लक्ष्मी जी की मूर्ति कैसे लेनी चाहिए? - lakshmee jee kee moorti kaise lenee chaahie?

सार

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दिवाली के पावन पर्व पर शाम को शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है लेकिन लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्तियां धनतेरस को ही खरीद ली जाती है और ऐसी मान्यता है कि जो लोग धनतेरस पर खरीदी गई गणेश-लक्ष्मी जी की मूर्तियों का दीपावली की रात जागकर पूजन करते हैं, उनके घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है। ऐसे में दिवाली पूजन के लिए लक्ष्मी जी और गणेश जी की मूर्ति खरीदते समय बेहद सावधानी बरतनी चाहिए।

लक्ष्मी जी की मूर्ति कैसे लेनी चाहिए? - lakshmee jee kee moorti kaise lenee chaahie?

दीपावली 2021 - फोटो : Social media

विस्तार

आज कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की अमावस्या यानि 4 नवंबर, दिन गुरुवार को दिवाली का त्योहार मनाया जा रहा है। आज दिवाली के पावन पर्व पर शाम को शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है लेकिन लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्तियां धनतेरस को ही खरीद ली जाती है और ऐसी मान्यता है कि जो लोग धनतेरस पर खरीदी गई गणेश-लक्ष्मी जी की मूर्तियों का दीपावली की रात जागकर पूजन करते हैं, उनके घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। दिवाली में लक्ष्मी-गणेश पूजन का भी विशेष महत्व है। ऐसे में दिवाली पूजन के लिए लक्ष्मी जी और गणेश जी की मूर्ति खरीदते समय बेहद सावधानी बरतनी चाहिए। आइए जानते हैं दिवाली के दौरान लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखें- 

श्रीगणेश जी की मूर्ति खरीदते समय रखें इन बातों का ध्यान-

  • श्री लक्ष्मी गणेश कभी भी एक साथ जुड़े हुए नहीं खरीदने चाहिए। पूजाघर में रखने के लिए लक्ष्मी और गणेश की ऐसी मूर्ति लेने चाहिए, जिनमें दोनों विग्रह अलग-अलग हों।
  • श्री गणेश की मूर्ति में उनकी सूंड बाएं हाथ की तरफ मुड़ी होनी चाहिए। दाईं तरफ मुड़ी हुई सूंड शुभ नहीं होती है। सूंड में दो घुमाव भी ना हों। 
  • मूर्ति खरीदते समय हमेशा श्री गणेश जी के हाथ में मोदक वाली मूर्ति खरीदें। ऐसी मूर्ति सुख-समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है।
  • श्री गणेश जी की मूर्ति में उनके वाहन मूषक की उपस्थिति अनिवार्य है।
  • सोने, चांदी, पीतल या अष्टधातु की मूर्ति खरीदने के साथ क्रिस्टल के लक्ष्मी-गणेश की पूजा करना शुभ होता है। 

माता लक्ष्मी की मूर्ति खरीदते समय रखें इन बातों का ध्यान-

  • मां लक्ष्मी की ऐसी मूर्ति न खरीदें जिसमें मां लक्ष्मी उल्लू पर विराजमान हों। ऐसी मूर्ति को काली लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है।
  • लक्ष्मी माता की ऐसी मूर्ति ऐसी लेनी चाहिए जिसमें वो कमल पर विराजमान हों। उनका हाथ वरमुद्रा में हो और धन की वर्षा करता हो।
  • कभी भी लक्ष्मी मां की ऐसी मूर्ति ना लेकर आएं जिसमें वो खड़ी हों। ऐसी मूर्ति लक्ष्मी मां के जाने का प्रतीक मानी जाती हैं।

क्यों करें मिट्टी के गणेश-लक्ष्मी की पूजा

भगवान गणेश लाल एवं श्वेत वर्ण के रूप में है और दूसरी तरफ मिट्टी का निर्माण ब्रह्मा जी के द्वारा किया गया है। मिट्टी से बनी मूर्ति के पूजन का विधान हमारे धर्म शास्त्रों में भी मिलता है। यदि मिट्टी गंगा जी, तालाब, कुएं या गौशाला से लाकर भगवान गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां बनाई जाए और फिर उनकी पूजा अर्चना की जाए तो अत्यंत लाभकारी होता है। हालांकि प्लास्टर आफ पेरिस से बनी मूर्तियों का जिक्र हमारे शास्त्रों में नही मिलता है। सोने की मूर्ति का पूजन किया जा सकता है।

पूजा घर में इस स्थान पर रखें मां लक्ष्मी की मूर्ति, घर आएगी सुख-समृद्धि

ऐसा कहा जाता है कि मां लक्ष्मी बहुत ही चंचल हैं। वह किसी एक जगह पर अधिक समय तक नहीं ठहरती हैं। अत शुक्रवार के साथ अन्य दिनों में भी मां की पूजा-उपासना करनी चाहिए। धार्मिक गंथों में मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने की विधि बताई गई है।

शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा-उपासना करने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की भक्तिभाव से पूजा करने पर साधक जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। ऐसा कहा जाता है कि मां लक्ष्मी बहुत ही चंचल हैं। वह किसी एक जगह पर अधिक समय तक नहीं ठहरती हैं। अत: शुक्रवार के साथ अन्य दिनों में भी मां की पूजा-उपासना करनी चाहिए। धार्मिक गंथों में मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने की विधि बताई गई है। इसकी शुरुआत पूजा घर से होती है। इसके लिए पूजा घर में इन चीज़ों का विशेष ख्याल रखना चाहिए। अगर आपको नहीं पता हैं तो आइए जानते हैं-

मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा

ऐसा कहा जाता है कि जहां बुद्धि होती है वहीं धन भी रहता है। जब भगवान शिव ने अपने दोनों पुत्रों की बुद्धि परीक्षा ली तो इस परीक्षा में भगवान गणेश ने विजय श्री प्राप्त की है। अतः भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की एक साथ पूजा करनी चाहिए।

किस दिशा में रखें प्रतिमा 

चिरकाल में भगवान शिव ने गणेश जी का वध कर दिया तो उन्होंने अपने दूतों को उत्तर दिशा में भेजा और कहा -जो भी इस दिशा में पहले दिख जाए। उसका मस्तिष्क ले आएं। उस समय भगवान शिव के दूतों ने ऐरावत का मुख लाया था। इसलिए भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की प्रतिमा उत्तर दिशा में अवस्थित करें। घर में पूजा स्थल उत्तर अथवा उत्तर पूरब दिशा में रहना चाहिए।

मां लक्ष्मी का स्थान

कई बार लोग जाने-अनजाने में मां लक्ष्मी की प्रतिमा को भगवान गणेश के बाईं ओर रख देते हैं। इससे घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ जाती है क्योंकि पुरुष के बाईं ओर पत्नी बैठती हैं। जबकि मां लक्ष्मी आदिशक्ति है जो कि भगवान गणेश की मां हैं। अतः हमेशा मां लक्ष्मी की प्रतिमा भगवान गणेश के दाहिनी ओर रखें। इस तरह के उपाय करने से घर पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की कृपा हमेशा बनी रहती है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

Edited By: Umanath Singh

लक्ष्मी की मूर्ति कैसे रखें?

मंदिर में हमेशा मां लक्ष्मी की मूर्ति को गणेश जी के दाईं ओर ही रखा जाना चाहिए। मां लक्ष्मी की प्रतिमा को गलती से भी भगवान गणेश की मूर्ति के बाईं ओर न रखें। इससे घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है, क्योंकि पुरुष के बाईं ओर पत्नी बैठती है। जबकि मान्यताओं के अनुसार, मां लक्ष्मी विघ्नहर्ता भगवान गणेश की मां हैं।

लक्ष्मी जी का मुख किधर होना चाहिए?

लक्ष्मी पूजन में इस तरह मुख रखें लक्ष्मी गणेश की पूजा करते समय लक्ष्मीजी को हमेशा गणेशजी के दाएं हाथ की तरफ होना चाहिए। पूजा के लिए उत्तर और उत्तर-पूर्व की दिशाओं को शुभ माना गया है अतः कोशिश करें, जब आप पूजा करें तो उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा की तरफ आपका मुख रहे।

लक्ष्मी गणेश की मूर्ति कैसे लेनी चाहिए?

श्री लक्ष्मी गणेश कभी भी एक साथ जुड़े हुए नहीं खरीदने चाहिए। पूजाघर में रखने के लिए लक्ष्मी और गणेश की ऐसी मूर्ति लेने चाहिए, जिनमें दोनों विग्रह अलग-अलग हों। श्री गणेश की मूर्ति में उनकी सूंड बाएं हाथ की तरफ मुड़ी होनी चाहिए। दाईं तरफ मुड़ी हुई सूंड शुभ नहीं होती है।

कौन सी लक्ष्मी की मूर्ति घर के लिए अच्छी है?

घर के लिए हमेशा ऐसी मूर्ति लें जिसमें सूंड़ दाएं तरफ मुड़ी हुई हो। बाईं तरफ मूड़ी हुई सूंड व्यापारियों के लिए अच्छी मानी जाती है।