कृषि - आधारित उद्योगों के नाम बताइए । Show चीनी उद्योग - कपड़ा उद्योग, जूट उद्योग। प्राथमिक एवं द्वितीयक गतिविधियों में क्या अंतर है? प्राथमिक गतिविधियाँ - प्राथमिक गतिविधियाँ वे होती हैं जो प्रत्यक्ष रूप से पर्यावरण पर निर्भर हैं क्योंकि ये पृथ्वी के संसाधनों जैसे भूमि, जल, वनस्पति, भवन-निर्माण सामग्री एवं खनिजों के उपयोग के विषय में बतलाती हैं। इस प्रकार की क्रियाओं के अंतर्गत
आखेट, भोजन, भोजन संग्रह, पशुचारण, मछली पकड़ना, वनों से लकड़ी काटना, कृषि एवं खनन कार्य शामिल किए जाते हैं। अफ्रीका में अपरिमित प्राकृतिक संसाधन हैं फिर भी औद्योगिक दृष्टि से यह बहुत पिछड़ा महाद्वीप है। समीक्षा कीजिए । उद्योगों को हर जगह स्थापित नहीं किया जा सकता, उद्योग वहीं पर स्थापित किए जाते हैं जहाँ पर इनके निर्माण में कम से कम लागत-आए व ज्यादा से ज्यादा लाभ हो । उद्योगों की अवस्थिति में कई भौगोलिक व गैर-भौगोलिक कारक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं; जैसे-कच्चामाल, बाजार, पूँजी, बैकिंग व्यवस्था, श्रम, ऊर्जा के स्रोत आदि । दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित अफ्रीका महाद्वीप प्राकृतिक संसाधन में उन्नत हैं; जैसे लौह-इस्पात बाक्साइट, हीरा, ताँबा, लकड़ी, खालें आदि फिर भी इस क्षेत्र में उद्योग विकसित नहीं हुए । लौह-इस्पात उद्योग का विकास इसलिए नहीं हो सका क्योंकि यहाँ कोयले की कमी है। यूरोप व यू०एस०ए० की अपेक्षा यहाँ पूँजी का भी अभाव है। इसके अतिरिक्त संचार, परिवहन व बैंकिंग नीति की प्रतिकूलता भी पिछड़े औद्योगीकरण में मुख्य भूमिका निभाते हैं। अफ्रीका में विशाल मरुस्थल, घने वन प्रदेश, विस्तृत पठारी धरातल के कारण जनसंख्या भी कम निवास करती है। अत: स्पष्ट है कि प्राकृतिक संसाधनों अर्थात् कच्चे माल के भंडार होने के बावजूद अनेक गैर-भौगोलिक व मानवीय कारण उद्योगों की अवस्थिति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं । निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है?
B. चीनी, सूती वस्त्र एवं वनस्पति तेल उद्योग स्वच्छंद उद्योग हैं। विश्व के विकसित देशों के उद्योगों के संदर्भ में आधुनिक औद्योगिक क्रियाओं की मुख्य प्रवृत्तियों की विवेचना कीजिए । विश्व में कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहाँ- उद्योगों की स्थापना के लिए अनुकूल परिस्थितियां मिल जाती हैं और वहाँ कई उद्योग स्थापित हो जाते हैं और धीरे-धीरे उद्योगों का जमघट (पुंज) बन जाता है, जिसे औद्योगिक प्रदेश या औद्योगिक संकुल कहते हैं। उद्योगों की स्थापना के लिए विशेष भौगोलिक कारक उत्तरदायी होते हैं। इन्हीं अनुकूल भौगोलिक कारकों के कारण वे क्षेत्र नए-नए उद्योगों को अपनी ओर आकर्षित करते रहते हैं। उद्योगों के जमघट में अनुकूल उत्तरदायी कारकों के अंतर्गत कच्चेमाल की सुविधा, श्रमिकों की उपलब्धता, ऊर्जा के पर्याप्त संसाधन, जलवायु तथा परिवहन सुविधाएँ आदि हैं। विश्व में प्रमुख औद्योगिक प्रदेश निम्नलिखित हैं-
यूरोप के औद्योगिक प्रदेश - विश्व में औद्योगिक क्रांति का श्री गणेश यूरोप महाद्वीप में ही हुआ था । यहाँ 18 वीं शताब्दी में जो औद्योगिक क्रांति आई, वह विश्व के अन्य भागों में भी धीरे-धीरे फैली जिससे औद्योगिक उत्पादनों में वृद्धि हुई ।
अधिकतर देशों में उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग प्रमुख महानगरों के परिधि क्षेत्रों में ही क्यों विकसित हो रहे हैं? व्याख्या कीजिए। उच्च प्रौद्योगिकी पर आधारित उद्योग तेजी से विकसित हो रहे हैं। इन उद्योगों में वैज्ञानिक अनुसंधान एवं विकास के बल पर अत्यधिक परिकृत उत्पादों का निर्माण किया जाता है। इन उद्योगों पर पारंपरिक कारकों का कोई विशेष प्रभाव नहीं होता । आज अधिकतर देशों में उच्च प्रौद्योगिक उद्योग प्रमुख महानगरों की परिधि में विकसित हो रहे हैं। इनके स्थानीयकरण में कुछ नए कारकों की भूमिका महत्त्वपूर्ण है जो निम्नलिखित हैं-
आधारित उद्योग कौन कौन से हैं?कृषि-आधारित उद्योग-धंधों में कपास उद्योग, गुड व खांडसारी, फल व सब्जियों-आधारित, आलू-आधारित कृषि उद्योग, सोयाबीन-आधारित, तिलहन-आधारित, जूट-आधारित व खाद्य संवर्धन-आधारित आदि प्रमुख उद्योग हैं। पिछले कुछ वर्षों में दूसरे उद्योगों की भांति कृषि-आधारित उद्योगों में भी काफी सुधार हुआ है।
कृषि आधारित सबसे बड़ा उद्योग कौन सा है?कपड़ा उद्योग सबसे बड़ा कृषि आधारित उद्योग है और भारत में सबसे बड़ा उद्योग है, जो औद्योगिक उत्पादन का लगभग 20% हिस्सा है। यह 20 मिलियन से अधिक व्यक्तियों को रोजगार प्रदान करता है और कुल निर्यात में लगभग 33% का योगदान देता है।
राजस्थान में कृषि आधारित उद्योग कौन कौन से हैं?सूती वस्त्र उद्योग राजस्थान का परम्परागत एवं प्राचीन उद्योग है तथा कृषि पर आधारित देश का सबसे बड़ा उद्योग है। वर्तमान समय में चीन सूती वस्त्र के उत्पादन में विश्न में प्रथम स्थान रखता है तथा भारत का इस क्षेत्र में तीसरा स्थान है।
भारतीय कृषि का प्रमुख प्रकार क्या है?भारतीय किसानों द्वारा अपनायी गयी कुछ प्रमुख कृषि पद्धतियों में आई कृषि, शुष्क कृषि, सिंचित कृषि, जीवन निर्वाह कृषि, वाणिज्यिक कृषि, सीढ़ीदार कृषि, गहन तथा विस्तृत कृषि शामिल हैं। भारत में घनी आबादी वाले क्षेत्रों में इस प्रकार का कृषि अभ्यास देखा जा सकता है।
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