कुँवर सिंह को बचपन में किन कामों में मज़ा आता था? क्या उन्हें उन कामों से स्वतंत्रता सेनानी बनने में कुछ मदद मिली? Show
कुँवर सिंह को पढ़ने लिखने के स्थान पर घुड़सवारी, तलवारबाज़ी और कुश्ती लड़ने में मज़ा आता था। अवश्य इन कार्यों के कारण ही उनके अन्दर एक वीर पुरूष का विकास हुआ था, जिससे आगे चलकर उन्होंने अनेकों वीरतापूर्ण कार्य कर इतिहास में अमिट छाप छोड़ी। यदि वे ये कार्यों को ना करते तो अंग्रेज़ों से अनेकों युद्ध कैसे लड़ते। Concept: गद्य (Prose) (Class 7) Is there an error in this question or solution? कुंवर सिंह को बचपन में किन कामों में मज़ा आता था क्या उन्हें उन कामों से स्वतंत्रता सेनानी बनने में कुछ मदद?कुंवर सिंह को बचपन में किन कामों में मज़ा आता था? क्या उन्हें उन कामों से स्वतंत्रता सेनानी बनने में कुछ मदद मिली? वीर कुंवर सिंह को बचपन में पढ़ाई-लिखाई से ज्यादा घुड़सवारी करने, तलवारबाजी करने तथा कुश्ती लड़ने में मजा आता था। जब बड़े होकर स्वतंत्रता सेनानी बने तो इन कार्यों से उन्हें बहुत सहायता मिली।
वीर कुंवर सिंह ने स्वतंत्रता सेनानी होते हुए भी समाजिक कार्यों में रुचि क्यों दिखाई?से ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ़ विद्रोह की योजना बनाते रहे। उन्होंने बिहार के प्रसिद्ध सोनपुर मेले को अपनी गुप्त बैठकों की योजना के लिए चुना। सोनपुर के मेले को एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला माना जाता है। यह मेला कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगता है।
1 वीर कुंवर सिंह ने क्या क्या काम किए?इन इलाकों के विभिन्न दलित जातियों और अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के लोगों के भी वीर कुंवर सिंह ही महानायक थे. ब्रिटिश इतिहासकार होम्स ने उनके बारे में लिखा है कि "यह गनीमत थी कि युद्ध के समय कुंवर सिंह की उम्र लगभग 80 साल की थी. अगर वह जवान होते तो शायद अंग्रेज़ों को 1857 में ही भारत छोड़ना पड़ता."
वीर कुँवर सिंह के व्यक्तित्व की कौन कौन सी विशेषताओं ने आपको प्रभावित किया class 7?(ii) साहसी - वीर कुँवर सिंह एक साहसी व्यक्ति थे। इनका साहस ही था कि उन्होंने अंग्रेज़ों के दाँत खट्टे कर दिए थे। (iii) बुद्धिमान एंवम चतुर - कुँवर सिंह एक बुद्धिमान एवम् चतुर व्यक्ति थे अपनी चतुरता व सूझबूझ के कारण ही एक बार कुँवर सिंह जी को गंगा पार करनी थी पर अंग्रेज़ी सरकार उनके पीछे लगी थी।
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