नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम है, प्रतीक। और आज के इस वीडियो में हम लोग बात करने वाले हैं, क्या कभी सूर्य पश्चिम से उग सकता है। अगर आपको लग रहा है, यह तो नामुमकिन है, तो दोस्तों, जरा दिमाग की खिड़कियों को खोलो, और ध्यान से सोचो। और अगर आपको लगता है, कि ऐसा हो सकता बधाई हो😉। और अगर नहीं लगता तो जरूर से पूरा आर्टिकल पढ़िए है।😁 Show
सूर्य आखिर पूर्व से क्यों उगता है?
सूर्य कैसे पश्चिम से उगेगा?तो दोस्तों, अब जानते हैं, कि क्या सूर्य कभी पश्चिम से उगता है। अगर आपने ऊपरवाला परिच्छेद ध्यान से पढ़ा हो, तो आप यह कहेंगे, बस पृथ्वी की घूमने की दिशा बदल दो, तो सूर्य पश्चिम से उगेगा। तो दोस्तों, आप यहां पर सही अंदाजा लगा रहे हैं, तो आइए जानते हैं, वह क्या क्या कारण है, जिससे पृथ्वी कि घूमने की दिशा बदल सकती हैं। तो दोस्तों, मैंने यहां पर दो मुख्य कारण, बनाए और बताए हैं, जिससे पृथ्वी का घूमना उल्टा हो सकता है। 1. पहला कारनतो दोस्तों, आइए जानते हैं, पहले करण के बारे में। तो दोस्तों, पहले कारण के अनुसार, कोई धूमकेतु, उल्का तारा, क्षुद्रग्रह यानी एस्ट्रॉयड, या पृथ्वी से छोटा कोई ग्रह, अगर पृथ्वी से टकराता है, और वह भी उत्तर-पूर्वी दिशा में, और वह भी पृथ्वी के घूमने की रफ्तार से ज्यादा रफ्तार से, और उसका आकार 1 किलोमीटर से ज्यादा बड़ा हो, तो वह इतना दम रखता है, कि पृथ्वी की घूमने की दिशा को भी बदल सके, और जिससे सूर्य धरती पर पश्चिम में उगता हुआ दिखाई देगा। और अगर 45 डिग्री की कौन पर टकराता है, तो असर सबसे ज्यादा होगा। यहां पर सिर्फ घूमने की दिशा बदलेगी, जिसके कारण सूर्य पश्चिम में उगता हुआ दिखाई देगा। Asteroid2. दूसरा कारनतो दोस्तों, आइए अब जानते हैं, दूसरे कारण के बारे में, इस कारण में, कोई बड़ा ग्रह, जैसे कि बृहस्पति यानी जुपिटर, या कोई मध्यम आकार का ब्लैक होल, या कोई बड़ा सितारा, अगर हमारे पूरे ब्रह्मांड में से, कईसे भटकता हुआ, अगर पृथ्वी के आसपास आता है, वह भी सिर्फ उत्तर-पूर्वी दिशा में, और इतना करीब आ जाए, की उसका गुरुत्वाकर्षण प्रभाव सूर्य से ज्यादा हो जाए, तो पृथ्वी, उसकी तरफ आकर्षित होगी, और वह उत्तर-पूर्वी दिशा में होने के कारण, पृथ्वी उस ओर घूमने लगेगी, उसके गुरुत्वाकर्षण प्रभाव के कारण, और जैसा कि मैंने आपको पहले बताया, अगर पृथ्वी का घूमना बदल जाए, तो सूर्य पश्चिम से उगेगा। सूर्य पश्चिम से उगने पर पृथ्वी पर क्या असर होगा?और दोस्तों, जब सूर्य पश्चिम से उगेगा, तो धरती पर कुछ ज्यादा असर नहीं होगा। और बस जो रात का आसमान है, वह बस उल्टी और से उगेगा। बस एक छोटा सा, बदलाव आएगा, जो समुद्र में ज्वार होते हैं, जिसे हम टाइड्स भी कहते हैं, उसने बदलाव आ जाएगा, और बाकी कुछ छोटे-छोटे बदला आएंगे, जिसके बारे में मैं आपको किसी और आर्टिकल में बताऊंगा, और पृथ्वी पर बाकी कुछ असर नहीं होगा। तो दोस्तों पूरे इंटरनेट पर, इस प्रकार आज तक किसी ने भी समझाया होगा, और वह भी इतने सरल शब्दों में। आपको यह आर्टिकल कैसा लगा कमेंट जरुर कीजिए और हमारी वेबसाइट के बाकी सारे आर्टिकल भी जरूर पढ़िए। तो दोस्तों आपको यह आर्टिकल कैसा लगा? अगर आप अपनी ज्ञान की सीमा को और बढ़ाना चाहते हैं, तो आप हमारे वेबसाइट को विजिट कर सकते हैं। briefingpedia.com सूरज हमेशा पूर्व दिशा से ही क्यों निकलता है? उत्तर, दक्षिण या कहीं और से क्यों नहीं...सूरज हमेशा पूर्व दिशा से ही क्यों निकलता है? उत्तर, दक्षिण या कहीं और से क्यों नहीं? (यह अजब सवाल हमारी रीडर कविता ने भेजा है।) गजब जवाब सूरज की फेवरेट दिशा है पूर्व, इसलिए उसे कहीं और से आना पसंद नहीं है। उत्तर और दक्षिण में बर्फ है और सूरज को ठंड पसंद नहीं। पश्चिम में सूरज शाम बिताता है, इसलिए वह सुबह पूर्व से ही आता है। लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें क्या सूरज पश्चिम से निकलता है?सूरज भी सबसे पहले उठता है, इसीलिए वह पूर्व से आता है। सूरज की फेवरेट दिशा है पूर्व, इसलिए उसे कहीं और से आना पसंद नहीं है। उत्तर और दक्षिण में बर्फ है और सूरज को ठंड पसंद नहीं। पश्चिम में सूरज शाम बिताता है, इसलिए वह सुबह पूर्व से ही आता है।
सूर्य पश्चिम में क्यों होता है?क्योंकि पृथ्वी के सापेक्ष सूर्य स्थिर है और पृथ्वी अपनी धुरी पर पश्चिम से पूर्व की ओर गति करती है जिसके कारण हमें सूर्य पूर्व दिशा से उदित हुआ और पश्चिम दिशा में अस्त हुआ दिखाई देता है।
कौन से ग्रह पर सूर्य पश्चिम से निकलता है?शुक्र उलटी दिशा मे घूमता है इसका मतलब है कि शुक्र पर सूर्य पश्चिम में उगता है और पूर्व में अस्त होता है ।
सूर्य के घूमने की दिशा क्या है?ये कलंक अपने स्थान से सरकते हुए दिखाई पड़ते हैं। इससे वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला है कि सूर्य पूरब से पश्चिम की ओर २७ दिनों में अपने अक्ष पर एक परिक्रमा करता है।
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