Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 15 सूरदास के पद Textbook Exercise Questions and Answers. Show
RBSE Class 8 Hindi Solutions Vasant Chapter 15 सूरदास के पदRBSE Class 8 Hindi सूरदास के पद Textbook Questions and Answersपदों से - प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. अनुमान और कल्पना - प्रश्न 1. प्रश्न 2. उस डिब्बे को देखकर माँ ने मेरी चोरी पकड़ ली और पूछा कि तू यहाँ क्या कर रहा था? मैंने कहा कि कुछ भी नहीं कर रहा था, केवल मिठाई का डिब्बा खोलकर रसगुल्ले गिन रहा था और देख रहा था कि कहीं चींटियाँ तो नहीं घुस गयी हैं। यदि घुस गयी हों तो उन्हें निकाल दूँ। माँ मेरी बहानेपूर्ण बातों को सुनकर मुस्करायी और उसने मुझे गले लगा लिया। प्रश्न 3. भाषा की बात - प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. (ii) शब्द - विपरीतार्थक RBSE Class 8 Hindi सूरदास के पद Important Questions and Answersप्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. रिक्त स्थानों की पूर्ति - प्रश्न 11.
उत्तर :
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न - प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. प्रश्न 16. प्रश्न
17. प्रश्न 18. प्रश्न 19. प्रश्न 20. प्रश्न 21. लघूत्तरात्मक प्रश्न - प्रश्न 22. प्रश्न 23. निबन्धात्मक प्रश्न - प्रश्न 24. सूरदास के पद Summary in Hindiसप्रसंग व्याख्याएँ - 1. मैया, कबहिं बढ़ेगी। ...................... हरि-हलधर की जोटी। कठिन शब्दार्थ :
प्रसंग - यह पद 'सूरदास के पद' शीर्षक पाठ से लिया गया है। इसके रचयिता महाकवि सूरदास हैं। श्रीकृष्ण बड़े भाई बलराम की लम्बी चोटी देखकर माता यशोदा से बार-बार पूछते हैं कि माँ मेरी चोटी कब बढ़ेगी। व्याख्या - बालक श्रीकृष्ण जब देखते हैं कि उनके सिर की चोटी छोटी है तो वे अपनी माता यशोदा से पूछते हैं कि हे माँ! मेरी चोटी कब बढ़ेगी। मुझे कितना समय दूध पीते हुए हो गया फिर भी यह अब भी छोटी-सी ही बनी हुई है। तुम तो कहती थीं कि दूध पीते रहने से यह बलराम भैया की चोटी की तरह लम्बी और मोटी हो जायेगी। तुम यह भी कहती थीं कि बार-बार बाल बनाने, गूंथने से, नहलाने-धुलाने से यह इतनी बड़ी हो जायेगी कि खुलने पर नागिन की तरह जमीन पर लोट जायेगी। तुम बार-बार मुझे कच्चा दूध पिलाती रहती हो और खाने के लिए माखन और रोटी भी नहीं देती हो। सूरदास कहते हैं कि कृष्ण की ऐसी बातों को सुनकर माता यशोदा आशीर्वाद देती हुई कहती हैं कि भगवान करें कि तुम दोनों भाई (श्रीकृष्ण और बलराम) लम्बे समय तक जीओ और तुम दोनों की जोड़ी बनी रहे। 2. तेरे लाल ....................................................... अनोखौ जायौ। कठिन शब्दार्थ :
प्रसंग - यह पद सूरदास द्वारा रचित 'सूरदास के पद' पाठ से लिया गया है। कृष्ण कुछ बड़े हो जाने पर ग्वालिनों के घर से दूध-मक्खन आदि चुराकर खाते हैं। कृष्ण की इस चोरी का पता एक गोपी को चल जाता है। वह यशोदा के पास जाकर उलाहने भरे शब्दों में शिकायत करती है। व्याख्या - गोपी यशोदाजी से कहती है कि तुम्हारे लाल कृष्ण ने मेरा माखन (मक्खन) खा लिया है। दिन में| दोपहर के समय घर को सूना समझकर, ढूँढ़ता हुआ खुद ही घर में आ गया और उसने घर का दरवाजा खोलकर घर में बैठकर दूध-दही अपने सब संगी-साथियों को खिलाया। मैंने मक्खन का पात्र छींके के ऊपर रखा था, परन्तु तुम्हारे लड़के ने ऊखल पर चढ़कर छींके से सारा मक्खन ले लिया और जो अच्छा लगा उसे खा लिया और जो अच्छा नहीं लगा, उसे जमीन पर गिरा दिया। यह एक दिन की बात नहीं है, नित-प्रति की बात हो गयी है। इससे मुझे प्रतिदिन दूध-दही व मक्खन की हानि हो रही है। पता नहीं तुम्हारा यह बेटा ऐसे ढंग कहाँ से सीख आया है। सूरदासजी कहते हैं कि गोपी यशोदा से कहती है कि तुमने अपने पुत्र को मना तो किया नहीं। लगता है कि तुम्हीं ने अनोखे पुत्र को पैदा किया है। श्री कृष्ण माता यशोदा से क्या नहीं बढ़ने की शिकायत कर रहे हैं?प्रश्न 1: चोटी न बढ़ने पर बालक कृष्ण माता यशोदा से क्या शिकायत करते हैं? उत्तर: बालक माता यशोदा से शिकायत करते हैं कि माँ तू तो कहा करती थी कि मेरी चोटी बलराम भैया की तरह लम्बी और मोटी हो जाएगी तथा बार-बार नहलाते, धोते, कंघी करते, गूँथते हुए नागिन के समान जमीन पर लोटने लगेगी।
श्रीकृष्ण अपनी चोटी के बारे में क्या क्या शिकायत कर रहे थे?2. श्रीकृष्ण अपनी चोटी के विषय में क्या-क्या सोच रहे थे? उत्तर:- श्रीकृष्ण अपनी चोटी के विषय में सोच रहे थे कि उनकी चोटी भी बलराम भैया की तरह लम्बी, मोटी हो जाएगी फिर वह नागिन जैसे लहराएगी।
.गोपियाँ माता यशोदा से कृष्ण की क्या शिकायत करती हैं?Answer. गोपियां माता यशोदा से कहती है की तेरा कृष्ण बहुत शैतान है। उसने हमारे घर के सारे दही, दुध,मक्खन स्वयं खाए और अपने मित्रों को खिलाया और जो शेष रह गया उसे गिरा दिया।
यशोदा माता से कौन शिकायत कर रहा है?गोपियाँ माँ यशोदा से कृष्ण की शिकायत क्यों करती हैं? कृष्ण उनके वस्त्र चुरा लेते हैं। कृष्ण उनकी मटकियाँ फोड़ देते हैं। कृष्ण उनके लिए बाँसुरी नहीं बजाते।
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