क्या कुष्ठ रोग छूने से फैलता है - kya kushth rog chhoone se phailata hai

छूने से नहीं फैलता कुष्ठ रोग, अंधविश्वास से रहें दूर

क्या कुष्ठ रोग छूने से फैलता है - kya kushth rog chhoone se phailata hai

मेरठ। कुष्ठ रोग न तो छूने से फैलता है और न ही यह पूर्वजन्म के पाप या व्यवहार का फल है। यह अनुवांशिक भी नहीं है। इसका इलाज संभव है और इसकी दवा भी सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर निशुल्क मिलती है। इसका इलाज कराना चाहिए। कुष्ठ रोग लेकर फैले अंधविश्वास से दूर रहें।

इस बीमारी को दूर करने के लिए मल्टी ड्रग थिरेपी (एमडीटी) दवा दी जाती है, जिसके इस्तेमाल से यह बीमारी ठीक हो जाती है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक कविता भी बनाई है- ‘जो जल्दी जांच कराएगा, पूरी औषधि खाएगा, कुष्ठ मुक्त हो जाएगा, विकृति से बच जाएगा, कभी नहीं पछताएगा।’ कुष्ठ रोग बैक्टीरिया (मायकोबैक्टीरियम लेप्रे) के कारण होता है। यह कुष्ठ रोग ग्रस्ति व्यक्ति द्वारा जीवाणु से फैलता है। संक्रमण व्यक्तियों के नाक व मुंह, विशेष रूप से नाक के रास्ते शरीर से बाहर निकलता है। यह कीटाणु खांसने, थूकने एवं छींकने से नाक व मुंह के माध्यम से सामान्य रूप से शरीर में प्रवेश करता है।

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कुष्ठ रोगियों का हाल, साल दर साल
वर्ष मरीज पुरुष महिला बच्चे
2015-16 358 207 131 20
2016-17 293 178 98 17
2017-18 225 139 81 05
2018-19 212 119 88 05
2019-20 235 157 76 02
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कुष्ठ रोग के लक्षण
- हल्केरंग या तांबई रंग के दाग-धब्बे हो सकते हैं
- त्वचा के दाग-धब्बों में सुन्नपन, हाथ या पैरों में अस्थिरता या झुनझुनी
- हाथ, पैर या पलकों की कमजोरी, नसों में दर्द
- चेहरे या आंखों में सूजन या लालिमा
- हाथों या पैरों पर घाव या जलन
कुष्ठ रोग रोकथाम के लिए 13 फरवरी तक चलेगा अभियान
30 जनवरी से 13 फरवरी तक स्पर्श कुष्ठ निवारण जागरूकता अभियान को पखवाड़े के रूप में आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम की शुरुआत सभी ग्राम पंचायतों, ग्राम सभाओं, नगरीय क्षेत्रों में मलिन बस्तियों, धार्मिक, शिक्षण और स्वयंसेवी संस्थाओं में किया जाएगा। कुष्ठ की दवा (एमडीटी) निशुल्क उपलब्ध है।
लंबे समय बाद दिखाई देते हैं लक्षण
इस बीमारी के लक्षण लंबे समय बाद दिखाई देते हैं। कुष्ठ रोग के बनने में (इन्कूबेशन अवधि) कुछ हफ्तों से 20 साल या उससे अधिक का समय लगता है। बीमारी की औसत अवधि पांच से सात साल होती है। -डॉ. धीरेंद्र कुमार, जिला कुष्ठ रोग अधिकारी

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कुष्ठ रोग की शुरुआत कैसे होती है?

कुष्ठरोग मुख्यतः ऊपरी श्वसन तंत्र के श्लेष्म और बाह्य नसों की एक ग्रैन्युलोमा-संबंधी (granulomatous) बीमारी है; त्वचा पर घाव इसके प्राथमिक बाह्य संकेत हैं। यदि इसे अनुपचारित छोड़ दिया जाए, तो कुष्ठरोग बढ़ सकता है, जिससे त्वचा, नसों, हाथ-पैरों और आंखों में स्थायी क्षति हो सकती है।

कुष्ठ रोग कितने दिन में ठीक हो जाता है?

इसका इलाज 12 महीने चलता है। - कुष्ठ के कारण हाथ या पैर की उंगलियों का टेढ़ापन या अन्य प्रकार की दिव्यांगता का इलाज सर्जरी के माध्यम से नैनी हास्पिटल में निश्शुल्क किया जाता है।

कुष्ठ रोग शरीर के कौन से अंग को प्रभावित करता है?

लेप्रोसी या कुष्ठ रोग एक जीर्ण संक्रमण है, जिसका असर व्यक्ति की त्वचा, आंखों, श्वसन तंत्र एवं परिधीय तंत्रिकाओं पर पड़ता है। यह मायकोबैक्टीरियम लैप्री नामक जीवाणु के कारण होता है।

कुष्ठ रोग में क्या क्या परहेज करना चाहिए?

- लम्बे समय तक अनुपचारित, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में न रहें. - लक्षणों पर निगरानी रखना और गंभीर मामलों पर ध्यान देना. - चोट से बचें और घाव को साफ रखें. - बच्चों में कुष्ठ रोग की संभावना व्यस्कों से अधिक होती है इसलिए बच्चों को हमेशा संक्रमित व्यक्ति से दूर रखें.