क्या डिस्प्रिन से खून पतला होता है? - kya disprin se khoon patala hota hai?

हाल में हुई एक बहुत बड़ी रिसर्च बताती है कि एस्पिरिन या डिस्प्रिन लेने से हार्ट अटैक की संभावनाएं कम हो जाती हैं।

क्या डिस्प्रिन से खून पतला होता है? - kya disprin se khoon patala hota hai?


साभार: वाइज एक्स

अध्ययन में पाया गया कि पीसीआई (हार्ट ट्रीटमेंट के बाद) की अवस्था वाले 1000 रोगियों को गैर-शल्यक्रिया सर्जरी के समय एस्पिरन देने से उनमें से 59 रोगियों का दिल का दौरा रुक गया था।

 ये परिणाम 23 देशों में 135 केंद्रों में साइटों के साथ एक बड़े अंतरराष्ट्रीय अध्ययन के बाद सामने आए हैं। नॉनकार्डियक सर्जरी दुनिया भर के अस्पतालों में रोजाना होती है, इसलिए अध्ययन के परिणामों के इस रोगी समूह पर एक बड़ा प्रभाव पड़ेगा।

एस्पिरिन (आम बोलचाल में जिसे हम डिस्प्रिन बोलते हैं) एक ऐसी दवा है जो तकरीबन हरेक घर के फर्स्टएड किट का हिस्सा होती है। सिर दर्द है तो डिस्प्रिन खा लो, बुखार लग रहा तो डिस्प्रिन खा लो, गसे में खराश है तो डिस्प्रिन से गरारा कर लो। एक छोटी सी टिकिया हर चीज का हल नजर आती है। कुछ लोग बोलते हैं कि ऐसे गाहे बगाहे गोली नहीं खा लेनी नुकसान करती है। लेकिन हाल में हुई एक बहुत बड़ी रिसर्च बताती है कि एस्पिरिन या डिस्प्रिन लेने से हार्ट अटैक की संभावनाएं कम हो जाती हैं।

एक कनाडाई नेतृत्व वाले अध्ययन में यह पाया गया है कि एस्पिरिन हृदय संबंधी जटिलताओं को रोक सकता है। अध्ययन में पाया गया कि पीसीआई (हार्ट ट्रीटमेंट के बाद) की अवस्था वाले 1000 रोगियों को गैर-शल्यक्रिया सर्जरी के समय एस्पिरन देने से उनमें से 59 रोगियों का दिल का दौरा रुक गया था। इस अध्ययन के परिणाम महत्वपूर्ण हैं, इस लिहाज से भी कि हर साल 200 मिलियन वयस्क नॉनकार्डियक सर्जरी से गुजरते हैं।

ये परिणाम 23 देशों में 135 केंद्रों में साइटों के साथ एक बड़े अंतरराष्ट्रीय अध्ययन के बाद सामने आए हैं। अध्ययन में पाया गया कि एस्पिरिन ने दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम कर दिया लेकिन चोट लगने पर इससे थोड़ा खून बहने का खतरा बढ़ जाता है। नॉनकार्डियक सर्जरी दुनिया भर के अस्पतालों में रोजाना होती है, इसलिए अध्ययन के परिणामों के इस रोगी समूह पर एक बड़ा प्रभाव पड़ेगा।

अल्बर्टा विश्वविद्यालय में प्रोफेसर मिशेल ग्राहम ने कहा, " यह बहुत बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित करता है। हम मानते हैं कि रोगियों के इस समूह में पेरीओपेरेटरी एस्पिरिन को सबसे अधिक लाभ होगा और उन्हें गंभीर संवहनी जटिलताओं का खतरा कम होगा।" पिछले वर्ष प्रकाशित कनाडाई कार्डियोवास्कुलर सोसाइटी के दिशानिर्देशों में संकेत दिया गया था कि एस्पिरिन को पेरीऑपरेटिव अवधि में नहीं दिया जाना चाहिए। ग्रैहम ने कहा, "यह संभवतः पेरीओपरेटिव चिकित्सा करने वाले किसी के अभ्यास को बदल देगा।"

क्या होता है कि बुजुर्गों के शरीर में जो नसें खून को हृदय तक पहुंचाती हैं उनमें खून का थक्का थोड़ा ज्यादा जमने लगता है। जिससे हृदय तक रक्त नहीं पहुंच पाता है और हृदय गति रुक जाती है। ऐसे में एस्पिरिन की नियत मात्रा के सेवन से खून को पतला करने में सहायता मिलती है। हालांकि इससे चोट लगने पर खून के ज्यादा बह जाने का खतरा बना रहता है। चूंकि खून पतला हो जाता है तो चोट लगने पर बहने वाले खून नें थक्का नहीं जम पाता है जोकि नुकसानदायक है।

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डिस्प्रिन खाने से क्या फायदा होता है?

डिसप्रिन की एक टेबलेट में 300mg एस्पिरिन होता है. प्रोस्टाग्लैंडिंस के प्रोडेक्शन को रोकता है. इसी वजह से दर्द और सूजन से राहत मिलती है. एस्पिरिन बुखार को भी कम करता है क्योंकि ये दिमाग में प्रोस्टाग्लैंडिंस के प्रोडेक्शन को रोकता है.

ज्यादा डिस्प्रिन खाने से क्या होता है?

लंबे वक्त तक डिस्प्रिन लेना लिवर पर बुरा असर डालता है और धीरे-धीरे लिवर खराब होने लगता है. इससे गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. किडनी की सेहत भी इससे प्रभावित होती है. डिस्प्रिन से एनलजेसिक नेफ्रोपैथी हो सकती है यानी किडनी बिना कोई संकेत दिए कमजोर होती चली जाती है और एक दिन काम करना बंद कर देती है.

डिस्प्रिन कैसे काम करती है?

1 डिस्प्रिन का ज्यादा सेवन आपके खून को पतला कर उसका गाढ़ापन कम करता है, जिससे चोट लगने पर खून न रुकने की समस्या हो सकती है और खून की कमी पैदा कर सकती है।