क्या सिरके से लीवर में दर्द होता है? - kya sirake se leevar mein dard hota hai?

लीवर हमारे शरीर के सार्वाधिक महत्वपूर्ण अंगों में से एक है. एक तरह से आप ये कह सकते हैं कि लीवर के सेहत पर ही हमारा सेहत टिका हुआ है. यदि आपके लीवर में कोई खराबी आई है तो इसे खतरे की घंटी समझें. लोगों के बीच ये भी भ्रम रहता है कि जो शराब पिता है सिर्फ उसकी ही लीवर ख़राब होती है. ऐसा नहीं है, ये के गलत धारणा है. हलांकि लीवर के खराब होने के लक्षणों के बारे में लोगों के पास जानकारी का अभाव है. इसलिए हम आपको सबसे पहले लीवर के खराब होने के लक्षणों बताएँगे. इस लेख के माध्यम से हम लीवर खराब होने के लक्षणों और उसके कुछ संभावित उपायों पर एक नजर डालेंगे.

1. मुंह से बदबू आना-


मुंह से गन्दी बदबू आने कई कारण हैं, लीवर का ख़राब होना भी उन्हीं कारणों में से एक है. लीवर के खराब होने पर मुंह से गन्दी बदबू इसलिए आती है क्योंकि मुंह में अमोनिया ज्‍याद रिसता है.

2. त्वचा का ख़राब होना-
यदि आपकी त्‍वचा का रंग उड गया है और उस पर सफेद रंग के धब्‍बे पड़ने लगे हैं तो समझिये कि लीवर ख़राब है. लीवर खराब होने का एक और संकेत है कि स्‍किन क्षतिग्रस्‍त होने लगेगी और उस पर थकान दिखाई पडने लगेगी.

3. पाचन तंत्र में खराबी-
पाचन तंत्र के खराब होने का भी ये कारण हो सकता है कि आपके लीवर में कोई समस्या आ गई है. इस दौरान आपके लीवर पर वसा जमा हुआ हो सकता है. या फिर वह बड़ा हो गया है, तो फिर आपको पानी भी नहीं हजम होगा.

4. गहरे रंग का मल-
यदि आपकी पेशाब या मल हर रोज़ गहरे रंग का आने लगे तो लीवर गड़बड़ है. यदि ऐसा केवल एक बार होता है तो यह केवल पानी की कमी की वजह से हो सकता है.

5. आँखों में पीलापन-
यदि आपके आंखों का सफेद भाग पीला नजर आने लगे और नाखून पीले दिखने लगे तो आपको जौन्‍डिस हो सकता है. इसका यह मतलब होता है कि आपका लीवर संक्रमित है.

6. मुंह के स्वाद में कड़वापन आना-
लीवर एक एंजाइम पैदा करता है जिसका नाम होता है बाइल जो कि स्‍वाद में बहुत खराब लगता है. यदि आपके मुंह में कडुआहर लगे तो इसका मतलब है कि आपके मुंह तब बाइल पहुंच रहा है.

7. पेट की सूजन-
जब लीवर बड़ा हो जाता है तो पेट में सूजन आ जाती है, जिसको हम अक्‍सर मोटापा समझने की भूल कर बैठते हैं.

लीवर में आई खराबी को दूर करने के कुछ घरेलु उपाय भी हैं जिन्हें अपनाकर आप अपनी परेशानी कम कर सकते हैं. आइए लीवर की देखभाल के लिए आवश्यक खद्यपदार्थों पर एक नजर डालें.

1. नारियल पानी
लीवर के हर रोग में हरे नारियल का पानी बेहद कारगर है. दिन में 2 या 3 हरे नारियल का पानी पीना चाहिए. इसका रिजल्ट किसी भी एलॉपथी दवा से कई गुणा अधिक तेज़ है.

2. हल्‍दी
इसमें एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होते है और एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करती है. हल्दी की रोगनिरोधन क्षमता हैपेटाइटिस बी व सी का कारण बनने वाले वायरस को बढ़ने से रोकती है. हल्‍दी को अपने खाने में शामिल करें या रात को सोने से पहले एक
गिलास दूध में थोड़ी सी हल्दी मिलाकर पिएं.

3. सेब का सिरका
लीवर में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है. भोजन से पहले सेब के सिरके को पीने से शरीर की चर्बी घटती है. सेब के सिरके को आप कई तरीके से इस्‍तेमाल कर सकते हैं.

4. आंवला
विटामिन सी के सबसे संपन्न स्रोतों में से एक है और इसका सेवन लीवर की कार्यशीलता को बनाये रखने में मदद करता है. आंवला में लीवर को सुरक्षित रखने वाले सभी तत्व मौजूद हैं. लीवर के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए आपको दिन में 4-5 कच्चे आंवले खाने चाहिए.

5. मुलेठी
लीवर की बीमारियों के इलाज के लिए मुलेठी का इस्‍तेमाल कई आयुर्वेदिक औषधियों में किया जाता है. इसके इस्‍तेमाल के लिए मुलेठी की जड़ का पाउडर बनाकर इसे उबलते पानी में डालें. फिर ठंड़ा होने पर छान लें.

6. अलसी के बीज
फीटकोंस्टीटूएंट्स की उपस्थिति के कारण, अलसी के बीज हार्मोंन को ब्‍लड में घूमने से रोकता है और लीवर के तनाव को कम करता है. अलसी के बीज को पीसकर इस्‍तेमाल करने से लिवर के रोगों को दूर रखने में मदद करता है.

7. एवोकैडो और अखरोट
एवोकैडो और अखरोट में मौजूद ग्लुटथायन, लिवर में जमा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर इसकी सफाई करता है.

8. पपीता
लीवर की बीमारियों के लिए सबसे सुरक्षित प्राकृतिक उपचार में से एक है, विशेष रूप से लीवर सिरोसिस के लिए. हर रोज दो चम्मच पपीता के रस में आधा चम्मच नींबू का रस मिलाकर पिएं.

9. सिंहपर्णी
जड़ की चाय लीवर के स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने वाले उपचारों में से एक है. अधिक लाभ पाने के लिए इस चाय को दिन में दो बार पिएं. आप चाहें तो जड़ को पानी में उबाल कर, पानी को छान कर पी सकते हैं.

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सेब का सिरका(ए.सी.वी) वज़न घटाने, हृद्य रोग, त्वचा रोग, बदहज़मी, लिवर डीटॉक्स जैसे अन्य रोगों में अपने अनगिनत फायदों के लिए काफी मांग में रहता है। आइए देखतें है एसीवी का इस्तेमाल और ज़िंदगी को स्वस्थ बनाते हैं।

सेब का सिरका या ए.सी.वी स्वास्थ्य पर होने वाले फायदों के लिए काफी मांग में रहने वाला स्वास्थ्य उत्पाद है। इस पहले हम सेब के सिरके के फायदों के बारे में जाने, ये समझ लेते हैं कि सेब का सिरका होता क्या है।
सेब का सिरका एक तरीके का सिरका है जिसमें साइडर मुख्य हिस्सा है। ये उस लिक्विड से बनता है जो सेब को निचोड़ने से मिलता है। फर्मेंटेशन के बाद जो सिरका बचता है उसे हम सेब का सिरका या ए.सी.वी कहते हैं। अपने ऑर्गेनिक और पैश्चराइज्ड रूप में इसे एप्पल साइडर विनेगर विद मदर कहा जाता है। आप बोतल के निचले भाग में एक मकड़ी के जाले जैसा तैरता हुआ ढांचा देखकर इसकी पहचान कर सकते हैं। 
सेब के सिरके के अलग अलग प्रकार बाज़ार में उपलब्ध हैं। जैसे कि मदर के साथ सेब का सिरका, शहद वाला सेब का सिरका, अदरक और नींबू के स्वाद के साथ सेब का सिरका आदि। 

सेब के सिरके के फायदे | Benefits of Apple Cider Vinegar

स्वास्थ्य और खूबसूरती के सेगमेंट में ये सबसे ज़्यादा फायदेमंद उत्पादों में से एक है। जब ऐसा सवाल आए कि सेब का सिरका किस किस चीज़ के लिए फायदमंद है, तो इसका उत्तर जानने के बाद हैरान हो जाएंगे और यही कहेंगे कि किस चीज़ के लिए ये फायदेमंद नही है। सेब के सिरके के अनगिनत फायदे इसे बहुत लोकप्रिय बनाते हैं। फिर चाहे वो आम स्वास्थ्य हो, स्वाद, खूबसूरती, फिटनेस या फिर कोई भी अन्य घरेलू लाभ, सेब के सिरके के फायदे और इसे प्रयोग करने के तरीके अनगिनत हैं। 
एक आसान तरीके से इसके फायदे समझने के लिए, मानव शरीर के हिसाब से उपर से नीचे चलते हैं और सेब के सिरके के स्वास्थ्य, खूबसूरती और फिटनेस पर होने वाले फायदों के बारे में समझते हैं। 

क्या सिरके से लीवर में दर्द होता है? - kya sirake se leevar mein dard hota hai?

बाल
खूबसूरत और कोमल बाल चाहते हैं? सेब के सिरका आपकी मदद कर सकता है। सेब के सिरके से बाल धोना आपके बालों की खो चुकि काली चमक वापस लाने में आपकी मदद करता है। बालों को शैम्पू करने के बाद एसीवी और पानी के मिश्रण से धोएं।

नाक
क्या आपका साइनस आपको परेशान कर रहा है? क्या आप आम सर्दी के कारण बहती हुई अपनी नाक से परेशान हो गए हैं? तो ये सेब का सिरका आपकी मदद कर सकता है। 1 चम्मच शहद और 2 चम्मच एसीवी गुनगुने पानी के साथ लेने से साइनस इन्फेक्शन और बंद नाक से छुटकारा पाने में मदद मिलती है।

चहरे की त्वचा
एक फेस क्लिएंज़र के तौर पर सेब का सिरका काफी मददगार हो सकता है अगर इसे पानी के साथ मिलाकर रुई की मदद से चेहरे पर लगाया जाए। ये आपके चहरे को अच्छी रंगत भी देता है। एक बढ़िया डिटॉक्स टॉनिक होने के कारण सेब का सिरका चहरे के दानों से छुटकारा पाने में भी मदद करता है।  

क्या सिरके से लीवर में दर्द होता है? - kya sirake se leevar mein dard hota hai?

मुंह
एसीवी दांतो को सफेद करने और मुंह की दुर्गंध से छुटकारा पाने में काफी लाभदायक है। इसे पानी के साथ मिलाकर पतला करने के बाद कुल्ला करें। इस मिश्रण के गरारे करना भी मददगार है। 

गला
एक सुखदायक प्रभाव देने से लेकर खराश वाले गले और खाँसी से लड़ने के लिए एसीवी जादुई साबित होता है। आप शहद के साथ सेब का सिरका ले सकते हैं या फिर गुनगुने पानी के साथ मिलाकर गरारे कर सकते हैं। एसीवी का एसेटिक एसिड इसमें काफी मदद करता है। 

क्या सिरके से लीवर में दर्द होता है? - kya sirake se leevar mein dard hota hai?

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हृदय
सेब का सिरका खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है और रक्तचाप पर काबू में रखता है। इससे आपके हृदय के स्वास्थ्य और कल्याण को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।

लिवर और गुर्दे
हमारे शरीर में लिवर और गुर्दो का काम बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसीलिए ये बहुत ज़रूरी है कि ये दोनो अच्छे ढंग से काम करें। और लिवर और गुर्दों का स्वस्थ और अच्छी तरह से काम करने के लिए डिटॉक्सिफेकेशन एक तरीका है। एक चम्मच बिना छना हुआ एसीवी मदर को 300 मि.ली गरम पानी के साथ खाना खाने से पहले दिन में दो बार लें। ये लिवर की सूजन, लिवर डिटॉक्सिफिकेशन और लिवर का फैट घटाने में मदद करता है।
गुर्दों का डिटॉक्सिफिकेशन ना केवल शरीर को सुचारू रूप से चलाने का काम करता है बल्कि सेब के सिरके के एसिडिक स्वभाव के कारण गुर्दों की पथरियों को भी खत्म कर देता है।

पेट
क्या लगातार हो रही बदहज़मी आपको परेशान कर रही है? जूस या पानी के साथ एसीवी लेना काफी मददगार हो सकता है। आप इस मिश्रण में शहद भी डाल सकते हैं। ये ना केवल आपका हाज़मा ठीक करेगा बल्कि खाना खाने से आधे घंटे पहले इसे लेने से आप बदहज़मी से भी बच पाएंगे। 
वज़न घटाने के लिए सेब के सिरके का प्रयोग करने से काफी प्रभावशाली नतीजे मिल सकते हैं। एसीवी भूख को दबाने में और शरीर का मेटाबॉलिज़म बढ़ाने में मदद करता है। तो खाना खाने से पहले पानी के साथ एक चम्मच एसीवी लेना वज़न घटाने का अच्छा तरीका है।

टांगे और जोड़
हमारे पूरे शरीर का संतुलन टांगों और जोड़ों की शक्ति पर टिका है। लगातार हो रही ऐंठन और जोड़ों का दर्द रोज़मर्रा के कामों में शरीर के लिए बाधा बन सकता है। सेब का सिरका पोटेशियम का अच्छा स्त्रोत है जो आपकी टांगों को दर्दनाक ऐंठन से आराम दिलाएगा। साथ ही, एसीवी में मैगनीशियम जैसे बेहद मिनेरल और अलग अलग एंटी-ऑक्सिडेंट होते हैं जो आपके जोड़ों को दर्द-मुक्त और लचीला बनाते हैं।

हाथ और पैर
पैरों से दुर्गंध आना एक ऐसी समस्या है जिसका सामना कोई नहीं करना चाहता। लेकिन अगर आपके पास सेब का सिरका है तो फिर परेशान क्यूं होना। एक टब या बालटी में गरम पानी के साथ एसीवी (1/2 कप) का मिश्रण बनाएं। अब कुछ मिनटों के लिए अपने हाथ और पैर इसके अंदर डालें। इसके बाद जब आप अपने हाथ पैर धोयेंगे, तो आप जान पाएंगे कि एसीवी दुर्गंध और मरे हुए सैल्स से छुटकारा पाने में मदद करता है। ये आपको एक तनाव मुक्त और आराम का एहसास भी कराता है। 

क्या सिरके से लीवर में दर्द होता है? - kya sirake se leevar mein dard hota hai?

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किस तरह करें सेब के सिरके का इस्तेमाल? | How to use Apple Cider Vinegar?

जब हम सिरके के बारे में सोचते हैं तो हमारे दिमाग में पहली छवी बनती है किसी ऐसिडिक चीज़ की या खाने के स्वाद को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होने वाले फ्लेवर की। लेकिन ये केवल सेब के सिरके का ऊपरी फायदा है। एक शानदार पोषण मात्रा के साथ एसीवी स्वास्थ्य का भंडार है। इसमें वीटामिन ए,सी और ई, पोटेशियम, केल्शियम, मेग्निशियम, ऐसिटिक ऐसिड, एंटी-ऑक्सिडेंट, एंज़ाइम और अमीनो एसिड हैं।

सेब के सिरके को इस्तेमाल करने के ऐसे बहुत से तरीके हैं जिनसे स्वादिष्ट, सुंदर और स्वस्थ खाना बनाने में मदद मिलती है।

सेब के सिरके को इस्तेमाल करने के तरीके:

  • सेब का सिरके का प्रयोग चटनी में करें।
  • एसीवी को अपनी स्मूदी में डालें।
  • हाज़मे के लिए अदरक के साथ सेब के सिरके का प्रयोग करें।
  • एक कप पानी में एसीवी डालें और मुंह की दुर्गंध से छुटकारे पाने लिया गरारे करें।
  • थोड़ा सा एसीवी पानी के साथ मिलाकर उसे रुई से अपने चहरे पर लगाएं और फेस क्लिएंज़र की तरह प्रयोग करें।
  • एसीवी को गुनगुने पानी के साथ मिलाकर 15 मिनट तक पैर भिगोकर रखें। ये दुर्गंध फैला रहे बेक्टीरिया से छटकारा दिलाएगा।  

चिकित्सय सावधानी और एहतियात | Medical Precautions

  • ज़्यादा लेने की स्थिति- किसी भी चीज़ की अति गलत है और ये बात सेब के सिरके के लिए भी सच है। किसी स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह लेने के बाद सीमित मात्रा में एसीवी लेना ज़्यादा एसीवी लेने से सुरक्षित है। ज़रूरत से ज़्यादा एसीवी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। 
  • प्रेगनेंन्सी और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान- अगर आप प्रेगनेंन्ट हैं या ब्रेस्टफीडिंग कर रहे हैं तो उस स्थिति में एसीवी के सुरक्षा मानकों के बारे में ज़्यादा नहीं कहा जा सकता। तो ये बहुत ज़रूरी है कि आप ज़रा सा भी एसीवी लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें। और अगर उसके बाद भी कोई शंका है तो इसे ना लेकर सुरक्षित रास्ता अपनाना बहतर है।
  • इलाज के दौरान- आप जब भी किसी बिमारी से गुज़र रहे हैं और कुछ दवाएं ले रहे हैं तो एसीवी लेने से जुड़े किसी भी सवाल को अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें। हालांकी एसीवी प्राकृतिक है लेकिन इसका स्वभाव एसिडिक है, तो अगर आप किसी तरह की दवाईयां ले रहे हैं तो एसीवी लेने से पहले किसी स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह ज़रूर लें। 

क्या सिरके से लीवर में दर्द होता है? - kya sirake se leevar mein dard hota hai?

लीवर में दर्द होने का क्या कारण है?

अगर आपको लीवर से जुड़ी कोई बीमारी है जैसे सिरोसिस, हेपेटाइटिस, नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज, लिवर कैंसर, तो लीवर में दर्द का कारण हो सकता है। लीवर कैंसर के कारण लीवर में दर्द हो सकता है। लिवर कैंसर के लक्षणों में उल्टी, भूख न लगना, बुखार, पीलिया, लगातार वजन कम होना और तिल्ली का बढ़ना शामिल हैं।

शराब छोड़ने के बाद लीवर को ठीक होने में कितना समय लगता है?

ज्यादातर मामलों में शराब से डिटॉक्स होने में शरीर को लगभग एक सप्ताह का समय लगता है. यदि आप काफी अधिक मात्रा में शराब पीते थे तो आपके शरीर को शराब छोड़ने के बाद नॉर्मल होने में कई महीने लग सकते हैं.

लिवर में सूजन होने से क्या क्या दिक्कत होती है?

तो लिवर में सूजन का सीधा हमारे पाचन तंत्र पर पड़ता है। जिसकी वजह से शरीर कमजोर होता जाता है और कई बीमारियों से घिर जाता है। लिवर की कोशिकाओं में बहुत ज्यादा फैट जमने से फैटी लिवर की समस्या हो जाती है जिसे लिवर की सूजन भी कहते हैं। ये दो वजह से हो सकता है एल्कोहॉलिक या फिर नॉन एल्कोहॉलिक।

लीवर कमजोर होने के लक्षण क्या होते हैं?

लीवर कमजोर होने के लक्षण क्या होते हैं? यदि आपका लीवर कमजोर हो रहा है तो आपके शरीर में कुछ विशेष लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इसमें कमजोरी होना, भूख कम होना, उल्टी होना, नींद ना आना, दिनभर थकान महसूस होना, शरीर में सुस्ती बनी रहना, तेजी से वजन घटना और लीवर में सूजन जैसे लक्षण शामिल है।