lahsunia stone kise pahnna chahiye or kise nahi Highlights
Show लहसुनिया रत्न केतु का रत्न होता है। यह रत्न बेहद चमकीला होता है। इसकी अपनी विशेष बनावट के कारण इसे अंग्रेजी में 'कैट्स आई (Cats Eyes) कहा जाता है। ज्योतिषों के अनुसार, जब कुंडली में मौजूद केतु आपके लिए परेशानी का कारण बने तो लहसुनिया रत्न धारण करना शुभ माना जाता है। इसे धारण करने से आपको हर तरह की समस्याओं से छुटकारा मिलने के साथ-साथ मानसिक रूप से भी शांति मिलती है। जानिए किन लोगों को लहसुनिया रत्न पहनना चाहिए और किन्हें नहीं। पुखराज पहनने से धन-संपत्ति के साथ करियर में मिलता है मुकाम, लेकिन ये 3 राशियों वाले बिल्कुल दूर रहें किन लोगों को धारण करना चाहिए लहसुनिया रत्न
राहु का कोप शांत कर भाग्य चमकाता है गोमेद, लेकिन इन राशियों को रहना चाहिए दूर Image Source : INSTAGRAM/R.S_SILVER_HOUSE/lahsunia stone kise pahnna chahiye or kise nahi किन लोगों को धारण नहीं करना चाहिए लहसुनिया रत्न
कमजोर चंद्रमा को मजबूत कर मन शांत करता है मोती, लेकिन इन राशियों के लोग ना पहनेंडिस्क्लेमर- ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता, किसी रत्न को धारण करने से पहले संबंधित क्षेत्र से विशेषज्ञ से सलाह लें। Latest Lifestyle News India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्पेशल स्टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्शन लहसुनिया केतु का रत्न है, अर्थात इसका स्वामी केतु ग्रह है। संस्कृत में इसे वैदुर्य, विदुर रत्न, बाल सूर्य, उर्दू-फारसी में लहसुनिया और अंग्रेजी में कैट्स आई कहते हैं। जब भी बने बनाए काम में अड़चन पड़ जाए, आपको चोट लग जाए , मन में दुर्घटना का भय बना रहे और जीवन में उन्नति के सभी मार्ग बंद हों तो समझ लें कि केतु के कारण परेशानी चल रही है। रत्न ज्योतिष के अनुसार जन्मकुण्डली के अन्दर जब भी केतु आपकी परेशानी का कारण बने तो लहसुनिया रत्न धारण करना लाभप्रद होता है। केतु का रत्न लहसुनिया अचानक आने वाली समस्याओं से निजात दिलाता है एवं त्वरित फायदा भी कराता है। यह रत्न केतु के दुष्प्रभाव को शीघ्र ही समाप्त करने में सक्षम है। इस रत्न की वजह से व्यक्ति के जीवन को परेशाानियों से मुक्ति मिल जाती है। लहसुनिया की पहचान लहसुनिया का प्रयोग लोगों में नई धारणा इतिहास में लहसुनिया लहसुनिया रत्न कौन से उंगली में पहने?लहसुनिया धारण करने की विधि
रत्न शास्त्र के अनुसार सवा रत्ती लहसुनिया, चांदी की अंगूठी या लॉकेट में शनिवार के दिन धारण किया जा सकता है. लहसुनिया को हमेशा मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए.
लहसुनिया कब और कैसे धारण करें?लहसुनिया धारण विधि
सवा रत्ती का लहसुनिया चांदी की अंगूठी अथवा लाकेट में शनिवार को पहनना चाहिए। लहसुनिया मध्यमा अंगुली में धारण किया जाता है। दूसरे मत के अनुसार विशाखा नक्षत्र में मंगलवार के दिन 7, 8 या 12 रत्ती का लहसुनिया मध्यमा अंगुली में धारण किया जाता है। धारण करने से पहले इसे गंगाजल से धोकर शुद्ध कर लें।
लहसुनिया कौन पहन सकता है?किन लोगों को धारण करना चाहिए
अगर कुंडली में केतु पांचवे भाव के स्वामी के साथ हो या फिर भाग्येश के साथ हो तो लहसुनिया पहनना शुभ होता है. किसी की जन्मपत्री में केतु मंगल, ब्रहस्पति और शुक्र के साथ हो तो वो लोग भी लहसुनिया रत्न पहन सकते हैं.
लहसुनिया कितने दिनों में असर दिखाता है?रत्नों के परिणाम कितने दिन में दिखाई पड़ते हैं इसका विवरण इस प्रकार है। मोती 3 दिन माणिक्य 30 दिन मूंगा 21 दिन पन्ना 7 दिन पुखराज 15 दिन नीलम 2 दिन हीरा 22 दिन गोमेद 30 दिन लहसुनिया 30 दिन ज्योतिष में रत्न को किन उंगलियों में धारण करना चाहिए इस पर भी विवरण मिलता है।
|