कवयित्री मानव जीवन का महत्व खूब जानने वाली हैं । अपना जीवन सुखमय बना लेने आवश्यक विषय सीख लिये हैं। वे हैं – बाधाओं को हँसते सहना, संसार और सब लोगों को सुख पहुँचाने वाले समझना। उत्साह, उमंग के साथ हर पल बिताना, आशावान होकर असफलताओं से दुःखी न होते, विश्वास, प्रेम, साहस आदि गुणों से जीवन सुखमय बना लेना आदि। इस तरह उसने अपना जीवन सुखदायी बना लिया है। Show
मानव जीवन अति मूल्यवान है। सच्चा मानव दुःखों की परवाह न करते सुख की आशा में ही जीवन बिताता है। इसलिए कवयित्री विश्वास, प्रेम, साहस, उत्साह, उल्लास आदि महान गुणों से रहती थी। उन्होंने तो आशा को ही अपना साथी बना लिया । क्योंकि जीवन तो आशा से ही गुज़ारा जाता है। AP State Syllabus AP Board 9th Class Hindi Textbook Solutions Chapter 7 मेरा जीवन Textbook Questions and Answers. InText Questions (Textbook Page No. 33) प्रश्न 2. प्रश्न 3. अर्थवाह्यता-प्रतिक्रिया अ) नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए। अ. जीवन में हँसते – बोलते रहना क्यों ज़रूरी है? आ. खुशहाल जीवन की क्या विशेषता होती है? इ.
‘प्रसन्न व्यक्ति कभी दुःखी नहीं होता’ इस पर अपने विचार बताइए । आ) कविता पढ़कर नीचे दिये गये अभ्यास पूरे कीजिए। इन पंक्तियों का उचित क्रम बताइए। 1. उत्साह उमंग निरंतर रहते मेरे जीवन में । ( 3 ) नीचे दी गयीं पंक्तियों के भाव स्पष्ट कीजिए। प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. नीचे दिया गया पद्यांश पढ़कर इसका भाव अपने शब्दों में लिखिए । हे बचपन ! मुझे तुम्हारी याद बार – बार आती है। क्योंकि बचपन मेरा सुखदायी और भुला देनेवाला नहीं। खेलते-कूदते, बाधा के बिना, खुशी से मैं ने अपना बचपन बिताया। बचपन के दिन जीवन में फिर कभी नहीं आते । अब मैं बड़ी हो गयी हूँ। इससे मेरे जीवन की मस्त खुशी मुझसे दूर हो गयी है। अभिव्यक्ति- सजनात्मकता अ) पाठ के आधार पर नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिरिवाए। प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. आ) ‘मेरा जीवन’ कविता का सारांश अपने शब्दों में लिरिवाए। सुभद्रा कुमारी चौहान जी कहती हैं कि मैं ने हँसना सीखा है । मैं रोना नहीं जानती । मैं ने अपने जीवन में पल-पल पर सोने को बरसते देखा है । मुझे आज तक यह पता नहीं कि पीडा कैसी होती है? मैं ने इस जग के बारे में सुना कि यह जग असार है । लेकिन मुझे सुख-सार दिखाता है । मेरी आँखों के सामने सुख सागर लहराता है | मेरे जीवन में उत्साह, उमंग निरंतर रहते हैं | मेरे मतवाले मन में उल्लास और विजय हँसते रहते हैं । मेरे जीवन को आशा प्रतिक्षण आलोकित करती है | मेरी असफलता के धन स्वर्ण सूत्र से वलयित है। मुझे हमेशा सुख भरे सुनहरे बादल घेरे रहते हैं | मेरे जीवन के साथी विश्वास, प्रेम और साहस ही हैं। इ) इस कविता को “आत्मकथा” के रूप में लिरिवए। मैं इस जग के बारे में असार सुनती हूँ। लेकिन यह जग मुझे सुख – सार दिखाता है। सदा मेरे आँखों के सामने सुख का सागर ही लहराता है। मेरे जीवन में उत्साह और उमंग सदा (निरंतर) रहते हैं। मेरे मतवाले मन में उल्लास और विजय हँसते रहते हैं। मेरे जीवन को प्रतिक्षण आशा से आलोकित करती रहती हूँ। हमेशा मुझे सुख भरे सुनहरे बादल घेरे रहते हैं। मेरे जीवन का साथी हैं – विश्वास, प्रमे और साहस। ई) विश्वास, प्रेम और साहस का हमारे जीवन में बड़ा महत्व है। इस पर अपने विचार लिरिवए। प्रेम : साहस : भाषा की बात अ) निम्न शब्दों पर ध्यान दीजिए | इस तरह दो या उससे अधिक शब्दों के मेल से बने शब्द को समास कहते हैं । समास के प्रकार नीचे दिये गये शब्दों को सामासिक रूप में बताइए। उत्तर: परियोजना कार्य सुभद्रा कुमारी चौहान की कोई एक कविता संग्रहित कीजिए। मेरा जीवन Summary in EnglishI learnt smiling. I don’t know weeping. मेरा जीवन Summary in Teluguనేను నవ్వడం నేర్చుకున్నాను. నాకు ఏడ్వడం తెలీదు. క్షణం క్షణం నా
జీవితంలో బంగారం కురిసింది. నా కనుల ముందు సుఖ సాగరం అలలు లేచింది. ఉత్సాహం ఉల్లాసం నిరంతరం నా జీవితంలో ఉన్నాయి. విజయోల్లాసం నా మనస్సులో మత్తెక్కి నవ్వుతోంది. నా జీవితంలో ప్రతిక్షణం ఆశ దృగ్గోచరమవుతోంది. సుఖంతో నిండిన బంగారు రంగు మేఘాలు నన్ను చుట్టుముట్టినాయి. విశ్వాసం, ప్రేమ, సాహసం నా జీవిత స్నేహితులు. अर्थवाहयता – प्रतिक्रिया निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए । जग है असार सुनती हूँ मुझको सुख – सार दिखाता। 2. सुख का सागर कहाँ लहराता है? 3. कवयित्री के जीवन में निरंतर क्या रहता है? 4. “विजय’ का विलोम शब्द क्या है? 5. उपर्युक्त कविता के कवयित्री का नाम क्या है? 2. आशा आलोकित करती मेरे जीवन को प्रतिक्षण 2. असफलता किस सूत्र से वलयित है? 3. कवयित्री किनको अपने जीवन के साथी कहती है? 4. ‘बादल’ इस शब्द का पर्यायवाची शब्द क्या है? 5. यह पद्यांश किस कविता पाठ से दिया गया है? 2. निम्न लिखित कविता पढ़कर नीचे दिये गये वैकल्पिक प्रश्नों के उत्तर दीजिए। सही विकल्प से संबंधित अक्षर चुनकर कोष्ठक में रखिए। 1. युग युग तक चलती रहे, कठोर कहानी 2. एक अभागिन रानी किस कुल में भी थी? 3. कहानी कब तक चलती रही? 4. जन्म शब्द का विलोम शब्द क्या हैं? 5. इस पद्य में किस कुल का प्रस्ताव था? अभिव्यक्ति – सृजनात्मकता निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दो या तीन वाक्यों में लिखिए। 1. सुभद्रा कुमारी जी को यह संसार कैसा
लगता है? 2. मैं बचपन को बुला रही थी। 2. बिटिया की पुकार से कुटिया कैसी फूल उठी? 3. कवयित्री की बिटिया क्या खाकर आयी थी? 4. कुटिया कैसी थी? 5. ‘माँ’
शब्द का पर्यायवाची शब्द क्या है?( ) निर्देश के अनुसार उत्तर दीजिए। 1. सुनहरा बादल सुभद्राकुमारी जी को घेरा रहता है। बहुवचन रूपी वाक्य पहचानिए। 2. मेरे जीवन को आशा प्रतिक्षण आलोकित करती है। (रेखांकित शब्द का समास पहचानिए।) अर्थग्राह्यता – प्रतिक्रिया पठित – पद्यांश निम्न लिखित पद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए। 1. मैं ने हँसना सीखा है, मैं नहीं जानती रोना। 2. कवयित्री के जीवन में पल – पल पर क्या बरसा करता है? 3. कवयित्री क्या नहीं जानती है? 4. कवयित्री ने क्या सीखा है? 5. उपर्युक्त पद्यांश किस पाठ से लिया गया है? 2. मैं ने हँसना सीखा है, मैं नहीं जानती रोना। 2. हँस – हँस जीवन में कौन-सी क्रीडा नहीं होती? 3. ‘पल’ शब्द का पर्यायवाची शब्द क्या है? 4. हँस शब्द का विलोम शब्द क्या है? 5. उपर्युक्त पद्यांश
किस पाठ से लिया गया है? 3. आशा आलोकित करती मेरे जीवन को प्रतिक्षण। 2 कवयित्री को कैसे बादल घेर कर रहते हैं? 3. कवयित्री के साथी कौन है? 4. कवयित्री की असफलता के धन किस सूत्र में वलयित है? 5. इस पद्यांश की कवयित्री कौन है? 4. जग है असार सुनती हूँ मुझको सुख – सार दखाता। 2 कवयित्री के जीवन में निरंतर क्या – क्या रहते हैं? 3. कवयित्री के मतवाले मन से क्या हँसता है? 4. कवयित्री को जग कैसा दिखाता है? 5. इस पद्य की कवयित्री कौन है? 5. मैं ने हँसना सीखा है, मैं नहीं जानती रोना। 2. मैं ने हँसना सीखा है’ – यहाँ “मैं ने” कौन है? 3. कवयित्री के जीवन में पल – पल पर क्या बरसा करता है? 4. यह पद्यांश किस पाठ से
दिया गया है? 5. प्रेम – शब्द का पर्याय लिखिए। अपठित – पद्यांश निम्न लिखित पद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए। 1. राखी पाकर भूल न जाना, 2. हमें किनकी लाज बचाना है? 3. राखी कौन बांधती है? 4. हमें किस प्रण को निभाना है? 5. वचन देकर क्या करना है? 2. सच है विपत्ति जब आती है 2. कौन विचलित नहीं होते ? 3. ये विघ्नों को गले लगते हैं 4. धीरज वाले कहाँ राह बनाते हैं? 5.
इस पद्य में क्या रखने के लिए कहा गया है? 3. विचार लो कि मर्त्य हो न मृत्यु से डरो कभी, 2. जो मनुष्य के लिए मरता है, वही ……. है। 3. आप आप ही चरना कैसी प्रवृत्ति है? 4. इस पद्यांश में इसके बारे
में बनाया गया है 5. हमें ऐसा मरना है 4. जयमाला ले
अपने कर में 2. जय देवी के कर में क्या है? 3. कितना दूर तुम्हें चलना
है? 4. अपने मन में हर दम क्या सोचना है? 5. तुम कैसे पुत्र हो? कवयित्री ने जीवन में हंसने को क्यों महत्व दिया है?कवयित्री व्यक्ति को इन आकर्षण से स्वयं को मुक्त करने के लिए प्रेरित करती है।
कवयित्री ने जीवन का साथी किसे बताया है और क्यों?सच्चा मानव दुःखों की परवाह न करते सुख की आशा में ही जीवन बिताता है। इसलिए कवयित्री विश्वास, प्रेम, साहस, उत्साह, उल्लास आदि महान गुणों से रहती थी। उन्होंने तो आशा को ही अपना साथी बना लिया । क्योंकि जीवन तो आशा से ही गुज़ारा जाता है।
3 अपने जीवन को खुशहाल कैसे बनाया जा सकता है?मन से ही किसी कार्य को करने और न करने के भाव जाग्रत होते है . इसलिए हमें हर परिस्थिति में अपने मन को एकाग्रता के साथ सुखहाल रखना चाहिए. मन से हम जीवन में एक अच्छी दिशा के साथ आगे बढ़ सकते है. यही मन दुख देता है और यही मन अपने वास्तविक स्वरूप से मुलाकात करा कर आनंद से भर देता है.
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