कन्यादान कविता के आधार पर माँ ने अपनी बेटी को क्या क्या सीख दी? - kanyaadaan kavita ke aadhaar par maan ne apanee betee ko kya kya seekh dee?

विषयसूची

  • 1 मां ने बेटी को किसे सावधान क्या?
  • 2 मां ने बेटी को अपने चेहरे पर मत रीझना ऐसा क्यों कहा?
  • 3 चेहरे पर मत रीझना में क्या निहित है प्यार दुलार फटकार नसीहत?
  • 4 शादी को कैसे पटाया जाए?

मां ने बेटी को किसे सावधान क्या?

इसे सुनेंरोकेंमाँ ने बेटी को क्या-क्या सीख दी? माँ ने बेटी को सीख दी थी कि वह केवल सुंदरता पर ही नहीं रीझे बल्कि अपने वातावरण के प्रति भी सचेत रहे। जिस पानी में झांककर उसे अपनी परछाई दिखाई देती है उसकी गहराई को भी वह भली-भांति जान लें। कहीं वही उसके लिए जानलेवा सिद्ध न हो जाए।

मां ने बेटी को अपने चेहरे पर मत रीझना ऐसा क्यों कहा?

इसे सुनेंरोकेंQuestion. 3: माँ ने बेटी को चेहरे पर न रीझने की सलाह क्यों दी है? Solution: प्रायः सुन्दर स्त्री अपनी सुंदरता की प्रशंसा सुन प्रसन्न हो उठती है फिर प्रशंसा के बंधन में बँधी रहकर लड़की बनकर ही रहना पड़ता है। इसे ही अपना सर्वस्व मान घर की चारदिवारी में आबद्ध रहती है।

क्या माँ द्वारा दी गई सीख आपको उचित लगती है यदि हाँ तो क्यों कन्यादान कविता के आधार पर बताइए?

इसे सुनेंरोकेंक्या माँ द्वारा दी गई सीख आपको उचित लगती है? उत्तर : कविता में माँ ने अपनी बेटी को जो सीख दी है, वह उसके भले के लिए दी है। यह उसका अपना अनुभव रहा है। उसने लोगों का व्यवहार देखा है।

कन्यादान कविता में मां अपनी बेटी को क्या सीख दे रही है 2?

इसे सुनेंरोकेंकन्यादान कविता में माँ ने बेटी को अनेक सीख दी। माँ ने अपनी बेटी से कहा कि वो ससुराल में अपनी शारीरिक सुंदरता पर अधिक ध्यान ना दिया करे। ना ही उसको महत्व दे। माँ के अनुसार उसकी सुंदरता दूसरों के लिए ईर्ष्या का कारण बन सकती थी और इस कारण द्वेष और तनाव का वातावरण उत्पन्न हो सकता था।

चेहरे पर मत रीझना में क्या निहित है प्यार दुलार फटकार नसीहत?

इसे सुनेंरोकें➲ ‘अपने चेहरे पर मत रीझना’ का भाव सौंदर्य यह है कि कन्यादान कविता में कवि का कहने का तात्पर्य यह है कि माँ अपनी बेटी को अपने व्यवहार के प्रति सजग रहने रहने की शिक्षा दे रही है।

शादी को कैसे पटाया जाए?

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  1. लड़कियों को देखें –
  2. लड़की से नैन मटक्का कीजिए –
  3. लड़की के सामने दूसरी लड़कियों से बात कीजिए –
  4. लड़की से बात करने के बहाने ढूंढे –
  5. लड़की से जान पहचान बढ़ाएं –
  6. लड़कियों से इंटरेस्टिंग और मजेदार बातें कीजिए –
  7. बात करते-करते नंबर ले लीजिए –

क्या माँ की सीख उचित है कविता के आधार पर लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंमाँ ने बेटी को सीख दी थी कि वह केवल सुंदरता पर ही नहीं रीझे बल्कि अपने वातावरण के प्रति भी सचेत रहे। जिस पानी में झांककर उसे अपनी परछाई दिखाई देती है उसकी गहराई को भी वह भली-भांति जान लें।

कन्यादान कविता में मां द्वारा जो सीख दी गई है वह वर्तमान परिस्थितियों में कितनी प्रासंगिक है स्पष्ट कीजिए?

इसे सुनेंरोकें’कन्यादान’ कविता में माँ द्वारा जो सीख दी गई हैं, वे वर्तमान परिस्थितियों में कितनी प्रासंगिक हैं, स्पष्ट कीजिए। ‘कन्यादान’ कविता में माँ द्वारा अपनी बेटी को जो सीख दी गई है वह उसके अनुभव की उपज है। माँ को दुनियादारी और ससुराल वालों द्वारा किए गए व्यवहार का अनुभव है। उन्हें ध्यान में रखकर भावी जीवन के लिए सीख देती है।

Solution : कन्यादान. कविता में वर्णित माँ एक सजग, अनुभवशील नारी है। वह अपनी पुत्री को नारी जागृति एवं सशक्तीकरण से संबंधित शिक्षा देती है। माँ अपने जीवन अनुभवों के आधार पर अपनी बेटी को सचेत करती है। वह समाज में फैली कुरीतियों के प्रति उसे जागरूक करती है। माँ चाहती है कि बेटी केवल शारीरिक सुंदरता, सुंदर कपड़ों और गहनों से भ्रमित न हो बल्कि समाज में आए परिवर्तनों को देखे। उसके हृदय में साहस और अधिकारों के प्रति जागरूकता हो। प्रायः लोग लड़की की सरलता को देखकर उसका शोषण करते हैं। माँ नहीं चाहती कि उसकी बेटी के साथ ऐसा कुछ हो। इस प्रकार प्रस्तुत कविता में माँ ने बेटी को जो सीख दी है वह आज के युगानुकूल है।

माँ ने कन्यादान के बाद अपनी बेटी को विदा करते समय निम्नलिखित सीख दी 

• वह ससुराल में दूसरों द्वारा की गई प्रशंसा से अपने रूप-सौंदर्य पर आत्ममुग्ध न हो जाए। 

• आग का उपयोग रोटियाँ पकाने के लिए करना। उसका दुरुपयोग अपने जलने के लिए मत करना। 

• वस्त्र-आभूषणों के मोह में फँसकर इनके बंधन में न बँध जाना। 

• नारी सुलभ गुण बनाए रखना पर कमजोर मत पड़ना।

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Short Note

माँ ने बेटी को क्या-क्या सीख दी?

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Solution

माँ ने अपनी बेटी को विदा करते समय निम्नलिखित सीख दी -

  1. माँ ने बेटी को उसकी सुंदरता पर गर्व न करने की सीख दी।
  2. माँ ने अपनी बेटी को दु:ख पीड़ित होकर आत्महत्या न करने की सीख दी।
  3. माँ ने बेटी को धन सम्पत्ति के आकर्षण से दूर रहने की सलाह दी।

Concept: पद्य (Poetry) (Class 10 A)

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Chapter 8: ऋतुराज - कन्यादान - प्रश्न-अभ्यास [Page 51]

Q 5Q 4Q 6

APPEARS IN

NCERT Class 10 Hindi - Kshitij Part 2

Chapter 8 ऋतुराज - कन्यादान
प्रश्न-अभ्यास | Q 5 | Page 51

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मां ने बेटी को क्या क्या सीख दी?

माँ ने बेटी को क्या-क्या सीख दी? Solution : माँ ने बेटी को निम्नलिखित सीख दी <br> (1) कभी अपनी सुंदरता और उसकी प्रशांसा पर न रीझना । <br> (2) घर-गृहस्थी के सामान्य कार्य तो करना, किन्तु अत्याचार न सहना । <br> (3) कपड़ों और गहनों के बदले अपनी आजादी न बेचना, अपना व्यक्तित्व न खोना ।

कन्यादान कविता में माँ ने बेटी को क्या सीख दी है क्या वह सीख आज के युग के अनुकूल है?

Answer: माँ को दुनियादारी और ससुराल वालों द्वारा किए गए व्यवहार का अनुभव है। उन्हें ध्यान में रखकर भावी जीवन के लिए सीख देती है। आज जब समाज में छल-कपट, शोषण, दहेज प्रथा आदि बुराइयाँ बढ़ी हैं तथा ससुराल में अधिक सजग रहने की जरूरत बढ़ गई है तब माँ द्वारा बेटी को दी गई सीख की प्रासंगिकता और भी बढ़ जाती है।

माँ ने अपनी लड़की को क्या समझाया?

Solution : माँ ने बेटी को समझाया कि पानी झाँककर जब अपना चेहरा देखो तब उसके रूप-सौंदर्य पर रोझ मत जाना अर्थात् स्वयं को रूप-सुंदरी माल लेने का भ्रमत मत पाल लेना।

मां ने बेटी को क्या क्या सीख द कन्यादान पाठ के आधार पर उत्तर द जजए?

माँ ने बेटी को कहा कि वह केवल अपनी सुंदरता पर गर्व न करें बल्कि अपने वातावरण के प्रति भी सचेत रहे। माँ ने बेटी को कहा कि जिस पानी में उसे अपनी परछाई दिखाई देती है उस पानी कि उसे गहराई को भी भलीभांति जान लेना चाहिए। कहीं वह पानी जो उसे उसकी सुंदरता दिखा रहा है उसके लिए हानिकारक या जानलेवा सिद्ध ना हो जाए।