नेहरुजी ने कुदाल छोड़कर कलम क्यों उठाई? Show उन्होंने जेल में खुदाई के दौरान जमीन में से प्राचीन दीवारों के अवशेष एवं कुछ गुंबदों और इमारतों के ऊपरी हिस्से के टुकड़े प्राप्त किए। इससे उन्हें अहमदनगर के किले के बारे में कई जानकारियां मिल सकती थीं लेकिन अधिकारियों ने इसकी इजाजत नहीं दी तो उन्होंने कुदाल छोड्कर कलम हाथ में पकड़ी अर्थात् बंदी होने के बावजूद, अपनी लेखनी से लेख लिखकर भारत की जनता के दिलों में राष्ट्रप्रेम की भावना जागृत करवाने का प्रयत्न करते रहे। 12130 Views नेहरु जी कितनी बार जेलयात्रा कर चुके थे? नेहरू जी की नौवीं जेलयात्रा थी। 8706 Views ‘अहमदनगर का किला’ पाठ कब, कहाँ और किसके द्धारा लिखा गया? ’अहमदनगर का किला’ पाठ अहमदनगर किले में बंदी रूप में रह रहे पंडित जवाहरलाल नेहरू द्धारा 13 अप्रैल, 1944 को लिखा गया। 30023 Views नेहरू जी ने चाँद को अपना सहचर क्यों कहा? उन्हें वह क्या सीख देता प्रतीत होता है? जेल में रहते हुए उन्हें चाँद ही अपना साथी इसलिए लगा क्योंकि वह प्रतिदिन निश्चित समय पर आकर उन्हें एक-एक दिन का अहसास करवाता था। साथ ही यह सीख भी देता था कि अंधकार के बाद प्रकाश अर्थात् दुख के बाद सुख के दिन भी अवश्य आते हैं। 8350 Views अहमदनगर किले के साथ कौन-सी घटना जुड़ी है? अहमदनगर किले के साथ साहसी चाँद बीवी की घटना जुड़ी है जिसने अकबर की शाही सेना के विरुद्ध हाथ में तलवार उठाकर अपनी सेना का नेतृत्व किया, लेकिन बाद में उसके अपने ही एक आदमी ने उसकी हत्या कर दी। 12093 Views अहमदनगर किले में रहकर नेहरू जी ने क्या कार्य करना प्रारंभ किया? अहमदनगर किले में नेहरू जी ने बागवानी का कार्य शुरू किया। क्योंकि वे खाली बैठकर समय व्यर्थ नहीं करना चाहते थे। उन्होंने पथरीली व कंकरीली जमीन को भी उपजाऊ बना डाला। 10523 Views
कुदाल छोड़कर नेहरू जी ने क्या करना आरंभ किया?कुदाल छोड़कर नेहरू जी ने क्या करना आरंभ किया? Nehru Ji Ne Kudal chodkar Kalam kyu Utha Li नेहरुजी ने कुदाल छोड़कर कलम क्यों उठाई? अहमदनगर किले में रहकर नेहरू जी ने क्या कार्य करना प्रारंभ किया? 1 Answers नेहरू जी अपना समय कभी भी व्यर्थ नहीं गँवाते थे। जब उन्हें जेल के अधिकारियों ने खुदाई के कार्य की अनुमति नहीं दी, तो उन्होंने कुदाल छोड़कर कलम उठा ली और लिखने का कार्य आरंभ कर दिया। उन्होंने जो कुछ अनुभव किया था, उसे. वे शब्दों में उतार देना चाहते थे। . लेखक ने क्या लिखने के लिए अपनी कलम उठाई थी? नेहरू जी ने जेल में कैदी के रूप में कलम क्यों उठाई? कुदाल छोड़कर लेखक ने क्या किया? नेहरू जी ने कुदाल छोड़कर कलम क्यों उठा ली भारत की खोज नामक पुस्तक के आधार पर उत्तर दें? 1 Answers लेखक भारतवर्ष के अतीत के विषय में लिखना चाहता है, जिससे हमारा वर्तमान सही हो सके। लेखक का दृढ़ विश्वास है कि हमारी विरासत में कोई खास बात है जो अद्भुत या अनोखी न होकर भी हमारे जीवन में समाई हुई है, जिससे हमारा वर्तमान बना है
और भविष्य उज्ज्वल बनने की संभावना है। These NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant & Bharat Ki Khoj Class 8 Chapter 1 अहमदनगर का किला Questions and Answers Summary are prepared by our highly skilled subject experts. Bharat
Ki Khoj Class 8 Chapter 1 Question and Answers पाठाधारित प्रश्न बहुविकल्पी प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न प्रश्न
1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. पाठ विवरण इस पाठ में नेहरू जी की नवीं जेल यात्रा का वर्णन है। इस पाठ के माध्यम से नेहरू जी का कहना है कि मनुष्य के मानस पटल पर अपनी संस्कृति और सभ्यता की जो पुरानी छाप है रहती है, वह अच्छी और बुरी दोनों रूपों में प्रभावित करती है। अहमदनगर के किले में नेहरू जी को 1942-45 तक रखा गया था, यह पाठ उसका का संस्मरण है। Bharat Ki Khoj Class 8 Chapter 1 Summary अतीत का भार नेहरू जी को बागवानी का शौक था। उन्हें अंग्रेज़ी सरकार द्वारा जिन जेलों में रखा गया वहाँ उन्होंने अपने शौक को पूरा किया। दूसरी जेलों की तरह उन्होंने अहमद नगर के किले में भी बागवानी शुरू कर दी थी। वे प्रतिदिन धूप में भी फूलों के लिए क्यारियाँ बनाते थे। वहाँ की ज़मीन की मिट्टी काफ़ी खराब थी। यह मिट्टी पुराने मलबे से भरी हुई थी। इस मिट्टी ने अनेक युद्ध और गुप्त संधियाँ देखी हैं। इसलिए इसे ऐतिहासिक जगह भी कहा जाता है। यहाँ की एक महत्त्वपूर्ण घटना चाँद बीबी की याद नेहरू जी को आती है। उसी चाँद बीबी ने इस किले की रक्षा के लिए अकबर की मुगल सेना के विरुद्ध युद्ध लड़ा था। उसी चाँद बीबी की हत्या उसी के विश्वासी आदमी ने की थी। जेल में बागवानी के लिए खुदाई करते समय नेहरू जी को सतह के काफ़ी नीचे पुरानी दीवारों के हिस्से, गुंबद और इमारतों के ऊपरी हिस्से मिले। लेकिन जेल अधिकारी सीमित स्थानों से आगे बढ़ने की इजाजत नहीं देते थे। इसलिए उन्होंने कुदाल छोड़कर कलम हाथ में उठाई और उन्होंने यह प्रण लिया जब तक देश आज़ाद नहीं हो जाता है, वे देश की आजादी के लिए लिखते रहेंगे। वे भविष्य के बारे में इसलिए नहीं लिख सकते, क्योंकि वह किसी पैगम्बर की भूमिका में नहीं हैं। अब बचा अतीत के बारे में इतिहास व विद्वान की तरह लिखने में सक्षम नहीं थे। वे केवल वर्तमान विचारों और क्रियाकलापों के साथ संबंध स्थापित करके ही उसके बारे में कुछ लिख सकते हैं। गेटे के अनुसार, इस तरह का इतिहास लेखन अतीत के भारी बोझ से एक सीमा तक राहत दिलाता है। अतीत का दबाव नेहरू जी बराबर सोचा करते थे कि आखिर इनकी विरासत क्या है ? वे किन बातों के उत्तराधिकारी हैं? फिर स्वयं ही उनका मानना है कि मानवता के जिन मूल्यों को हजारों वर्षों से प्राप्त किया गया, जीत का उल्लास, हार का दुख व मानव के साहसी कारनामे ये सभी उनके साथ जुड़े हैं। वे इन्हीं सबके संतान हैं। नेहरू जी ने अपने विचारों में अपनी घटना का भी उल्लेख किया है कि भारतवासियों की विरासत की विशेष बात यह है कि ये आपको अपना-पराया का भेद-भाव नहीं करते। यह विचार हमारे अंदर कूट-कूट कर भरा हुआ है। यही विचार हमें एकसूत्र में बाँधकर रखते हैं। इन आधारों पर वर्तमान और भावी रूप बनेगा। शब्दार्थ: पृष्ठ संख्या 1- दूज – शुक्ल पक्ष का दूसरा दिन, शुक्ल पक्ष – पंद्रह दिनों की यह अवधि जब चाँद सायंकाल निकलता है, कारावास – जेल, स्थायी – लंबे समय तक, सहचर – साथ चलने वाला। पृष्ठ संख्या 2- बागवानी – बाग-बगीचे लगाना, अवशेषों – बचे हुए पदार्थ, अतीत – पुराना, दूरभिसंधियाँ – दुश्मनों या गलत इरादों से की गई संधि, अहमियत – विशेषता, विरुद्ध – खिलाफ नेतृत्व, मंजूरी – अनुमति, कुदाल – फावड़ा, कर्म – कार्य। पृष्ठ संख्या 3- पैगंबर – ईश्वर का दूत, अख्तियार – अधिकार, विद्वत्तापूर्ण – पांडित्य, राहत – आराम, वारिस – उत्तराधिकारी, भावी – आनेवाला, मन में घर करना, स्पर्श – छूना। कुदाल छोड़कर लेखक ने कलम क्यों उठाई?नेहरु जी ने कुदाल छोड़कर कलम उठाने का निश्चय इसलिए किया क्योंकि जब वे अहमदनगर के जेल में खुदाई के दौरान जमीन में से प्राचीन दीवारों के अवशेष कुछ गुबंदों इमारतों के ऊपरी हिस्से के टुकड़े प्राप्त किए । अहमदनगर किले में नेहरू जी ने बागवानी का काम शुरू किया क्योंकि वह खाली बैठकर समय व्यर्थ नहीं करना चाहते थे।
लेखक ने कुदाल छोड़कर अपने हाथ में क्या उठा लिया था?बागवानी के लिए, खुदाई का काम जारी रखने के लिए नेहरू जी के पास साधनों की कमी थी। वे खुदाई का काम जारी रखना चाहते थे। परन्तु खुदाई करने की अनुमति उन्हें अधिकारियों से प्राप्त न हो सकी। अतः विवश होकर उन्होंने कुदाल छोड़कर कलम उठा ली और इतिहास लेखन शुरू कर दिया।
लेखक ने क्या लिखने के लिए अपनी कलम उठाई थी?लेखक भारतवर्ष के अतीत के विषय में लिखना चाहता है, जिससे हमारा वर्तमान सही हो सके। लेखक का दृढ़ विश्वास है कि हमारी विरासत में कोई खास बात है जो अद्भुत या अनोखी न होकर भी हमारे जीवन में समाई हुई है, जिससे हमारा वर्तमान बना है और भविष्य उज्ज्वल बनने की संभावना है।
नेहरू जी ने चांद को अपना शहर क्यों कहा?जेल में रहते हुए उन्हें चाँद ही अपना साथी इसलिए लगा क्योंकि वह प्रतिदिन निश्चित समय पर आकर उन्हें एक-एक दिन का अहसास करवाता था। साथ ही यह सीख भी देता था कि अंधकार के बाद प्रकाश अर्थात् दुख के बाद सुख के दिन भी अवश्य आते हैं।
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