कोयला खाने से क्या बीमारी होती है - koyala khaane se kya beemaaree hotee hai

हिंदी न्यूज़सावधान ! कोयला न पड़ जाए सांसों पर भारी

सावधान ! कोयला न पड़ जाए सांसों पर भारी

एक अध्ययन में पाया गया है कि भारत जैसे कम आय वाले देशों में खाना पकाने के लिए लकड़ियां या कोयला चलाने के चलन से सांस के रोगों के कारण अस्पताल में भर्ती होने या जान चले जाने का जोखिम बढ़ सकता है।...

कोयला खाने से क्या बीमारी होती है - koyala khaane se kya beemaaree hotee hai

Aparajitaएजेंसी ,लंदनSun, 23 Sep 2018 01:23 PM

एक अध्ययन में पाया गया है कि भारत जैसे कम आय वाले देशों में खाना पकाने के लिए लकड़ियां या कोयला चलाने के चलन से सांस के रोगों के कारण अस्पताल में भर्ती होने या जान चले जाने का जोखिम बढ़ सकता है। अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार दुनियाभर में करीब तीन अरब लोग ऐसे परिवारों में रहते हैं जहां खाना पकाने के लिए नियमित रूप से लकड़ियां, कोयला या अन्य ठोस ईंधन जलाए जाते हैं। 

आमतौर पर ऐसे परिवार कम और मध्यम आय वाले देशों के ग्रामीण क्षेत्रों में होते हैं। वैसे चीन में तेजी से शहरीकरण हो रहा है, लेकिन उसकी एक तिहाई जनसंख्या अब भी ठोस ईंधनों पर निर्भर है।

ब्रिटेन के ‘ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और चाइनीज एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज’ के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि खाना पकाने के लिए बिजली या गैस का इस्तेमाल करने वालों की तुलना में लकड़ी या कोयला का इस्तेमाल करने वालों में पुरानी और गंभीर सांस संबंधी बीमारी से अस्पताल में भर्ती या मौत के मामले 36 फीसदी ज्यादा हैं।
 

कोयला खाने से क्या बीमारी होती है - koyala khaane se kya beemaaree hotee hai

आपने लोगों को ये कहते सुना होगा कि गर्भावस्था में अचार, इमली और खट्टी चीजें खाने का दिल करता है. वहीं कुछ महिलाओं को डेयरी उत्पाद खाने का मन करता है तो कुछ को चॉकलेट खाने का. खाने-पीने की इन चीजों की तीव्र इच्छा या क्रेविंग होना बेहद आम है.

पर कई बार गर्भावस्था में महिलाओं को कुछ ऐसी चीजें खाने की इच्छा होने लगती है जिनके बारे में हम और आप सोच भी नहीं सकते. इनमें से कई चीजें तो ऐसी भी होती हैं जो खाने योग्य ही नहीं होती हैं और अगर उनका सेवन कर लिया जाए तो वे खतरनाक साबित हो सकती हैं.

गर्भावस्था के दौरान अजीबोगरीब चीजें खाने की इच्छा होना पीका कहलाता है. जोकि गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए खतरनाक भी साबित हो सकता है. ये शब्द लैटीन शब्दावली से लिया गया है. मैगपी नामक एक चिड़िया से प्रेरित ये शब्द उस स्थिति को दर्शाता है जब गर्भवती महिला को अजीब-अजीब सी चीजें खाने की इच्छा होती है. दरअसल, मैगपी नाम की चिड़िया लगभग सबकुछ ही खाती है और उसी के आधार पर ये शब्द चुना गया है.

पर ऐसा नहीं है कि ये समस्या सिर्फ गर्भवती महिलाओं को ही होती है. छोटे बच्चों में इस समस्या को सबसे ज्यादा नोटिस किया गया है.

आखिर गर्भावस्था में क्यों होती है ऐसी इच्छा?
हाल ही में हुए एक शोध में कहा गया है कि जब किसी गर्भवती महिला में आयरन की कमी होती है तो उसे अजीबोगरीब चीजें खाने की इच्छा होने लगती है. इसके अलावा कुछ अध्ययनों में ये भी कहा गया है कि शरीर में जिन चीजों की कमी होती है शरीर उन कमियों को दूर करने के लिए इंद्रियों को प्रेरित करता है. परिणामस्वरूप अजीबोगरीब चीजें खाने के लिए मन उतावला होता है.

गर्भावस्था में कौन-कौन सी अजीबोगरीब चीजें खाने के लिए ललचता है मन?
गर्भावस्था में कई बार महिलाओं को मिट्टी, डिटर्जेंट, सिगरेट की राख, बेकिंग सोडा, कॉफी के बीज, पेंट, प्लास्टर, रेत, टूथपेस्ट, पत्थर, चारकोल, जली हुई माचिस की तिल्ल‍ियां और ऐसी ही दूसरी अजीबोगरीब चीजें खाने का मन करता है.

क्या इन चीजों के सेवन से बच्चे को भी है खतरा?
इनमें से कोई भी चीज ऐसी नहीं है जिसे खाने से बच्चे को फायदा हो. ये सभी चीजें मां और बच्चे दोनों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती हैं. इनके सेवन से शरीर में जहर फैलने का खतरा बना रहता है जो बच्चे और मां की सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

डरने की कोई जरूरत नहीं है
अगर गर्भावस्था के दौरान आपको भी कुछ ऐसी ही चीजें खाने का दिल कर रहा है तो आपको बता दें कि ये कोई असमान्यता नहीं है. ये बेहद सामान्य प्रक्रिया है. हां, पर आपको अपने डॉक्टर को सूचित करना चाहिए. परेशान होने से बेहतर है कि आप डॉक्टर की सलाह से उन पोषक तत्वों को लेना शुरू कर दें जिनकी कमी की चलते आपको इन चीजों को खाने की इच्छा हो रही है.

अगर आपको अचानक से इन चीजों को खाने का मन करने लगे तो खुद को दूसरी बातों और कामों में उलझाने की कोशिश करें. अगर फिर भी बात न बने तो शुगर फ्री च्यूइंगम का इस्तेमाल करना भी कारगर रहेगा. इसके अलावा आप पुदीने या तुलसी की पत्त‍ियों को भी चबा सकती हैं.

कोयला खाने से क्या रोग होता है?

इसे सुनेंरोकेंब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के डेरिक बेनेट कहते हैं, हमारा अध्ययन सुझाव देता है कि खाने के लिए ठोस ईंधन जैसे कोयला, लकड़ी या चारकोल का प्रयोग सेहत के लिए बेहद नुकसानदेह है। इससे कार्डियोवैस्कुलर डिसीज (सीवीडी) से मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।

कोयला क्या क्या काम आता है?

इसे सुनेंरोकेंकोयला एक ठोस कार्बनिक पदार्थ है जिसको ईंधन के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। ऊर्जा के प्रमुख स्रोत के रूप में कोयला अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं। कुल प्रयुक्त ऊर्जा का 35% से 40% भाग कोयलें से प्राप्त होता हैं। कोयले से अन्य दहनशील तथा उपयोगी पदार्थ भी प्राप्त किए जाते हैं।

क्या लकड़ी का कोयला?

इसे सुनेंरोकेंलकड़ी का कोयला, या काठकोयला या चारकोल (Charcoal) काला-भूरा, सछिद्र, ठोस पदार्थ है जो लकड़ी, हड्डी आदि को आक्सीजन की अनुपस्थिति में गरम करके उसमें से जल एवं अन्य वाष्शील पदार्थों को निकालकर बनाया जाता है। इस क्रिया को “उष्माविघटन” (Pyrolysis) कहते हैं। चारकोल में कार्बन की उच्च मात्रा (लगभग ८०%) होती है।

कोयले का प्रयोग कम क्यों करना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंकोयला जलाने से कार्बन डाई ऑक्साइड समेत कई नुक़सानदेह गैसें पैदा होती है. कोयले के एक गट्ठर में 60-80 फ़ीसद कार्बन होता है. कोयला जलाने से पैदा हुई ग्रीनहाउस गैसें वायुमंडल में जमा हो जाती हैं. आसमान में इनकी परत की वजह से सूरज से आने वाली बिजली हमारे वायुमंडल में ही क़ैद हो जाती है.

इसे सुनेंरोकेंखाना बनाने के लिए लंबे समय तक कोयला, लकड़ी या चारकोल का इस्तेमाल करने से हृदय रोग से मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है। यह बात एक अध्ययन के बाद सामने आई है। ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने खाना बनाने के लिए इनके स्थान पर बिजली या गैस चूल्हों का प्रयोग करने की सलाह दी है।

कोयला खाने से शरीर में क्या नुकसान होता है?

लीवर संबंधी बीमारियां हिपेटाइटिस बी और सी की वजह से होती हैं।

  • लीवर बढने या अन्य लीवर के रोगों में मरीज का खाना हल्का और आसानी से पचने वाला होना चाहिए ।
  • जौ के आटे की रोटी, जौ का सत्तू, मूंग की दाल, साबूदाने की खीर का सेवन करें |
  • हाई फाइबर वाले फल सब्जियां जैसे फलियां और साबुत अनाज अपने भोजन में शामिल करें |
  • लकड़ी के कोयला खाने से क्या होता है?

    इसे सुनेंरोकेंलकड़ी के कोयले से त्वचा को बहुत से फायदे हैं। मुंहासों से लेकर दांतों की चमक तक बरकरार रहती है। जानिए और क्या हैं फायदे? चारकोल यानि लकड़ी के कोयले से दांतों को चमकाने के अलावा हैंगओवर तक उतारा जा सकता है।

    कोयले खाने से क्या बीमारी होती है?

    ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के डेरिक बेनेट कहते हैं, हमारा अध्ययन सुझाव देता है कि खाने के लिए ठोस ईंधन जैसे कोयला, लकड़ी या चारकोल का प्रयोग सेहत के लिए बेहद नुकसानदेह है। इससे कार्डियोवैस्कुलर डिसीज (सीवीडी) से मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।

    कोयला खाने से क्या फायदा होता है?

    1 पेट दर्द या आंत संबंधी समस्याओं के लिए कई स्थानों पर कोयले का प्रयोग किया जाता है। जानकारी के अनुसार अमेरिकी नागरिकों द्वारा भी चारकोल का पाउडर और पानी को मिलाकर पेट की गड़बड़ि‍यों के समाधान के लिए प्रयोग किया जाता है।

    कोयला में क्या क्या पाया जाता है?

    कोयले में मुख्यतः कार्बन तथा उसके यौगिक रहते है। कार्बन तथा हाइड्रोजन के अतिरिक्त नाईट्रोजन, ऑक्सीजन तथा गंधक (Sulphur) भी रहते हैं। इसके अतिरिक्त फॉस्फोरस तथा कुछ अकार्बनिक द्रव्य भी पाया जाता है।

    कोयले से क्या होता है?

    कोयला एक ठोस कार्बनिक पदार्थ है जिसको ईंधन के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। ऊर्जा के प्रमुख स्रोत के रूप में कोयला अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं। कुल प्रयुक्त ऊर्जा का 35% से 40% भाग कोयलें से प्राप्त होता हैं। कोयले से अन्य दहनशील तथा उपयोगी पदार्थ भी प्राप्त किए जाते हैं।