नैनं छिद्रन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावक: । कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। ध्यायतो विषयान्पुंसः सङ्गस्तेषूपजायते।
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Read more articlesगीता जी का कौन सा अध्याय पढ़ना चाहिए?शनि संबंधी पीड़ा होने पर प्रथम अध्याय का पठन करना चाहिए।
भगवद् गीता को हिंदू धर्म ग्रंथों में पवित्र माना गया है। गीता पाठ के लाभ व नियम भी हैं। गीता पाठ करने से ज्ञान की प्राप्ति तो होती ही है साथ ही अशांत मन को शांति मिलती है। लेकिन भगवत गीता का पाठ करने का तरीका कुछ अलग होता है।
गीता का कौनसा अध्याय सबसे बड़ा है?१८वें अध्याय
इसमें गीता के समस्त उपदेशों का सार एवं उपसंहार है।
गीता पढ़ने से पहले क्या करना चाहिए?गीता बहुत ही पवित्र ग्रंथ है। इसे कभी भी गंदे हाथों से न छुएं। ... . गीता का पाठ करने से पहले चाय, कॉफी, पानी या अन्य किसी भी चीज का सेवन न करें तो ही बेहतर रहेगा।. पाठ आरंभ करने के पहले भगवान गणेश और श्री कृष्ण जी का ध्यान करें।. गीता पढ़ने से पहले उस विशेष अध्याय का गीता महात्म्य अवश्य पढ़ें।. गीता के 18 अध्याय में क्या है?18वें अध्याय में मोक्षसंन्यास योग का जिक्र है। इसमें गीता के समस्त उपदेशों का सार एवं उपसंहार है। इसमें बताया गया है कि पृथ्वी के मानवों में और स्वर्ग के देवताओं में कोई भी ऐसा नहीं जो प्रकृति के चलाए हुए इन तीन गुणों से बचा हो। मनुष्य को क्या कार्य है, क्या अकार्य है, इसकी पहचान होनी चाहिए।
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