कविता के बहाने बताइये की सब घर एक कर देने के माने क्या है? - kavita ke bahaane bataiye kee sab ghar ek kar dene ke maane kya hai?

बात (कथ्य) के लिए नीचे दी गई विशेषताओं का उचित बिंबों/मुहावरों से मिलान करें -

A. बात की चूड़ी मर जाना (i) कथ्य और भाषा का सही सामंजस्य बनना
B. बात की पेंच खोलना (ii) बात का पकड़ में न आना
C. बात का शररती बच्चे की तरह खेलना (iii) बात का प्रभावहीन हो जाना
D. बात का शररती बच्चे की तरह खेलना (iv) बात में कसावट का न होना
E. बात का बन जाना (v) बात को सहज और स्पष्ट करना


A.

बात की चूड़ी मर जाना

(i)

बात का प्रभावहीन हो जाना

B.

बात की पेंच खोलना

(ii)

बात को सहज और स्पष्ट करना

C.

बात का शररती बच्चे की तरह खेलना

(iii)

बात का पकड़ में न आना

D.

बात का शररती बच्चे की तरह खेलना

(iv)

बात में कसावट का न होना

E.

बात का बन जाना

(v)

कथ्य और भाषा का सही सामंजस्य बनना

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प्रताप नारायण मिश्र का निबंध ‘बात’ और नागार्जुन की कविता ‘बातें’ ढूँढकर पढ़ें।


विद्यार्थी पुस्तकें लेकर इन पाठों को पढ़ें।

‘नागार्जुन’ की कविता - बातें।

बातें-

हँसी में धुली हुई

सौजन्य चंदन में बसी हुई

बातें-

चितवन में घुली हुई

व्यंग्य बंधन में कसी हुई

बातें-

उसाँस में झुलसी

रोष की आँच में तली हुई

बातें-

चुहल से हुलसी

नेह साँचे में ढली हुई।

बातें-

विष की फुहार सी

बातें-

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चूड़ी, कील, पेंच आदि मूर्त उपमानों के माध्यम से कवि ने कथ्य की अमूर्तता को साकार किया है। भाषा को समृद्ध एवं संप्रेषणीय बनाने में बिंबों और उपमानों के महत्त्व पर परिसंवाद आयोजित कीजिए।


भाषा को समृद्ध एवं संप्रेषणीय होना ही चाहिए तभी उसका अपेक्षित प्रभाव पड़ता है। इस कार्य में बिंब और उपमान बहुत सहायक है। इनके प्रयोग से कथ्य स्पष्ट एवं प्रभावी बनता है। इनसे काव्य-सौंदर्य निखर उठता है।

- काव्य-बिंब का संबंध भाषा की सर्जनात्मक शक्ति से है तथा इसका निर्माण मनुष्य के ऐन्द्रिक बोध का ही प्रतिफल है। ये शब्द, भाव, विचार के अमूर्त संकेत तो हैं, लेकिन इन अमूर्त संकेंतों में भी वह शक्ति होती है। कि इनके माध्यम से एक मूर्त चित्र निर्मित हो जाता है। यही बिंब निर्माण की प्रक्रिया है।

उपमानों के माध्यम से रचनाकार पाठक के समक्ष ऐसे उदाहरण प्रस्तुत करता है जिससे वह सरल, बोधगम्य, शब्दांडबर रहित होकर अपनी रचना के लक्ष्य तक पहुँचने में सफल हो जाता है।

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इस ‘कविता के बहाने’ बताएँ कि ‘सब घर एक कर देने के माने’ क्या है?


‘कविता के बहाने’ में सब घर एक कर देने का माने यह है कि सीमा का बंधन समाप्त हो जाना। जिस प्रकार बच्चों के खेल में किसी प्रकार की सीमा का स्थान नहीं होता, उसी प्रकार कविता में कोई बंधन नहीं होता। कविता शब्दों का खेल है। जहाँ रचनात्मक ऊर्जा होती है वहाँ सभी प्रकार की सीमाओं के बंधन स्वयं टूट जाते हैं। बच्चे खेल-खेल में अपने-पराए घर की सीमाएँ नहीं जानते। वे खेलते हुए सारे घरों में घुस सकते हैं और उन्हें एक कर देते हैं। कविता भी यही करती है, वह समाज को बाँधती है, एक करती है।

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आधुनिक युग की कविता की संभावनाओं पर चर्चा कीजिए।


छात्र कक्षा में इस विषय पर चर्चा करें। आधुनिक युग की कविता में निम्नलिखित संभावनाएँ हो सकती हैं:

□ विषयवस्तु में परिवर्तन।

□ कविता कै शिल्प में परिवर्तन।

□ जीवन के यथार्थ कै साथ जुड़ाव।

□ अभिव्यक्ति का सहज रूप।

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इस कविता के बहाने बताएँ कि 'सब घर एक कर देने के माने' क्या है?

सब घर एक देने के माने का अर्थ है कि सभी को अपना घर बना लेना। बच्चों के लिए अपना-पराया कुछ नहीं होता है। जहाँ उन्हें प्यार मिलता है, वे वहीं के हो जाते हैं। यही कारण है कि बच्चे पड़ोसियों के साथ भी वैसे ही रहते हैं, जैसे अपने माता-पिता के साथ रहते हैं। वे किसी सीमा को नहीं समझते हैं। वे उन सीमाओं को तोड़कर एकता स्थापित कर देते हैं। ऐसे ही कविताएँ होती हैं। कविता यह नहीं देखती कि उसे हिन्दू पढ़ रहा है या अन्य कोई धर्म या जाति का व्यक्ति। वे सारी सीमाएँ तोड़कर प्रेम तथा एकता का सूत्र कायम कर देती हैं। वे समाज तथा सभी देशों की सीमाओं को एकसूत्र में पिरो देती हैं।

Concept: काव्य भाग

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Chapter 3 कविता के बहाने, बात सीधी थी पर NCERT Solutions for Class 12 Aaroh Hindi that will make much easier to memorize important points faster and frame better answers. It is very challenging to socre good marks in tests that is why we have prepared NCERT Solutions. कविता के बहाने और बात सीधी थी पर are written by कुँवर नारायण that set a good foundation for your future goals.

कविता के बहाने बताइये की सब घर एक कर देने के माने क्या है? - kavita ke bahaane bataiye kee sab ghar ek kar dene ke maane kya hai?

Chapter 3 कविता के बहाने, बात सीधी थी पर Class 12 Hindi Aaroh NCERT Solutions

1. इस कविता के बहाने बताएँ कि 'सब घर एक कर देने के माने' क्या है?

उत्तर

"सब घर एक कर देने के माने' का अर्थ है सभी घरों को एक समान समझना| जिस प्रकार बच्चे खेलते समय किसी घर में भी जाकर अपना-पराया, छोटा-बड़ा, गरीब-अमीर, जाति-धर्म का भेद ,मिटाकर खेलते हैं उस तरह हमें भी इन भावनाओं को मिटाकर सबको एकसमान देखना चाहिए।

2. 'उड़ने' और 'खिलने' का कविता से क्या संबंध बनता है?

उत्तर

कविता में 'उड़ने' का संबंध चिड़िया से भी बढ़कर उन भावों से है जो काल की सीमा को भी नहीं मानता| कवि समाज के हर पहलू को अपने कविता के माध्यम से छूना चाहता है और एकता का संदेश देता है| 'खिलने' का संबंध फूल से है जिसकी सुंगध आकर्षक होती है| कविता द्वारा कवि भी अपनी पंक्तियों और उसके भावों से मानवीय मूल्यों को फैलाना चाहता है जो कालांतर तक अपने गुण रूपी सुगंध को फैलाने की क्षमता रखती है।

3. कविता और बच्चे को समानांतर रखने के क्या कारण हो सकते हैं?

उत्तर

कविता और बच्चे को समानान्तर रखा गया है क्योंकि दोनों में नवीन ऊर्जा संचार करने का शक्ति होती है| को भी बच्चा पुराने मूल्यों में वर्तमान के मूल्यों को जोड़ता है और भविष्य की ओर बढ़ता है उसी तरह कविता भी पुराने भावों को वर्तमान के माध्यम से भविष्य की ओर ले जाने की गति देती है।

4. कविता के संदर्भ में 'बिना मुरझाए महकने के माने' क्या होते हैं?

उत्तर

कविता के सन्दर्भ में फूल और कविता दोनों ही खिलते हैं और अपनी सुंगध से वातावरण को सुगन्धित करते हैं परन्तु फूल खिलकर मुरझा जाते हैं। जबकि कविता बिना मुरझाए कालांतर तक मानव सभ्यता को प्रभावित करते हैं। कविता में छिपे हुए भाव और मूल्य बिना मुरझाए जीवन को सुगंधित करते रहते हैं|

5. 'भाषा को सहूलियत' से बरतने से क्या अभिप्राय है?

'भाषा को सहूलियत' से बरतने से अभिप्राय है अपने विचारों की को बताने के लिए ऐसे सरल, सहज और सर्वमान्य शब्दों का प्रयोग करना चाहिए ताकि वे अधिक से अधिक जनमानस तक पहुँच सकें| कठिन और आडम्बरपूर्ण शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए जिससे दूसरों को समझने में कठिनाई हो ।

6. बात और भाषा परस्पर जुड़े होते हैं, किंतु कभी-कभी भाषा के चक्कर में 'सीधी बात भी टेढ़ी हो जाती है' कैसे?

उत्तर

किसी भी बात को कहने के लिए हमें उचित शब्दों का चयन करना पड़ता है जिनसे हमारी बात उस व्यक्ति तक स्पष्ट रूप से पहुँच जाए और हमारे कहने का मतलब भी समझ जाए वरना कई बार सीधी बात भी टेढ़ी हो जाती है। कठिन और आडम्बरपूर्ण भाषा का प्रयोग करने पर कभी-कभी उस बात का विपरीत अर्थ निकल जाता है और हम अपनी मूल बात कहने में असफल हो जाते हैं।

7. बात (कथ्य) के लिए नीचे दी गई विशेषताओं का उचित बिंबों/मुहावरों से मिलान करें।

बिंब/मुहावरा विशेषता
(क) बात की चूड़ी मर जाना कथ्य और भाषा का सही सामंजस्य बनना
(ख) बात की पेंच खोलना बात का पकड़ में न आना
(ग) बात का शरारती बच्चे की तरह खेलना बात का प्रभावहीन हो जाना
(घ) पेंच को कील की तरह ठोंक देना बात में कसावट का न होना
(ङ) बात का बन जाना बात को सहज और स्पष्ट करना

उत्तर

बिंब/मुहावरा विशेषता
(क) बात की चूड़ी मर जाना बात में कसावट का न होना
(ख) बात की पेंच खोलना बात को सहज और स्पष्ट करना
(ग) बात का शरारती बच्चे की तरह खेलना बात का पकड़ में न आना
(घ) पेंच को कील की तरह ठोंक देना बात का प्रभावहीन हो जाना
(ङ) बात का बन जाना कथ्य और भाषा का सही सामंजस्य बनना

कविता के बहाने सब घर एक कर देने के माने क्या है?

सब घर एक देने के माने का अर्थ है कि सभी को अपना घर बना लेना। बच्चों के लिए अपना-पराया कुछ नहीं होता है। जहाँ उन्हें प्यार मिलता है, वे वहीं के हो जाते हैं। यही कारण है कि बच्चे पड़ोसियों के साथ भी वैसे ही रहते हैं, जैसे अपने माता-पिता के साथ रहते हैं।

1 इस कविता के बहाने बताएँ कि सब घर एक कर देने के माने क्या है 2 उड़ने और खिलने का कविता से क्या संबंध बनता है?

कविता के बहाने यह एक यात्रा है, जो चिड़िया, फूल से लेकर बच्चे तक की है। एक ओर प्रकृति है दूसरी ओर भविष्य की ओर कदम बढ़ाता बच्चा। कहने की आवश्यकता नहीं कि चिड़िया की उड़ान की सीमा है। फूल के खिलने के साथ उसकी परिणति निश्चित है, लेकिन बच्चे के सपने असीम हैं।

कविता के बहाने कविता के कवि का नाम क्या है?

Kavita ke bahane कविता के बहाने Class 12 Hindi Core aaroh POEM - YouTube.

कविता रचने और फूल के खिलने में क्या समानता है?

क) कविता फूलों के बहाने खिलना है क्योंकि फूलों को देखकर कवि का मन प्रसन्न हो जाता है। उसके मन में कविता फूलों की भाँति विकसित होती जाती है। ख) जिस प्रकार फूल पराग मधु व सुगंध के साथ खिलता है उसी प्रकार कविता भी मन के भावों को लेकर रची जाती है। ग) बिना मुरझाए कविता हर जगह महका करती है।