लौह तत्व की कमी से क्या होता है? - lauh tatv kee kamee se kya hota hai?

हेलो एवरीवन तो हमारा प्रश्न है शरीर में लौह तत्व की कमी से होने वाले रोग का नाम व उसके प्रमुख लक्षण लिखिए ठीक है देखिए प्रश्न में हमसे क्या पूछा है हमसे पूछा है कि लौह तत्व की कमी हो जाए अगर हमारे शरीर में आयरन की कमी हो जाए तो उस से कौन सा रोग उत्पन्न होगा हमारे शरीर में और उसके लक्षण क्या होंगे ठीक है सिम्टम्स क्या होंगे ठीक है तो देखिए अगर हम बात करें रोहतक तो या फिर आयरन ठीक है आयरन की कमी से ठीक है आयरन की कमी से हमारे शरीर में कौन सा रोग उत्पन्न होता है एनीमिया कौन सा रोग एनीमिया रोग ठीक है जिसे हम रक्ताल्पता भी कहते हैं ठीक है लेकिन इसमें क्या होता है हमारे शरीर में रक्त की कमी हो जाती है ठीक है इसकी रक्त की कमी या फिर हम पहले खून की कमी हो जाती है ठीक है यह जैसा हम सबको पता है कि जो हमारा रक्त है यह क्या है एक तरल संयोजी ऊतक है ठीक है क्या है तरल संयोजी उत्तक है जिसमें की कई विभिन्न

घर की रक्त कोशिकाएं पाई जाती है ठीक है जैसे कि लाल रक्त कोशिकाएं जिन्हें हम आरबीसी भी कहते हैं ठीक है श्वेत रक्त कोशिकाएं श्वेत रक्त कणिकाएं जिन्हें हम डब्ल्यूबीसीएस कहते हैं ठीक है और प्लेटलेट्स या फिर हमने विंबा डूबी कहते हैं ठीक है देखिए तो जो लाल रक्त कोशिका या लाल रक्त कणिकाएं होती हैं इनका काम होता है ऑक्सीजन का परिवहन करना ठीक है और जो श्वेत रक्त कणिकाएं होती हैं श्वेत रक्त कोशिकाएं इनका काम होता है हमारे शरीर की सुरक्षा करना या फिर हम कह ले रोगाणुओं से सुरक्षा करना ठीक है कोई रोगाणु अगर हमारे शरीर में प्रवेश करता है तो हमारी श्वेत रक्त कोशिकाएं श्वेत रक्त कणिकाएं क्या करती हैं उसे नष्ट करके हमारे शरीर की सुरक्षा करती है ठीक है देखिए जो भीम बाड़ू होता है यह रक्त का थक्का जमाने में काम आता है ठीक है हमारे रक्त का जो थक्का जमता है चोट लगने पर तो भीम बाड़ू की वजह से ही वह थक्का जमता है ठीक है प्लेटलेट्स की वजह से ठीक है इसमें जो लाल

तो कोशिकाएं हैं आरबीसी हैं ठीक है आरबीसी इनके निर्माण में मुख्य रूप से आयरन की भूमिका होती है ठीक है आयरन ही इसका प्रोडक्शन करवाता है या फिर हम कह लें इनका निर्माण कराने के लिए जिम्मेदार है ठीक है तो देखिए क्या होगा जब आयरन की कमी आएगी तो लाल रक्त कोशिकाओं की जो है उत्पादन दर कम हो जाएगी या फिर हम पहले इनकी कमी हो जाएगी हमारे शरीर में ठीक है और जब कमी हो जाएगी तो जो ऑक्सीजन का परिवहन है इनका कार्य इसमें भी बाधा उत्पन्न होगी ऑक्सीजन का परिवहन क्या होगा बाधित होगा हमारे शरीर के सभी अंगों बहुत को को ऑक्सीजन नहीं मिल पाएगा पर्याप्त मात्रा में ठीक है तो बात करें इसके लक्षण की जो एनीमिया रोग है जब आयरन की कमी से एनीमिया रोग होता है तो इसके क्या क्या लक्षण मारी शरीर पर दिखाई देते हैं इसकी बात कर लेते हैं ठीक है तो देखिए इसमें जो प्रमुख लक्षण है वह है थकान ठीक है सिर दर्द ठीक है थकान सिरदर्द चेहरा पी

या पढ़ना ठीक है चेहरा क्या होता है पीला पड़ने लगता है सांस फूलना ठीक है सांस फूलना आदि क्या है यह सब निमिया के आखिर हम कह ले सकता लता के लक्षण है जो कि आयरन की कमी से या लौह तत्व की कमी से होता है धन्यवाद

हेलो एवरीवन तो हमारा प्रश्न है लौह तत्व की कमी से कौन सा रोग होता है ठीक है क्वेश्चन में हमसे क्या पूछा है कि अगर हमारे शरीर में लौह तत्व की यानी आयरन की अगर कमी हो जाए तो कौन सा रोग होता है ठीक है तो देखिए लौह तत्व ठीक है की कमी से होने वाला रोग है कौन सा रोग है अनन्या कौन सा एनीमिया जिसको हम लोग रक्ताल्पता भी कहते हैं क्या कहते हैं रक्ताल्पता ठीक है देखिए निमिया में क्या होता है कि जो हमारी आरबीसी है चाहे आरबीसी है या नहीं हमारी लाल रक्त कोशिकाएं ठीक है लाल रक्त कोशिकाएं इनमें एक प्रोटीन होता है ठीक है क्या होता है प्रोटीन होता है जिसका नाम है हिमोग्लोबिन ठीक है क्या नाम है हिमोग्लोबिन इसका

कार्य क्या होता है कि हमारे जो वातावरण में ऑक्सीजन है ठीक है वातावरण में ऑक्सीजन है हिमोग्लोबिन इसको अपने साथ बांध लेता है जब हम फेफड़े से सांस अंदर लेते हैं ऑक्सीजन फेफड़े में पहुंचती है तो हमारे हमारे रक्त की सहायता से हिमोग्लोबिन वहां पहुंचता है और ऑक्सीजन को खुद से बांधकर बनाता है ऑक्सिहीमोग्लोबिन कौन सा पक्षी हीमोग्लोबिन का निर्माण करता है ठीक है और जहां पर भी ऑक्सीजन की जरूरत होती है विभिन्न अंगों तक वहां पर जाकर ऑक्सीजन को मुक्त कर देता है और उनको ऑक्सीजन मिल जाती है यह तो हो गया आरबीसी का काम ठीक है जब लौह तत्व की कमी होती है शरीर में तू जो आरबीसी होती है लाल रक्त कोशिकाएं जो होती हैं ठीक है इनकी संख्या में गिरावट हो जाती है इनकी संख्या में क्या होती है गिरावट हो जाती है वह किस प्रकार से होती है कि इनकी जो नष्ट होने

किधर होती है ठीक है नष्ट होने की दर वह क्या होती है वह ज्यादा हो जाती है निर्माण जड़ से ठीक है निर्माण इधर से वह ज्यादा हो जाती है इस प्रकार रक्ताल्पता आस्था तनी मियां से व्यक्ति पीड़ित हो जाता है धन्यवाद

परिचय

आयरन मनुष्य के आहार का बहुत ही महत्वपूर्ण घटक है। यह हीमोग्लोबिन के निर्माण के लिए आवश्यक है। हीमोग्लोबिन के निम्न स्तर के कारण आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया हो जाता है। लाल रक्त कोशिकाएं हीमोग्लोबिन युक्त होती हैं। रक्त में लाल रक्त कोशिकाएं महत्वपूर्ण घटक हैं।

लाल रक्त कोशिकाओं में युक्त हीमोग्लोबिन पूरे शरीर में ऑक्सीजन लेकर जाता है। आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया (या आयरन की कमी वाला एनीमिया) एनीमिया (लाल रक्त कोशिका या हीमोग्लोबिन का कम स्तर) का सबसे सामान्य प्रकार है।

हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर: हीमोग्लोबिन के स्तर को ग्राम पर डेसीलीटर में मापा जाता है।

सामान्य स्तर इस प्रकार हैं:

महिलाएं: 12.1 - 15.1 ग्राम/डीएल

पुरुष: 13.8 - 17.2 ग्राम/डीएल

बच्चे: 11 - 16 ग्राम/डीएल

गर्भवती महिलाओं: 11 - 15.1 ग्राम/डीएल

लक्षण 

सबसे सामान्य लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • थकान।
  • आलस्य/सुस्ती (ऊर्जा की कमी)।
  • सांस में तकलीफ़ (दमा)। कम सामान्य लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हैं:
  • सिरदर्द।
  • स्वाद में बदलाव।
  • पिका – न खाने योग्य खाद्य पदार्थों जैसे कि बर्फ, कागज या मिट्टी खाने की इच्छा।
  • जीभ पर घाव।
  • खुजली महसूस होना।
  • बाल गिरना।
  • निगलने में कठिनाई (डिस्फागिया)।

संदर्भ:

कारण

यह निम्नलिखित के कारण हो सकता है:

एनीमिया के लाल रक्त कोशिकाओं (हेमोलिसिस) की क्षति के कारण होना: आनुवंशिक स्थितियां जैसे कि सिकल सेल एनीमिया, थैलेसीमिया, तनाव जैसे कि- संक्रमण, ड्रग्स, सांप या मकड़ी के जहर या कुछ खाद्य पदार्थों से हो सकता है। 

रक्त की कमी: रक्त के भीतर लाल रक्त कोशिकाओं में आयरन होता है। इसलिए यदि किसी व्यक्ति में रक्त की कमी होती है, तो उसके कुछ आयरन नष्ट हो जाते है। मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक रक्त बहने से पीड़ित महिलाओं में आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया का ज़ोखिम होता है, क्योंकि मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक रक्त बह जाता है। पेप्टिक अल्सर के कारण धीरे-धीरे शरीर के भीतर दीर्घकालिक रक्त की कमी हो जाती है तथा हायाटस हर्निया, कोलन पॉलीप या कोलोरेक्टल कैंसर के कारण आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया हो सकता है। यह बवासीर (हेमोरॉहाइड्स), जठरशोथ (पेट की सूजन), कैंसर, नॉन स्टेरॉइडल एंटी-इन्फ्लोमैट्री ड्रग्स (एनएसएआईआईएस) जैसे कि एस्पिरिन या इबुप्रोफेन, जो कि जो अल्सर और गैस्ट्रेटिस उत्पन्न कर सकता है, के कारण भी हो सकता है।

आहार में आयरन की कमी: हम जो आहार खाते है, उससे हमारे शरीर को नियमित रूप आयरन मिलता है। यदि कोई व्यक्ति बहुत कम आयरन का सेवन करता है, तो समय के साथ शरीर में आयरन की कमी हो सकती है। उदहारण के लिए आयरन से भरपूर आहार जैसे कि मांस, अंडे, पत्तेदार-हरी सब्जियां और आयरन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करें।  पर्याप्त वृद्धि और विकास के लिए शिशुओं और बच्चों को आहार से आयरन की ज़रूरत होती है। 

आयरन अवशोषित करने में असमर्थता: आहार से आयरन छोटी आंत में खून के भीतर अवशोषित हो जाता है। आंत संबंधी विकार जैसे कि सीलिएक रोग, जो कि आहार में पोषक तत्वों को अवशोषित करने के लिए आंत की क्षमता को कम कर देता है। यह आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया को उत्पन्न कर सकता है। यदि छोटी आंत के हिस्से को शल्यचिकित्सा से बाहर निकालना (बाइपास) या हटाना दिया जाता है, तो यह आयरन और अन्य पोषक तत्वों को अवशोषित करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।

गर्भावस्था: आयरन की पूरकता के बिना आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया बहुत सारी गर्भवती महिलाओं में दिखाई देता है, क्योंकि आयरन का भंडारण महिलाओं में रक्त के घनत्व को बढ़ाने के साथ-साथ विकासशील भ्रूण के हीमोग्लोबिन के लिए स्रोत की ज़रूरी होता है।

संदर्भ:

निदान

आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया का पता लगाने के लिए रक्त परीक्षण किया जाता है। यह परीक्षण निम्नलिखित स्तर दिखा सकता है:

  • हीमोग्लोबिन (प्रोटीन, जो कि ऑक्सीजन लेकर जाता है) उसका सामान्य से कम होना।
  • सामान्य से कम लाल रक्त कोशिकाएं (कोशिकाएं, जो कि हीमोग्लोबिन युक्त होती हैं) होना।
  • लाल रक्त कोशिकाएं सामान्य की तुलना में छोटी और पीली हो सकती है।
  • विटामिन बी 12 या फोलेट के स्तर की जांच, क्योंकि ये विटामिन बी 12 के साथ आपके शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं उत्पन्न करने में मदद करने के लिए काम करती है।
  • आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया के निदान के लिए चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।

संदर्भ:

प्रबंधन

आयरन अनुपूरक शरीर में आयरन की कमी को पूरा करता है। सबसे ज़्यादा प्रस्तावित अनुपूरक फेरस सल्फेट (आयरन संबंधी) औषधीय है, जिसे दिन में दो या तीन बार मुख से (मुंह से) लिया जाता है।

आयरन से भरपूर आहार में निम्नलिखित शामिल है:

  • गहरी-हरी सब्जियां जैसे कि जलकुंभी और कर्ली केल (छल्लेदार गोभी)।
  • आयरन युक्त साबुत अनाज।
  • साबुत अनाज जैसे कि ब्राउन चावल।
  • फलियां।
  • मेवा।
  • मांस।
  • खूबानी।
  • आलूबुख़ारा।
  • किशमिश।

उपचार के लिए आपको अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।

संदर्भ:

जटिलताएं

आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया में गंभीर या दीर्घकालिक जटिलताएं बेहद कम होती है:

थकावट: आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया में व्यक्ति थका और सुस्त (ऊर्जा में कमी) महसूस करता है, जो कि उसकी उत्पादकता और गतिविधियों में गिरावट उत्पन्न करता है। 

प्रतिरक्षा प्रणाली: अनुसंधान बताता है कि आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली (शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली) को प्रभावित कर सकता है, जो कि आपको रोग और संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील बना सकता है।

हृदय और फेफड़ों की जटिलताएं: गंभीर एनीमिया से पीड़ित वयस्कों में जटिलताएं विकसित होने का ज़ोखिम हो सकता है, जो कि उनके हृदय या फेफड़ों को प्रभावित करती हैं।

उदाहरण के लिए निम्नलिखित हो सकता है:

  • टाकीकार्डिया (हृदय की धड़कन में असामान्य बढ़ोत्तरी)।
  • दिल की विफलता, जब आपका दिल आपके शरीर के चारों ओर पर्याप्त रूप से रक्त पंप नहीं करता है।

गर्भावस्था: गंभीर एनीमिया से पीड़ित गर्भवती महिलाओं में विशेषकर जन्म के दौरान और जन्म बाद जटिलताएं विकसित होने का ज़ोखिम बढ़ जाता है। इससे प्रसवोत्तर अवसाद (एक प्रकार का अवसाद, जिसे कुछ महिलाएं बच्चे के जन्म के बाद का महसूस कर सकती है) भी विकसित हो सकता हैं।

संदर्भ:

शरीर में लौह तत्व की कमी से कौन सी बीमारी होती है?

आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया (या आयरन की कमी वाला एनीमिया) एनीमिया (लाल रक्त कोशिका या हीमोग्लोबिन का कम स्तर) का सबसे सामान्य प्रकार है। हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर: हीमोग्लोबिन के स्तर को ग्राम पर डेसीलीटर में मापा जाता है। थकान। आलस्य/सुस्ती (ऊर्जा की कमी)।

अगर भोजन में लौह तत्व की कमी हो तो क्या होता है?

लौह की यह आवश्यकता विशेष रूप से लड़कियों में बढ़ जाती है। हमें लौह से भरपूर भोजन को अपने आहार में अवश्य ही शामिल करना चाहिए।

लौह लवण की कमी से क्या होता है?

मेडिकल साइंस के मुताबिक, शरीर में लौह तत्व की मात्रा 20 ग्राम से अधिक नहीं होनी चाहिए। इससे अधिक मात्रा होने पर शरीर में हीमोक्रोमेटिक रोग के लक्षण पनपने लगते हैं। लौह तत्व का मुख्य कार्य खून के प्रमुख घटक लाल रक्त कणों का निर्माण करना है।

लौह तत्व का हमारे शरीर में क्या महत्व है?

लोहे का मुख्य कार्य खून के प्रमुख घटक लाल रक्त कणों का निर्माण करना करना है। इतना ही नहीं हीमोग्लोबिन के निर्माण का कार्य भी लोहा करता है, जो शरीर के अंग-प्रत्यंगों को सुडौल बनाकर, शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है।