विपदाओं से मुझे बचाओ यह मेरी प्रार्थना नहीं इस पंक्ति के द्वारा क्या कहना चाहता है? - vipadaon se mujhe bachao yah meree praarthana nahin is pankti ke dvaara kya kahana chaahata hai?

One Line Answer

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए 
'विपदाओं से मुझे बचाओं, यह मेरी प्रार्थना नहीं' − कवि इस पंक्ति के द्वारा क्या कहना चाहता है?

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Solution

कवि का कहना है कि हे ईश्वर मैं यह नहीं कहता कि मुझ पर कोई विपदा न आएमेरे जीवन में कोई दुख न आए बल्कि मैं यह चाहता हूँ कि मुझमें इन विपदाओं को सहने की शक्ति दें।

Concept: पद्य (Poetry) (Class 10 B)

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Chapter 1.9: आत्मत्राण - प्रश्न-अभ्यास (क) [Page 49]

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NCERT Class 10 Hindi - Sparsh Part 2

Chapter 1.9 आत्मत्राण
प्रश्न-अभ्यास (क) | Q 2 | Page 49

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विपदाओं से मुझे बचाओ यह मेरी प्रार्थना नहीं कवि इस पंक्ति के द्वारा क्या कहना चाहता है?

'विपदाओं से मुझे बचाओ, यह मेरी प्रार्थना नहीं'- के माध्यम से कवि यह कहना चाहता है कि हे ईश्वर ! मेरे जीवन में जो भी दुख और कष्ट आने वाले हैं आप उनसे मुझे मत बचाओ। मैं आपसे इसको सहने के लिए साहस और शक्ति माँगता हूँ ताकि इन दुखों से घबराकर हार न मान बैठें। मैं साहसपूर्वक इनसे संघर्ष करना चाहता हूँ।

कवि ईश्वर से क्या सहायता चाहता है?

कवि ईश्वर से किसी प्रकार की भी सहायता नहीं चाहता। वह चाहता है कि ईश्वर उसे पौरुष दें, जिससे वह अपनी सहायता करने में सक्षम हो सके। और उसे भयरहित बनाएँ, जिससे वह उसकी सत्ता पर, उसके प्रति अपनी आस्था पर सन्देह न कर सके।

क्या कवि की यह प्रार्थना आपको अन्य प्रार्थना गीतों से अलग लगती है यदि हाँ तो कैसे?

Solution : कवि की यह प्रार्थना, अन्य प्रार्थना गीतों से प्रायः अलग लगती है। सामान्य प्रार्थना गीतों में ईश्वर से दुःख से मुक्ति की विनती होती है, सहायता की प्रार्थना होती है तथा संकटों से उबारने की व्याकुलता के साथ माँग होती है। ईश्वर को ही सब कुछ माना जाता है माता-पिता, बन्धु आदि सब कुछ।

कवि सहायक के न मिलने पर क्या प्रार्थना करता है?

Answer: कवि सहायक के न मिलने पर प्रार्थना करता है कि उसका बल पौरुष हिले, वह सदा बना रहे और कोई भी कष्ट वह धैर्य से सह ले।