रहिमन फाटे दूध को मथे न माखन होय से रहीम ने लोगों को क्या समझाने का प्रयास किया? - rahiman phaate doodh ko mathe na maakhan hoy se raheem ne logon ko kya samajhaane ka prayaas kiya?

निम्नलिखित दोहों को पड़कर उनका आशय स्पष्ट कीजिये:
बिगरी बात बनै नहीं, लाख करौ किन कोय।
रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय।।


कोई कितने भी प्रयत्न कर ले, परन्तु बिगड़ी बात कभी नहीं बनती। रहीम जी कहते हैं कि फटे हुए दूध को कितना भी मथा जाए, परन्तु उसमें से मक्खन नहीं निकाला जा सकता। इसलिए यह प्रयास करना चाहिए कि बात बिगड़ने न पाए। उसे तुरन्त सँवारने का प्रयास करना चाहिए, वरना दुष्परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।

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निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
प्रेम का धागा टूटने पर पहले की भाँति ‘क्यों नहीं हो पाता?


प्रेम आपसी लगाव और विश्वास के कारण होता है। यदि एक बार यह लगाव या विश्वास टूट जाए तो फिर उसमें पहले जैसा भाव नहीं रहता। मन में दरार आ जाती है। जिस प्रकार सामान्य धागा टूटने पर उसे जब जोड़ते हैं तो उसमें गाँठ पड़ जाती है। इसी प्रकार प्रेम का धागा भी टूटने पर पहले के समान नहीं हो पाता।

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निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
जलहीन कमल की रक्षा सूर्य भी क्यों नहीं कर पाता?


जलहीन कमल की रक्षा सूर्य भी इसलिए नहीं कर पाता क्योंकि जल से ही कमल की प्यास बुझती है. वह खिलता है और जीवन पाता है। कमल की सम्पत्ति जल है। अपनी सम्पत्ति नष्ट होने पर दूसरा व्यक्ति साथ नहीं दे सकता।

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निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य क्यों कहा है?


रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य इसलिए कहा है क्योंकि सागर का जल खारा होता है, वह किसी की प्यास नहीं बुझा सकता जबकि पक जल धन्य है जिसे पीकर छोटे-छोटे जीवों की प्यास तृप्त हो जाती है। इसलिए कवि ने ऐसा कहा है।

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निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
एक को साधने से सब कैसे सध जाता है?


एक पर अटूट विश्वास करके उसकी सेवा करने से सब कार्य सफल हो जाते हैं तथा इधर-उधर भटकना नहीं पड़ता। एक को साधने से सब कार्य उसी प्रकार सिद्ध हो जाते हैं जिस प्रकार जड़ को सींचने से फल, फूल आदि मिलते हैं। उसी प्रकार परमात्मा को साधने से अन्य सब कार्य कुशलता पूर्वक संपन्न हो जाते हैं।

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निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
हमें अपना दुःख दूसरों पर क्यों नहीं प्रकट करना चाहिए? अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उनका व्यवहार कैसा हो जाता है?


हमें अपना दु ख दूसरों पर प्रकट नहीं करना चाहिए, क्योंकि संसार उसका मजाक उड़ाता है। हमें अपना दुःख अपने मन में ही रखना चाहिए। अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उनका व्यवहार परिहास पूर्ण हो जाता है।

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फटे दूध से मक्खन क्यों नहीं निकल सकता रहीम के इस कथन का अर्थ स्पष्ट कीजिए?

रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय।। इस दोहे का अर्थ यह है कि हमें समाज में और घर-परिवार में अच्छी तरह सोच-समझकर ही सभी से व्यवहार करना चाहिए। जिस प्रकार फटे हुए दूध से माखन नहीं निकाला जा सकता, ठीक उसी प्रकार बात बिगड़ने पर पुन: सुधारी नहीं जा सकती है।

फटे दूध को मथने से क्या प्राप्त नहीं होता है?

फाटे दूध को मथने से क्या नहीं मिलता है? उत्तर: फाटे दूध को मथने से मक्खन नहीं मिलता है।

3 दूध के फटने पर उसका क्या नहीं बनता रहीम के दोहे के अनुसार बताइए?

Here is a compilation of Free MCQs of Class 9 Hindi Sparsh Book Chapter 8 Dohe by Rahim. ... Rahim ke Dohe Class 9 Hindi Sparsh Book Chapter 8 MCQs..

बिगरी बात बने नहीं लाख करो किन कोय दोहे के माध्यम से मानव को क्या शिक्षा दी जा रही है?

बिगरी बात बने नहीं, लाख करो किन कोय। रहिमन बिगरे दूध को, मथे न माखन होय॥ जब बात बिगड़ जाती है तो किसी के लाख कोशिश करने पर भी बनती नहीं है।