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रामायण: वर्तमान में यहां मौजूद है लव-कुश का जन्मस्थान वाल्मीकि आश्रमRamayan Luv Kush Birth Place: इस आश्रम के पास हिंडन नाम की नदी बहती है जिसे गंगा की तरह ही पवित्र माना जाता है। आश्रम के परिसर में माता सीता का मंदिर स्थित है। यहां माता सीता की रसोई भी बनी हुई है।नई दिल्ली Updated: April 30, 2020 1:00:37 pm लव-कुश की जन्म स्थली कही जाने वाली बिठूर में लोग दर्शन के लिए आते हैं। माना जाता है कि इसी जगह रामायण ग्रंथ की रचना भी हुई थी।Ramayan Luv Kush: भगवान श्रीराम और माता सीता के जुड़वा बेटे हैं लव और कुश। जिनका जन्म वाल्मीकि आश्रम में हुआ था। ऋषि वाल्मीकि ने ही महान ग्रंथ रामायण की रचना की थी। भगवान श्रीराम द्वारा त्यागे जाने के बाद देवी सीता ने अपना जीवन ऋषि वाल्मीकि के आश्रम में बिताया। वर्तमान में वाल्मीकि आश्रम कानपुर शहर से 17 किलोमीटर दूर बिठूर गांव में मौजूद माना जाता है। लव-कुश की जन्म स्थली कही जाने वाली बिठूर में लोग दर्शन के लिए आते हैं। माना जाता है कि इसी जगह रामायण ग्रंथ की रचना भी हुई थी। यहां बहती है हिंडन नदी: इस आश्रम के पास हिंडन नाम की नदी बहती है जिसे गंगा की तरह ही पवित्र माना जाता है। आश्रम के परिसर में माता सीता का मंदिर स्थित है। यहां माता सीता की रसोई भी बनी हुई है। प्रचलित मान्यताओं के अनुसार यहां मौजूद बर्तन वही हैं जिनका माता सीता खाना बनाने में उपयोग किया करती थीं। ये भी हैं निशानियां: सीता रसोई के साथ ही यहां एक कुआं भी स्थापित है जिसे लेकर कहा जाता है कि माता सीता इसका प्रयोग पानी के लिए करती थीं। साथ ही एक पेड़ भी है जिसको लेकर माना जाता है कि यही लव कुश बैठकर ऋषि वाल्मीकि से शिक्षा प्राप्त किया करते थे। भगवान राम ने जब अश्वमेघ यज्ञ कराया था तो कोई भी राजा श्रीराम के घोड़े को पकड़ने की हिम्मत नहीं कर पाया था। रामायण में उल्लेख है कि जब वह घोड़ा बिठूर पहुंचा तो लव कुश ने उसे बांध लिया था। जब श्रीराम को घोड़ा हनुमान जी छुड़ाने के लिए आए तो लव कुश ने उन्हें परास्त कर बंधक बना लिया था। आज भी यह स्थल यहां बना हुआ है, जहां हनुमान जी और लक्ष्मण जी को कैद किया किया गया था। सीता पाताल प्रवेश: बताया जाता है कि इसी स्थान पर सीता मां पाताल में समा गईं थीं। हनुमान जी और लक्ष्मण की कोई खबर नहीं मिलने पर भगवान राम खुद युद्ध के लिए पहुंचे। तो उन्हें पता चला कि लव कुश उनके पुत्र है। यहीं माता सीता की राम जी से मुलाकात हुई थी। जब राम जी ने माता सीता को स्पर्श किया था तो वे धरती में समा गईं थी। इस स्थान की आज भी होती है पूजा। पढें Religion (Religion News) खबरें, ताजा हिंदी समाचार (Latest Hindi News)के लिए डाउनलोड करें Hindi News App. First published on: 28-04-2020 at 05:09:05 pm 8 Photos 3 hours agoDecember 13, 2022 8 Photos 5 hours agoDecember 13, 2022 6 Photos 6 hours agoDecember 13, 2022 Lavkush का जन्म कब हुआ था?(३) राम के सीता से उत्पन्न यमज पुत्रों में ज्येष्ठ पुत्र। लोकापवाद के भय से जब राम ने गर्भवती सीता का परित्याग कर दिया। लक्ष्मण उन्हें तमसा तट पर वाल्मीकि आश्रम के निकट छोड़ आए तब वाल्मीकि के आश्रम में कुश और लव का जन्म हुआ था।
लव कुश पूर्व जन्म में कौन थे?लव और कुश किसके अवतार थे इसका मुझे पूर्ण ज्ञान तो नहीं हाँ , मुझे इतना जरूर पता है कि वो पूर्व जन्म में ब्राह्मण थे। पूर्व जन्म में भी दोनों सगे भाई थे। उनका नाम वसुनंद और सुनंद था।
कुश की उत्पत्ति कैसे हुई?कुशा की उत्पत्ति जब भगवान विष्णु ने वराह अवतार धारण किया था, तो उनके रोम पृथ्वी पर गिरे थे, इन्हीं रोम से कुशा की उत्पत्ति हुई है। कुश के अग्र भाग में विष्णु, मध्य भाग में ब्रह्म और जड़ भाग में शिव विद्यमान होते हैं। इसलिए तर्पण करते समय पहले अग्र भाग से देवताओं को जल अर्पण पूर्व दिशा में किया जाता है।
लव और कुश की मृत्यु कब हुई?असुर दुर्जया से युद्ध करने के समय लव कुश की मृत्यु हुई। एक शोध को ध्यान में रखते समय लव और कुश ५०वी पढ़ी में शहीद हुए थे। गणना की जाए तो लव कुश ३००० साल पूर्व उनका देहांत हुआ था।
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