क्या बीन बजाने से सांप आते हैं? - kya been bajaane se saamp aate hain?

अजब गजब: बीन की धुन सुनते ही क्यों नाचने लगते हैं सांप? जानिए इसके पीछे की सच्चाई

फीचर डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: राजेश मिश्रा Updated Thu, 17 Feb 2022 11:56 AM IST

दुनिया भर में सांपों की हजारों प्रजातियां पाई जाती हैं। कई प्रजाति के सांप जहरीले भी होते हैं और कुछ ऐसे होते हैं जिनमें जहर नहीं होता है। सांप दुनिया के लगभग हर देश में पाए जाते हैं। सांप स्वभाव से बेहद शर्मीले जीव होते हैं, लेकिन फिर भी इन्हें देखकर ज्यादातर लोग डर जाते हैं। सांपों की दुनिया रहस्यों से भरी हुई है। सांप अपनी मणियों के लिए भी जाने जाते हैं। ऐसा सांप लाखों में कोई एक होता है जिसके पास मणि होती है।

सांप को लेकर भारत में अपनी विशेष धार्मिक मान्यताएं भी हैं। सनातन धर्म में सांप का विशेष महत्व है। सांप हिंदुओं के देवता भगवान शंकर के गले का आभूषण है। सांप को लेकर कई कहानियां कही जाती हैं। आज हम सांप से जुड़े हुए एक ऐसे ही तथ्य के बारे में जानेंगे। ऐसा कहा जाता है कि सांप बीन की धुन को सुनकर नाचने लगते हैं। अब इस बात में कितनी सच्चाई है आइए जानते हैं...........

ऐसा कहा जाता है कि सांप को बीन की धुन काफी पसंद होती है, लेकिन सांप पूरी तरीके से बहरा होता है। जी हां, सांप किसी भी आवाज को सुन नहीं सकता है। आपने सांप को देखते हुए गौर किया होगा कि सांप के शरीर पर कान नहीं होते हैं। दरअसल सांप कभी बीन की धुन पर नाचता ही नहीं है, बल्कि जब सपेरा बीन बजाते समय बीन को हिलाता है। सांप उसे देखकर अपने शरीर को हिलाता है जो एक सामान्य घटना है। 

आपने कभी गौर किया होगा कि सपेरे की बीन के ऊपर ढेर सारे कांच के टुकड़े लगाए जाते हैं। इसके पीछे की वजह ये है कि जब उन कांच के टुकड़ों पर धूप या कोई रोशनी पड़ती है तो उससे निकलने वाली चमक से सांप हरकत में आ जाता है। 

अब ऐसे में जब सपेरा अपनी बीन बजाते हुए हिलाता है तो सांप का ध्यान उस रोशनी पर जाता है। सांप उस रोशनी को फॉलो करता है और रोशनी की चमक जिधर जाती है, सांप भी उसी ओर हिलने लगता है। ऐसे में हमें लगता है कि सांप बीन की धुन पर नाच रहा है जबकि ऐसा नहीं होता है।

दरअसल सांप कानों के स्थान पर किसी भी गतिविधि को भांपने के लिए अपनी त्वचा का इस्तेमाल करते हैं। सांप अपने आस-पास होने वाली किसी भी गतिविधियों को अपनी त्वचा पर पड़ने वाली तरंगों के माध्यम से पहचान लेते हैं। ऐसे में जब सांपों को किसी खतरे का आभास होता है तो वो अपने फन को फैला लेते हैं। जब कोई सांपों को छेड़ता है तो उन्हें इसका आभास अपनी त्वचा से हो जाता है।

Know The Truth Of Snake Dance on Bean:  नागिन डांस के बारे में हम सब ने सुना है. खासकर शादियों में तो दूल्हा-दुल्हन के दोस्तों का नागिन डांस ज़रूर होता है. नागिन डांस का स्टेप बिल्कुल नागिन की तरह फन फैला कर घूमने वाले अंदाज में होता है. दरअसल, इस डांस का कॉन्सेप्ट सपेरे के बीन बजाने पर नाग या नागिन के घूमने से आया है. आपने बचपन में कभी न कभी देखा होगा कि सपेरा जैसे ही बीन बजाना शुरू करता है सांप अपना फन उठाकर उसकी धुन पर घूमना शुरू कर देता है. लेकिन क्या वाकई में वो सपेरे की बीन की धुन पर नाचता है या उसके नाचने की कोई और वजह है? चलिए जानते हैं कि इस बारे में विज्ञान क्या कहता है.

बीन की धुन पर नहीं नाचती है नागिन

सच ये है कि नाग या नागिन के सपेरे की बीन की धुन पर नाचते वाली बात एक मिथ है. दरअसल, नागिन सपेरे की बीन की धुन पर नहीं नाचती क्योंकि सांप बहरे होते हैं. वो कुछ सुन नहीं सकते. तो फिर दिमाग में ये सवाल आता है कि अगर वे सुन नहीं सकते तो सपेरे के बीन बजाने पर नाचने कैसे लगते हैं? इस सवाल का जवाब है कि वे बीन की धुन पर नहीं नाचते, बल्कि सपेरा जब बीन बजाते हुए एक खास रिदम में उसे घुमाता है तो नाग या नागिन भी उस मूवमेंट को देखकर उसे फॉलो कर रहे होते हैं और हमें लगता है कि वे सपेरे के बीन की धुन पर नाच रहे हैं.

सांप के बीन पर नाचने को लेकर ये कहता है विज्ञान

इसके अलावा नाग या नागिन के नाचने के पीछे एक वैज्ञानिक कारण भी है. दरअसल, सपेरे की बीन में कांच के टुकड़े लगे होते हैं और जब उन पर रोशनी पड़ती है तो कांच चमकता है और वह चमक सांप की आंखों तक पहुंचती है. सपेरा जब सांप के काफी पास जाकर बीन बजाता है तो इस चमक से सांप थोड़ा डरता है और इसलिए खुद को बचाने के लिए वह घूमती हुई बीन की रिदम के साथ घूमता है.

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झांसी. सांपों की दुनिया लोगों के लिए डरावनी ही नहीं, बल्कि रहस्मयी भी रही है। सांपों को लेकर कई फिल्में भी बन चुकी हैं। सांपों के बारे में कई ऐसी बातें फेमस हैं, जो सिर्फ फिल्मी ही हैं, लेकिन लोग उसे उसे सच मान लेते हैं। dainikbhaskar.com आपको सांपों को लेकर कुछ ऐसी ही बातों के बारे में बताने जा रहा है कि जो दिखती तो सच हैं, लेकिन वो होती नहीं।

धुन पर नहीं नाचते हैं सांप

- आम धारणा है कि बीन बजाने पर ही सांप नाचने लगते हैं। सपेरों के बीन बजाते ही सांप मस्ती में झूमने लगते हैं।
- ज्‍यादातर फिल्‍मों में भी इस सीन को दिखाया गया है।
- बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के जूलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर इकबाल खान बताते हैं, कोई तभी नाचेगा, जब उसे कुछ सुनाई देगा। जबकि सांपों के कान ही नहीं होते।
- वे बहुत संवेदनशील होते हैं। उनकी त्वचा धरती पर होने वाले हल्‍के से कंपन को भी महसूस करती है।
- बीन बजने पर धुन तेज होने के कारण कंपन होने लगता है। इस कंपन को सांप बेहद ज्यादा महसूस करते हैं।
- उन्‍हें धरती होने वाली तरंगे खतरे की तरह लगती हैं। इन्हीं तरंगों से बचने के लिए वह फन फैला लेते हैं।
- बीन की तरफ देखते हुए सांप नाचते नहीं, बल्कि सतर्क होते हैं। लोग इसे सांपों का नाचना कह देते हैं।
- सांप जमीन पर कंपन, तरंग या सुगंध के अहसास से अपना काम चलाता है।

आगे की स्‍लाइड्स में जानें सापों के बारे में कि आखिर कैसे जहर बन जाता है उनके लिए दूध...

बीन बजाने से सांप क्यों आता है?

इसके पीछे की वजह ये है कि जब उन कांच के टुकड़ों पर धूप या कोई रोशनी पड़ती है तो उससे निकलने वाली चमक से सांप हरकत में आ जाता है। अब ऐसे में जब सपेरा अपनी बीन बजाते हुए हिलाता है तो सांप का ध्यान उस रोशनी पर जाता है। सांप उस रोशनी को फॉलो करता है और रोशनी की चमक जिधर जाती है, सांप भी उसी ओर हिलने लगता है।

क्या सांप को बीन की आवाज सुनाई देती है?

सांप बीन कीआवाज पर नहीं नाचता हैं क्योंकि सांप के पास कान नहीं होते हैं. इसलिए उसे बीन की आवाज नहीं सुनाई देती हैं.

सांप बीन की आवाज पर क्यों नाचते हैं?

दरअसल, सपेरे की बीन में कांच के टुकड़े लगे होते हैं और जब उन पर रोशनी पड़ती है तो कांच चमकता है और वह चमक सांप की आंखों तक पहुंचती है. सपेरा जब सांप के काफी पास जाकर बीन बजाता है तो इस चमक से सांप थोड़ा डरता है और इसलिए खुद को बचाने के लिए वह घूमती हुई बीन की रिदम के साथ घूमता है.

सांप की बीन कैसे बनती है?

पारम्परिक तौर पर बीन एक सूखी लौकी से बनाया जाता है, जिसका इस्तमाल एयर रिज़र्वर के लिए किया जाता है। इसके साथ बाँस की नलियाँ लगाई जाती हैं, जिन्हें 'जिवाला' कहा जाता है। इनमें से एक नली मेलडी के लिए और दूसरी ड्रोन प्रभाव के लिए होती है