Show मेरठ। कुष्ठ रोग न तो छूने से फैलता है और न ही यह पूर्वजन्म के पाप या व्यवहार का फल है। यह अनुवांशिक भी नहीं है। इसका इलाज संभव है और इसकी दवा भी सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर निशुल्क मिलती है। इसका इलाज कराना चाहिए। कुष्ठ रोग लेकर फैले अंधविश्वास से दूर रहें। इस बीमारी को दूर करने के लिए मल्टी ड्रग थिरेपी (एमडीटी) दवा दी जाती है, जिसके इस्तेमाल से यह बीमारी ठीक हो जाती है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक कविता भी बनाई है- ‘जो जल्दी जांच कराएगा, पूरी औषधि खाएगा, कुष्ठ मुक्त हो जाएगा, विकृति से बच जाएगा, कभी नहीं पछताएगा।’ कुष्ठ रोग बैक्टीरिया (मायकोबैक्टीरियम लेप्रे) के कारण होता है। यह कुष्ठ रोग ग्रस्ति व्यक्ति द्वारा जीवाणु से फैलता है। संक्रमण व्यक्तियों के नाक व मुंह, विशेष रूप से नाक के रास्ते शरीर से बाहर निकलता है। यह कीटाणु खांसने, थूकने एवं छींकने से नाक व मुंह के माध्यम से सामान्य रूप से शरीर में प्रवेश करता है। --- फॉलो करें और पाएं ताजा अपडेट्सलेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android
Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| कुष्ठ रोग की शुरुआत कैसे होती है?कुष्ठरोग मुख्यतः ऊपरी श्वसन तंत्र के श्लेष्म और बाह्य नसों की एक ग्रैन्युलोमा-संबंधी (granulomatous) बीमारी है; त्वचा पर घाव इसके प्राथमिक बाह्य संकेत हैं। यदि इसे अनुपचारित छोड़ दिया जाए, तो कुष्ठरोग बढ़ सकता है, जिससे त्वचा, नसों, हाथ-पैरों और आंखों में स्थायी क्षति हो सकती है।
कुष्ठ रोग कितने दिन में ठीक हो जाता है?इसका इलाज 12 महीने चलता है। - कुष्ठ के कारण हाथ या पैर की उंगलियों का टेढ़ापन या अन्य प्रकार की दिव्यांगता का इलाज सर्जरी के माध्यम से नैनी हास्पिटल में निश्शुल्क किया जाता है।
कुष्ठ रोग शरीर के कौन से अंग को प्रभावित करता है?लेप्रोसी या कुष्ठ रोग एक जीर्ण संक्रमण है, जिसका असर व्यक्ति की त्वचा, आंखों, श्वसन तंत्र एवं परिधीय तंत्रिकाओं पर पड़ता है। यह मायकोबैक्टीरियम लैप्री नामक जीवाणु के कारण होता है।
कुष्ठ रोग में क्या क्या परहेज करना चाहिए?- लम्बे समय तक अनुपचारित, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में न रहें. - लक्षणों पर निगरानी रखना और गंभीर मामलों पर ध्यान देना. - चोट से बचें और घाव को साफ रखें. - बच्चों में कुष्ठ रोग की संभावना व्यस्कों से अधिक होती है इसलिए बच्चों को हमेशा संक्रमित व्यक्ति से दूर रखें.
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