Kalpana Chawla Death Reason: अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला कल्पना चावला की मौत 1 फरवरी 2003 को अंतरिक्ष से वापस लौटते वक्त हुई थी. अक्सर कल्पना कहा करती थीं मैं अंतरिक्ष के लिए ही बनीं हूं, हर पल अंतरिक्ष के लिए बिताया और इसी के लिए मरूंगी. यह बात उनके लिए सच भी साबित हुई. Show
कल्पना चावला जी कौन थी?
जैसा कि भारतवर्ष के सभी नागरिक यह अवश्य ही जानते है कि भारत की प्रथम महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला जी थी। कल्पना चावला जी को न केवल भारतवर्ष के नागरिक अपितु संपूर्ण विश्व के नागरिक जानते हैं। कल्पना चावला जी एक ऐसी महिला थी जिन्होंने भारतीय महिला होने के बावजूद भी अमेरिका के साथ मिलकर के अंतरिक्ष पर गई थी। यदि कहां जाए तो कल्पना चावला अंतरिक्ष शटल मिशन की विशेषज्ञ महिला थी। आज हम आपको बताने जा रहे है भारत की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री के बारें में जिन्होंने देशभर की महिलाओं के लिए एक मिशाल कायम की. उनका नाम है कल्पना चावला भारतीय मूल की अमरीकी अंतरिक्ष यात्री और अंतरिक्ष शटल मिशन विशेषज्ञ थीं. वे अंतरिक्ष में जाने वाली द्वितीय भारतीय और प्रथम भारतीय महिला थीं. कल्पना कोलंबिया अन्तरिक्ष यान आपदा में मारे गए सात अंतरिक्ष यात्री दल सदस्यों में से एक थीं. कल्पना की प्रथम अंतरिक्ष उड़ान एस.टी.एस. 87 कोलम्बिया शटल से 19 नवम्बर 1997 से 5 दिसम्बर 1997 के मध्य सम्पन्न हुई. उनकी दूसरी और आखिरी उड़ान 16 जनवरी 2003 को स्पेस शटल कोलम्बिया से शुरू हुई पर दुर्भाग्यवश 1 फरवरी 2003 को कोल्म्बिया स्पेस शटल पृथ्वी पर लैंड करने से पहले ही दुर्घटना ग्रस्त हो गया जिसमे कल्पना चावला समेत अंतरिक्ष यान के सभी 6 यात्री मारे गए. पूरा नाम: – कल्पना चावला कल्पना चावला का करियर (Career of Kalpana Chawla)बता दें कि सन 1988 में उन्होंने नासा के अमेस रिसर्च सेण्टर में ओवरसेट मेथड्स इंक में बतौर उपाध्यक्ष कार्य करना प्रारंभ किया. वहां उन्होंने वी/एसटीओएल में सीएफ़डी पर अनुसंधान किया. कल्पना चावला को हवाई जहाज़ों, ग्लाइडरों व व्यावसायिक विमानचालन के लाइसेंसों के लिए प्रमाणित उड़ान प्रशिक्षक का दर्ज़ा हासिल था. उन्हें एकल व बहु-इंजन वायुयानों के लिए व्यावसायिक विमानचालक के लाइसेंस भी प्राप्त थे. Kalpana Chawla Death: कैसे सपना हुआ सचकल्पना हरियाणा के करनाल में बनारसी लाल चावला के घर 17 मार्च 1962 को जन्मी थीं. अपने चार भाई-बहनों में वह सबसे छोटी थीं. प्यार से घर में उन्हें मोंटू पुकारा जाता था. कल्पना में 8वीं क्लास के दौरान ही अपने पिता से इंजीनियर बनने की इच्छा जाहिर कर दी थी, लेकिन उनके पिता की इच्छा थी कि वह डॉक्टर या टीचर बनें. उनकी शुरुआती पढ़ाई करनाल के टैगोर बाल निकेतन में हुई. स्कूली पढ़ाई के बाद कल्पना ने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज 1982 में ग्रेजुएशन पूरा किया. Also Read: Elon Musk’s SpaceX will send NASA astronauts to space in Q2 & Q3 अंतरिक्ष में किया इतना सफरकल्पना चावला ने अपने पहले मिशन में 1.04 करोड़ मील सफर तय कर पृथ्वी की 252 परिक्रमाएं और 360 घंटे अंतरिक्ष में बिताए। पिता चाहते थे कि डॉक्टर बनें Kalpana Chawlaउनकी शुरू की पढ़ाई तो करनाल के टैगोर बाल निकेतन में हुई। जब वह आठवीं क्लास में पहुंचीं तो उन्होंने अपने पिता से इंजिनियर बनने की इच्छा जाहिर की। पिता चाहते थे कि वो डॉक्टर या टीचर बने। Kalpana Chawla Death Reason: कल्पना चावला का नासा का अनुभव1- 1994 में कल्पना चावला का नासा में चयन हो गया,इसके बाद कल्पना ने 1995 में जॉनसन स्पेस सेंटर में एक एस्ट्रोनॉट प्रतिभागी के तौर पर एस्ट्रोनॉट के 15वें ग्रुप में जॉइन किया. कल्पना चावला की जानकारी – Kalpana Chawla Life History
Kalpana Chawla Death: अमेरिका में की पढ़ाईकहते हैं ना कि सपनों की उड़ान को कोई नहीं रोक सकता। वो अपने इन्हीं सपनों की उड़ान भरने के लिए 1982 में अमेरिका गईं और यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस से एयरोस्पेस इंजिनियरिंग में मास्टर्स डिग्री ली। मिल चुके हैं कई पुरस्कारउनका विवाह जीन पीएर हैरिसन से 1983 में हुआ। वह उड़ान प्रशिक्षक और विमानन लेखक थे। उनको कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं, जिनमें कॉन्ग्रेशनल अंतरिक्ष पदक सम्मान, नासा अंतरिक्ष उड़ान पदक और नासा विशिष्ट सेवा पदक शामिल हैं। Kalpana Chawla Death Reason: ऐसे हुई थी मौतKalpana Chawla Death Reason: जब उनका विमान कामयाबी के आगाज के साथ धरती पर लौट रहा था. तभी अचानक सफलता का यह जश्न पलभर में ही मातम में बदल गया और हर मुस्कुराते चेहरे पर उदासी छा गई. सभी बेसब्री से कल्पना चावला के लौटने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन खबर कुछ और ही आई. वैज्ञानिकों के मुताबिक- जैसे ही कोलंबिया ने पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश किया, वैसे ही उसकी उष्मारोधी परतें फट गईं और यान का तापमान बढ़ने से यह हादसा हुआ.
उनके वायुयान के टूट जाने के बाद देखते ही देखते उसी अंतरिक्ष यान में कल्पना चावला जी के साथ सवार सात अंतरिक्ष यात्री की मृत्यु हो गई। यह घटना न केवल कोलंबिया के लिए अपितु संपूर्ण विश्व के लिए बहुत ही दर्दनाक थी। यह घटना अंतरिक्ष से लगभग 16 दिनों की यात्रा करने के पश्चात लौटने के दौरान हुआ था। यह घटना पृथ्वी से लगभग 63 किलोमीटर की ऊंचाई पर हुआ था। अतः कल्पना चावला जी की मृत्यु 1 फरवरी वर्ष 2003 को हुई थी। Also Read: Stephen Hawking Google Doodle: गूगल ने डूडल बनाकर दिग्गज वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग को किया याद इस विषय पर अधिकतर बार पुछे गये सवाल (FAQ)१. कल्पना चावला कुल कितनी बार अंतरीक्ष मे गई थी? जवाब :- दो बार, पहली बार साल १९९७ मे तथा दुसरी बार साल २००३ मे। २. कौनसे आयु मे कल्पना चावला जी पहली बार अंतरीक्ष मे गई थी? जवाब :- ३६ साल की आयु मे पहली बार कल्पना चावला अंतरीक्ष मे गई थी। ३. भारत की पहली अंतरीक्ष मे जानेवाली महिला अंतरीक्ष यात्री कौन है? जवाब :- कल्पना चावला। ४. कल्पना चावला जी ने कौनसी शिक्षा पुरी की थी? जवाब :- एरोनॉटिकल इंजिनीरिंग (वैमानिक अभियांत्रिकी)। ५. कल्पना चावला जी का जन्म कहा पर हुआ था? जवाब:- भारत के हरयाणा राज्य के करनाल नामके जगह पर कल्पना चावला जी का जन्म हुआ था। ६. कौनसे अंतरीक्ष यान मे तकनिकी खराबी के वजह से कल्पना चावला समेत अन्य छह अंतरीक्ष यात्रियो का दुःखद निधन हुआ था? जवाब :- स्पेस शटल कोलंबिया। ७. क्या कल्पना चावला की शादी हुई थी? जवाब :- हा, उडान प्रशिक्षक जीन पिएरे हैरिसन के साथ कल्पना चावला की शादी हुई थी। ८. क्या कल्पना चावला अंतरीक्ष संशोधन मे कार्यरत संस्था नासा मे काम करती थी? जवाब :- हा। ९. भारत के पहले अंतरीक्ष यात्री कौन थे? जवाब :- राकेश शर्मा। १०. कल्पना चावला को कौनसे पदक से सम्मानित किया गया है? जवाब :- कांग्रेशनल अंतरिक्ष पदक सम्मान, नासा अन्तरिक्ष उड़ान पदक, नासा विशिष्ट सेवा पदक। |