नाक की हड्डी टेढ़ी होने से क्या होता है - naak kee haddee tedhee hone se kya hota hai

नाक की हड्डी टेढ़ी होने से क्या होता है - naak kee haddee tedhee hone se kya hota hai

नाक की हड्डी टेढ़ी होने पर सबसे अधिक समस्या साँस लेते समय होती है। सर्जरी की एकमात्र ऐसा विकल्प है जो इसका जड़ से इलाज कर सकता है। अगर नाक की हड्डी टेढ़ी होने की वजह से नेजल कैविटी में कोई रुकावट पैदा हो रही है तो इससे सांस लेने में बहुत परेशानी हो सकती है। इसके साथ अगर कोई इन्फेक्शन या वायरस का साथ मिल जाए तो और भी परेशानी हो सकती है। इस तरह से नाक की टेढ़ी हड्डी का घरेलू इलाज उन इन्फेक्शन को दूर करता है और साँस लेने में मदद करता है। इन नुस्खों की मदद से आप टेढ़ी हड्डी को सीधा तो नहीं कर सकते हैं परन्तु, साँस लेने में आसानी हो सकती है।

  • नेजल स्‍टेराईड (nasal steroid)
  • एलर्जिक दवाइयाँ (allergic medicines)
  • नेजल स्‍ट्रिप्‍स (nasal strips)
  • नेजल वाल्‍व सर्पोट (nasal valve support)
  • नेजल इर‍िगेशन या नेटी–पोट (nasal irrigation or neti pot)
  • भाप लें (steaming)
  • एर्लजी वाले तत्‍वों से दूर रहें
  • नेजल डि‍लेएटर्स (nasal dilators)
  • निष्‍कर्ष – Conclusion

नेजल स्‍टेराईड (nasal steroid)

डेविएटेड सेप्‍टम से परेशान ज्‍यादातर लोगों को साँस लेने में परेशानी होती है। यह समस्‍या एलर्जी से पीड़ित लोगों में ज्‍यादा देखने को मिलती है, नेजल स्‍टेराइड इन्‍फेक्‍शन दूर करता है और एलर्जी को खत्‍म करके सांस लेने में मदद करता है।

नेजल स्‍टेराइड को क‍िसी भी केमिस्‍ट के यहाँ के खरीदा जा सकता है। हालांकि, गले में दर्द, सूखापन, खट्टापन आदि इसके कुछ सामान्‍य साइड-इफेक्‍टस देखने को मिल सकते हैं। कई बार नाक से खून बहने की समस्‍या हो सकती है। अगर आप नाक की टेढ़ी हड्डी के कारण होने वाले सांस लेने की परेशानी को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा अगर कोई भी व्‍यक्‍ति किसी गंभीर बीमारी से पीड़ति है तो नेजल स्‍टेराइड का इस्‍तेमाल करने से पहले एक बार डॉक्‍टर से सलाह जरूर ले।

एलर्जिक दवाइयाँ (allergic medicines)

अगर एलर्जी के कारण नेजल कैविटी में सूजन आ जाता है और नाक की हड्डी टेढ़र है तो सांस लेने में और अधिक परेशानी होती है। ऐसे में एण्‍टी हिस्‍टामाइन टेबलेट या नेजल स्‍प्रे फायदेमंद हो सकते हैं। एंटी हिस्‍टामाइन टेबलेट को खाने से पहले यह जरूर सुनिश्‍चित कर लें क‍ि टेबलेट में किसी प्रकार का ऐसा कंपाउंड न मिला हो जिससे नींद आए। क्‍योंकि, गाड़ी चलाते समय इससे दुर्घटना हो सकती है।

पढ़ें- सेप्टोप्लास्टी क्या है?

नेजल स्‍ट्रिप्‍स (nasal strips)

यह एक बैंड एड हैं जिसमें स्‍प्रिंग की तरह बैंड होता है। इसे लगाने से नाक के दोनों हिस्‍से सेप्‍टम से ऊपर उठ जाते हैं और सांस लेने में कोई परेशानी नहीं होती है। अगर आप इसका इस्‍तेमाल रात में सोते समय करते हैं तो आपको खर्राटे भी बन्‍द हो जाएंगे। नेजल स्‍ट्रिप्‍स को किसी भी फारमेसी से खरीदा जा सकता है।

नेजल वाल्‍व सर्पोट (nasal valve support)

नेजल वाल्‍व सर्पोट को नाक के भीतर रखा जाता है। इससे नाक में हवा जाने के लिए पर्याप्‍त जगह बन जाती है जिससे  नाक की हड्डी टेढ़ी होने की वजह से सांस लेने में होने वाली परेशानी दूर हो जाती है। नेजल वाल्‍व सर्पोट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि‍ यह बाहर से नही द‍िखाई देता है।

नेजल इर‍िगेशन या नेटी–पोट (nasal irrigation or neti pot)

नेटी पोट एक तरह का छोटा सा बर्तन है जो नेजल कैविटी तक क‍िसी प्रकार के लिक्‍व‍िड को पहुँचाने का काम करता है। नाक की टेढ़ी हड्डी से पीड़ित लोग इसकी मदद से सैलाइन सॉल्‍यूशन नाक में डालते हैं। यह म्‍यूकस को साफ कर देता है जिससे साइनस पर होने वाला प्रेशर कम हो जाता है और सांस लेने में सरलता होती है। इस प्रकार के सॉल्‍यूशन किसी भी फॉरमेसी में आसानी से मिल जाता है। नेटी पॉट का इस्‍तेमाल करने के बाद उसे गरम पानी से अच्‍छी तरह धो दें।

भाप लें (steaming)

नाक में नमीं न हो और हड्डी टेढ़ी हो तब सांस लेना दुश्‍वार हो जाता है। ऐसे में भाप लेना मददगार हो सकता है। इसके लिए आप एक गंजा में पानी गरम करें और भाप लें। इसके अलावा सर्दियों में सूखी हवा भी सांस लेने में मुसीबत बन सकती है। इसके लिए वेपोराइजर का इस्‍तेमाल किया जा सकता है। वैपोराइजर हवा में नमीं लाने का काम करता है। इसलिए अगर आप वेपोराइजर या ह्यूमिडिफायर का इस्‍तेमाल करते हैं तो आपके रूम में हवा बाहर निकलने के लिए ख‍िड़कियाँ होना बहुत जरूरी है। क्‍योंकि अगर नमीं बाहर नहीं जएगी तो एलर्जी के चांसेस बढ़ जाएंगे।

एर्लजी वाले तत्‍वों से दूर रहें

नाक की हड्डी टेढ़ी होने के साथ अ्रगर क‍िसी व्‍यक्‍ति को एर्लजी हो जाती है तो सांस लेना और भी मुश्किल हो जाता है। इसलिए जितना अध‍िक हो सके आप उन तत्‍वों से दूरी बनाए जिनकी वजह से आपको एर्लजी की समस्‍या हो। कुछ लोगों को धुंआ, धूल, पेन्‍ट, घर में रखे कुछ खास केमिकल आदि से एर्लजी होती है। इसके अलावा कुछ खाद्य पदार्थ भी हैं जिनसे एर्लजी हो सकती है और उनका सेवन करने से परहेज करना चाह‍िए।

पढ़ें- नाक की सर्जरी

नेजल डि‍लेएटर्स (nasal dilators)

नेजल डिलेटर्स एक प्रकार की मशीन है जो नेजल पैसेज को फैला देती है जिससे हवा आसानी से अंदर जा पाती है और सांस लेने में कोई तकलीफ नहीं होती है। यह दो प्रकार के होते हैं: पहला- आंतरिक नेजल डिलेटर्स और दूसरा बाहरी नेजल डिलेटर्स।

निष्‍कर्ष – Conclusion

ऊपर बताए गए सभी तरीके नाक की टेढ़ी हड्डी को सीधा नहीं करेंगे बल्‍क‍ि, टेढ़ी हड्डी के साथ सांस लेने में आपकी मदद करेंगे। नाक की टेढ़ी हड्डी को पूरी तरह से ठीक करने के लिए सेप्‍टोप्‍लास्‍टी नामक सर्जरी ही सबसे अच्‍छा उपाय है।

पढ़ें- साइनोसाइटिस का इलाज

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|

नाक की हड्डी टेढ़ी होने के क्या लक्षण है?

ऐसे में नाक की टेढ़ी हड्डी से जब तक नाक बंद रहने, जुकाम, सिरदर्द, कान-गले में दिक्कत न हो तो इलाज की जरूरत नहीं है। इससे ज्यादातर लोग परेशान रहते हैं। गले में कुछ फंसे होने व निगलते समय कुछ महसूस होने की शिकायत होती है। एलर्जी, गले का इंफैक्शन और एसिडिटी के कारण सीने में जलन, फ्लूड ऊपर आना, खट्टी-कड़वी डकारें आती हैं।

नाक की हड्डी टेढ़ी हो जाए तो क्या करना चाहिए?

हल्का सा जुकाम और सिर दर्द रहने पर अक्सर लोग यह मान लेते हैं कि नाक की हड्डी टेढ़ी हो चुकी है। सर्जरी करवाने से अाराम मिल जाएगा। कई बार डॉक्टर भी हड्डी को टेढ़ा मानकर सर्जरी की सलाह दे देते हैं। यह सही नहीं है, क्योंकि हर पेशेंट में सर्जरी की जरूरत नहीं है।

टेढ़ी हड्डी को सीधा कैसे करें?

संक्रमित हड्डी के हिस्से को निकालकर शरीर के किसी भी अंग की हड्डी को उस जगह पर लगाकर उसे ठीक किया जा सकता है। यही नहीं उस हड्डी की लंबाई को भी बढ़ाया जा सकता है। इलिजारोव तकनीक से हड्डी की इन बीमारियों का इलाज संभव है। यह तकनीक मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है।

नाक की हड्डी बढ़ने से क्या होता है?

इस समस्या को ही बोलचाल की भाषा में नाक की हड्डी बढ़ना और चिकित्स्कीय भाषा में टर्बिनेट हाइपरट्रोफी कहा जाता है. इस समस्या से सांस लेने में समस्याएं, इन्फेक्शन और नाक से खून आना जैसे लक्षण हो सकते हैं. साइनस इन्फेक्शन, एलर्जी और वातावरण में परिवर्तन से निचले टर्बिनेट सूज और सिकुड़ सकते हैं.