लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए ग्लू क्या करता है? - lekhika ka dhyaan aakarshit karane ke lie gloo kya karata hai?

जब लेखिका लिखने बैठती थी तो गिल्लू उनका ध्यान आकर्षित करने का प्रयास करता था| इस क्रम में वह लेखिका के पैरों के पास आकर तेजी से परदे पर चढ़ जाता था और फिर उसी तेजी से उतरता था | गिल्लू की क्रिया तब तक चलती रहती जब तक कि लेखिका उसे पकड़ने के लिए न दौड़ती | तब लेखिका उसे पकड़कर एक ऐसे लंबे लिफाफे में बंद कर देती थी जिसके आगे वाले भाग से गिल्लू के पंजे और सिर निकल आते थे| ऐसी स्थिति में वह बाहर के क्रियाकलाप देखता रहता था| इस प्रकार गिल्लू लेखिका का ध्यान आकर्षित करने में सफल हो जाता था| वह काँच के मनको जैसी आँखों से इधर-उधर देखता रहता था| जो लेखिका को बड़ा ही मनमोहक लगता था| वह लेखिका को अपनी और आकर्षित करने के लिए नए नए तरीके खोजता था|

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Question 1:

सोन जूही में लगी पीली कली को देख लेखिका के मन में कौन से विचार उमड़ने लगे?

Answer:

सोन जूही में लगी पीली कली को देखकर लेखिका के मन में उस छोटे से जीव को याद आ गई, जिसे वे गिल्लू कहते थे। गिल्लू इसी बेल (लता) की हरियाली में छुपकर बैठ जाता था।

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Question 2:

पाठ के आधार पर कौए को एक साथ समादरित और अनादरित प्राणी क्यों कहा गया है?

Answer:

कौआ बड़ा विचित्र प्राणी है - कभी समादरित तो कभी अनादरित किया जाता है। पितृपक्ष में लोग इसे आदर से बुलाकर भोजन देते हैं। कभी-कभी छत पर बैठकर ये आने वाले का संदेश भी देते हैं। कहते हैं कौआ बोले तो कोई दूर से प्रियजन आता है। परन्तु कौए की बोली बहुत कड़वी और कानों को चुभने वाली होती है इसलिए सब इसे भगा कर अनादरित भी करते हैं।

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Question 3:

गिलहरी के घायल बच्चे का उपचार किस प्रकार किया गया?

Answer:

लेखिका गिलहरी के घायल बच्चे को उठाकर अपने कमरे में ले आई उसका घाव रुई से पोंछा उस पर पेंसिलिन दवा लगाई फिर उसके मुँह में दूध डालने की कोशिश की परन्तु उसका मुँह खुल नहीं सका। कई घंटे के उपचार के बाद उसने एक बूँद पानी पिया। तीन दिन के बाद उसने आँखे खोली और धीरे-धीरे स्वस्थ हुआ।

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Question 4:

लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू क्या करता था?

Answer:

लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू उनके पैरों के पास आकर खेलता फिर सर्र से पर्दे पर चढ़ जाता फिर उतनी ही तेज़ी से उतरता। इस तरह भाग दौड़ करता रहता जब तक लेखिका उसे पकड़ने के लिए उठ न जाती।

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Question 5:

गिल्लू को मुक्त करने की आवश्यकता क्यों समझी गई और उसके लिए लेखिका ने क्या उपाय किया?

Answer:

गिल्लू के जीवन का पहला बसंत आया। अर्थात् गिल्लू एक वर्ष का हो गया था। कमरे में बाहर के फूलों की सुगंध फैल रही थी बाहर की गिलहरियाँ आकर जाली के पास बैठ कर चिक् चिक् करती। उन्हें देखकर गिल्लू उनके पास आकर बैठ जाता उसको इस तरह बाहर निहारते हुए देखकर लेखिका ने इसे मुक्त करना आवश्यक समझा। लेखिका ने खिड़की की जाली का एक कोना खोल दिया जिससे गिल्लू बाहर आ जा सके।

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Question 6:

गिल्लू किन अर्थों में परिचारिका की भूमिका निभा रहा था?

Answer:

एक बार लेखिका बीमार हो गई तो गिल्लू उनके सिराहने बैठ जाता और नन्हें पंजों से उनके बालों को सहलाता रहता। इस प्रकार वह सच्चे अर्थों में परिचारिका की भूमिका निभा रहा था।

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Question 7:

गिल्लू की किन चेष्टाओं से यह आभास मिलने लगा था कि अब उसका अंत समय समीप है?

Answer:

गिलहरियों का जीवन केवल दो वर्ष का होता है। अत: गिल्लू के जीवन का भी अंत समय आ गया था। उसने दिन भर कुछ भी नहीं खाया न बाहर गया अंत समय की मुश्किल के बाद भी वह झूले से उतरकर लेखिका के बिस्तर पर आ गया और अपने ठंडे पंजों से उँगली पकड़कर हाथ से चिपक गया, जिसे पहले उसने घायल अवस्था में पकड़ा था। इन्हीं चेष्टाओं से आभास मिलने लगा कि अब उसका अंत समय समीप है।

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Question 8:

'प्रभात की प्रथम किरण के स्पर्श के साथ ही वह किसी और जीवन में जागने के लिए सो गया' −का आश्य स्पष्ट कीजिए।

Answer:

इस कथन का आशय यह है कि सुबह होते होते गिल्लू की मृत्यु हो गई और वह हमेशा के लिए सो गया ताकि वह किसी नए जीवन को पा सके, कही और जन्म लेकर नया जीवन पा सके।

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Question 9:

सोनजुही की लता के नीचे बनी गिल्लू की समाधि से लेखिका के मन में किस विश्वास का जन्म होता है?

Answer:

सोनजुही की लता के नीचे गिल्लू की समाधि बनाई गई क्योंकि यह लता गिल्लू को बहुत पसंद थी और साथ ही लेखिका को विश्वास था कि इस छोटे से जीव को इस बेल पर लगे फूल के रुप में देखेगी। जुही में जब पीले फूल लगेंगे तो लेखिका के समक्ष गिल्लू की स्मृति साकार हो जाएगी। इससे उन्हे संतोष मिलेगा।

जब लेखिका लिखने बैठती तो गिल्लू लेखिका का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास करता। इसके लिए वह लेखिका के पैर तक आकर तेजी से पर्दे पर चढ़ जाता और फिर उसी तेजी से उतरता। गिल्लूह क्रिया तब तक करता रहता जब तक लेखिका उसे पकड़ने के लिए न दौड़ती। इस प्रकार गिल्लू लेखिका का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल हो जाता। लेखिका के गिल्लू समझदारी और इस प्रकार के कार्य कलापों पर हैरानी होती थी।

लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्ल क्या करता था?

लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू उनके पैरों के पास आकर खेलता फिर सर्र से पर्दे पर चढ़ जाता फिर उतनी ही तेज़ी से उतरता। इस तरह भाग दौड़ करता रहता जब तक लेखिका उसे पकड़ने के लिए उठ न जाती।

लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू कहाँ छिपता था?

प्रश्न 4 – लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू क्या करता था? उत्तर – लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू उनके पैरों के पास आता और फिर सर्र से परदे पर चढ़ जाता था। उसके बाद वह परदे से उतरकर लेखिका के पास आ जाता था। यह सिलसिला तब तक चलता रहता था जब तक लेखिका गिल्लू को पकड़ने के लिए दौड़ न लगा देती थी।

गिल्लू को मुक्त करने की आवश्यकता क्यों पड़ी लेखिका ने इसके लिए क्या उपाय किय?

गिल्लू को मुक्त करने की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि वह उसका पहला बसंत था। बाहर की गिलहरियाँ खिड़की की जाली के पास आकर चिक-चिक करके कुछ-कुछ कहने लगी। गिल्लू जाली के पास बैठकर उन्हें निहारता था।

अस्वस्थ लेखिका का ध्यान गिल्लू ने किस तरह रखा था इस कार्य से गिल्लू की कौन सी विशेषता का पता चलता है?

लेखिका महादेवी वर्मा को उसकी उपस्थिति एक परिचारिका की उपस्थिति सी महसूस होती थी। इसी कारण लेकर लेखिका ने गिल्लू के लिए परिचारिका शब्द का भी प्रयोग किया है। अस्वस्थ लेखिका का ध्यान रखने से गिल्लू की परिचारिका भावना का पता चलता है।