सबसे प्रवाल द्वीप कौन सा है?

सही उत्तर क्यूशू द्वीप, जापान है।.
मूंगा चट्टान पृथ्वी पर सबसे जैविक रूप से विविध समुद्री पारिस्थितिक तंत्रों में से एक है।.
कोर भूवैज्ञानिक समय के पैमाने पर बढ़ते हैं और लगभग 200 मिलियन वर्षों से अस्तित्व में हैं।.

प्रवाल द्वीप कहाँ स्थित है?

विश्व के सर्वाधिक प्रवाल हिंद-प्रशांत क्षेत्र में पाए जाते हैं। ये भूमध्य रेखा के 30 डिग्री तक के क्षेत्र में पाए जाते हैं। विश्व में पाए जाने वाले कुल प्रवाल का लगभग 30% हिस्सा दक्षिण-पूर्वी एशिया क्षेत्र में पाया जाता है। यहाँ प्रवाल दक्षिणी फिलिपींस से पूर्वी इंडोनेशिया और पश्चिमी न्यू गिनी तक पाए जाते हैं।