कृषि योग्य बंजर भूमि के पुनर्चक्रण प्रस्ताव का मूल उद्देश्य क्या है? - krshi yogy banjar bhoomi ke punarchakran prastaav ka mool uddeshy kya hai?

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कृषि योग्य बंजर भूमि के पुनर्चक्रण प्रस्ताव का मूल उद्देश्य क्या है? - krshi yogy banjar bhoomi ke punarchakran prastaav ka mool uddeshy kya hai?

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बंजर भूमि को कृषि योग्य बनाया, अब जैविक पद्धति से ले रहे फसल

मगरलोड| हमर जंगल हमर आजीविका मिशन ग्रामीणों का जीवन संवार रहा है। वन अधिकार पट्टे के तहत वनांचल ग्राम केकराखोली में किसान जैविक पद्धति से धान की फसल बंजर जमीन में ले रहे हैं। गांव में 54 परिवार निवासरत हैं। इनमें से 32 परिवार 164 एकड़ भूमि पर कृषि कर रहे हैं। इन्होंने 140 एकड़ में जैविक पद्धति से धान की फसल लगाई है। 24 एकड़ भूमि पर साक- सब्जी,केला मुनगा की फसल लेकर मछली पालन भी कर रहे हैं। किसानों ने बंजर भूमि को पहले कृषि योग्य बनाने समतल किया। फिर मनरेगा के तहत पहाड़ी क्षेत्रों को काटकर नाली निर्माण किया गया, जिससे बरसात के पानी से किसानों को सिंचाई सुविधा मिल रही है। कृषक तिजऊराम ने बताया कि उसने 6 एकड़ में जैविक पद्धति से धान की फसल गलाई है। कृषि विभाग ने 23 किसानों के खेतों में बोर खनन और 2 किसानों को सौर सुजला योजना से सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई है। पर्याप्त पानी मिल रहा है। समय-समय पर अधिकारी गांव में पहुंचकर मार्गदर्शन करते हैं। समूह के माध्यम से जैविक खाद बनाने की तरकीब सिखाते हैं और इसी खाद का इस्तेमाल कर केकराखोली के ग्रामीण कृषि करते हैं।

आंदोलन से मरीज हो रहे परेशान

मगरलोड| स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ द्वारा 1 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जा रही है। 17 दिन बीतने के बाद भी हड़तालियों की मांग पर शासन ने पहल नहीं की है। इस कारण उप स्वास्थ्य केंद्रों में ताला लगा है। ग्रामीण क्षेत्रों के मरीज परेशान हो रहे हैं। पूर्व संभाग अध्यक्ष हरिशंकर साहू,पूर्व प्रांत अध्यक्ष मुकेश साहू, जिला अध्यक्ष नागेश वर्मा,ब्लाक अध्यक्ष हरिशंकर साहू का कहना है कि उनकी हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।

कृषि योग्य बंजर भूमि के पुनर्चक्रण प्रस्ताव के मूल उद्देश्य क्या हैं?

बंजर भूमि का प्रयोग अनेक कामों के लिए हो सकता है लेकिन सबसे उत्तम कार्य वन रोपण है क्योंकि यह लाभदायक है। इससे देहात के लोगों को बहुत रोजगार मिल सकता है और इसके लिए भारी पूंजी की भी आवश्यकता नहीं होती है। वन रोपण से पारिस्थितिकी प्रणाली या पर्यावरण में सुधार होता है और इससे मिट्टी का कटाव भी रुकता है।

बंजर भूमि क्या है बंजर भूमि के सुधार की व्याख्या कीजिए?

ऊसर या बंजर (barren land) वह भूमि है जिसमें लवणों की अधिकता हो, (विशेषत: सोडियम लवणों की अधिकता हो)। ऐसी भूमि में कुछ नहीं अथवा बहुत कम उत्पादन होता है।

बंजर भूमि को पुनः प्राप्त करने की विभिन्न विधियाँ क्या हैं किन्हीं दो विधियों की व्याख्या कीजिए?

2.1 सर्वेक्षण.
2.2 बोरिंग स्थल का चयन.
2.3 मेड़बन्दी.
2.4 जुताई.
2.5 समतलीकरण.
2.6 सिंचाई नाली, जल निकास नाली तथा स्माल स्ट्रक्चर का निर्माण.
2.7 लिंक ड्रेन.
2.8 जिप्सम का प्रयोग एवं लीचिंग.

बंजर भूमि तथा कृषि योग्य भूमि में क्या अंतर है?

बंजर भूमि: वह भूमि जो प्रचलित प्रौद्योगिकी की मदद से कृषि योग्य नहीं बनाई जा सकती, जैसे- बंजर पहाड़ी भ-भूभाग, मरुस्थल व खड्ड आदि। कृषि योग्य व्यर्थ भूमि: वह भूमि जो पिछले पाँच वर्षो तक या अधिक समय तक परती या कृषि-रहित है। भूमि उद्धार तकनीक द्वारा इसे सुधार कर कृषि योग्य बनाया जा सकता है।