Updated: Aug 25, 2022 06:42 AM | बारें में | संबंधित जानकारियाँ | यह भी जानें Show Janmashtami Date: Smarta: Wednesday, 6 September 2023
कृष्ण जन्माष्टमी त्यौहार, भगवान
विष्णु के आठवें अवतार श्री कृष्ण के अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह हिंदू धर्म की वैष्णव परंपरा से संबंधित है। इस त्यौहार के अंतरगत भगवान श्री कृष्ण के जीवन के दृश्यों को नाटक, उपवास, भागवत पुराण कथा, रस लीला / कृष्णा लीला जैसे माध्यमों द्वारा मध्यरात्रि तक प्रायोजित किया जाता है, जैसा कि मध्यरात्रि को भगवान श्री कृष्ण का अवतरण समय माना जाता है। जन्माष्टमी
2023 का शुभ मुहूर्त: जन्माष्टमी व्रत का संकल्प कैसे करें? जन्माष्टमी व्रत पर कैसे करें पूजा:
यह भी जानें
Janmashtami in EnglishJanmashtami Krishna Janmashtami is a well-known festival that is celebrated as the birth of Bhagwan Krishna कृष्ण जन्माष्टमी6 September 2023 इस त्योहार के दौरान भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान मथुरा-वृंदावन में मुख्य रूप से रास लीला का आयोजन किया जाता है। रास का अर्थ
सौंदर्य, भावना या मिठाई और लीला नाटक या नृत्य या अधिक व्यापक रूप से इसे ईश्वरीय प्रेम का नृत्य कहते है। दही हांड़ी7 September 2023 दही हांड़ी उत्सव मुख्यतया भारतीय राज्य महाराष्ट्र और गुजरात मे धूम-धाम से मनाया जाता है। दही यानी (curd) और हांड़ी का मतलब मिट्टी से बने पात्र जैसे मटका / मटकी को कहा जाता है। छठी महोत्सव12 September 2023 श्री कृष्ण जन्माष्टमी के छह दिन बाद, बाल गोपाल श्री कृष्ण का छठी महोत्सव मनाया जाता है। जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव तथा छठी पूजन नामकरण उत्सव के रूप मे मनाया जाता है। भगवान श्री कृष्ण की छठी वाले दिन लोग अपने आराध्य का अपनी इच्छा के अनुसार नया नाम भी रखते हैं, जैसे माधव, लड्डू गोपाल, ठाकुरजी आदि। भगवान कृष्ण की छठी के दिन उन्हें पीले रंग के वस्त्र पहिनाए जाते हैं, तथा माखन-मिश्री का भोग लगाया जाता है, तथा भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप की ही पूजा-अर्चना की जाती है। संबंधित जानकारियाँआगे के त्यौहार(2023) Smarta: 6 September 2023ISKCON, Vaishnav, Gauria: 7 September 2023 सुरुआत तिथि भाद्रपद कृष्ण अष्टमी समाप्ति तिथि भाद्रपद कृष्ण नवमी मंत्र हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की!, हरे कृष्ण! कारण भगवान श्री कृष्ण का अवतरण दिवस उत्सव विधि रास लीला, दही हांडी, पतंगबाजी महत्वपूर्ण जगह बरसाना, मथुरा, वृंदावन, ब्रज प्रदेश, श्री कृष्ण मंदिर, श्रीनाथजी मंदिर नाथद्वारा, इस्कॉन मंदिर पिछले त्यौहार Chhati Mahotsav: 24 August 2022, ISKCON, Vaishnav, Gauria: 19 August 2022, Smarta: 18 August 2022, Chhati Mahotsav: 4 September 2021, Dahi Handi: 31 August 2021, Janmashtami: 30 August 2021, Chhati Mahotsav: 17 August 2020, Mathura, Vrindavan, Dwarka: 12 August 2020 अगर आपको यह त्योहार पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें! इस त्योहार को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें * कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें। ** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें। जन्माष्टमी 2023 तिथियाँ
कृष्ण जी का व्रत कौन से दिन रखा जाता है?शास्त्रों के अनुसार, जन्माष्टमी व्रत का नियम है जिस रात निशीथ काल में यानी मध्यरात्रि के समय अष्टमी तिथि लगती है, उसी दिन कृष्ण जन्म व्रत रखा जाता है और अगले दिन जन्मोत्सव मनाया जाता है। 18 अगस्त को निशीथ काल में अष्टमी तिथि लगने से गृहस्थजन श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत रख सकते हैं।
कान्हा जी का दिन कौन सा है?पंचांग के अनुसार 18 अगस्त 2022 गुरुवार रात 09 बजकर 21 मिनट से अष्टमी तिथि प्रारंभ होगी. 19 अगस्त 2022 शुक्रवार की रात 10 बजकर 50 मिनट पर अष्टमी तिथि का समापन होगा. कृष्ण का जन्म रात में हुआ था इस कारण कई लोग 18 अगस्त को व्रत रख कान्हा का जन्मोत्सव मनाएंगे.
कान्हा जी का व्रत कैसे रखा जाता है?जन्माष्टमी पर कान्हा को पीले चंदन या फिर केसर का तिलक जरूर लगाएं. साथ ही साथ उन्हें मोर के मुकुट और बांसुरी जरूर अर्पित करें. इसके बाद कान्हा को पुष्प, फल, पंजीरी,चरणामृत आदि अर्पित करें. भगवान श्री कृष्ण की पूजा में जो कुछ भी प्रसाद अर्पित करें उसमें तुलसी दल अवश्य चढ़ाएं.
कृष्ण भगवान का व्रत कैसे खोलें?इस तरह करें जन्माष्टमी की पूजा
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्र कृष्ण अष्टमी तिथि को मध्य रात्रि में हुआ था इसलिए धार्मिक मान्यता है कि जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अर्चना मध्य रात में करनी चाहिए। ऐसे में जन्माष्टमी के दिन व्रत रखते हुए भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की आराधना करें।
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