लोकसभा और राज्यसभा के वर्तमान अध्यक्ष और उपाध्यक्ष कौन है? - lokasabha aur raajyasabha ke vartamaan adhyaksh aur upaadhyaksh kaun hai?

विषयसूची

  • 1 लोकसभा और राज्यसभा के वर्तमान अध्यक्ष व उपाध्यक्ष कौन है?
  • 2 वर्तमान में राज्यसभा का उपसभापति कौन है?
  • 3 वर्तमान लोकसभा कौन सी है?
  • 4 भारत में कुल सांसद कितने हैं?

लोकसभा और राज्यसभा के वर्तमान अध्यक्ष व उपाध्यक्ष कौन है?

उत्तर. लोकसभा में अध्‍यक्ष और उपाध्‍यक्ष पीठासीन अधिकारी हैं।…

प्रश्‍न 7.लोकसभा (हाउस ऑफ पीपल) का सर्वप्रथम गठन कब हुआ था?
प्रश्‍न 11. लोकसभा का प्रथम अध्‍यक्ष कौन था?
उत्तर. श्री जी. वी. मावलंकर लोकसभा के प्रथम अध्‍यक्ष थे (15 मई 1952 – 27 फरवरी 1956)
प्रश्‍न 12. लोकसभा का प्रथम उपाध्‍यक्ष कौन था?

वर्तमान में राज्यसभा का उपसभापति कौन है?

राज्य सभा

राज्यसभा राज्यों की परिषद
कार्यकाल ६ वर्ष
नेतृत्व
सभापति (उपराष्ट्रपति) वैंकेया नायडू, भाजपा ११ अगस्त २०१७
उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह, जद(यू) ९ अगस्त २०१८

प्रथम लोकसभा उपाध्यक्ष कौन थे?

इसे सुनेंरोकेंमदभुशी अनंतशयनम आयंगर (4 फरवरी 1891 – 19 मार्च 1978) भारतीय संसद में लोकसभा के पहले उपाध्यक्ष और तत्कालीन अध्यक्ष थे। वे बिहार के राज्यपाल भी थे।

वर्तमान लोकसभा कौन सी है?

लोक सभा

लोकसभा लोगों का सदन
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
अध्यक्ष ओम बिड़ला, भाजपा १९ जून २०१९
सदन के नेता नरेन्द्र मोदी, भाजपा २६ मई २०१४
विपक्ष के नेता रिक्त (क्योंकि किसी भी विपक्षी पार्टी के पास १०% से अधिक सीटें नहीं हैंं) २४ मई २०१९

भारत में कुल सांसद कितने हैं?

इसे सुनेंरोकेंसंविधान में व्‍यवस्‍था है कि सदन की अधिकतम सदस्‍य संख्‍या 552 होगी – 530 सदस्‍य राज्‍यों का प्रतिनिधित्‍व करेंगे, 20 सदस्‍य संघशासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्‍व करेंगे तथा 2 सदस्‍यों को राष्‍ट्रपति द्वारा एंग्‍लो-इण्डियन समुदाय से नामित किया जाएगा। वर्तमान में सदन की सदस्‍य संख्‍या 545 है।

वर्तमान में कितने राज्य में विधान परिषद है?

इसे सुनेंरोकेंआन्ध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के रूप में, (भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश)(इकतीस में से) छः राज्यों में विधान परिषद है। इसके अतिरिक्त असम, ओडिशा को भारत की संसद ने अपने स्वयं के विधान परिषद बनाने की स्वीकृति दे दी है।

लोकसभा भारत की संसद का निम्न सदन है। अध्यक्ष के बाद उपाध्यक्ष लोकसभा का कार्य निर्वाहन करता है। लोकसभा के उपाध्यक्ष को विपक्ष से चुने जाने की परंपरा है। लोकसभा के सदस्य अपने में से किसी एक का उपाध्यक्ष के रूप में चुनाव करते हैं। यदि संबंधित सदस्य का लोकसभा की सदस्यता खत्म हो जाती है तो उसका अध्यक्ष या उपाध्यक्ष पद भी खत्म हो जाता है। उपाध्यक्ष अपना त्याग पत्र अध्यक्ष को संबोधित करता है। लोकसभा के उपस्थित सदस्यों के बहुमत से संमत किये हुए प्रस्ताव के अनुसार अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को पदच्युत (पद से निकाला जाना) किया जा सकता है।

वर्तमान में लोकसभा के उपाध्यक्ष का पद रिक्त है, क्योंकि निवर्तमान उपाध्यक्ष एम.थंबीदुरई का कार्यकाल 16वीं लोकसभा के भंग होने से (25.05.2019 को) पूर्ण हो गया

लोक सभा उपाध्यक्ष का  पद भारत के प्रमुख संवैधानिक पदों में से एक है | संसद के निचले सदन ,अर्थात लोक सभा में अध्यक्ष के अनुपस्थित रहने पर सदन के कार्यवाही की जिम्मेदारी लोक सभा के उपाध्यक्ष पर ही होती है | इस पद के इतिहास  को 1919 के भारत सरकार अधिनियम (जिसे मोंटागु-चेम्सफोर्ड सुधार अधिनियम के नाम से भी जाना जाता है) में देखे जा सकते हैं जिसके आधार पर 1921 में इस पद का सृजन हुआ | 1921 से पहले भारत का गवर्नर जनरल केंद्रीय विधानपरिषद की बैठक का पीठासीन अधिकारी होता था । 1921 में  सच्चिदानंद सिन्हा को केंद्रीय विधानपरिषद का प्रथम  उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया । उस समय अध्यक्ष व उपाध्यक्ष क्रमश: “प्रेसीडेंट” व “डिप्टी प्रेसीडेंट” कहलाते थे | भारत सरकार अधिनियम 1935 के तहत प्रेसीडेंट व डिप्टी प्रेसीडेंट को क्रमशः अध्यक्ष व उपाध्यक्ष कहा गया। आज़ादी के बाद एम.ए.आयंगर लोक सभा के प्रथम उपाध्यक्ष बने |

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लोक सभा के  उपाध्यक्ष का चुनाव एवं पदत्याग 

लोक सभा के  उपाध्यक्ष का चुनाव  लोक सभा के सदस्यों द्वारा ही किया  जाता है । सदन में  अध्यक्ष के चुने जाने के बाद अध्यक्ष  उपाध्यक्ष के चुनाव की एक तारीख  निर्धारित करता है। इस तारीख पर सदन के सदस्य आपस में से ही किसी एक सदस्य को उपाध्यक्ष चुनते हैं | जब उपाध्यक्ष का स्थान रिक्त होता है तो लोकसभा दूसरे सदस्य को इस स्थान के लिए चुनती है। चुनाव के बाद अध्यक्ष की ही तरह, उपाध्यक्ष भी सदन के कार्यकाल तक (अर्थात साधारणतः 5 साल तक ) अपना  पद धारण करता है।  वह निम्नलिखित 3  परीस्थितियों में लोक सभा का  उपाध्यक्ष नहीं रहता है:

  1. जब उसके सदन की सदस्यता चली जाए ,
  2. जब वह  अध्यक्ष को संबोधित कर  अपना  त्यागपत्र सौंप दे , अथवा 
  3. यदि उसे लोकसभा के  सदस्यों द्वारा  बहुमत से पारित प्रस्ताव द्वारा हटा दिया जाए (किंतु ऐसा प्रस्ताव उपाध्यक्ष को 14 दिन की अग्रिम सूचना देने के बाद ही पेश किया जा सकता है ) 

कार्य एवं शक्तियां 

  • लोक सभा के अध्यक्ष का पद रिक्त होने पर उपाध्यक्ष के उपर ही उसके  कार्यों की जिम्मेदारी होती  है। सदन की बैठक में अध्यक्ष की अनुपस्थिति की स्थिति  में उपाध्यक्ष, अध्यक्ष के तौर पर काम करता है। दोनों ही स्थितियों में वह अध्यक्ष की शक्ति का निर्वहन करता है। संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में भी अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष पीठासीन अधिकारी के तौर पर कार्य करता  है।
  • यहाँ यह ध्यातव्य  है कि उपाध्यक्ष, अध्यक्ष का  अधीन नहीं होता । वह प्रत्यक्ष रूप से केवल  संसद के प्रति उत्तरदायी होता है।
  • जब  भी उपाध्यक्ष को किसी संसदीय समिति का सदस्य बनाया जाता है तो वह  उस समिति का पदेन  सभापति होता  है। यह भारतीय संविधान द्वारा लोक सभा उपाध्यक्ष  को  दिया गया  एक विशेषाधिकार है।
  • अध्यक्ष की ही तरह, उपाध्यक्ष भी जब पीठासीन होता है, तब वह सदन में  मतदान  नहीं कर  सकता। केवल 2 पक्षों के बीच  मत (वोट) बराबर होने की स्थिति  में ही उसे मतदान के प्रयोग का अधिकार  है।
  • जब उपाध्यक्ष को हटाने का प्रस्ताव सदन के विचाराधीन हो तब  वह पीठासीन नहीं हो सकता ( हालांकि उसे सदन की बैठक  में उपस्थित रहने का अधिकार है ) |
  • जब अध्यक्ष सदन में पीठासीन होता है तो उपाध्यक्ष सदन के अन्य दूसरे सदस्यों की तरह होता है । उसे सदन में बोलने, कार्यवाही में भाग लेने और किसी प्रश्न पर मत देने का अधिकार है।
  • उपाध्यक्ष संसद द्वारा निर्धारित किए गए वेतन व भत्ते का हकदार है जो भारत की संचित निधि (Consolidated fund)  द्वारा देय होता है ।
  • परम्परानुसार यह प्रथा थी की लोक सभा के  अध्यक्ष व उपाध्यक्ष  सत्ताधारी दल के ही होंगे | किंतु वर्तमान में  अध्यक्ष 
  • सत्ताधारी दल से जबकि   उपाध्यक्ष आमतौर पर मुख्य विपक्षी दल से चुना जाता है |
  • लोक सभा का  उपाध्यक्ष  पद धारण करते समय कोई  शपथ या प्रतिज्ञा नहीं लेता है ।

प्रथम लोक सभा से अब तक के उपाध्यक्षों की सूचि  

उपाध्यक्ष  कार्यकाल  राजनैतिक दल 
1.एम.ए.अयंगर  1952-56 भा.रा.कोंग्रेस 
2.हुकुम सिंह  1956-62 भा.रा.कोंग्रेस
3.एस.वी.के.राव  1962-67 भा.रा.कोंग्रेस
4.रघुनाथ केसव खाडिलकर  1967-69 भा.रा.कोंग्रेस
5.जी.जी.स्वेल्ल  1971-77 गठबंधन 
6.जी.मुर्हरी  1977-79 भा.रा.कोंग्रेस
7.जी.लाक्स्मंनन  1980-84 डी.एम.के.
8.एम.थम्बिदुरै  1985-89 ए,आई.डी.एम.के.
9.शिवराज पाटिल  1990-91 भा.रा.कोंग्रेस
10.एस.मल्लिकार्जुनइयाह 1991-96 भा.ज.पा 
11.सूरज भान  1996-97 भा.ज.पा
12.पी.एम.सईद  1999-2004 भा.रा.कोंग्रेस
13.चरण जीत सिंह अटवाल  2004-2009 सिरोमणि अकाली दल 
14.करिया मुंडा  2009-2014 भा.ज.पा 
15.एम.थम्बिदुरै 2014-2019 ए,आई.डी.एम.के
नोट: वर्तमान में यह पद रिक्त है |

अन्य सम्बंधित लिंक :

वर्तमान लोकसभा के अध्यक्ष कौन है?

लोकसभा अध्यक्ष.

उपाध्यक्ष कौन होता है?

अध्यक्ष के बाद उपाध्यक्ष लोकसभा का कार्य निर्वाहन करता है। लोकसभा के उपाध्यक्ष को विपक्ष से चुने जाने की परंपरा है। लोकसभा के सदस्य अपने में से किसी एक का उपाध्यक्ष के रूप में चुनाव करते हैं। यदि संबंधित सदस्य का लोकसभा की सदस्यता खत्म हो जाती है तो उसका अध्यक्ष या उपाध्यक्ष पद भी खत्म हो जाता है।

सभा के प्रथम उपाध्यक्ष कौन थे?

मदभुशी अनंतशयनम आयंगर (4 फरवरी 1891 - 19 मार्च 1978) भारतीय संसद में लोकसभा के पहले उपाध्यक्ष और तत्कालीन अध्यक्ष थे

भारत में लोकसभा की सीट कितनी है?

वर्तमान में, सदन में 543 सीटें हैं जो अधिकतम 543 निर्वाचित सदस्यों के चुनाव से बनती हैं।